नारद मुनि के अभिमान को भंग करने के लिए भगवान विष्णु की माया से बसे शील नगर में राजा शिलनिधि की पुत्री विश्वमोहिनी का स्वयंवर रचा गया था। विश्वमोहिनी के हस्तरेखा के अनुसार उसका वर तीनों लोक का स्वामी होगा। उसके सौंदर्य व तीनों लोक के स्वामी होने की बात से देवर्षि नारद विचलित हो गए।
हरे कृष्णा प्रभुजी दंडवत प्रणाम
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏
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🕉️🌍Govind Ram Jai mata di beep malla
नारद मुनि के अभिमान को भंग करने के लिए भगवान विष्णु की माया से बसे शील नगर में राजा शिलनिधि की पुत्री विश्वमोहिनी का स्वयंवर रचा गया था। विश्वमोहिनी के हस्तरेखा के अनुसार उसका वर तीनों लोक का स्वामी होगा। उसके सौंदर्य व तीनों लोक के स्वामी होने की बात से देवर्षि नारद विचलित हो गए।
जय श्री कृष्ण जय श्री राधे जय श्री कृष्ण, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Super
Om namo Laxminarayan
Nice Story
ये कलयुग है अच्छे देवी देवताओं पर विश्वास नहीं किया जा सकता है अभी इस कलयुग में देवी-देवता,भी धोखा दिया करते है
Aap character sahi rahoge vhi bhagwan hai vhi allah hai tab bhagawan milege
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इस कलयुग में देवी-देवता की बुद्धि भी भ्रष्ट हो चुकी है
I'mGYb