मंगलवार स्पेशल हनुमान भजन || हनुमान आरती || हनुमान भजन || Hanuman Aarti || Hanuman Bhajan
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- เผยแพร่เมื่อ 8 ก.พ. 2025
- हनुमान जी, भगवान राम के परम भक्त और प्रिय सखा थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम की सेवा में बिताया और हर कदम पर उनकी रक्षा के लिए तत्पर रहे. हनुमान जी, रामायण के सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में से एक हैं.
हनुमान जी से जुड़ी कुछ और खास बातें:
हनुमान जी को 'चिरंजीवी' (चिर काल तक जीवित रहने वाले) माना जाता है.
हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है.
हनुमान जी को वानर सेना का सेनापति माना जाता है.
हनुमान जी के नाम की उत्पत्ति उनके बालों की रचना से हुई है, जो हिन्दी में "हनु" और "मान" से मिलकर बना है.
हनुमान जी के गुरु मतंग ऋषि थे.
हनुमान जी ने सूर्यदेव की पुत्री सुवर्चला से विवाह किया था.
हनुमान जी ब्रह्मचारी थे, लेकिन विवाह के बाद भी वे ब्रह्मचारी ही रहे हनुमान जी के पिता का नाम वानरराज राजा केसरी और माता का नाम अंजना था. हनुमान जी को पवनपुत्र के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि वायुदेव ने माता अंजना को आशीष दिया था कि उनका ही रूप उनके पुत्र के रूप में अवतरित होगा. इसी वजह से हनुमान जी को पवनपुत्र कहा जाता है. वहीं, केसरी नंदन के नाम से भी जाने जाने वाले हनुमान जी का पालन-पोषण अंजन प्रदेश के महाराज केसरी ने किया था.
हनुमान जी के बारे में कुछ और बातें:
हनुमान जी का जन्म चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था.
हनुमान जी को अंजनी पुत्र भी कहा जाता है.
हनुमान जी आजीवन ब्रह्मचारी रहे और उन्होंने विवाह नहीं किया था.
पुराणों और नकली रामायणों में बताया गया है कि हनुमान जी के पसीने से मछली के गर्भ में एक पुत्र पैदा हुआ था जिसका नाम मकरध्वज था