हिंदू धर्म के सबसे बड़े शत्रु ब्राह्मणवाद की जोरदार वापसी, वही इसके विनाश का कारण बनेगा

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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 335

  • @sunilPatil-hy4ow
    @sunilPatil-hy4ow 9 วันที่ผ่านมา +33

    आज तो आपने बहोत अच्छा विषय लिया है . आप चारोजन उच्च जातीसे आते है . इसिलीये आप जो विचार रखेगा वो महत्त्वपूर्ण है .
    ब्राम्हणवाद ने पुरे देश को जखडा है
    महाराष्ट्र बंगाल मे इसके बारेमे १५० साल से बहोत अच्छा काम चल रहा था . मगर गायपट्टेमे ये नही हुआ . आप जैसे वैचारिक महाजन ये विचार पुरे गाटपट्टमे फैलाने चाहीये .
    बीजेपी संघ ने ब्राम्हण वाद से पुरे देश का सत्यानाश कर रखा है .

    • @sachinkamble9101
      @sachinkamble9101 4 วันที่ผ่านมา

      पाटील सर आपल्या मताशी सहमत आहे परंतु सध्या महाराष्ट्रात सुध्दा बहुजन समाजाला हिंदूत्वाच्या नावाखाली ब्राह्मण वाद थोपवला जात आहे

  • @pratapbhaibodar9604
    @pratapbhaibodar9604 4 วันที่ผ่านมา +4

    प्रकृति🌿🍃 ही जीवन दाता है
    प्रकृति🌿🍃 में भूमि, पानी, सूर्य, चंद्र ,हवा ही जीवन दाता है, ये बनने करोड़ों वर्ष लगे और जिवन असतित्व आया है। कुछ लोगों ने देश को पाखंडवाद अंधविश्वास, थोप दिया है।।। जय जोहार🙏 जय प्रकृति🌿🍃🌿🍃🌿🍃🌿🍃

  • @jugulkishor9797
    @jugulkishor9797 6 วันที่ผ่านมา +7

    ❤❤❤❤❤ नमो बुद्धाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय भीम जय किसान जय जवान जय विज्ञान जागो जागो ओबीसी एससी एसटी आदिवासी बहुजन समाज मूलनिवासी एक हो जाओ मनुवादी बीजेपी आरएसएस कांग्रेस को हटाओ देश प्रदेश संविधान आरक्षण शिक्षा इतिहास रोजगार सामाजिक न्याय बचाओ

  • @avadheshkumar1488
    @avadheshkumar1488 6 วันที่ผ่านมา +9

    Jago Mulnivasi jago.

    • @govindsai6062
      @govindsai6062 2 วันที่ผ่านมา

      अब ब्राह्मणवाद का युग नहीं रहा,,केवल आरएसएस इसे देश में पुनर्जीवित करने में लगा हुआ है,,,जाति प्रथा,सती प्रथा,महिला दासी,दहेज़ प्रथा,न जाने अनगिनत कुरीतियों का सम्प्रदाय है,,,जो मानव जाति के लिए बहुत बड़ा खतरा है,,,

  • @nareshkhatik3274
    @nareshkhatik3274 6 วันที่ผ่านมา +6

    Bhude par kabja kar mahayan sakha par kabja kar brhaman dharm=hindu darm jay bhim jay mulnivasi namo budaye 🔵☸️🇮🇳🙏🌹

  • @rajmalmotawat6679
    @rajmalmotawat6679 6 วันที่ผ่านมา +4

    जितने मुंह उतनी बातें अब सब भूल जाओ सभी लोग होशियार हो गए हैं❤❤ जैन धर्म सबसे पुराना धर्म है सबको चरित्र का पाठ पढ़ाया❤

  • @parradloktantrakaankuran8664
    @parradloktantrakaankuran8664 10 วันที่ผ่านมา +21

    मान. सर्वो. न्याया.की एक बहुत बड़ी बैंच ने आप. प्र.क्र.291/1971,उ.प्र.सरकार बनाम ललयी सिंह यादव में स्थापित किया है कि रामायण एक काल्पनिक ग्रंथ है।
    उल्लेखनीय है कि वे तर्क और आधार रामायण को काल्पनिक ग्रंथ स्थापित करने में प्रयोग किये हैं वे ही तर्क और आधार महाभारत गीता आदि हिंदू धर्म ग्रंथों पर भी लागू होते हैं। अर्थात ये भी काल्पनिक हैं।
    अब कोई यह नहीं कह दे कि सर्वोच्च न्यायालय तो राष्ट्र विरोधी है?

    • @govindsai6062
      @govindsai6062 2 วันที่ผ่านมา

      ग्रन्थ सभी काल्पनिक ही होते है,,,,संविधान मानव कल्याण समाजिक जीवन के रक्षा सुरक्षा के नियमों से प्रदान करता है,,,,

  • @mahendrasingh-et8dp
    @mahendrasingh-et8dp 3 วันที่ผ่านมา +2

    Good topic and discussion, Thanks to Vohra ji for the topic.

  • @BhagwanJawre
    @BhagwanJawre 5 วันที่ผ่านมา +3

    बहुत गंभीर सत्य और सटीक विषय को उठाकर जनता को जागरूक करने के लिए धन्यवाद आभार।

  • @rajmalmotawat6679
    @rajmalmotawat6679 6 วันที่ผ่านมา +6

    जैन धर्म आज भी सत्य अहिंसा त्याग पर टिका हुआ है जैन संत आज भी लाखों का संपत्ति छोड़कर त्यागी बन जाते हैं जैन धर्म में कोई जाति प्रथा नहीं है कोई भी व्यक्ति जैन धर्म को मान सकता है अगर वह मांस मदिरा नहीं खाता है तो मंदिर भी जा सकता है❤

    • @sujitkumarsaurava9207
      @sujitkumarsaurava9207 2 วันที่ผ่านมา

      Jaina mlechha hai Hindu nahin. Tu bhi mlechha ban ja. Hinduon ko Gyan mat de.
      😂😂

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 11 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      गुप्तांग शिश्न को ढककर रखना चाहिए जैनाचार्य को और गुप्तांग शिश्न की योन हिंसा खतना बंद करनी चाहिए मुस्लिम को। लोकतंत्र संविधान युग में सुधार करें।शूद्रं, क्षुद्र, अशूद्र तीनो वैदिक शब्दों के अलग अलग अर्थ हैं लेकिन लेखक प्रकाशक सही से अंतर को समझकर नहीं लिखते हैं इसलिए सामन्य जन भी नहीं समझते हैं।मित्रो ! सवर्ण और असवर्ण । कब कब कैसे होते हैं? इस पोस्ट को पढ़कर समझकर जानें और सबजन को बताएं।
      जब ब्रह्मण (अध्यापक) और शूद्रण (उद्योगण) दोनो आपस मे मिलते हैं तो दोनो एक दूसरे के लिए असवर्ण होते हैं कियोंकि वे एक दूसरे के वर्ण कर्म विभाग वाले नही होते हैं।
      लेकिन जब अध्यापक (ब्रह्मण) अगर दूसरे अध्यापक ( ब्रह्मण) से मिले तो एक वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण होते है।
      इसी प्रकार शूद्रण ( उत्पादक निर्माता उद्योगण ) अगर दूसरे शूद्रण ( उद्योगण) से मिले तो दोनो शूद्रण भी सवर्ण होते हैं।
      इसी प्रकार अन्य वर्ण कर्म विभाग के लिए समझना चाहिए।
      अर्थात चारो वर्ण ( शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम ) कर्म विभाग वाले सवर्ण होते हैं और चारो वर्ण वाले असवर्ण भी परिस्थिति अनुसार होते हैं।
      अतः सवर्ण और असवर्ण का शब्दो का अर्थ प्रयोग समझकर ज्ञान प्राप्त कर अन्य जन को अवगत करवाना चाहिए।
      सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार।
      जय विश्व राष्ट्र राज प्राजापत्य दक्षधर्म सनातनम् । जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम् ।।ॐ ।।
      चार कर्म = शिक्षण + सुरक्षण + उत्पादन + वितरण।
      चार वर्ण = ब्रह्म + क्षत्रम + शूद्रम + वैशम ।
      चार गुण = सत + रज + तप + तम।
      चार आश्रम = ब्रह्मचर्य + गृहस्थ + वानप्रस्थ + यतिआश्रम।
      इस पोस्ट को पढ़कर समझकर ज्ञान प्राप्त कर सबजन को भेजकर अज्ञान मिटाई करवाएं ।।
      हरएक मानव जन मुख समान ब्रह्मण ( अध्यापक/ज्ञानी) हैं इसलिए हरएक मानव जन नामधारी ब्रह्मण वर्ण मानकर बताकर जीवनयापन कर सकते हैं। यह महर्षि नारायण वेदमंत्र दर्शनशास्त्र अनुसार और हरएक मानव जन शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत वर्ग कर्म करने वाले ब्रह्मण ( अध्यापक/ वैद्यन /पुरोहित) हैं।
      इसप्रकार हरएक पेशाजाति कर्म करने वाले मुख समान ब्रह्मण हैं और जब अपने पेशेवर जाति कार्य का शिक्षण प्रशिक्षण आदान-प्रदान कर्म करते हैं तब वे कर्मधारी ब्रह्मण ( अध्यापक) होते हैं।
      यह चतुरवर्ण कर्म को जानने के लिए निष्पक्ष सोच अपनाकर सत्य शाश्वत सनातन सदाबहार ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ।
      गुलाम नौकर दासजन जनसेवक सेवकजन दासजन चारो वर्ण और चारो आश्रम में वेतनमान दान पर कार्यरत होते हैं।पंचामृत और पंचगव्य कब प्रयोग करना चाहिए?
      सनातन धर्म संस्कार विधि-विधान नियम अनुसार- पंचामृत पूजा-पाठ व्रत उपवास अनुष्ठान पर्व में प्रसाद के रूप में प्रयोग करना चाहिए और
      पंचगव्य चोरकर्म करने वाले को अंहिसक दण्ड देकर सुधार करने के लिए प्रयोग करना चाहिए।
      पौराणिक वैदिक सनातन धर्म संस्कार विधि-विधान नियम अनुसार।दस प्रकार के मल/ मैल बताये हैं उनमे रक्त भी और पसीना भी है लेकिन मूर्ख नासमझ लेखक प्रकाशक ने रक्त अर्थ लेने के बजाय पसीना मैल ले लिया और अर्थ का अनर्थ कर दिया।
      खीर में आयुर्वेदिक दवाई मिलाकर खायी और अपने पति के साथ सोयी थी। जब किसी गैर मर्द के साथ सोना नहीं लिखा है तो अपने पति के साथ ही माना जायेगा।
      व्यर्थ अन्धविरोध ईर्ष्याग्रस्त सोच छोड़कर निष्पक्ष सोच रखकर पोस्ट पढ़कर समझकर ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ।

  • @praveenpandit2298
    @praveenpandit2298 9 วันที่ผ่านมา +6

    आप सभी गुणी-अग्रणी विद्व जन का आभार \ आदरणीय दिनेश जी ! अत्यंत सारपूर्ण विषय का चयन किया | एक अनुग्रह -- आज बेबाक बोलें --बेलाग बोलें | जाने क्यों , गलत ही हूंगा मैं -- किन्तु आदरणीय सिंधु जी कुछ बच बच कर चलते हुए महसूस हुए | सर ! आप सब बोलें --खुलकर -- ताकि नीर क्षीर विलग हो सके |
    वरना , ऐसा घृणी हिन्दुत्व को तो त्यागना बेहतर _-- भगवा रंग अब अपना स्व भूल चुका है --निश्चय ही |

  • @champalalkandara7639
    @champalalkandara7639 5 วันที่ผ่านมา +2

    बहुत बहुत आभार गुरु जी आँखे खोल ने के लिए

  • @dilipagrawal7462
    @dilipagrawal7462 9 วันที่ผ่านมา +7

    कुंभ मेला में नहीं को कहा गया यह वास्तव में ज्ञानियों के समूह से ज्ञान।लेना है।हिंदू धर्म कभी कट्टर नहीं रहा है। यहां शास्त्रार्थ को मान्यता दी गई है।

  • @swamijeevanabhiviraj8717
    @swamijeevanabhiviraj8717 5 วันที่ผ่านมา +3

    बहुत ही सुन्दर विश्लेषण।आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

    • @user-vx4im3dt7n
      @user-vx4im3dt7n 5 วันที่ผ่านมา

      Pandavaad aur mullavaad isaaniyat ke dusman hai

  • @JassDadra-ox4rc
    @JassDadra-ox4rc 4 วันที่ผ่านมา +1

    चार वेद ब्रह्मा निज ठाना, मुक्ति का मर्म उन्हू नही जाना,

  • @BageLal-c3j
    @BageLal-c3j 2 วันที่ผ่านมา +1

    आपके चैनल के माध्यम से मैं देख रहा हूं मगर एक बात का संकोच हो रहा है की मीडिया चैनल क्यों नहीं दिखता है आप सभी से अनुरोध करता हूं की जाति प्रथा देश से हटानाचाहिए

  • @ScientificZoom
    @ScientificZoom 10 วันที่ผ่านมา +11

    Excellent and Special stream, Great Dineshji🎉

  • @jagtardeol7443
    @jagtardeol7443 9 วันที่ผ่านมา +6

    ❤❤❤❤❤ good job sir

  • @mradulshrivastava1604
    @mradulshrivastava1604 10 วันที่ผ่านมา +20

    Buddha hi Buddha hain Bharat me. Vajryan shakha ke Bodhisatva hi hinduon ke devi devta hai.

    • @arpana1639
      @arpana1639 10 วันที่ผ่านมา +5

      ji Vajrayan aur Mahayan Baudh marg ke. ''Hindu" dharm in Mahayani aur Vajrayani margon par bhramanon ka kabza aur unke mool vicharon ko chupakar usme purane iran ki caste system/'pradhushan' vaale vichar daale gaye hain. Lekin ab hum sab jaag rahe hain. Satyamev Jayate

    • @mindudorjeenaksang3014
      @mindudorjeenaksang3014 10 วันที่ผ่านมา

      ​@@arpana1639fully agree with you..earlier i thought it other way..but after due study it was clear to me

    • @jagdeepsandhu9659
      @jagdeepsandhu9659 10 วันที่ผ่านมา +2

      आप दोनों के विचार जानकर बहुत प्रसन्नता हुई , असली इतिहास यही है ।

    • @MomentAajtak
      @MomentAajtak 9 วันที่ผ่านมา

      Aapane bilkul sahi Kaha

  • @rampalsingh2316
    @rampalsingh2316 3 วันที่ผ่านมา +1

    Extraordinary analysis by
    by shri Vohra Journalist.

  • @jsg5692
    @jsg5692 5 วันที่ผ่านมา +5

    अति प्राचीन माना जाता वैदिक ग्रंथ ऋगवेद की पहली भोजपत्र लिखित प्रत सन 1464 की मिली जो भारत सरकार ने "युनेस्को" में दर्ज की गई है।
    सभी ब्राह्मण ग्रंथो संस्कृत भाषा (देवनागरी लिपि) में ही लिखे गए हैं। ब्राह्मण ग्रंथो किसी और भाषा में लिखे नहीं मिलते।
    पाली प्राकृत भाषा (धम्म लिपि) से संस्कारित होके 7 वी सदी और 12 वी सदी दरमियान संस्कृत भाषा (देवनागरी लिपि) विकसित होके अस्तित्वमें आई है। 7 वी सदी से पहले संस्कृत भाषा देवनागरी लिपि में लिखे कोई भी शिलालेख, स्थंभलेख, ताम्रपत्र, मुद्राएं, भोजपत्र, ताड़पत्र आदि में लिखे प्रमाण नहीं मिलते।

  • @rajendrakumarmaurya4625
    @rajendrakumarmaurya4625 5 วันที่ผ่านมา +4

    सर ५६३ ई० पू० भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और भगवान महावीर का जन्म ५४० ई० पू० का माना गया है जिसमें भगवान बुद्ध लगभग २३ वर्ष भगवान महावीर से बड़े थे ।

    • @govindsai6062
      @govindsai6062 2 วันที่ผ่านมา

      भारत वास्तव में महावीर,बुद्ध का ही देश है,,तमाम आदिवासी,मूलनिवासी सबसे पहले ब्राह्मणवाद की गुलामी का शिकार हिन्दू नाम दे दिया,आज भी जो लोग जंगलो में वनवासी रहते है उनका कोई जाति धर्म नहीं बल्कि परम्पराये है,उनके अपने स्वतंत्र रीति रिवाज़ है,

  • @ekamjotsingh807
    @ekamjotsingh807 10 วันที่ผ่านมา +5

    Bilkul Sachai biaan kar di hai aapne Sir" Good Job 🙏🙏

  • @NarendrasinghRajput-xz2rr
    @NarendrasinghRajput-xz2rr 10 วันที่ผ่านมา +5

    Extra ordinary reporting by decent anchor n panelist.

  • @NarendrasinghRajput-xz2rr
    @NarendrasinghRajput-xz2rr 10 วันที่ผ่านมา +5

    Super presentation by decent panelist Rakesh achal. I international rated open tournament pink city Jaipur Rajasthan high level elo rating electric light orchestra rating chess player and ex AO central government Bikaner Rajasthan salute to decent anchor n panelists

  • @dsconverse
    @dsconverse 5 วันที่ผ่านมา +1

    हमारे ब्राह्मण तो परम ज्ञानी बजरंग बलि हैं. वही ज्ञान गुन सागर. वही बताये कौन सच्चा ब्राह्मण. श्री गणेश कृपा बिन कौन बने सच्चा ब्राह्मण.

  • @dayaprasadgoliya3316
    @dayaprasadgoliya3316 6 วันที่ผ่านมา +3

    आदरणीय प्रवीण पंडित जी, इन विद्वान जनों की चर्चा सुनकर विश्वास होता है कि अभी सत्य वक्ता ब्राह्मण क्षत्रिय जिंदा है। आशा की किरण दिखाई देती है। कट्टरपंथी सोच को त्याग कर राष्ट्र चेतना यूक्त समाज को विकसित करना चाहिए। जातिवाद और वर्णवाद के कारण देश गुलाम हुआ था। पुनः रावटी न हो।

  • @nareshkhatik3274
    @nareshkhatik3274 6 วันที่ผ่านมา +1

    Ye sabhi bhudest Raja he sabut phare pade hai 🔵☸️🇮🇳🙏🌹

  • @Sureshsinghpatel732
    @Sureshsinghpatel732 5 วันที่ผ่านมา +4

    सत्य सिर्फ और सिर्फ बुद्ध हैं सूर्य को धुएं के बादलों से ढका जा रहा है जो संभव नहीं है

  • @devimiri7148
    @devimiri7148 9 วันที่ผ่านมา +4

    सर जी आपने बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी थैंक्स लेकिन तथागत बुद्ध और महावीर जी को समकालीन बताया जाता है यह भी जानकारी में आया है कि जैनिज्म से पहले बुद्धिज़्म का आर्कलॉजिकल एविडेंस मिलते हैं।❤❤❤

    • @hemantsethia5611
      @hemantsethia5611 6 วันที่ผ่านมา

      Zoot mat bolo ji
      Me jain hu
      Hanare pratham tirthankar
      Mahantam Aadinath rishabh dev ji srashti k aarambh me hue the
      Vedo me inka ullekh he
      Samze
      Haddppa judro ke avshesh me
      Jainism k ati prachin avshesh mile he
      Y chenal sahi bolte pratit hote he
      Samze
      Inhe dhyan se suno
      Ashok to baad me hue
      Chandragupt ne aakhiri dino me .Jainism ko svikar kar muni
      Bane the
      Bouddhism ki to samzo
      Lekin
      Jainism ko bhi samzo
      Aur khule hraday se iska itihas
      Pura pado

  • @RaviJawalers
    @RaviJawalers 5 วันที่ผ่านมา +2

    Dharm ke bare mein science journey ka vishleshan sabse achcha hai

    • @sandeepsinghlovely4009
      @sandeepsinghlovely4009 5 วันที่ผ่านมา

      उसी को वजह से ये बोल रहे हैं।

  • @mnsharif3634
    @mnsharif3634 10 วันที่ผ่านมา +7

    Sir Rigved ki sabse purani prati jo newyork musium me hai wah 1450 cE ke aas paas ka hai . Sanskrit pali prakrit ka sanskarit roop hai, jiske prarambhik sanket cE ke bad hi milte hain.

    • @shailendrashankar2577
      @shailendrashankar2577 5 วันที่ผ่านมา

      Are you for real or trying to pull the leg. Get your facts right before you preach.

  • @gulabsinghgulabsingh2749
    @gulabsinghgulabsingh2749 2 วันที่ผ่านมา

    बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं मेरी ओर से नमो बुद्धाय हमारा प्रश्न है हम हर क्यों गए वह जीतेक्यों है चाहे वह विचारों की लड़ाई हो चाहे वह चालाकी कीलड़ाई हो कुछजातियां जैसे कि ठाकुर ब्राह्मण को पूरी तरह से आंख बंद करके भगवान मानते हैं उनकी सेवा करते हैं यह एक बजन बड़ा दूसरे हमारे मुस्लिम भाई हिंदू ठोक ठोक करके कहते हैंहिंदू जितनी हम हिंदू नहीं मानते उतनी आनबिरादरी हमको हिंदू कहती है तीसरी बात हिंदू मुस्लिम सिख इसाई पांचवा बहुजन भाई अगर हम बहुजन मान ले अपने आप को तो कुछ बात बने ब्राह्मण कहते हैं काटोगे अगर बाटोगे उनकी यह बात सचहै हमें पता चला है अपने अनुभव से कि वह अपने लिए कहते हैं अगर 15% बाटेंगे तो काटेंगे एक अहम बात और है जिनकी जनसंख्या अधिक होती है वह हम में रहते हैं हम कभी एक होजाएंगे और इन पर भारी पड़ेंगे लेकिन ऐसा होता नहींहै सत्ता के कारण सब के सब तिलक लगानेलगे कुछ अंधविश्वास से जुड़ गए कुछ डर के मारेजुड़ गए कुछ लोग के मारे जुड़ गए क्योंकि अंधविश्वास होने माना है जाना नहीं है आप लोगों से यही उम्मीद करता हूं कि आप ऐसे ही चैनल पर सोशल मीडिया के द्वारा कम से कम आशा है देश बदलेगा यह मेरा विचारहै नमो बुद्धाय

  • @dilipagrawal7462
    @dilipagrawal7462 9 วันที่ผ่านมา +2

    वेदों में बाद में पुराणों के काल में जातिवाद जोड़ दी गई।

    • @rano5792
      @rano5792 8 วันที่ผ่านมา

      Bilkul v nhi yaar padho to bina padhe bol rahe ho

    • @dayaprasadgoliya3316
      @dayaprasadgoliya3316 6 วันที่ผ่านมา

      वेदों में बाद में जातियां जोड़ी गई हैं आज उनको खतम किया जा सकता है। जिससे देश संगठित होकर विकास करे। धर्म के आडंबर को नकारा जाना चाहिए। आप जैसेविद्वान वक्ताओं को नमन।

  • @NarendrasinghRajput-xz2rr
    @NarendrasinghRajput-xz2rr 10 วันที่ผ่านมา +2

    Rational discussion in delegate matter I salute decent anchor n panelist

  • @mradulshrivastava1604
    @mradulshrivastava1604 10 วันที่ผ่านมา +6

    Sir 28 purv buddhon ke saboot naam sahit milte hain

  • @praveenpandit2298
    @praveenpandit2298 9 วันที่ผ่านมา +2

    ब्राह्मणवाद क्या है ? एक सामान्य ब्राह्मण इस वाद के लिए कहाँ तक जिम्मेदार है ? अगर कोई मोदी , कोई शाह , कोई योगी , कोई मौर्य , कोई सिकंदरबख्त ,कोई लोधी , कोई यादव इस वाद का हामी है , तब भी यह ब्रहमनवाद क्यों कहलाता है ?
    एक सामान्य ब्राह्मण को यदि इस वाद का कोई लाभ नहीं , तब भी इस का प्रतिरोध क्यों नहीं करता ?

    • @suryaprakashdixit9988
      @suryaprakashdixit9988 6 วันที่ผ่านมา

      वेदों और पुराणों के अनुसार ब्राह्मण कौन होते है/ हो सकते हैं ?
      -------------
      वेदों और पुराणों के अनुसार, ब्राह्मण वह व्यक्ति होते हैं जो ज्ञान, धर्म, और सत्य के मार्ग पर चलने वाले माने गए हैं। ब्राह्मण का वर्णन मुख्यतः गुण और कर्म के आधार पर किया गया है, न कि केवल जन्म के आधार पर।
      वेदों के अनुसार:
      1. गुण और कर्म:
      ऋग्वेद (10.90.12) के पुरुषसूक्त में वर्णित है कि समाज की संरचना चार वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र) पर आधारित है। ब्राह्मण को "पुरुष के मुख" से उत्पन्न बताया गया है, "जो ज्ञान, शिक्षा, धर्म और सत्य का प्रतिनिधित्व करता है"।
      गीता (अध्याय 18, श्लोक 42) में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि ब्राह्मण का स्वभाव शांति, आत्मसंयम, तप, त्याग, शुद्धता, सहिष्णुता, और धर्म में निहित है।
      2. आध्यात्मिक ज्ञान:
      ब्राह्मण वह है जो वेदों का अध्ययन और प्रचार करता है, यज्ञ करता और कराता है, तथा धर्म और सत्य का पालन करता है।
      उसे समाज को नैतिक और आध्यात्मिक मार्ग दिखाने वाला माना गया है।
      पुराणों के अनुसार:
      1. गुण और आचरण:
      पुराणों में ब्राह्मण का वर्णन उनके आचरण, विचार, और कर्म के आधार पर किया गया है।
      ब्राह्मण का कर्तव्य धर्म, वेदों का अध्ययन और समाज को ज्ञान प्रदान करना है।
      2. जन्म का महत्व:
      कुछ पुराण, जैसे मनुस्मृति, ब्राह्मणता को जन्म से जोड़ते हैं, लेकिन यह भी कहा गया है कि केवल जन्म ब्राह्मणता का मापदंड नहीं है।
      यदि व्यक्ति ब्राह्मण के गुण और कर्तव्यों का पालन नहीं करता, तो उसे सच्चा ब्राह्मण नहीं माना जाता।
      3. उपाधि द्वारा ब्राह्मण:
      विष्णु पुराण और भागवत पुराण में यह स्पष्ट किया गया है कि जो धर्म, सत्य, और ज्ञान के मार्ग पर चलता है, वही ब्राह्मण हो सकता है, चाहे उसका जन्म किसी भी जाति में क्यों न हुआ हो।
      निष्कर्ष:
      ब्राह्मण का असली अर्थ गुण, आचरण, और कर्तव्यों के आधार पर है, न कि केवल जन्म से।
      वेद और पुराण दोनों इस बात पर बल देते हैं कि ज्ञान, सत्य, और धर्म का पालन करने वाला ही ब्राह्मण हो सकता है।
      यह विचार आध्यात्मिक विकास और समाज को नैतिक दिशा प्रदान करने पर केंद्रित है।

  • @veer6981
    @veer6981 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    भाईसहाब बाबा रामदेव को 45 साल हो गए एक बार भी हॉस्पिटल नहीं गए... अगर विस्वास न हो तो किसी से भी कन्फर्म कर ले... एक बार पतंजलि हरिद्वार होके आये तब बोले.... मेदांता हॉस्पिटल में भी एक पार्ट आयुर्वेदीक का हे...

  • @prabalpratapsingh8095
    @prabalpratapsingh8095 8 วันที่ผ่านมา +1

    Vohara sahab aapse teen prashn hai.1 Hindu dharm kisne chalaya.2 kab chalaya.3 unka dharm granth konsa hai.jab aap in teen prashno ke uttar de tab hindu dharm nam istemaal kare.

  • @hemantsethia5611
    @hemantsethia5611 6 วันที่ผ่านมา +1

    Y tarj hi bouddho k aajkal k log dete honki boudhdhism Jainism se purana he
    Is charcha ko hava dena hi nhi cgahiye
    Itihas me sab he
    Aur jo bouddhisto ko gumrah kar rahe. He ve bhi sahi jaate he
    Jainism k itihas ko Mahavir se hi prarambh krne ki sajish
    Hame manjoor nahi
    Is chenal ko dhanyvad. Aur. Saadhuvad

  • @dandyayan
    @dandyayan 10 วันที่ผ่านมา +1

    Ma twa Rudra chakrudhama namobhi: ...
    For rudra

  • @sudeshkumariya7188
    @sudeshkumariya7188 2 วันที่ผ่านมา

    SAR to kya Brahman hi Hindu hai baki sab sanatani hai baki sabhi jatiyan Sanatan Dharm mein aati hai baki brahmanvadi hi Hindu hai

  • @shantarambhojane7081
    @shantarambhojane7081 9 วันที่ผ่านมา

    Dinesh voharaji namskar

  • @shailendrajain7432
    @shailendrajain7432 10 วันที่ผ่านมา +3

    सर लिपि ब्राम्ही होती है भाषा प्राकृत है

    • @jagdeepsandhu9659
      @jagdeepsandhu9659 10 วันที่ผ่านมา

      बम्भी लिपि , ब्राम्ही नहीं ।

  • @musallibagwan1645
    @musallibagwan1645 3 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Will you please guide us where will we get videos on ऋग्वेद??

  • @HumzabijliBijli
    @HumzabijliBijli 9 วันที่ผ่านมา +1

    Bharat.hi.nahi.videsho.mey.bhi.jin.babs.saheb.ki.izzat.ehtram.hota.ho.un.baba.ka.apmaan.rss.jeevi.hi.karsakta.hey.baqi.sab.unse.pyar.karte.hey.

  • @surendrasinghkush2953
    @surendrasinghkush2953 5 วันที่ผ่านมา

    Brahmanwad ka prasar Pushyamitra Shung ke hi shasan kal se shuru hua.Shung se lekar Gupta kal tak Shasak Brahman the.Inhi logo ne Brahmanwad phailaya hai.Adi Shankarara Charya sabse bade doshi hain.Kuchh matra me Rajpoot bhi doshi hain ki inhone Brahmano par Ankush na laga kar Buddh Biharon ko todane me Brahmano ki madad ki.Jab Shasak barg sath dega to wahi dharm aage barhega.

  • @rupeshg1
    @rupeshg1 10 วันที่ผ่านมา +2

    ब्राह्मी लिपि और पाली/प्राकृत में क्या संबंध है, कौन प्राचीन है। ब्राह्मी लिपि का कोई ग्रंथ या लेख कहीं उपलब्ध है क्या? इस लिपि को कहां और कैसे पढ़ा/देखा जा सकता है।

    • @rupeshg1
      @rupeshg1 10 วันที่ผ่านมา

      Got the answer in last minutes

  • @maheshy6540
    @maheshy6540 2 วันที่ผ่านมา

    Vohra sir aap ek bar science journey se debate kar lijiye aapko pura gyan ho jayega
    Jo aapne rigved ka era diye the us par mai sahmat nhi hun.
    Aapse anurodh hai aap ek bar science journey TH-cam channel live debate hota hai evidence ke sath aur aap vha par jaye to evidence lekar jaye.

  • @popatraotadake8642
    @popatraotadake8642 5 วันที่ผ่านมา

    संस्कृत पुरानी नही है,प्राकृतसे मराठी,हिंदीके तरह संस्कृतभी बनी है।

  • @dilipagrawal7462
    @dilipagrawal7462 10 วันที่ผ่านมา +2

    वेदों में कही जातिवाद नहीं है।

    • @aslamimagyar6303
      @aslamimagyar6303 10 วันที่ผ่านมา

      पढले बेटा लिखा है। सुनी सुनाई बातोमे बिश्वास नहि करनेका।

    • @123xyzabccba
      @123xyzabccba 10 วันที่ผ่านมา

      Saarey jaatiwadi vedonko maantey hai aur jaatiwaad ki prerna ved upanishad aur anya granthonse letey hai ….vedic hinduism duniya ke liye ek kalank hai

    • @jorawar007
      @jorawar007 10 วันที่ผ่านมา

      Lol 😂

    • @jagdeepsandhu9659
      @jagdeepsandhu9659 10 วันที่ผ่านมา +2

      ऋग्वेद के दसवें मंडल में वर्ण व्यवस्था का पूरा वर्णन है ।

    • @dilipagrawal7462
      @dilipagrawal7462 9 วันที่ผ่านมา +1

      @jagdeepsandhu9659 इस।की संस्कृत अलग है यह बाद में।पुराण।काल।में अलग से बाद में।जोड़ा गया है।

  • @dandyayan
    @dandyayan 10 วันที่ผ่านมา +1

    I think Vishu was there in Rigveda. Also Shiva was mentioned as Rudra in Rigveda.
    Vishnu - Ya:purvya vedhase na viyase
    Sumajjjanaye vishnave dadasathi....

  • @dennisthemenace4288
    @dennisthemenace4288 10 วันที่ผ่านมา +1

    Sir kripya playlist banaye 1000s video scroll kese ki jaye.

  • @rpsingh7697
    @rpsingh7697 10 วันที่ผ่านมา +1

    Dharam. Ki nai paribhasha " "bhrm" ( shakk shubha ) hai ,Sir.

  • @ganeshtalvekar9648
    @ganeshtalvekar9648 10 วันที่ผ่านมา +4

    Aap ke pass kya proof hai jain dharm oldest hai sub continent mein?

    • @123xyzabccba
      @123xyzabccba 10 วันที่ผ่านมา +2

      Mahaveer was the senior contemporary of Gautam Buddha and both Jainism & Buddhism predate christ and vedic bammanism ….Ramayan was written 1000 years after the death of Christ. There is mention of Buddha in the Ramayan

    • @mradulshrivastava1604
      @mradulshrivastava1604 10 วันที่ผ่านมา

      Jain nahi Buddha ke samay me ajivak the

    • @mradulshrivastava1604
      @mradulshrivastava1604 10 วันที่ผ่านมา +2

      Sir aapka history ka approach purana hai bahut excavations ho chuke hain ab tak

    • @123xyzabccba
      @123xyzabccba 10 วันที่ผ่านมา

      @@mradulshrivastava1604 : jahaa bhi khodo gey Buddha hi milega

  • @ijparekh2203
    @ijparekh2203 9 วันที่ผ่านมา +1

    hinduism is not a religion, its a british
    invention created in 1816 after a brahmanists
    ram mohan roy requested britishers to
    categorize all the pagan religions of
    subcontinent under the law of manusmiriti
    and the tag of hindu dharam

  • @vishalsharmassp
    @vishalsharmassp 9 วันที่ผ่านมา

    Sir please give the link for comparison for rig veda and Parsi

  • @vishalsharmassp
    @vishalsharmassp 10 วันที่ผ่านมา

    Sir hum bhi to hain.. retirement tak to chup rahna hoga ... Par ab bhi rang dikhate hain sarkari Naukri mein...I am athise ...If won't ...than would be Buddhist, jain (unlike Amit shah) or follow Sarna Dharm ...

  • @Amarblr2004
    @Amarblr2004 10 วันที่ผ่านมา +1

    Om ka audio issue hai .... nothing is clearly audible

  • @danishjamalmeerafzaldaulat1811
    @danishjamalmeerafzaldaulat1811 10 วันที่ผ่านมา

    Hello sir. The book revealed to David ,is song of David. This is also similar to Rig Ved.

  • @subhashsalve6945
    @subhashsalve6945 วันที่ผ่านมา

    563 bc is earlier than 540 bc

  • @BSGbharti___
    @BSGbharti___ 10 วันที่ผ่านมา +1

    Sir ye episode aap khud hi kar lata to acha hota

  • @prabalpratapsingh8095
    @prabalpratapsingh8095 9 วันที่ผ่านมา

    Hindu dharm kisne chalaya hai.iska dharm granth konsa hai.isko kisne chalaya hai.please answer

  • @suryaprakashdixit9988
    @suryaprakashdixit9988 6 วันที่ผ่านมา

    चार धाम का उल्लेख महाभारत, रामायण, पुराणों में किस प्रकार मिलता है?
    -------------
    चार धाम का उल्लेख महाभारत, रामायण और पुराणों में पौराणिक घटनाओं, धर्म, और मोक्ष प्राप्ति से जुड़े विभिन्न संदर्भों में मिलता है। चार धाम के चारों स्थलों-बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारका और पुरी-का वर्णन अलग-अलग ग्रंथों में विस्तृत रूप में किया गया है।
    ---
    1. बद्रीनाथ धाम (महाभारत, पुराणों में उल्लेख)
    महाभारत में उल्लेख
    पांडवों की यात्रा:
    महाभारत के अनुसार, पांडव अपने स्वर्गारोहण की यात्रा के दौरान बद्रीनाथ क्षेत्र से होकर गए थे।
    माना जाता है कि यह क्षेत्र स्वर्गारोहण के लिए उपयुक्त स्थान है।
    विष्णु पुराण में उल्लेख
    बद्रीनाथ को भगवान विष्णु का निवास स्थान बताया गया है।
    विष्णु पुराण में उल्लेख है कि बद्रीनाथ में भगवान विष्णु नर-नारायण के रूप में तपस्या करते हैं।
    स्कंद पुराण में उल्लेख
    बद्रीनाथ का विस्तृत वर्णन मिलता है।
    इसे "मोक्ष प्राप्ति का क्षेत्र" कहा गया है।
    बद्रीनाथ में स्थित "तप्त कुंड" और "अलकनंदा नदी" का धार्मिक महत्व बताया गया है।
    ---
    2. रामेश्वरम धाम (रामायण, पुराणों में उल्लेख)
    रामायण में उल्लेख
    वाल्मीकि रामायण:
    रामेश्वरम वह स्थान है जहां भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने से पहले भगवान शिव की पूजा की थी।
    राम ने शिवलिंग की स्थापना की, जिसे रामलिंगम कहा जाता है।
    रामेश्वरम से "रामसेतु" के निर्माण की कथा भी रामायण में विस्तार से वर्णित है।
    स्कंद पुराण और शिव पुराण में उल्लेख
    रामेश्वरम को "पंच तीर्थ" और "मोक्ष प्राप्ति के द्वार" के रूप में वर्णित किया गया है।
    शिव पुराण में राम द्वारा भगवान शिव की उपासना और यहां स्थित कुंडों के पवित्र महत्व का वर्णन है।
    ---
    3. द्वारका धाम (महाभारत, पुराणों में उल्लेख)
    महाभारत में उल्लेख
    हरिवंश पर्व:
    द्वारका को भगवान कृष्ण की राजधानी के रूप में वर्णित किया गया है।
    महाभारत के अनुसार, मथुरा छोड़ने के बाद भगवान कृष्ण ने द्वारका नगरी की स्थापना की।
    कृष्ण लीला:
    द्वारका वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण ने अपने जीवन का बड़ा भाग बिताया और कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं।
    अर्जुन और कृष्ण के संवाद और महाभारत युद्ध की रणनीति के लिए द्वारका का उल्लेख होता है।
    विष्णु पुराण और भागवत पुराण में उल्लेख
    द्वारका को "गोलोक धाम" और भगवान विष्णु के कृष्ण रूप का निवास स्थान माना गया है।
    भागवत पुराण में द्वारका के समुद्र में डूबने की कथा का वर्णन है।
    ---
    4. पुरी धाम (महाभारत, पुराणों में उल्लेख)
    महाभारत में उल्लेख
    वन पर्व:
    महाभारत के वन पर्व में जगन्नाथ पुरी क्षेत्र का उल्लेख "पुरुषोत्तम क्षेत्र" के रूप में मिलता है।
    इसे भगवान विष्णु का पवित्र स्थान बताया गया है।
    स्कंद पुराण में उल्लेख
    जगन्नाथ पुरी का विस्तार से वर्णन है।
    इसे "श्रीक्षेत्र" और "निलांचल पर्वत" के रूप में वर्णित किया गया है।
    जगन्नाथ के विग्रह की स्थापना की कथा और रथयात्रा का महत्व बताया गया है।
    ब्रह्म पुराण में उल्लेख
    पुरी के मंदिर और यहां की पूजा पद्धतियों का वर्णन है।
    भगवान जगन्नाथ को विष्णु के "कला अवतार" के रूप में पूजा जाता है।
    ---
    चार धाम का सामूहिक महत्व (ग्रंथों में)
    महाभारत, रामायण और पुराणों में चार धामों को मोक्ष प्राप्ति और पवित्रता का द्वार बताया गया है।
    ये स्थान ईश्वर की भक्ति, तपस्या, और धर्म के पालन के प्रतीक माने गए हैं।
    आदि शंकराचार्य ने इन स्थलों को "चार धाम यात्रा" के रूप में स्थापित किया, लेकिन इनके पौराणिक महत्व का आधार प्राचीन समय से मौजूद था।
    ---
    निष्कर्ष
    चार धाम का उल्लेख रामायण, महाभारत और पुराणों में पौराणिक कथाओं और धर्मशास्त्र के संदर्भ में मिलता है। इन स्थलों का महत्व ईश्वर की लीला, धर्म के पालन और मोक्ष प्राप्ति से जुड़ा हुआ है। यह दर्शाता है कि चार धाम भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में अत्यंत प्राचीन और महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

    • @vinodshardul2174
      @vinodshardul2174 5 วันที่ผ่านมา

      ये चारों धाम बुद्ध धरम के है,जिसे ब्राह्मणों ने कब्जा कर लिया,,,रामायण महाभारत के कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं मिलते है,

    • @vinodshardul2174
      @vinodshardul2174 5 วันที่ผ่านมา

      हिंदू धर्म के सभी ग्रन्थ 1200 के आस पास लिखे गए है,

  • @thinker2564
    @thinker2564 4 วันที่ผ่านมา

    Sorry mahodai aap ki claim sabsey purana dharm Jainism aur rigved ka timeline jo diya uska koi thos praman hai to prastut karey. bina praman key sirf claim karna bhram failana hai. Sahi itihas ko bataye. Durbhagya hai aap ki sahi itihas ko gapod katha sey pramanit karney ki kuchesta hai. Sahi itihas padhe phir claim karey. thos praman key sath bataye na ki brahm failaye.

  • @shekharjoshi7292
    @shekharjoshi7292 10 วันที่ผ่านมา +4

    जातिवाद तो वर्तमान संविधान और कानून में है। भारत की जनता की समझ कभी भी विद्वानों की समझ की तरह भ्रमित नहीं रही।

    • @alsingh648
      @alsingh648 10 วันที่ผ่านมา

      पंडित जी ,सुधर जाओ तो फायदे में रहोगे । धूर्तता अब चलेगी नहीं।

    • @arpana1639
      @arpana1639 10 วันที่ผ่านมา

      ''jatiwad vartman samvidhaan mein hai'' aisa koi Joshi ji hi keh sakte hain

    • @SafediDevi-zy3sf
      @SafediDevi-zy3sf 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान ने सवको समान अधिकार दिया है ❤

  • @satbirsingh4834
    @satbirsingh4834 10 วันที่ผ่านมา

    Both penalist are with the same name of jagdeep dhankar and om saini 😂 from lok Sabha and rajya sabha

  • @MKIndian19
    @MKIndian19 10 วันที่ผ่านมา +4

    व्होरा जी आपका ज्ञान update किजीए वेद 9 से 11 वि सदि मे लिखे गये और जैन धर्म पुराणा नही है

    • @arpana1639
      @arpana1639 10 วันที่ผ่านมา +1

      vedon ki baat to aapne sahi likhi hai magar jain aur baudh marg saman sabhyata se nikle hain aur bahut purane hain

  • @shreelabh1577
    @shreelabh1577 10 วันที่ผ่านมา

    aaj dharm ko ra rajneeti ke liye use kar ra arahe y esa hum bhrahm mein he, magar suchmal mein dharm ka sahi use sirf erth(paisa) ke liye hi istmal kar rahe he, isliye "DHaARM HI PAISA-PAISA HI DHARM" hume aur janta ko samjnaechahiye.......bu isse aage kya ???????????

  • @ramjilaldayal8503
    @ramjilaldayal8503 10 วันที่ผ่านมา +3

    Aap logon Ko itihaas ki bilkul samajh nahin hai science journey se mile

    • @Harman-g9d
      @Harman-g9d 9 วันที่ผ่านมา

      Suna hai woh bhi ghuma fira kar brahmin ke neeche hee lekar ata hai.

  • @sadikasayeed8722
    @sadikasayeed8722 2 วันที่ผ่านมา

    Vohra sab aap jo bhi topic analyse karthay hai us mein whether it is related or not islam ko gali dena nahi bhool they hain. Kya taliban jathi vad kartha hai? Aap ki Muslim nafrath bahouth hi aasani se nazr aa rahi hai. Please islam ko padiye na ki muslims ko padiye. You have never said a good word about islam in all your panels

  • @GyanPrakashSharma-u4j
    @GyanPrakashSharma-u4j 9 วันที่ผ่านมา

    ' वेदपाठी भवेद् विप्र: , ब्रह्म जानसि ब्राह्मण: '। समस्या यह है कि जो मूल विचार थे, उनमे़ विकृतियां आयीं और अनेक परेशानियां उत्पन्न हुईं।
    ब्रह्म जानसि ब्राह्मण: , को भला कौन अनादर देगा। आवश्यकता तो मूल विचारों में आयी विकृतियों को दूर करने की है, न कि राजनीति करने की।
    रही धर्म की बात, तो पहले धर्म को परिभाषित किया जाना चाहिये। समाज की आधारशिला, हमारी समस्त सामाजिक व्यवस्थायें और कानून व्यवस्थाओं का आधार तो धर्म ही होता है। आप किसी भी अनाचार को परिभाषित तो धर्म के आधार पर ही करते है़। परन्तु धर्म को यथार्थ रूप में परिभाषित तो किया जाना चाहिये।

  • @arshandguri8594
    @arshandguri8594 6 วันที่ผ่านมา +1

    Dinesh ji aj desh mey bhagwa pakhand wad sadhu sant chal raha hey desh aj 100 sal piche chala gaya hey

  • @zainenergy07
    @zainenergy07 9 วันที่ผ่านมา

    Vohra ji
    Please read Islam, Quraan and Hadees without any bias. You will find the answers of all questions, the purpose of life and the absolute truth of the life and all creation.