न्याय तो अवश्य है किन्तु मसीह के दूसरे आगमन के बाद, क्योंकि अंतिम तुरही बजते ही पहले मसीही मृतक और फिर जिंदा पवित्र जन पहले पुनरुत्थान के भागी होंगे,शेष मरे हुओं का न्याय मसीह के हजार साल के शासन के बाद होगा। और अपने अपने कामों का बदला दिया जाएगा स्वर्ग या नर्क.....
न्याय तो अवश्य है किन्तु मसीह के दूसरे आगमन के बाद, क्योंकि अंतिम तुरही बजते ही पहले मसीही मृतक और फिर जिंदा पवित्र जन पहले पुनरुत्थान के भागी होंगे,शेष मरे हुओं का न्याय मसीह के हजार साल के शासन के बाद होगा। और अपने अपने कामों का बदला दिया जाएगा स्वर्ग या नर्क.....