१०१%यह ज्ञान सत्य है। आप ने सही बताया मैंने अनुभव किया है। धन्य हैं सुखराम जी महाराज। कड़क , और कड़वा माया के ज्ञान से पुरा उल्टा है कोई शूरवीर ही धारण करेगा 🙏🙏 राम राम जी
राम राम सा राम राम सतगुरू सुखरामजी महाराजांनी धन्य हो धन्य हो राम राम सा राम राम हमे भी मीले महाराज और जीसको मीले महाराज वही जाने दूजा क्या जाने भाई सतसवरूप राम राम सा राम राम
राम राम सा राम राम संतो बहूत अच्छी तरह से समजा रहे है आप कोटी कोटी प्रणाम राम राम महाराज कहते मेरी तो शरण हंस जो भी आसी परमपद पा सी बाकी तो सकल पसतासी बांदा राम राम सा राम राम
वेद प्रमाणित करते हैं कि कबीर भगवान हैं ईश्वर, जिसने सारी सृष्टि बनाई है कविर्देव (कबीर परमेश्वर) #आदिपुरुष_कबीर #GodNightSaturday ♦️सुनें ईश्वर चैनल पर संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन सुबह 6:00 AM से 7:00 AM
Jo aap satsang sun rhe ho vo to Prmatma ka kary kar rhe hai.. Vo kohi dikhava Nhi kr rhe.. Vo to yh gyan dekar jeevo ko kal ke mukh se bachane ka Rasta dikha rhe hai. Aise santo ka gyan Milne bhagya walekohi Milta hai
@@महेन्द्रममम परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं। परमात्मा तुम्हारे जप तप साधना और मेडिटेशन का भूखा नहीं वह न कोई सेवा न कोई प्रार्थना और रोने धोने से रीझता या कुछ मांगने पर देगा आजतक मन बुद्धि से प्राप्त मिथ्या ज्ञान के आवरण को उतार कर फेंक दे परमात्मा तो हाजिर ही है उसकी शरण ही मुक्ती दायक। शरीर, मन, बुद्धि से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में समाजाने वाली प्रकर्ती की रचना है। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है सब ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं। समस्त चराचर में जो भी कुछ हो रहा है और जिसके द्वारा हो रहा है वह कोई भी भलाई का पात्र नहीं है और ना ही बुराई का पात्र है कारण हम सब प्रकृति की रचना हैं और उसकी कठपुतली मात्र है। जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा। पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है। इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका खावोगे अब भी चेत जावो। *नि: शब्द*के अतिरिक्त कोई सत्य नहीं। मनुष्य क्रत सभी जाति धर्म पंथ संप्रदाय मजहब जिन्होंने जप तप नाम सुमीरण साधना मेडीटेशन मंत्र तंत्र तथाअनेकानेक भक्ती साधना का ही प्रचार किया जिससे पाखंडों की फसल लहलहाती हैं और मानव मद होष होकर मानव का शारीरिक आर्थिक मानसिक शोषण करता है और आत्मिक विमुख होकर सिर्फ मन का विवेक बढा लेता है मैं का कारोबार फैलता है फिर काल का ही भयंकर ताण्डव नृत्य होता है। मनुष्य क्रत धर्म पंथ मजहब महत्त्वाकांक्षी व्यक्तियों के बनाये हुये अखाड़े हैं जिससे लोगों का ब्रैन वाष करके गुलाम बनाकर राज किया जासके। परमात्मा का क्या धर्म है?? विचार करो। समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं आपके दो हाथ है उनमें से ऐक हाथ से आप आठ महीने तक कुछ भी काम न लें हिलायें भी नहीं ऐसा साधन करलें...आठ माह बाद आप अनुभव कर सकते हैं कि जिस हाथ से आपने कोई काम नहीं लिया वह दूसरे हाथ की अपेक्षा कमजोर हो गया है। ईसी तरह से ... आप ने मन-बुद्धि,आंख कान की ईन्द्रियों से परमात्मा प्राप्ती के लिये अन्य लोगों के सत्संग विचार जो सिर्फ विचार ही थे.. तथा किताबों का ही सहयोग लिया है कभी अपने आत्मिक विवेक जो स्वस्फूर्त विवेक है का सहयोग लिया ही नहीं इसलिए मन का विवेक बहुत शक्तिशाली होगया जो सच्चे परमात्मा की तरफ जाने ही नहीं देता। सबकी सुनें पर समझें सिर्फ आत्मिक विवेक से.. शान्त होकर मन के सभी संस्कारों मान्यताओं से परे हटकर निस्पक्ष होकर समझने का प्रयत्न करें हालांकि आत्मिक विवेक को काम में न लेने से कफी क्षीण हो गया होगा पर कौशिष करने पर आत्मिक विवेक जरूर समझ में आयेगा उसपर लगातार विश्वास करते रहें कुछ समय बाद आपका स्वस्फूर्त विवेक बढ जायेगा यही आपको अवश्य परमात्मा के सच्चे अनुभव को प्राप्त करने में सहयोगी होगा। *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा, परम गुरु ऐक ही है।
Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं। परमात्मा तुम्हारे जप तप साधना और मेडिटेशन का भूखा नहीं वह न कोई सेवा न कोई प्रार्थना और रोने धोने से रीझता या कुछ मांगने पर देगा आजतक मन बुद्धि से प्राप्त मिथ्या ज्ञान के आवरण को उतार कर फेंक दे परमात्मा तो हाजिर ही है उसकी शरण ही मुक्ती दायक। शरीर, मन, बुद्धि से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में समाजाने वाली प्रकर्ती की रचना है। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है सब ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं। समस्त चराचर में जो भी कुछ हो रहा है और जिसके द्वारा हो रहा है वह कोई भी भलाई का पात्र नहीं है और ना ही बुराई का पात्र है कारण हम सब प्रकृति की रचना हैं और उसकी कठपुतली मात्र है। जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा। पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है। इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका खावोगे अब भी चेत जावो। *नि: शब्द*के अतिरिक्त कोई सत्य नहीं। मनुष्य क्रत सभी जाति धर्म पंथ संप्रदाय मजहब जिन्होंने जप तप नाम सुमीरण साधना मेडीटेशन मंत्र तंत्र तथाअनेकानेक भक्ती साधना का ही प्रचार किया जिससे पाखंडों की फसल लहलहाती हैं और मानव मद होष होकर मानव का शारीरिक आर्थिक मानसिक शोषण करता है और आत्मिक विमुख होकर सिर्फ मन का विवेक बढा लेता है मैं का कारोबार फैलता है फिर काल का ही भयंकर ताण्डव नृत्य होता है। मनुष्य क्रत धर्म पंथ मजहब महत्त्वाकांक्षी व्यक्तियों के बनाये हुये अखाड़े हैं जिससे लोगों का ब्रैन वाष करके गुलाम बनाकर राज किया जासके। परमात्मा का क्या धर्म है?? विचार करो। समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं आपके दो हाथ है उनमें से ऐक हाथ से आप आठ महीने तक कुछ भी काम न लें हिलायें भी नहीं ऐसा साधन करलें...आठ माह बाद आप अनुभव कर सकते हैं कि जिस हाथ से आपने कोई काम नहीं लिया वह दूसरे हाथ की अपेक्षा कमजोर हो गया है। ईसी तरह से ... आप ने मन-बुद्धि,आंख कान की ईन्द्रियों से परमात्मा प्राप्ती के लिये अन्य लोगों के सत्संग विचार जो सिर्फ विचार ही थे.. तथा किताबों का ही सहयोग लिया है कभी अपने आत्मिक विवेक जो स्वस्फूर्त विवेक है का सहयोग लिया ही नहीं इसलिए मन का विवेक बहुत शक्तिशाली होगया जो सच्चे परमात्मा की तरफ जाने ही नहीं देता। सबकी सुनें पर समझें सिर्फ आत्मिक विवेक से.. शान्त होकर मन के सभी संस्कारों मान्यताओं से परे हटकर निस्पक्ष होकर समझने का प्रयत्न करें हालांकि आत्मिक विवेक को काम में न लेने से कफी क्षीण हो गया होगा पर कौशिष करने पर आत्मिक विवेक जरूर समझ में आयेगा उसपर लगातार विश्वास करते रहें कुछ समय बाद आपका स्वस्फूर्त विवेक बढ जायेगा यही आपको अवश्य परमात्मा के सच्चे अनुभव को प्राप्त करने में सहयोगी होगा। *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा, परम गुरु ऐक ही है।
Vo ram ram hi hai.. Par vo ramchandra ka ram nahi.. Jo Aadhi sadgurune sukhramji maharajne Kaha hai. Vo ram Prmatma ka nam hai..jisne Sbko banaya es dividevtako hamre liye banaya. Par Hm Prmatma ko bhulker en Devi devtako puj rhe hai
सतगुरू सुखरामजी महाराजांनी धन्य हो धन्य हो राम राम सा राम राम श्वास के साथ राम राम अंदर श्वास बाहर गया राम राम ऐसा 20 अंदर व बाहर श्वास गया राम राम ऐसा भजन सूरू करके महाराज को शरण आने से भजन होता है महाराज कहते मेरी तो शरण हंस जो भी आसी परमपद पा सी बाकी तो सकल पसतासी बांदा राम राम सा राम राम
कबीर साहेब ने तो सांचों सांस में जाप करने का मना बोला सार शब्द एक धुन है वो बोलने में और लिखने में नही अति वो सार शब्द की धुन आपने अंदर ही है बाहर से नही आयेगी कोई भेदी गुरु भेद खोलेगा तो वो धुन बिना ध्यान , बिना जाप, बिना मंत्र के लगातार अखंड धुन एक ताल एक सुर में अखंड निरंतर बजती हैं इसी को ही सार शब्द बोला इसका सुमिरन करना कबीर साहेब कहते है राम हमारा जाप करे में पायो विश्राम ये अखंड धुन सतलोक में आदि अनादि से हैं इसका भेद किसी को मालूम नही था सदगुरु कबीर साहेब और सदगुरु सुखराम जी महाराज ने भेद खोला अखंड धुन का सुमरन करो सहज में धुन बज रही
धन्य है रामस्नेही जो आदि सतगुरू सुखराम जी महाराज जीका केवल्य ज्ञान कडक तरीकेसे समजा रहे है
धन्य हो धन्य ।रामजी राय सा
राम राम सा
सतस्वरूपी संतो ने धन्य हो
सतज्ञान
सतनाम
Ram ram sa ram ram guruji parnam
अनन्त सुख सम्राट सतगुरु सुखराम जी महाराज ने धन्य हो, धन्य हो, धन्य हो,
!! राम राम सा !!
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राम राम जी कोटि प्रणाम सुखराम जी महाराज
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अननंत सुख सम्राट सतगुरु सूखरामजी महाराज नै धन्य है धन्य हैं
Sukhram das Ji maharaj ki jai
सभी संत को राम राम सा
🙏 राम जी राम सा 🙏
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम सा सभा टालनपुर
Ram ram ji koti koti pranam sukhdev Ji Maharaj 🙏🙏
राम राम सा कोटि-कोटि प्रणाम सुखराम जी महाराज
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राम जी राम गुरुदेव आपको कोटी कोटी प्रणाम
Ram Ram ji Maharaj ji ❤❤❤❤❤
राम सभा में सब सन्तो को राम राम सा
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केवली महापुरषों ने धन्य हो धन्य हो अमर लोक रा वासियों ने धन्य हो धन्य हो
रामजी राम..!!
धन्य है रामस्नेही संत जो सुखराम जी महाराज जी का केवल ज्ञान कड़क तरीके से बता रहे राम राम जी ,🌹🙏🌹
राम राम सा भाई
१०१%यह ज्ञान सत्य है। आप ने सही बताया मैंने अनुभव किया है। धन्य हैं सुखराम जी महाराज। कड़क , और कड़वा माया के ज्ञान से पुरा उल्टा है कोई शूरवीर ही धारण करेगा 🙏🙏 राम राम जी
राम राम सा राम राम सतगुरू सुखरामजी महाराजांनी धन्य हो धन्य हो राम राम सा राम राम हमे भी मीले महाराज और जीसको मीले महाराज वही जाने दूजा क्या जाने भाई सतसवरूप राम राम सा राम राम
Ram.ram.sa
:
@@vijayakhapre1750😅ka
.
😊) (
🎉 राम जी राम राम राम राम राम राम राम राम राम
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राम राम सा राम राम संतो बहूत अच्छी तरह से समजा रहे है आप कोटी कोटी प्रणाम राम राम महाराज कहते मेरी तो शरण हंस जो भी आसी परमपद पा सी बाकी तो सकल पसतासी बांदा राम राम सा राम राम
राम राम राम सा🙏🙏🙏🙏🙏
वेद प्रमाणित करते हैं कि कबीर भगवान हैं
ईश्वर, जिसने सारी सृष्टि बनाई है
कविर्देव (कबीर परमेश्वर)
#आदिपुरुष_कबीर
#GodNightSaturday
♦️सुनें ईश्वर चैनल पर संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन सुबह 6:00 AM से 7:00 AM
Samast ram sanehi Bhai aur bahinon ko mahara Ghana Ghana ram ram saa, satguru Sukh Samrat sukhram Ji Maharaj ne dhinya ho dhinya ho
रामजी राम महाराज रामजी राम रामजी�राम रामरामजी राम रामजी�राम रामरामजी रामजी
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
Ram maharaj ji 🙏🙏🌹🌹
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Ram ji ram ram ji ram
सतगुरु देव जी के चरणों में कोटी कोटी naman
RAM RAM SA
सत्तगुरू सुखसम्राट श्री श्री सुखरामजी महाराज ने धन्य हो धन्य हो.... बिराई धाम की जय....
आपको बहुत बहुत साधुवाद
जो हो युक्ति राम जी महाराज
Jai ho ram ji maharaj
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@@ravichoudhary9813youtube.com/@satguruvaani
रामराम रामराम घणा घणा रामराम . रामराम स।
Ram shabha m Ram Ram SA 🙏
जय सुखराम जी महाराज राम नाम की अनुपम कथा बताए
बीना हुकुम लागीयो चाकरी अर्ज करे कीण आगे असंग जुगां रो सुतो हंसो सतगुरु हेला जागे 🙏 ये बाणीजी सिर्फ़ सतगुरु जी को ही सोभा देती है 🙏
Right
आप ने एकदम सही कहा
सतगुरु जी कौन हे
Ye aapki bhul hai aap bahut abhagi jeev Ho jo Prmatma ka es gyan ko zhut sabit kr rhe hai
Jo aap satsang sun rhe ho vo to Prmatma ka kary kar rhe hai.. Vo kohi dikhava Nhi kr rhe.. Vo to yh gyan dekar jeevo ko kal ke mukh se bachane ka Rasta dikha rhe hai. Aise santo ka gyan Milne bhagya walekohi Milta hai
जय श्री राम बावजी आपरी चरणा मं जय श्री राम
Jay shri ram nahi sirp satswroop ram
Bhaeeji. App. Ko. ...shath. Shath. Ram,_Ram..Dadiji. Shisiya. M: L p
Satgurusukhramjimaharajne dhanyahodhanyaho dariyavjimaharajne dhanyahodhanyaho ramjiram
Ram ram sa
त
@@महेन्द्रममम
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
परमात्मा तुम्हारे जप तप साधना और मेडिटेशन का भूखा नहीं वह न कोई सेवा न कोई प्रार्थना और रोने धोने से रीझता या कुछ मांगने पर देगा आजतक मन बुद्धि से प्राप्त मिथ्या ज्ञान के आवरण को उतार कर फेंक दे परमात्मा तो हाजिर ही है उसकी शरण ही मुक्ती दायक।
शरीर, मन, बुद्धि से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में समाजाने वाली प्रकर्ती की रचना है। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है सब ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।
समस्त चराचर में जो भी कुछ हो रहा है और जिसके द्वारा हो रहा है वह कोई भी भलाई का पात्र नहीं है और ना ही बुराई का पात्र है कारण हम सब प्रकृति की रचना हैं और उसकी कठपुतली मात्र है।
जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं
इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा।
पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है।
इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी
उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका
खावोगे अब भी चेत जावो।
*नि: शब्द*के अतिरिक्त कोई सत्य नहीं।
मनुष्य क्रत सभी जाति धर्म पंथ संप्रदाय मजहब जिन्होंने जप तप नाम सुमीरण साधना मेडीटेशन मंत्र तंत्र तथाअनेकानेक भक्ती साधना का ही प्रचार किया जिससे पाखंडों की फसल लहलहाती हैं और मानव मद होष होकर मानव का शारीरिक आर्थिक मानसिक शोषण करता है और आत्मिक विमुख होकर सिर्फ मन का विवेक बढा लेता है मैं का कारोबार फैलता है फिर काल का ही भयंकर ताण्डव नृत्य होता है। मनुष्य क्रत धर्म पंथ मजहब महत्त्वाकांक्षी व्यक्तियों के बनाये हुये अखाड़े हैं जिससे लोगों का ब्रैन वाष करके गुलाम बनाकर राज किया जासके।
परमात्मा का क्या धर्म है?? विचार करो।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं
आपके दो हाथ है उनमें से ऐक हाथ
से आप आठ महीने तक कुछ भी काम न लें हिलायें भी नहीं ऐसा साधन करलें...आठ माह बाद आप अनुभव कर सकते हैं कि जिस हाथ से आपने कोई काम नहीं लिया वह दूसरे हाथ की अपेक्षा कमजोर हो गया है।
ईसी तरह से ...
आप ने मन-बुद्धि,आंख कान की ईन्द्रियों से
परमात्मा प्राप्ती के लिये अन्य लोगों के सत्संग विचार जो सिर्फ विचार ही थे.. तथा किताबों का ही सहयोग लिया है कभी अपने आत्मिक विवेक जो स्वस्फूर्त विवेक है का सहयोग लिया ही नहीं इसलिए मन का विवेक बहुत शक्तिशाली होगया जो सच्चे परमात्मा की तरफ जाने ही
नहीं देता।
सबकी सुनें पर समझें सिर्फ आत्मिक विवेक से..
शान्त होकर मन के सभी संस्कारों मान्यताओं से परे
हटकर निस्पक्ष होकर समझने का प्रयत्न करें हालांकि
आत्मिक विवेक को काम में न लेने से कफी क्षीण हो गया होगा पर कौशिष करने पर आत्मिक विवेक जरूर समझ में आयेगा उसपर लगातार विश्वास करते रहें कुछ समय बाद आपका स्वस्फूर्त विवेक बढ जायेगा यही आपको अवश्य परमात्मा के सच्चे अनुभव को प्राप्त करने में सहयोगी होगा।
*नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा, परम गुरु ऐक ही है।
Ram ram sa 🙏
राम राम सा राम राम कोटी कोटी प्रणाम राम राम
Ram Ji Maharaj ne dhinya ho dhinya ho
Ram ji ram maharaj sbhi maha pruso ko dhaniy ho.
Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram ji Ram
Sadguru Maharaj din ho dinho Din Ho
राम राम सा
Jay shree ram 🙏🙏🙏
Ram ji ram ram Maharaj Varun Neetu divyank pareek
Nice sant garu ji
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Ram ram saaa
सत्ता सवरूपी सनतौ नै दणवत प्रणाम है
RAM G.ram
सतगुरू सुखरामजी महाराजांनी धन्य हो धन्य हो राम राम सा राम राम
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परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
परमात्मा तुम्हारे जप तप साधना और मेडिटेशन का भूखा नहीं वह न कोई सेवा न कोई प्रार्थना और रोने धोने से रीझता या कुछ मांगने पर देगा आजतक मन बुद्धि से प्राप्त मिथ्या ज्ञान के आवरण को उतार कर फेंक दे परमात्मा तो हाजिर ही है उसकी शरण ही मुक्ती दायक।
शरीर, मन, बुद्धि से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में समाजाने वाली प्रकर्ती की रचना है। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है सब ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।
समस्त चराचर में जो भी कुछ हो रहा है और जिसके द्वारा हो रहा है वह कोई भी भलाई का पात्र नहीं है और ना ही बुराई का पात्र है कारण हम सब प्रकृति की रचना हैं और उसकी कठपुतली मात्र है।
जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं
इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा।
पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है।
इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी
उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका
खावोगे अब भी चेत जावो।
*नि: शब्द*के अतिरिक्त कोई सत्य नहीं।
मनुष्य क्रत सभी जाति धर्म पंथ संप्रदाय मजहब जिन्होंने जप तप नाम सुमीरण साधना मेडीटेशन मंत्र तंत्र तथाअनेकानेक भक्ती साधना का ही प्रचार किया जिससे पाखंडों की फसल लहलहाती हैं और मानव मद होष होकर मानव का शारीरिक आर्थिक मानसिक शोषण करता है और आत्मिक विमुख होकर सिर्फ मन का विवेक बढा लेता है मैं का कारोबार फैलता है फिर काल का ही भयंकर ताण्डव नृत्य होता है। मनुष्य क्रत धर्म पंथ मजहब महत्त्वाकांक्षी व्यक्तियों के बनाये हुये अखाड़े हैं जिससे लोगों का ब्रैन वाष करके गुलाम बनाकर राज किया जासके।
परमात्मा का क्या धर्म है?? विचार करो।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं
आपके दो हाथ है उनमें से ऐक हाथ
से आप आठ महीने तक कुछ भी काम न लें हिलायें भी नहीं ऐसा साधन करलें...आठ माह बाद आप अनुभव कर सकते हैं कि जिस हाथ से आपने कोई काम नहीं लिया वह दूसरे हाथ की अपेक्षा कमजोर हो गया है।
ईसी तरह से ...
आप ने मन-बुद्धि,आंख कान की ईन्द्रियों से
परमात्मा प्राप्ती के लिये अन्य लोगों के सत्संग विचार जो सिर्फ विचार ही थे.. तथा किताबों का ही सहयोग लिया है कभी अपने आत्मिक विवेक जो स्वस्फूर्त विवेक है का सहयोग लिया ही नहीं इसलिए मन का विवेक बहुत शक्तिशाली होगया जो सच्चे परमात्मा की तरफ जाने ही
नहीं देता।
सबकी सुनें पर समझें सिर्फ आत्मिक विवेक से..
शान्त होकर मन के सभी संस्कारों मान्यताओं से परे
हटकर निस्पक्ष होकर समझने का प्रयत्न करें हालांकि
आत्मिक विवेक को काम में न लेने से कफी क्षीण हो गया होगा पर कौशिष करने पर आत्मिक विवेक जरूर समझ में आयेगा उसपर लगातार विश्वास करते रहें कुछ समय बाद आपका स्वस्फूर्त विवेक बढ जायेगा यही आपको अवश्य परमात्मा के सच्चे अनुभव को प्राप्त करने में सहयोगी होगा।
*नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा, परम गुरु ऐक ही है।
Maharaj ji ki or vani do
Ram ram
Dev
राम राम
🙏Ram🙏 ram
🙏Ram🙏 🙏ram🙏🙏🙏🙏🙏 sa
वेदोमे प्रमाण है कबीर साहेब ही भगवान है
Geeta me proof h....krishna is god
Sb ki alg alg thinking h...
Right?
Ram
RAM RAM RAM RAM RAM RAM SA
Ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram
Sat
Guru
Raam ji Raam
Ram Ram sa santo
Rameshwar Jadhav Ram Ram sa
रामजी राम राम महाराज
Ram ji ram sa
Satguru sukhram ji to photo ,murti pooja h nhi vaniji me to app ke to satag photo rakh rahi h
राम जी राम महराज
Sukram ji maharaj ne mera koti koti or am
Suk Ram ji maharaj ne mera koti koti Parnam
ramramsa
Ram Ram sa 🙏🙏🙏🙏Bahuthi gahri bat batai hai
Mujhe bhi like do Ram Ram sa
सत साहेब
सुखराम जी महाराज ने स्वांसों सांस का सिमरण बताइए वह राम-राम है या अलग
Vo ram ram hi hai.. Par vo ramchandra ka ram nahi.. Jo Aadhi sadgurune sukhramji maharajne Kaha hai. Vo ram Prmatma ka nam hai..jisne Sbko banaya es dividevtako hamre liye banaya. Par Hm Prmatma ko bhulker en Devi devtako puj rhe hai
@@rekharathod7547 और हु भी
@@कोमलवर्मा-प2फ kya matlab
सतगुरू सुखरामजी महाराजांनी धन्य हो धन्य हो राम राम सा राम राम श्वास के साथ राम राम अंदर श्वास बाहर गया राम राम ऐसा 20 अंदर व बाहर श्वास गया राम राम ऐसा भजन सूरू करके महाराज को शरण आने से भजन होता है महाराज कहते मेरी तो शरण हंस जो भी आसी परमपद पा सी बाकी तो सकल पसतासी बांदा राम राम सा राम राम
राम राम सा
सतगुरू सुखरामजी महाराजांनी धन्य हो धन्य हो राम राम सा राम राम कोटी कोटी प्रणाम राम राम सा
Vijaya Khapre ८
Ram ram sa
@@vloggerpawar2565 राम राम अनंत कोटी कोटी प्रणाम राम राम सा
Dhanyahodhanyaho
Laxmi Pawar you in I'm by chance by tomorrow to
राम जी राम
सभी. संत.ने.राम.राम.सा......
राम जी महाराज ने धन्य हो धन्य हो भाई संता जी 🙏🙏
Thanks
Ram ram SAtswrupi ram
सत सत सत साहेब
Jai ho ram hi ri
Ram sa ram
Sumer Sumer 'UGC
कबीर साहेब ने तो सांचों सांस में जाप करने का मना बोला सार शब्द एक धुन है वो बोलने में और लिखने में नही अति वो सार शब्द की धुन आपने अंदर ही है बाहर से नही आयेगी कोई भेदी गुरु भेद खोलेगा तो वो धुन बिना ध्यान , बिना जाप, बिना मंत्र के लगातार अखंड धुन एक ताल एक सुर में अखंड निरंतर बजती हैं इसी को ही सार शब्द बोला इसका सुमिरन करना कबीर साहेब कहते है राम हमारा जाप करे में पायो विश्राम ये अखंड धुन सतलोक में आदि अनादि से हैं इसका भेद किसी को मालूम नही था सदगुरु कबीर साहेब और सदगुरु सुखराम जी महाराज ने भेद खोला अखंड धुन का सुमरन करो सहज में धुन बज रही
वह जो सतशब्द है वह केवल राम नाम से प्रगट होता है , रामपाल भ्रमित कर रहा है,
राम राम
ram ram ram ram saaaaaaaaaaa
Ramsnehi Santa Pune
Ramsnehi prawachan
Ram ram ram ram
Ram
ram ji ram
RAM Ji RAM saaa
Ram ji ram sa🙏🏻🙏🏻
Ram ram 🙏
Sataguru sukhramji maharaj ne dhanye ho dhanye ho
Ye sant guru ji ka kya naam hai
Inke regular video chahiye
Jai ho🙏🙏
Hay
Parnaam Ram ram sab santo ko
राम राम यहापर चढावा तो नहि चढना चाहिये अगर इतना केवल ज्ञान है तो••••••क्योकी "परमात्मा तो *देवणहार* है"रामराम
Ram ji ram ram maharaj
L
Po
And the. Xajll😅😮😢🎉😂❤
श्री श्री
very nice
सुखरामजी महाराज ने धन्य हो धन्य हो
Nise
तारा जी अग्रवाल का कथन सत्य है या चढ़ावा नहीं होना चाहिए
Sab Ram snehyo ko mera 🙏🙏🙏🙏 Ram ji ram maharaj
अधिक जाणकार के लिये देखे साधना टी व्ही 7:30 बजे
राम जी राम... जिन महाराज ने वाणीजी को समजाया है उनके और भी वीडियो मिल सकते है क्या?
Hi zzx,.
Ram Ram Sa 🙏🏻 हमे भी यह महाराज जी के और वीडियो चाहिये ?