झलमला (बालोद) गंगा माता दर्शन 😍🙏🏻 l Bahut hi pyara Mata ka Darbar 😍 l karan vlogs 💖 l Chhattisgarh💖
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- เผยแพร่เมื่อ 9 ก.พ. 2025
- झलमला (बालोद) गंगा माता दर्शन 😍🙏🏻 l Bahut hi pyara Mata ka Darbar 😍 l karan vlogs 💖 l Chhattisgarh💖
झलमला ओ गांव जहां पर मां गंगा निवास करती है झलमला जिला बालोद के लगभाग 3 किमी के समीप में स्थित है तो आइए आज के अपने इस व्लॉग में एन्ही के बारे में विस्तार से जानते हैं
झलमला में नहर किनारे मां गंगा मैया के अवतरण की कहानी लगभग 133 साल पुरानी है। 60 साल तक पहले तक यह मंदिर एक छोटी सी झोपड़ी में था। स्थानीय धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंदिर के व्यवस्थापक सोहन लाल टावरी ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास 133 साल पुराना है, उन्होंने बताया कि एक दिन ग्राम सिवनी का एक केंवट मछली पकड़ने इस तालाब में गया था। केंवट के द्वारा तालाब में जाल फेंकने पर मछली की जगह गंगा मैय्या की प्रतिमा बार बार जाल में फंस जाती थी। जिसे केंवट हर बार जाल से निकालकर साधारण पत्थर समझ कर फिर से तालाब में फेंक देता था। कई बार यह घटना होने से परेशान होकर केंवट जाल लेकर घर चला गया।
फिर स्वप्न में केंवट को मिला आदेश
फिर स्वप्न में केंवट को मिला आदेश
फिर स्वप्न में केंवट को मिला आदेश
मंदिर के व्यवस्थापक बताते हैं कि इस घटने के दूसरे दिन सिवनी के गोंड जाति के बैगा को स्वप्न में माता ने दर्शन दिया और प्रतिमा को बाहर निकलकर प्राण प्रतिष्ठा कराने के आदेश दिया। यह बात बैग ने गांव के मुखिया को बताई। स्वप्न की सत्यता को जानने के लिए तत्कालीन मालगुजार छवि प्रसाद तिवारी, बैगा, केंवट और अन्य प्रमुखों को साथ लेकर तालाब पहंचे। केंवट के फिर से जाल फेंकने पर फिर से मूर्ति की आकृति का पत्थर जाल नें फंस गया। जिसके बाद प्रतिमा को बाहर निकाला गया। और फिर विधि विधान से मालगुजार छवि प्रसाद ने प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई. जल से प्रतिमा निकली होने के कारण गंगा मैय्या के नाम से विख्यात हुई।
एडम स्मिथ समेत कई अंग्रेजों की हो गई थी मौत
एडम स्मिथ समेत कई अंग्रेजों की हो गई थी मौत
एडम स्मिथ समेत कई अंग्रेजों की हो गई थी मौत
लगभग 133 साल पहले जीवन दायिनी तांदुला नदी पर नहर का निर्माण चल रहा था. उस समय झलमला की आबादी मात्र 100 थी। बताया जाता है कि तांदुला नहर निर्माण के दौरान गंगा मैया की प्रतिमा को हटाने का अंग्रेजों ने बहुत प्रयास किया. मगर एडम स्मिथ सहित अन्य अंग्रेजों की मौत हो गई।