सद्भावना,, मैत्री,, करुणा,, चेतना योग विज्ञान, का आविष्कार व,, सनातन संस्कृति, का,, चमत्कार है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन जो कि भारत सरकार से पेटेंट सस्तुति है ❤ जय कल्कि देव श्री निष्कलंक अवतार ❤
सनातन मानव धर्म संस्कृति चेतना विज्ञान योग तकनीक का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन जो कि भारत सरकार से पेटेंट सस्तुति है और रचनात्मक भारत में कार्य कर रहे हैं ❤ जय कल्कि देव श्री निष्कलंक अवतार ❤
❤ विधान,, संविधान,, धर्म विज्ञान,, चेतना योग विज्ञान, का,, अखंड चमत्कार है कल्कि अवतार का आविष्कार,, कल्कि अवतार श्री 13, हंस योग दर्शन ❤ जय हिन्द विश्व गुरु भारत जय कल्कि देव श्री निष्कलंक अवतार ❤
जो इन्सान की सोच है वह अन्धेरे मे तीर चलाने जेसा है । शक्ति कहे कि मैं युगों युगों के बाद धरा पर आती रही हूँ और आती रहूँ गी। इन्सान कहता है कि वह शक्ति नही आती । अब सत्य देखे कि इन्सान सच है या कि सृष्टि रचय्ता। शिव को क्यों कहा गया है कि शक्ति के बिना शिव भी शब है । शिव एक शरीर का नाम है शक्ति उस शरीर मे विधय मान है । वह दो नही एक है । जिसे शिव कहा गया है । जिस ने सृष्टि रची है । उसे क्यों कहा गया है कि ईश्वर ने इन्सान को अपना रुप दिया है ? जिस ने अपना रुप इन्सान को दिया है । वह एसे ही नही दिया। यह धरती की हर चीज का प्रयोग इन्सान को करने के लिए दिया। और इन्सान का प्रयोग शक्ति ने अपने लिए किया।
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