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यह कविता नागार्जुन के काव्य संग्रह 'सतरंगे पंखों वाली' प्रकाशन वर्ष 1959 से ली गई है।
बहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण!!
Bhut bdia aarth👍👍
बहुत सुंदर व्याख्यान
अति सुन्दर प्रस्तुति
अत्युत्तम सर !!💐💐👌👌👌💐💐💐💝💝💝💝💝
🌹🙏🌹
Dhanyabad sir ji.
वाह ! क्या कविता है
सिर्फ मैं आप से ही अपनी jrf तैयारी कर रही हूँ और गॉड से 🙏 pray भी कर रही हूँ की आप इसी तरह और सब का भला करे.... Thanx सर ईश्वर आपको बहुत आगे ले जाये by video...
साधुवाद वन्दना जी🌹🙏🌹
प्रणाम सर🙏 धन्यवाद👍👍
🙏अब तो ठीक है।
@@BaatenSahityaKi जी 🙂🙏🙏इंतजार रहता सर आपके वीडियो का.यू ट्यूब खोलते ही सबसे पहले आपके वीडियो ही देखती. हम जैसे के लिए ही है ये चैनल.thank a lot sir
धन्यवाद सर जी आपके इस सुंदर व्याख्यान के लिए👌👌👌👌
साधुवाद प्रमिला। कहाँ से हैं आप ?
सर जी में इंदौर से हूं।
Telegram चैनल join करें।
Bhut sundr vyakhya🙂🙂🙂
साधुवाद।
धन्यवाद सर ।।।
Bhut achha video sir🙏👌👌
धन्यवाद प्रियम्वदा मिश्रा जी।
सर आप बहुत अच्छे से समझा रहे है। धन्यवाद।
🙏🙏🙏
sandar videos H sirji
🙏
👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏
Sir manushy hu kavita ka bhi video banaye please
Very nice sir
sir ji bhut Acha but kon se shngrh me ye kvita ye or bta dijiye
Nice sir
Nice sir 👌👌👍👍👍👍👍💪💪💪
Was a nice explain this poem so thank you so much
Bhut Sundar vyakhya sir 🙏.Puri kvita smjh me aagyi h.lakin exam me koi ek shabd rakh denge or Kai ans. Jisse confuse ho jate h.
अभ्यास करें, गलत नहीं होगा।
Very nice Sir ji excellent
Sir questions bhi de dijiye na
Sir prkashan varsh bhi bta Diya kro.
रोबिन कुमारी यह कविता नागार्जुन के काव्य संग्रह 'सतरंगे पंखों वाली' प्रकाशन वर्ष 1959 से ली गई है।
Very good
sir ji apki ajj video ka sara din wait kia sir ji
अमन जी चुनावों के कारण थोड़ी व्यस्तता है। लीजिये आपकी प्रतीक्षा समाप्त हो गयी। नया वीडियो तैयार है।
Thank u so much Sir...
Amazing sir 🙏🙏
Very useful video
धन्यवाद ज्ञान सागर जी।
Sasn ki bndukha ka sangrh Kya h sir ji
'तुमने कहा था' 1980
Good sir
Thank you sir
Thanks sir
यह किस सन्ग्रह में संकलित है सर
संगीता यह कविता नागार्जुन के काव्य संग्रह 'सतरंगे पंखों वाली' प्रकाशन वर्ष 1959 से ली गई है।
mera k padd karva do sir ji plz ji
अमन जी 29 अप्रैल के बाद प्रयास करते हैं।
Thanks so Much Sir Ji
Thanks sir ji
Thanx sir
Gd mrg sir
सुप्रभात अनिता जी।
साधुवाद मनीषा।
thanks sir
यह कविता नागार्जुन के काव्य संग्रह 'सतरंगे पंखों वाली' प्रकाशन वर्ष 1959 से ली गई है।
बहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण!!
Bhut bdia aarth👍👍
बहुत सुंदर व्याख्यान
अति सुन्दर प्रस्तुति
अत्युत्तम सर !!💐💐👌👌👌💐💐💐💝💝💝💝💝
🌹🙏🌹
Dhanyabad sir ji.
वाह ! क्या कविता है
🌹🙏🌹
सिर्फ मैं आप से ही अपनी jrf तैयारी कर रही हूँ और गॉड से 🙏 pray भी कर रही हूँ की आप इसी तरह और सब का भला करे.... Thanx सर ईश्वर आपको बहुत आगे ले जाये by video...
साधुवाद वन्दना जी
🌹🙏🌹
प्रणाम सर🙏 धन्यवाद👍👍
🙏
अब तो ठीक है।
@@BaatenSahityaKi जी 🙂🙏🙏इंतजार रहता सर आपके वीडियो का.यू ट्यूब खोलते ही सबसे पहले आपके वीडियो ही देखती. हम जैसे के लिए ही है ये चैनल.thank a lot sir
धन्यवाद सर जी आपके इस सुंदर व्याख्यान के लिए👌👌👌👌
साधुवाद प्रमिला। कहाँ से हैं आप ?
सर जी में इंदौर से हूं।
Telegram चैनल join करें।
Bhut sundr vyakhya🙂🙂🙂
साधुवाद।
धन्यवाद सर ।।।
Bhut achha video sir🙏👌👌
धन्यवाद प्रियम्वदा मिश्रा जी।
सर आप बहुत अच्छे से समझा रहे है।
धन्यवाद।
🙏🙏🙏
sandar videos H sirji
🙏
👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏
Sir manushy hu kavita ka bhi video banaye please
🌹🙏🌹
Very nice sir
sir ji bhut Acha but kon se shngrh me ye kvita ye or bta dijiye
यह कविता नागार्जुन के काव्य संग्रह 'सतरंगे पंखों वाली' प्रकाशन वर्ष 1959 से ली गई है।
Nice sir
Nice sir 👌👌👍👍👍👍👍💪💪💪
Was a nice explain this poem so thank you so much
Bhut Sundar vyakhya sir 🙏.Puri kvita smjh me aagyi h.lakin exam me koi ek shabd rakh denge or Kai ans. Jisse confuse ho jate h.
अभ्यास करें, गलत नहीं होगा।
Very nice Sir ji excellent
🙏🙏🙏
Sir questions bhi de dijiye na
Sir prkashan varsh bhi bta Diya kro.
रोबिन कुमारी यह कविता नागार्जुन के काव्य संग्रह 'सतरंगे पंखों वाली' प्रकाशन वर्ष 1959 से ली गई है।
Very good
sir ji apki ajj video ka sara din wait kia sir ji
अमन जी चुनावों के कारण थोड़ी व्यस्तता है।
लीजिये आपकी प्रतीक्षा समाप्त हो गयी। नया वीडियो तैयार है।
Thank u so much Sir...
Amazing sir 🙏🙏
🌹🙏🌹
Very useful video
धन्यवाद ज्ञान सागर जी।
Sasn ki bndukha ka sangrh Kya h sir ji
'तुमने कहा था' 1980
Good sir
Thank you sir
Thanks sir
यह किस सन्ग्रह में संकलित है सर
संगीता यह कविता नागार्जुन के काव्य संग्रह 'सतरंगे पंखों वाली' प्रकाशन वर्ष 1959 से ली गई है।
mera k padd karva do sir ji plz ji
अमन जी 29 अप्रैल के बाद प्रयास करते हैं।
Thanks so Much Sir Ji
🙏
Thanks sir ji
Thanx sir
🌹🙏🌹
Gd mrg sir
सुप्रभात अनिता जी।
Thank you sir
Thanks sir ji
साधुवाद मनीषा।
Thanks sir
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