बाबा जी की पिछले साल तबियत गड़बड़ हुई थी,,, और तबसे बाबा दिन प्रतिदिन वृद्ध हो रहे हैं..., चिंता होती है,,, ईश्वर इन्हें दीर्घायुर्घायु दीर्घायु दीर्घायु करें🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नतमस्तक गुरूजी आपकी जरूरत ज्यादा से ज्यादा है आज के परिवेश में आपका ज्ञान राष्ट्रीय संपत्ति घोषित होना चाहिए और सभी लोगों तक पहुंचाना चाहीए । धन्यवाद प्रणाम 🙏
विज्ञान को भी ज्ञान के द्वारा समझा जा सकता है। गुरु जी ने बिलकुल सही कहा है कि बिना मूल्यों के विज्ञान अभिशाप बन जाता है। सोशल मीडिया का ही उदाहरण लें। मूल्यों के साथ ही इसका सदुपयोग किया जा सकता है वर्ना दुरूपयोग ही दुरूपयोग। धन्यवाद।
@@riseofkshtriyas6240 सज्जन जी "परम" शब्द का तो संबंध ही एकमात्र प्रभु/भगवान्/ईश्वर से है, एक वही परम है शेष सभी उनके अंश मात्र। 🤗 नि:संदेह गुरुजी मेरे लिए सम्मानिय हैं, और इस समय तक मैंने कहीं ऐसा ज्ञानी पुरुष नहीं देखा। 🙏🙏
Manavta???😂😂😂😂 What is manavta??? Sirf "manav" kiu?? Baki praniyo ne kya bigarda he??? Kiu hum sirf insan ki fikar kare?? Tum insan ki fikar karte ho or bakra, murgi cow sabko marte ho agar yea mavta he to please i don't want manavta... Me rudrihiwadi hi theek hu...
@@rafalodeaogo3032 bc mene kab bola bakra mas khata hu ? Har kuch hi jod lete ho gobar buddhi se. Abhi vegetarian hu, thoda amir ho jaunga to vegan bhi banunga.
मेरे पास शब्द नहीं हैं धन्यवाद के लिए। मैं पिछले कई महीनों से बेहद उलझन भरी जिंदगी में फसा हुआ हूं। एक वीडियो से शुरू किया था दोपहर में और अभी रात के 1 बजे इस वीडियो पर एक ठहराव ले रहा हूं क्योंकि यही सीखा है इन पिछले 8 घंटों में ठहराव और मायने समय, जीवन और कर्म के। बेहद शुक्रिया सर इस चैनल के लिए और गुरु जी से मिलवाने के लिए। बहुत बहुत वक्त मन हल्का हुआ है काफी कुछ साफ दिखने लगा है। धन्यवाद प्रणाम।
Absolutely right!!!! After working in scientific community more than 35 years, I can say that value of life is the foundation of spiritual life . Saadar Pranam 🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Nature is never immoral. Only humans are immoral many times. How can we say that man is a spiritual evolution, when majority of humanity is involved in destruction?
Gita is science. Ref 4.1 , 4-2, There is a branch of science which studies human mind called Psychology which does scientific study. We can easily find moral values from there. It does not need God for moral values. It can happen that imaginary Allah gives approval for loot rape and killings. There would be many other things like Philosophy which can give moral values. If it can not then sure there is a scope of Moral Science. Students study in school.
@@sandeepsinghimt Why we have death penalty in Communist nation? Why modern weapons are used to kill unlimited number of people. You can see the dangerous weapons in Russia Ukraine war. There is no opposite in Religion. There is true and Untrue.
Religion ka matlb ye nahi hai ki allah ya ishwar ya koi aur supernatural power ko mano. Aur atheism ka mtlb ye nahi hai ki aap maanvta mtlb humanity ko mat mano. Jaise m ek agnostic hu.. pr human values aur humanity mujhko smjh aati hai.. hamara jeevan hamari soch se chalta hai. Kisi khuda ya bhagwan se nahi.. aur dharm ka arth hota hai jeevan me achhi achhi cheeze ko dharan kro.. jaise dharm k 10 lakshan hote hai wahi dharm hai.. koi pooja ya ibaadat krna dhram nahi.. Aap smjh rhe honge me kya kh rha hu.
@@prashant231991 आप जो कहना चाह रहे हैं वो बिलकुल एकपक्षीये सिद्धांत है जो स्वघोषित अग्नोस्टिक लोग अक्सर देते हैं , इंसान के अंदर पूजा करने या इबादत करने की जो प्रकृति है वो उसकी बेहतरी के लिए है न की अन्धविश्वाश के लिए , भक्ति प्रेम की पराकाष्ठा है और इसके लिस शांत चित्त होना और भोले मन का होना आवश्यक है , आप भक्ति कर पाने में अक्षम हैं तो आप इसको अलग नज़र से देखते हैं फिर उसको गलत साबित करने के लिए सौ प्रकार के तर्क देते हैं , आप जब परिक्षण करेंगे इस बारे में की आप क्या हैं तो पहला उत्तर होगा की आप मानव हैं पर एक मानव का उचित मूल्यों में मानव बन पाना सबसे कठिन है , अगर आपका सृजन आपके माता पिता से हुआ है तो आपके उसी सृजित शरीर को जीवित रखने के लिए जो आंतरिक व्यवस्था की गयी है क्या वो आपके वश में है? भक्ति करने , मंत्रोच्चारण करने और मूर्तिपूजा के पीछे एक व्रिहद विज्ञान है , आप सामान्य रूप से ये कर रहे हैं कि आप समझने लगे हैं कि जिस शरीर के संचालन भी कर पाने की क्षमता आपमें नहीं है आप स्वयं को उसका मालिक समझ बैठे हैं , क्या है जो इस पूरे सृष्टि को संचालित कर रहा है ? क्या ये मानवीय मर्यादा के अंदर है ? भक्ति करना या इबादत करना सामान्य रूप से उस ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करना है , मानवता तो किसी भी मानव की सबसे आधारभूत चेतना है और ये धर्म का एक छोटा सा आयाम मात्र है, धर्म इससे काफी विस्तृत विषय और आचरण है , इसे अपने सीमित सोच की सूक्ष्मता से परिभाषित न करें , संभवतः आप आपने अंतःकरण के जितने समीप होंगे धर्म आपके लिए उतना ही सरल और ग्राह्य बन जाएगा। आदर सहित , नमस्कार।
@@prashant231991 जी, सादर प्रणाम। द्विवेदी जी इसे घमंड या अपमान मत समझियेगा पर मेरा भी मानना है कि विज्ञान से परे कुछ भी नहीं है, आस्था, भक्ति, धर्म भी नहीं..! आप मुझे भी वही सब कह सकते हैं जो अपने ऊपर भाई साहब के लिए लिखा है। पर सत्य ये भी है कि इस ब्रह्मांड में सभी घटनाएं किसी न किसी सत्य या तथ्य के रूप में विद्धमान हैं और जब हम उस तथ्य को जान लेते हैं तो वह तथ्य रूपी ज्ञान विशिष्ट ज्ञान या विज्ञान बन जाता है और हम उसका अपने जीवन में उसका उपयोग करते हैं। भक्ति, आस्था, धर्म आदि इन सभी मे भी विज्ञान शामिल है, हाँ हम वर्तमान तक उस गहराई तक नहीं पहुंच पाए हैं जहां हम हर सवाल को तथ्यपूर्ण तरीके से समझा पाएं पर इसका मतलब ये नहीं कि जहां बुद्धि काम न करे तो वहाँ विज्ञान समाप्त हो गया है और अब तथ्य से आंखें बंद कर ली जाएं। आस्था भी विज्ञान का ही भाग है, क्योंकि प्रत्येक आस्था के पीछे कोई न कोई तर्क/तथ्य या उद्देश्य है और जहां तथ्य है वहां विज्ञान है। अतः आस्था जीवन का महत्वपूर्ण भाग है लेकिन अंधविश्वास और आस्था में अंतर को समझते हुए तथ्यपूर्ण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण कार्य किये जायें और प्रोत्साहित किये जाएं। अपने विचारों को रखने में यदि कुछ त्रुटि या अपशब्द आया हो तो क्षमा करें..।
sahi baat hai guruji... jab mai science parhta tha to bahot saare sawal aate rahte the... aur har sawal mujhe ishwar se door kar raha tha....par jaise hi mai bara huya to pata chala ki science to maaya hai....Kalyug ka maaya... nahi maaya se ladna hai aur nahi maaya ko apnana.... bahot bahot sukriya ish vedio k liye aur darwin ki murakhta prakashit karne k liye..
मेरे भितर जो शांती बसी है उसका कारण ये चॅनल aur गुरुजी है...बचपन से मे कै सारे प्रश्र्नो से झुंज रहा था...गुरुजी ने इस चॅनल पे आ कर समाधान कर दिया... मै बहुत बहुत आभारी हुं ...ईश्वर आपको शांती दे गुरुजी..आप अमर है
हिंदू धर्म के व्यवहारिक चरित्र में बदलाव की जरूरत है। जैसे वायरस या किसी बीमारी से बचाव के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए वैसे ही धर्म के बचाव के लिए इसके प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होनी चाहिए। jai shree ram...
मैं गुरुजी से क्षमा याचना करते हुए ये comment देना चाहता हूँ क्योंकि मैं उनके उमर का reference दे रहा हूँ। आज उमर के इस पड़ाओ पे जिस तरह से हर नाम, हर शेर, हर बात बिना कुछ देखे अपने स्मरण शक्ति से बोल देते हैं ये साक्षात उनके अंदर की दैविक शक्ति को उजागर करता है। प्रणाम
डॉक्टर सिन्हा साहब ने सही समझाया।विज्ञान जीवन मूल्यों को उपेक्षित करता है।विज्ञान और केवल विज्ञान का अध्ययन करने वाला जीवन मूल्यों को नहीं समझ सकता। अध्यात्म एवं विज्ञान के अध्ययन का संतुलित होना आवश्यक है।
आप महान है, मुझे आपको बहुत देखना होगा अगर थोड़ा बहुत ठीक होना है । धन्यवाद उनका जो इन जैसे महान गुरु जी को इस मंच पर लाए जिससे कि हम जैसे अधम लोग निरन्तर लाभान्वित हो रहे है।🙏🙏
I have seen most of the videos of this Astonishing teacher. In this case i think he has mixed two things. Yes of course science cannot give ethics it can merely provide facts . Facts related to life. Ethics is a different issue, but if someone says that life originated by chance, it does not mean that the morality factor becomes zero. And so as to differentiate between the relation of a dog with his mother and the relation of a boy with his mother one would need the help of church. Morality is a human phenomenon. Just because someone does not believe in the existence of some super power does not necessarily mean that he does not believe in social relation and their values. and of course we cannot neglect the harm done by the church in the name of God to humanity. HS sinha Ji you are a gem. Really enjoy watching your videos.
गुरुजी को और उनके सभी दर्शकों और उन पिता को सादर प्रणाम जिन्होंने ये प्रश्न किया था। मैं गुरुजी या आप सभी जितना ज्ञानी तो नहीं पर उन पिता को मैं ये कहना चाहुंगा कि उनका पुत्र यदि अपने पिता के विचारों में मान्य "तथाकथित धर्म" का पालन नहीं कर रहा तो यह नहीं कहा जा सकता कि उनका पुत्र सही राह पर नहीं है पर इस राह पर यदि वह कुछ अनैतिक करता है तो यह क्रिया ये प्रदर्शित करेगी कि उस पुत्र का विज्ञान का ज्ञान पूर्ण नहीं है वह अधूरा है। क्योंकि पूर्ण विज्ञान भी आगे जाकर मनुष्य के जीवन के विकास पर ही जाता है जिसके लिए "समाज" जैसी व्यवस्था बनाई गई है। और इस समाज नामक व्यवस्था को चलाने के लिए "कुछ भी" कार्य करने का जो "तरीका" बताया है वो "धर्म" है। हालांकि धर्म के साथ दुखद बात ये हो चुकी है कि वर्तमान में इसे राम, अल्लाह, यीशु या गुरु नानक की मूर्ति के आगे बैठकर उनकी आराधना करने तक सीमित कर दिया गया है। जबकि धर्म बहुत ही अभिन्न अंग है जीवन का । इस प्रकृति का कोई भी जीव धर्म से परे है ही नहीं, चाहे वह खुद को धार्मिक कहे अथवा नहीं, क्योंकि प्रत्येक वह जीव जो अपनी बुद्धि और विवेक से किसी कार्य को सम्पन्न करता है वह धर्म का पालन कर रहा है। तो यहां इन पिता को चिंता की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यदि उनका पुत्र वास्तविक विज्ञान को पढ़ रहा है और अनुभव कर रहा है तो वह ज्ञान बढ़ने पर धर्म, जिसमें तथ्य होंगे, की ओर, स्वतः ही आ जायेगा परंतु यदि वह पुत्र और उनके पिताजी अपने जीवन मे धर्म की सही परिभाषा नहीं समझ पाए तो पिता को पुत्र अधर्मी दिखेगा और पुत्र "धर्म" नाम के एक ऐसे अभिन्न तत्व से स्वयं को अलग मानता रहेगा जो कि उसके जीवन मे प्राणवायु (ऑक्सिजन) की तरह शामिल है। मेरे इन विचारों का उद्देश्य किसी का अपमान करना या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बस मैंने अपने विचार रखे हैं।
❤HS Sinha ji , I heard this whole VDO , full of knowledge and information and came to know that you are worthy of being called a **Guru**… you have surpassed , Acharya Rajneesh …… You too deserve the rank of **Acharya**…………thanks . Jagtar Singh USA
Pranam Acharya! 🙏🙏😊😊 Joi Maa Kaali!!! 🙏🙏 Also... the greatest values a human can get... is from Sanatan Dharma! Still now... there is no other faith... or culture... that can come close to the values of Sanatan Dharma.
Very educative guruji❤❤🙏🙏 Religion without scientific temper is superstitious, obscurantist, chauvinist, narrow and inhuman too. Universal Humanist Values are spiritual & provide meaning to life, dignity, freedom of choice, responsibilities, synchronous life with nature.They are better learnt from parenting, education, democratic socialisation, exposure to cross sectional cultures, humanities like sociology, philosophy, psychology ect. They make one a better human being than superstitious, obscurantist & irrational religion. 🙏🙏
in the name is sanathanam dharma & spreading intolerance, hatred our RSs & BJP making hindhus worst than animal. do we need such Dharna. More than 50% of BJP s elected representatives have cases even criminal cases etc. do we need such religion which cannot induce decipline. So, religion is tool in the hand of haves .. No need of religions . it should be replaced by lovable, dignified humanism
One great Yogi, Shri S N Tavariaji explained me , " If a Monkey - Hanumanji can evolve spiritually and attend Godhood, we are human beings we can also attend Godhood! Hence Darwin's theory only explain physical evolution but real growth of human being is spiritual growth and higher awareness and hence it's not only possible but equally important to move on the path of spirituality which is the purpose of birth and death."
हम विज्ञान द्वारा बनाये गए मोबाइल,यू ट्यूब,कंप्यूटर,लैपटॉप आदि द्वारा इस बात को जान कर अत्यन्त ज्ञानोदित महसूस कर रहें हैं कि विज्ञानं मनुष्य को पशु बना रहा है।
आपने शायद गुरुजी की बात को समझा ही नहीं या फिर समझना ही नही चाहते। हम विज्ञान का भी उपयोग सही तरीके से सही उद्देश्य से तभी कर सकते हैं जब हम धर्म से जुड़े हो।
गुरु जी अगर सोशल मीडिया ना होता तो आप जैसे ज्ञानी व्यक्ति के वचन सुनने को ना मिलते 🙏
Bhai tujhme gahrai hai science aur dharm dono ki tarif ek hi bat me kar di
Itne Mahan atma mahagyani ko ham sun rehehen yekin nehi hota. Itni saral bhasa me itni geherai tathya ko samjha rehehen guruji yekin mehin hota. Apka Charan spars karti hun. Ashirvad dijiye.
Shi bola bahi g 🙏 aaj ye gyaan milna bhot mushkil ho gya lakin ab ye lgta hai ki phr se ye gyaan ek aasha ki kiran bnakr prkat ho rha hai 🙏
Yes
M aap sab logo se request krunga
Kiuki guruji aaj hamare bich nhi hai
To kyo naa hum sab log padhna shuru kre
Jisse hum jeevan ko vistar se Jaan ske
गुरु जी सच्चे गुरु हैं, मैं इनके इल्म और सादगी को सलाम करता हूं,
गुरु जी से मिलने कहा आऐ
Guru jii 8 fb 2023 ko Braham tatav main leen ho gaye the🙏🙏@@kisorilalkisorilalBishnoi
बाबा जी की पिछले साल तबियत गड़बड़ हुई थी,,, और तबसे बाबा दिन प्रतिदिन वृद्ध हो रहे हैं..., चिंता होती है,,, ईश्वर इन्हें दीर्घायुर्घायु दीर्घायु दीर्घायु करें🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
He is National treasure of knowledge... god bless Indias Socrates...
🙏🙏
He is not original.
नतमस्तक गुरूजी
आपकी जरूरत ज्यादा से ज्यादा है आज के परिवेश में आपका ज्ञान राष्ट्रीय संपत्ति घोषित होना चाहिए और सभी लोगों तक पहुंचाना चाहीए ।
धन्यवाद प्रणाम 🙏
क्या बात है!! कभी ऐसा तर्क नहीं सुना, डार्विन vs रिलीजन पर। बहुत खूब!
गुरु जी की तो बात ही अलग है। मैं तो विकास जी के भी ॠणी हूँ जिनके माध्यम से ऐसे महापुरुष से संपर्क हो पाया।
प्रणाम प्रणाम🙏🙏🙏
bilkul sahi baat
Yes Absolutely... 🙏
@@TheQuestURL ,
Kon si video vikas ji ne inka jikr kiya hai. Kriya saja kry
विज्ञान को भी ज्ञान के द्वारा समझा जा सकता है। गुरु जी ने बिलकुल सही कहा है कि बिना मूल्यों के विज्ञान अभिशाप बन जाता है। सोशल मीडिया का ही उदाहरण लें। मूल्यों के साथ ही इसका सदुपयोग किया जा सकता है वर्ना दुरूपयोग ही दुरूपयोग।
धन्यवाद।
आप जैसे सच्चे ज्ञानी ही धर्म और विज्ञान मे धर्म को महान सिद्ध करने मे सक्षम है। हे धर्मात्मा आपको कोटी कोटी प्रणाम एवं आभार ।
विकास जी आपका बहुत बहुत आभार कि आपने फिर से गुरू जी के दर्शन कराए। गुरू जी को मेरी ओर से चरणस्पर्श कह दीजिएगा।🙏🙏
गुरुजी भयंकर ज्ञानी हैं 🙏
प्रभु से प्रार्थना है सदा स्वस्थ रहें गुरुजी और अपने ज्ञान की ज्योति से सभी को प्रकाशित करते रहें। ✨
हरे कृष्णा 🙏
भयंकर ज्ञानी नही परम ज्ञानी कहते है।
@@riseofkshtriyas6240 सज्जन जी "परम" शब्द का तो संबंध ही एकमात्र प्रभु/भगवान्/ईश्वर से है, एक वही परम है शेष सभी उनके अंश मात्र। 🤗 नि:संदेह गुरुजी मेरे लिए सम्मानिय हैं, और इस समय तक मैंने कहीं ऐसा ज्ञानी पुरुष नहीं देखा। 🙏🙏
न भयंकर न परम, गुरु जी महाज्ञानी हैं,
@@MalangHarshit मैं आपकी बात से सहमत हूं,
@@mushirhasan3281 ji bhai 🙏🤗
मैं एक तार्किक व नास्तिक होते हुए भी गुरुजी की हर बात से सहमत हूँ । दरअसल हमें किसी ईश्वर की नही बल्कि बेहतर मानवता की जरूरत है ।
ईश्वर(धर्म) मानवता का विरोधी नहीं। इसकी निम्न स्तरीय व्याख्या जड़ता और अंधविश्वास पैदा करती है।
@@TamsoMaJyotirgamay एकदम सही
Manavta???😂😂😂😂 What is manavta??? Sirf "manav" kiu?? Baki praniyo ne kya bigarda he??? Kiu hum sirf insan ki fikar kare?? Tum insan ki fikar karte ho or bakra, murgi cow sabko marte ho agar yea mavta he to please i don't want manavta... Me rudrihiwadi hi theek hu...
ये "मानवता" "इन्सानियत" बोलकर तुम क्रिश्चियन इस्लामिक एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहे हो । तार्किकता का घमंड रखने वाला कभी तार्किक नहीं हो सकता ।
@@rafalodeaogo3032 bc mene kab bola bakra mas khata hu ? Har kuch hi jod lete ho gobar buddhi se. Abhi vegetarian hu, thoda amir ho jaunga to vegan bhi banunga.
विज्ञान अपनी जगह ईमानदार है वो हमे भौतिकता का सच सिखाता है, लेकिन साथ ही विज्ञान हमे धर्म, प्रेम, करुणा, इंसानियत, नैतिकता नहीं सीखा सकता 🙌
मेरे पास शब्द नहीं हैं धन्यवाद के लिए। मैं पिछले कई महीनों से बेहद उलझन भरी जिंदगी में फसा हुआ हूं। एक वीडियो से शुरू किया था दोपहर में और अभी रात के 1 बजे इस वीडियो पर एक ठहराव ले रहा हूं क्योंकि यही सीखा है इन पिछले 8 घंटों में ठहराव और मायने समय, जीवन और कर्म के। बेहद शुक्रिया सर इस चैनल के लिए और गुरु जी से मिलवाने के लिए।
बहुत बहुत वक्त मन हल्का हुआ है काफी कुछ साफ दिखने लगा है। धन्यवाद प्रणाम।
Absolutely right!!!! After working in scientific community more than 35 years, I can say that value of life is the foundation of spiritual life . Saadar Pranam 🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
yahe scach hai .
Nature is never immoral. Only humans are immoral many times. How can we say that man is a spiritual evolution, when majority of humanity is involved in destruction?
Gita is science. Ref 4.1 , 4-2, There is a branch of science which studies human mind called Psychology which does scientific study. We can easily find moral values from there. It does not need God for moral values. It can happen that imaginary Allah gives approval for loot rape and killings. There would be many other things like Philosophy which can give moral values. If it can not then sure there is a scope of Moral Science. Students study in school.
Science does not ask for killing people of opposite religion.
@@sandeepsinghimt Why we have death penalty in Communist nation? Why modern weapons are used to kill unlimited number of people. You can see the dangerous weapons in Russia Ukraine war. There is no opposite in Religion. There is true and Untrue.
Beautiful explanation by Guruji, as I'm an atheist but this explanation change my way to see the importance of any religion in our society
Religion ka matlb ye nahi hai ki allah ya ishwar ya koi aur supernatural power ko mano. Aur atheism ka mtlb ye nahi hai ki aap maanvta mtlb humanity ko mat mano.
Jaise m ek agnostic hu.. pr human values aur humanity mujhko smjh aati hai.. hamara jeevan hamari soch se chalta hai. Kisi khuda ya bhagwan se nahi.. aur dharm ka arth hota hai jeevan me achhi achhi cheeze ko dharan kro.. jaise dharm k 10 lakshan hote hai wahi dharm hai.. koi pooja ya ibaadat krna dhram nahi..
Aap smjh rhe honge me kya kh rha hu.
@@prashant231991 आप जो कहना चाह रहे हैं वो बिलकुल एकपक्षीये सिद्धांत है जो स्वघोषित अग्नोस्टिक लोग अक्सर देते हैं , इंसान के अंदर पूजा करने या इबादत करने की जो प्रकृति है वो उसकी बेहतरी के लिए है न की अन्धविश्वाश के लिए , भक्ति प्रेम की पराकाष्ठा है और इसके लिस शांत चित्त होना और भोले मन का होना आवश्यक है , आप भक्ति कर पाने में अक्षम हैं तो आप इसको अलग नज़र से देखते हैं फिर उसको गलत साबित करने के लिए सौ प्रकार के तर्क देते हैं , आप जब परिक्षण करेंगे इस बारे में की आप क्या हैं तो पहला उत्तर होगा की आप मानव हैं पर एक मानव का उचित मूल्यों में मानव बन पाना सबसे कठिन है , अगर आपका सृजन आपके माता पिता से हुआ है तो आपके उसी सृजित शरीर को जीवित रखने के लिए जो आंतरिक व्यवस्था की गयी है क्या वो आपके वश में है? भक्ति करने , मंत्रोच्चारण करने और मूर्तिपूजा के पीछे एक व्रिहद विज्ञान है , आप सामान्य रूप से ये कर रहे हैं कि आप समझने लगे हैं कि जिस शरीर के संचालन भी कर पाने की क्षमता आपमें नहीं है आप स्वयं को उसका मालिक समझ बैठे हैं , क्या है जो इस पूरे सृष्टि को संचालित कर रहा है ? क्या ये मानवीय मर्यादा के अंदर है ? भक्ति करना या इबादत करना सामान्य रूप से उस ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करना है , मानवता तो किसी भी मानव की सबसे आधारभूत चेतना है और ये धर्म का एक छोटा सा आयाम मात्र है, धर्म इससे काफी विस्तृत विषय और आचरण है , इसे अपने सीमित सोच की सूक्ष्मता से परिभाषित न करें , संभवतः आप आपने अंतःकरण के जितने समीप होंगे धर्म आपके लिए उतना ही सरल और ग्राह्य बन जाएगा। आदर सहित , नमस्कार।
@@prashant231991 जी, सादर प्रणाम।
द्विवेदी जी इसे घमंड या अपमान मत समझियेगा पर मेरा भी मानना है कि विज्ञान से परे कुछ भी नहीं है, आस्था, भक्ति, धर्म भी नहीं..! आप मुझे भी वही सब कह सकते हैं जो अपने ऊपर भाई साहब के लिए लिखा है। पर सत्य ये भी है कि इस ब्रह्मांड में सभी घटनाएं किसी न किसी सत्य या तथ्य के रूप में विद्धमान हैं और जब हम उस तथ्य को जान लेते हैं तो वह तथ्य रूपी ज्ञान विशिष्ट ज्ञान या विज्ञान बन जाता है और हम उसका अपने जीवन में उसका उपयोग करते हैं।
भक्ति, आस्था, धर्म आदि इन सभी मे भी विज्ञान शामिल है, हाँ हम वर्तमान तक उस गहराई तक नहीं पहुंच पाए हैं जहां हम हर सवाल को तथ्यपूर्ण तरीके से समझा पाएं पर इसका मतलब ये नहीं कि जहां बुद्धि काम न करे तो वहाँ विज्ञान समाप्त हो गया है और अब तथ्य से आंखें बंद कर ली जाएं।
आस्था भी विज्ञान का ही भाग है, क्योंकि प्रत्येक आस्था के पीछे कोई न कोई तर्क/तथ्य या उद्देश्य है और जहां तथ्य है वहां विज्ञान है।
अतः आस्था जीवन का महत्वपूर्ण भाग है लेकिन अंधविश्वास और आस्था में अंतर को समझते हुए तथ्यपूर्ण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण कार्य किये जायें और प्रोत्साहित किये जाएं।
अपने विचारों को रखने में यदि कुछ त्रुटि या अपशब्द आया हो तो क्षमा करें..।
Atheist are loosers who don't have motivation and power to know the truth beyond this 3D world's.
same here
We become what we think….Guruji aap ko naman
I am also student of genetics, and with the time science making me understand Dharma better and better.
Science without religion is lame, religion without science is blind
I'm also genetic only to bring new kinds of animals but consciousness only comes from bhakti.
kal mana iss topic par ek achary prashant ko sunna wo explain he nahi kar paya but guruji toh super duper gyani hai
Konsa vdo acharya prashant ka
गुरुदेव को शत-शत प्रणाम। गुरुदेव स्वस्थ रहें और इसी प्रकार हम लोगों को सदमार्ग दिखाते रहें। 🙏💐
Bht bht Sundar btaya apne Guruji.... Bilkul sahi kha apne...moral values k bina sansar m insaniyat khtm hojaegi
Humanity and Greatness and deep value of Dignity...
Man can survive without science, but Man can not survive without Dignity
आपकी विडियोस देख के हमारे मन में ऊर्जा आ जाती है ओर मनोबल बढ़ जाता है
जय श्री राम जी
🙏आपके बिचार को जिसनें भी समझा हैं उसके नैतिक मूल्यों पर बहुत सुन्दर प्रभाव पड़ेगा 👏👏👏❤
Guru ji pranam.
sahi baat hai guruji... jab mai science parhta tha to bahot saare sawal aate rahte the... aur har sawal mujhe ishwar se door kar raha tha....par jaise hi mai bara huya to pata chala ki science to maaya hai....Kalyug ka maaya... nahi maaya se ladna hai aur nahi maaya ko apnana.... bahot bahot sukriya ish vedio k liye aur darwin ki murakhta prakashit karne k liye..
मेरे भितर जो शांती बसी है उसका कारण ये चॅनल aur गुरुजी है...बचपन से मे कै सारे प्रश्र्नो से झुंज रहा था...गुरुजी ने इस चॅनल पे आ कर समाधान कर दिया... मै बहुत बहुत आभारी हुं ...ईश्वर आपको शांती दे गुरुजी..आप अमर है
कुछ मूर्ख थोड़े से ज्ञान को अंतिम ज्ञान समझकर जीने लगते हैं। पेरियार इसका जीता जागता उदाहरण है।
Dr.Sinha sahab is really a genius.I wish him good health for years to come. Thank you Quest for bringing such videos to us.
Inke lambi age ki.Dua karo....
इसीलिए कहा गया है कि ज्ञान ही मनुष्य को अज्ञानी बनाता है 🙏🏻🙏🏻
हिंदू धर्म के व्यवहारिक चरित्र में बदलाव की जरूरत है। जैसे वायरस या किसी बीमारी से बचाव के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए वैसे ही धर्म के बचाव के लिए इसके प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होनी चाहिए। jai shree ram...
Excellent comparison between Science and Spirituality. ❤️
गुरूजी और विकास जी के हम आभारी है 🙏
बहुत ही सुंदर तरीके से समझाया गया है, विज्ञान फैक्ट दे सकता है, लेकिन मूल्य नहीं दे सकता।
मैं गुरुजी से क्षमा याचना करते हुए ये comment देना चाहता हूँ क्योंकि मैं उनके उमर का reference दे रहा हूँ। आज उमर के इस पड़ाओ पे जिस तरह से हर नाम, हर शेर, हर बात बिना कुछ देखे अपने स्मरण शक्ति से बोल देते हैं ये साक्षात उनके अंदर की दैविक शक्ति को उजागर करता है। प्रणाम
बहुत बढ़िया।नैतिकता की शिक्षा तो धर्म ही देता है।
Superbly explained the essence of Science n religion , namaskar Dr.Sahab .
भगवान आपको स्वस्थ रखे आपके पास ज्ञान का भंडार हैं गुरु जी 🙏🙏🙏🙏
डॉक्टर सिन्हा साहब ने सही समझाया।विज्ञान जीवन मूल्यों को उपेक्षित करता है।विज्ञान और केवल विज्ञान का अध्ययन करने वाला जीवन मूल्यों को नहीं समझ सकता। अध्यात्म एवं विज्ञान के अध्ययन का संतुलित होना आवश्यक है।
@@amarnathrai2604 बिलकुल ठीक कहा
Thanks!
Pranam
Bahut bahut aabhar protsahan ke liye
🙏🌹🌹
Dharm here doesn't mean religion.. Here the word Dharm is more close to the word responsibility and practicing rightful living, right values.
Bilkul.. that's the thing every person should know..
Agree
Agree
Dharam also means properties ( çharacteristics )
Human can destroy science but science can't destroy human life...
Guru ji ko pranaam...
Be healthy ❤🙏
बहुत ही सही और सटीक विश्लेषण किया गया है 👌❣️
आप का ज्ञान बहुत उच्च स्तर का है भगवान आपको स्वास्थ्य रखें
Sir is super impressive..say my pranam 🙏💞
जीवन में आप जैसे गुरु का सानिध्य ही सही मार्ग पर ले जा सकता हैं🙏🏽
सिन्हा जी suubh, भावना
🙏🏽 गुरुजी आपकी वाणी हमेशा जिंदा है जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए the quest आपको बहुत बहुत साधुवाद
Saadar pranam Gurujii. Bahut sunder vishleshan
Vikas ji we are very thankful to you such a great and wonderful conversation with GURU ji on creation of life
आप महान है, मुझे आपको बहुत देखना होगा अगर थोड़ा बहुत ठीक होना है ।
धन्यवाद उनका जो इन जैसे महान गुरु जी को इस मंच पर लाए जिससे कि हम जैसे अधम लोग निरन्तर लाभान्वित हो रहे है।🙏🙏
I have seen most of the videos of this Astonishing teacher. In this case i think he has mixed two things.
Yes of course science cannot give ethics it can merely provide facts . Facts related to life.
Ethics is a different issue, but if someone says that life originated by chance, it does not mean that the morality factor becomes zero. And so as to differentiate between the relation of a dog with his mother and the relation of a boy with his mother one would need the help of church.
Morality is a human phenomenon. Just because someone does not believe in the existence of some super power does not necessarily mean that he does not believe in social relation and their values.
and of course we cannot neglect the harm done by the church in the name of God to humanity.
HS sinha Ji you are a gem. Really enjoy watching your videos.
Excellent very good thoughts 👍 thank nmame mathay bandame
गुरुजी को और उनके सभी दर्शकों और उन पिता को सादर प्रणाम जिन्होंने ये प्रश्न किया था।
मैं गुरुजी या आप सभी जितना ज्ञानी तो नहीं पर उन पिता को मैं ये कहना चाहुंगा कि उनका पुत्र यदि अपने पिता के विचारों में मान्य "तथाकथित धर्म" का पालन नहीं कर रहा तो यह नहीं कहा जा सकता कि उनका पुत्र सही राह पर नहीं है पर इस राह पर यदि वह कुछ अनैतिक करता है तो यह क्रिया ये प्रदर्शित करेगी कि उस पुत्र का विज्ञान का ज्ञान पूर्ण नहीं है वह अधूरा है। क्योंकि पूर्ण विज्ञान भी आगे जाकर मनुष्य के जीवन के विकास पर ही जाता है जिसके लिए "समाज" जैसी व्यवस्था बनाई गई है। और इस समाज नामक व्यवस्था को चलाने के लिए "कुछ भी" कार्य करने का जो "तरीका" बताया है वो "धर्म" है। हालांकि धर्म के साथ दुखद बात ये हो चुकी है कि वर्तमान में इसे राम, अल्लाह, यीशु या गुरु नानक की मूर्ति के आगे बैठकर उनकी आराधना करने तक सीमित कर दिया गया है। जबकि धर्म बहुत ही अभिन्न अंग है जीवन का । इस प्रकृति का कोई भी जीव धर्म से परे है ही नहीं, चाहे वह खुद को धार्मिक कहे अथवा नहीं, क्योंकि प्रत्येक वह जीव जो अपनी बुद्धि और विवेक से किसी कार्य को सम्पन्न करता है वह धर्म का पालन कर रहा है। तो यहां इन पिता को चिंता की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यदि उनका पुत्र वास्तविक विज्ञान को पढ़ रहा है और अनुभव कर रहा है तो वह ज्ञान बढ़ने पर धर्म, जिसमें तथ्य होंगे, की ओर, स्वतः ही आ जायेगा परंतु यदि वह पुत्र और उनके पिताजी अपने जीवन मे धर्म की सही परिभाषा नहीं समझ पाए तो पिता को पुत्र अधर्मी दिखेगा और पुत्र "धर्म" नाम के एक ऐसे अभिन्न तत्व से स्वयं को अलग मानता रहेगा जो कि उसके जीवन मे प्राणवायु (ऑक्सिजन) की तरह शामिल है।
मेरे इन विचारों का उद्देश्य किसी का अपमान करना या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बस मैंने अपने विचार रखे हैं।
गुरूदेव को प्रणाम, आप हमारे लिए असीम ज्ञान के भण्डार है। भगवान आप को स्वस्थ रखें व लम्बी उम्र दें।
I Love You Dadaji. May God give you a very very long life, so that you can teach us all.
प्रणाम आदरणीय गुरुजी 💐🙏
Excellent Sir.Many Many Thanksĺ for giving such GYAIN
मेरे विचार से हमारे लिए विज्ञान और स्पिरिचुअल दोनो बहत अव्यश्यक है
गुरुजी की एक्सप्लेनेशन बहुत जब्रत है ।🙏
Waaa maza aa Gaya ye gyani mahasay ko bhut gyaan hai har ek chiz I mean subject ka
गुरु जी चरण धोना चाहता हूं 🙏
इन के अन्य वीडियो भी देखिये।
@@धर्म्मभक्त जी में गुरु जी की कोई भी वीडियो मिस नई करता हू 🙏
Altmash bhai bhut bhut shukriya, swagat
Guru ji kot kot pernam waheguru ji chardikla bakhshan tandrusti bakshan ji .this song
Thanks
Great knowledge guruji, as ever.
Speachless after listening to Guruji ...Guruji we will always miss you and your valuable knowledge। Thank You so much
गुरूजी आज गुरु का भी
और गुरु के ग्यान का भी दर्शन करा दिया
कोटी कोटी प्रणाम...
दंडवत प्रणाम
wah lala ge . kamal ke batain .
दुर्भाग्य है मेरा, मैं गुरुजी से मिल नही पाया. लेकीन धन्यवाद THE QUEST का.
🙏🙏...great source of core knowledge of life....
Pranam guru ji ❤❤❤
Dil khush ho gaya sunkar
हे ज्ञान के पुंज , हे महामानव , सूर्य की भांति सदा आपका अलौकिक ज्ञान यूंही हम अज्ञानियो को भरता रहे
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤ विकास बेटा आप कितने भाग्यशाली हो 🎉🎉🎉 आभार अभिनंदन आपका बेटा।
❤HS Sinha ji , I heard this whole VDO , full of knowledge and information and came to know that you are worthy of being called a **Guru**… you have surpassed , Acharya Rajneesh …… You too deserve the rank of **Acharya**…………thanks . Jagtar Singh USA
Pranam Acharya! 🙏🙏😊😊 Joi Maa Kaali!!! 🙏🙏 Also... the greatest values a human can get... is from Sanatan Dharma! Still now... there is no other faith... or culture... that can come close to the values of Sanatan Dharma.
What an exceptional explanation. I can listen to Prof. Sinha all day.
interviewer ka bhi thnx . sir k gyaan ko aapne hmaar tak phuchaya . sukriya sir 👏 . mere bhi bhut bade swalo ka jwab mil gya 21 minute me❤❤❤
🙏🙏🙏
वाह गुरु जी perfect explanation.....
Guru ji Aapko Sadar Parnaam.
So much wisdom 🙏🙏🙏
The interviewer is so lucky to be interacting with such a wise person
॥ जय जय श्री राम जी ॥🚩
॥ जय जय श्री हनुमान जी ॥🚩
Very nice sir ! Thanks to Guru ji and Vikas ji👏👏
Sat sat pranam guruji
Aap bhut gyani ho...
Jai ho
आपको बहुत बहुत साधुवाद गुरूदेव 🙏🙏
OM GURUVE NAMAH, THANKS VIKAS SIR 😍😍🥰🥰😊😊🌹🌹🌻🌻🙏🙏
बहुत ही अच्छा प्रश्न और उत्तर कोटि कोटि प्रणाम है गुरु जी को
कुरूखेत्र की इस पावन धरती को कोटि कोटि प्रणाम ।
अद्भुत औऱ विलक्षण व्यक्तित्व। भारत के ऐसे महान विद्वान के श्री चरणों में प्रणाम।🙏
Simple but great human with extraordinary analysis of human philosophy.
Thank you Guruji. You have said it all and explained very well and wisely.
Guru ji ke charno me pranam itni deep knowledge koi nahi de sakta🙏🙏
उत्तम ज्ञान का सागर हैं डॉक्टर साहिब 🙏
Great philosopher of the day... Guruji
He is the kind of teacher whose feet you want to touch 🙏
What an awesome conversation.
I salute to both of you Guruji from bottom of my heart.
Pranam guruji, today I felt so enlighten first time in my life 🙏🙏 this does cleared similar thoughts i had in my mind
Very educative guruji❤❤🙏🙏
Religion without scientific temper is superstitious, obscurantist, chauvinist, narrow and inhuman too. Universal Humanist Values are spiritual & provide meaning to life, dignity, freedom of choice, responsibilities, synchronous life with nature.They are better learnt from parenting, education, democratic socialisation, exposure to cross sectional cultures, humanities like sociology, philosophy, psychology ect. They make one a better human being than superstitious, obscurantist & irrational religion. 🙏🙏
in the name is sanathanam dharma & spreading intolerance, hatred our RSs & BJP making hindhus worst than animal. do we need such Dharna. More than 50% of BJP s elected representatives have cases even criminal cases etc. do we need such religion which cannot induce decipline. So, religion is tool in the hand of haves .. No need of religions . it should be replaced by lovable, dignified humanism
गुरु देव आपका कोई भी जवाब नहीं है,
One great Yogi, Shri S N Tavariaji explained me , " If a Monkey - Hanumanji can evolve spiritually and attend Godhood, we are human beings we can also attend Godhood! Hence Darwin's theory only explain physical evolution but real growth of human being is spiritual growth and higher awareness and hence it's not only possible but equally important to move on the path of spirituality which is the purpose of birth and death."
Jai ho
Vanar also means who lives in forest.
Why only male had tail ? Why not female ?
50% logic + 50% emotions = wiseness .
Thanks babaji
Hanuman Ji is Incarnation of Lord Shiva rudra avtaar
Darwin theory is idiotic
हम विज्ञान द्वारा बनाये गए मोबाइल,यू ट्यूब,कंप्यूटर,लैपटॉप आदि द्वारा इस बात को जान कर अत्यन्त ज्ञानोदित महसूस कर रहें हैं कि विज्ञानं मनुष्य को पशु बना रहा है।
आपने शायद गुरुजी की बात को समझा ही नहीं या फिर समझना ही नही चाहते। हम विज्ञान का भी उपयोग सही तरीके से सही उद्देश्य से तभी कर सकते हैं जब हम धर्म से जुड़े हो।
Man ki bahut sari zigyasa ko shant karne ke liye dhanyvaad🙏🙏