परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है। जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी है। - पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7
पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब जी है जो सर्व लोकों में सभी जीव आत्माओं का धारण पोषण करता है। जिन मुझको निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार | दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सिरजन हार॥
सतगुरु मिले तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना। चल हंसा उस लोक पठाऊँ, जो आदि अमर अस्थाना।। इच्छा को केवल सतगुरु अथार्त् तत्वदर्शी संत ही समाप्त कर सकता है तथा यथार्थ भक्ति मार्ग पर लगा कर अमर पद अथार्त् पूर्ण मोक्ष प्राप्त कराता है।
সন্ত রামপাল জী-র উদ্দেশ্য হল, সমস্ত মানুষ, জাতি, ধর্ম, বর্ণ, নির্বিশেষে, তারা সকলেই এক পরমেশ্বর কবির সাহেবের উপাসনা করে এবং আমাদের আদি বাসস্থান সতলোকে ফিরে আসে যেখানে পরম শান্তি এবং সুখ আছে এবং সেখানে কোনো জন্ম-মৃত্যু নেই। संत रामपाल जी का उद्देश्य है कि सभी मानव चाहे वह किसी भी जाती, पंथ, रंग, धर्म के हो, वे सभी एक पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर लौटें जहां परम शांति व सुख है न जन्म है, न मृत्यु है।
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
कबीर परमात्मा सतलोक से चलकर आकर अच्छी आत्माओं को मिलते हैं और जिनका प्रमाण अपने सद ग्रंथों में किया हुआ है। ऋग्वेद मण्डल 9 सुक्त 96 मंत्र में लिखा हुआ है कि मनुष्य वस्त्र धारण करता है ऐसे अन्य शरीर धारण करके परमात्मा मानव रूप में पृथ्वी पर आता है और दृढ़ भक्तों को प्राप्त होता है।
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया। ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। कबीर परमेश्वर का जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ था, वे एकमात्र सर्वशक्तिमान व अविनाशी परमेश्वर हैं।
🌴सर्व खल्विदं पूर्णब्रह्रा कविर्देव🌴 कबीर साहेब का उच्च आध्यात्मिकता का प्रभाव युग युग में सर्व साधारण पर पड़ा। हिंदू मुस्लिम सभी उनके भक्त और शिष्य बने।सभी ने उनके मधुर स्वर व उपदेश का आनंद लिया और उनके बताए रास्ते पर चले।ठीक आज उसी तरह से संत रामपाल जी महाराज मानव कल्याण के लिए अवतरित हुए हैं।
कबीर साहेब जी जब मगहर गए थे, वहाँ एक आमी नदी जो शिवजी के श्राप से सूख गयी थी। उसी समय कबीर साहेब जी ने अपने आशीर्वाद से पानी से पूरी भटकर चलाया। आज भी वह नदी बह रही है।
#सच्चा_सतगुरु_कौन Sant Rampal ji Maharaj is the living embodiment of all the qualities of a Guru. He is the only one who can guide us on the path of true knowledge and salvation. Sant Rampal Ji Maharaj
World Savior Saint Rampal Ji कबीर जी पूर्ण परमात्मा है,यही पूजा के योग्य है। यही सिरजनहार है,यही हमारे पाप कर्मों का नाश करते हैं। कबीर जी ही हमारे सच्चे जीवनसाथी है।ये हम सबके पिता है।
सत्य भक्ति करे जो हंसा, तारूँ तास के इकोत्तर बंशा।। परमात्मा जी ने कहाँ है कि जो साधक शास्त्रोक्त सत्य साधना भक्ति करता है तो में उसकी एक सौ एक (101) पीढ़ी को संसार सागर से पार कर दूंगा यानी पूरे वंश का मोक्ष प्रदान कर दूंगा
क्या आप जानते हैं ? आज से 509 साल पहले कबीर परमेश्वर ने तथाकथित धर्मगुरुओं के षड्यंत्र को विफल करते हुए, 18 लाख लोगों के भंडारे का आयोजन किया था। आज उसी उपलक्ष्य में बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में, कई जगह पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा हे।
#GodKabir_Comes_In_All_4Yugas चारों युगों में अपनी प्यारी आत्माओं को पार करने आते हैं परमेश्वर कबीर जी परमात्मा कबीर जी सतयुग में सत सुकृत नाम से प्रकट हुए थे। उस समय अपनी एक प्यारी आत्मा सहते जी को अपना शिष्य बनाया और अमृत ज्ञान समझाकर सतलोक का वासी बनाया।
गरीब,अनंत कोटि ब्रह्मांड का , एक रत्ती नहीं भार, सतगुरु पुरुष कबीर है ,कुल के सिरजनहार ।। गरीब ,हम सुल्तानी नानक तारे ,दादू को उपदेश दिया ,जाति जुलाहा भेद न पाया, काशी Ptsd कबीर हुआ ।। कबीर ,और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सौ ज्ञान, जैसे गोला तोप का, करता चले मैदान।। 🙏🙏
World Savior Saint Rampal Ji गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में गीता ज्ञान दाता ने तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए कहा है कि वह संत संसार रूपी वृक्ष के प्रत्येक भाग अर्थात जड़ से लेकर पत्ती तक का विस्तारपूर्वक ज्ञान कराएगा।
#सच्चा_सतगुरु_कौन 👑Sant Rampal Ji Maharaj Parmeshwar Kabir ji has Said the Glory of the Guru,There is No 1 Better Than the The Guru tells the Path of Salvation in this Human Life.
कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले। ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
💰एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नहीं बनती।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
कबीर परमात्मा सर्व का पिता है। उसके प्राणियों को मारने वाले से वह कभी खुश नहीं होता। कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि। ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
#कबीरसाहेबजी_का_अद्भुत_ज्ञान कबीर साहेब जी का ज्ञान सबसे अनमोल है। क्योंकि सबसे पहले कबीर साहेब जी ने ही बताया कि, स्वर्ग में गए हुए जीव आत्माओं का भी जन्म होता है व मृत्यु होती है, उनका मोक्ष नहीं होता। बल्कि स्वर्ग में गए हुए जीव भी वापस लौटकर 84 लाख योनियों में चक्कर लगाते हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना है। 🎯नशा मुक्त समाज संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझने के बाद उपदेश प्राप्त करते ही हर प्रकार का नशा छूट जाता है। आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर लाखों अनुयायी नशा छोड़ चुके हैं।
पूर्ण परमात्मा की जानकारी तत्वदर्शी संत बता सकते हैं जो स्वंय पूर्ण परमात्मा ही होता है। आज पूरे विश्व में पूर्ण संत संत रामपाल जी महाराज जी हैं जो शास्त्रों के अनुसार भक्ति बताते हैं अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
⚡️कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले। ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
प्रमाण कबीर सागर, अगम निगम बोध पृष्ठ 38, मेरा नाम कबीरा हूँ जगत गुरू जाहिरा। तीन लोक में यश है मेरा त्रिकुटी है अस्थाना। पाँच-तीन हम ही ने किन्हें जातें रचा जिहाना।। गगन मण्डल में बासा मेरा नौवें कमल प्रमाना। ब्रह्म बीज हम ही से आया, बनी जो मूर्ति नाना।। संखो लहर मेहर की उपजें, बाजे अनहद बाजा। गुप्त भेद वाही को देंगे, शरण हमरी आजा।। भव बंधन से लेऊँ छुड़ाई, निर्मल करूं शरीरा। सुर नर मुनि कोई भेद न पावै, पावै संत गंभीरा।। बेद-कतेब में भेद ना पूरा, काल जाल जंजाला। कह कबीर सुनो गुरू रामानन्द, अमर ज्ञान उजाला।।
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
कबीर, गुरू गोविंद दोनों खड़े, किसके लागूं पाय। बलिहारी गुरू आपणा, गोविन्द दियो बताय।। बिन गुरू भजन दान बिरथ हैं, ज्यूं लूटा चोर। न मुक्ति न लाभ संसारी, कह समझाऊँ तोर।। कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो बेद पुरान।।😊
गरीब, सौ छल छिद्र मैं करूं, अपने जन के काज। हिरणाकुश ज्यूं मार हूँ, नरसिंघ धरहूँ साज।। संत गरीबदास जी ने बताया है कि परमेश्वर कबीर जी कहते हैं कि जो मेरी शरण में किसी जन्म में आया है, मुक्त नहीं हो पाया, मैं उसको मुक्त करने के लिए कुछ भी लीला कर देता हूँ। जैसे सतयुग में प्रहलाद भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह रूप धारण करके हिरण्यकशिपु को मारा था।
गुरू बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुष छड़े मूढ़ किसाना।
गुरू बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे न सार रहे अज्ञानी।
- पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज
सतगुरू पुरुष कबीर है चारों युग प्रमाण।
झूठे गुरुआ मर गये होगे भूत मशान।।
पूर्ण परमेश्वर कबीर भगवान की जय
कबीर, सतगुरु शरण में आने से, आई टले बलाय।
जै मस्तिक में सूली हो वह कांटे में टल जाय।।
जै सतगुरु का सगत करते सकल कमं कटि जाई अमर पुरि पर आसन होते जहां धूप न छ ई
परमात्मा स्वयं आते हैं। और शसरीर सतलोक जाते हैं।वर्तमान में सन्त रामपाल जी महाराज हैं।
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सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती हैं और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बगैर किसी चिंता के जीवन जीता है।
Bandi chhod kabirdev rampalji Maharaj supreme God ki charano me koti koti dandavat pranaam karti hu sat saheb ji ki jay ho
परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है। जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।
- पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7
🙏🏻सत साहेब जी 🙏🏻
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो प्रभु 🙇🙇🙇🪔🪔🪔🪔🪔🪔🙏🙏🙏
अलल पंख अनुराग है ,सुन मंडल रहे धीर ॥दास गरीब उदारिया ,सतगुरु मिले कबीर॥
पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
साहेब सद्गुरु साहेब जी कोटि कोटि बंदगी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान हैं
Purna parmatma kabir saheb ji 🙏🙏
बंदी छोड़ कबीर साहिब भगवान की जय हो बंदी चोर सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम मालिक परमात्मा सत साहेब
Sat saheb ji aap ne bhagat ji apni coment me kuch glti kerdi h esko theek kerne ki daya kare
शराब व अन्य विकारों में मानव जीवन को उलझाकर मानव को सद्भगति से दूर रखना काल की सुनियोजित चाल है।
भोली जनता काल कसाई की चाल में फंस रही है।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान।
झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।।
कबीर,सतगुरु के दरबार मे, जाइयो बारम्बार
भूली वस्तु लखा देवे, है सतगुरु दातार।
कबीर भगवान हैं हम सबको कबीर भगवान की भक्ति करनी चाहिए इसी में हमारा कल्याण है सब वेदों में प्रमाण है कि कबीर भगवान हैं
पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब जी है जो सर्व लोकों में सभी जीव आत्माओं का धारण पोषण करता है।
जिन मुझको निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार |
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सिरजन हार॥
सतगुरु की वाणी (सत्संग) हमारे मन के विकारों को दूर करके सद्विचारों का आलोक प्रसारित करती है।
सत्संग मोक्ष की धारा, कोई समझे राम का प्यारा ।।
कबीर अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं बार,सो तो एक कबीर है कुल का सिरजन हार
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगबान की जय हो 🙏🙏🙏👏👏👏सत साहेब गुरूजी ❤️❤️❤️
#SantRampalJiMaharaj
कबीर, हम ही अलख अल्लाह हैं, मूल रूप करतार।
अनंत कोटि ब्रह्मण्ड का, मैं ही सृजनहार।।
गरीब, अजब नगर में ले गए, हमको सतगुरु आन ।
झिलके बिम्ब अगाध गति, सुते चादर तान ।।
गरीब, शब्द स्वरूपी उतरे, सतगुरु सत कबीर ।
दास गरीब दयाल है, डिगे बँधावै धीर ।।
गरीब, अलल पंख अनुराग है, सुन मण्डल रह थीर ।
दास गरीब उधारिया , सतगुरु मिले कबीर ।।
कबीर साहेब ही पूर्ण परमेश्वर हैं
अनन्त कोटि ब्रह्मांड का एक रति नहीं भार सतगुरु पुरुष कबीर हैं कुल के सृजनहार ।।
सतगुरु मिले तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना।
चल हंसा उस लोक पठाऊँ, जो आदि अमर अस्थाना।।
इच्छा को केवल सतगुरु अथार्त् तत्वदर्शी संत ही समाप्त कर सकता है तथा यथार्थ भक्ति मार्ग पर लगा कर अमर पद अथार्त् पूर्ण मोक्ष प्राप्त कराता है।
সন্ত রামপাল জী-র উদ্দেশ্য হল, সমস্ত মানুষ, জাতি, ধর্ম, বর্ণ, নির্বিশেষে, তারা সকলেই এক পরমেশ্বর কবির সাহেবের উপাসনা করে এবং আমাদের আদি বাসস্থান সতলোকে ফিরে আসে যেখানে পরম শান্তি এবং সুখ আছে এবং সেখানে কোনো জন্ম-মৃত্যু নেই।
संत रामपाल जी का उद्देश्य है कि सभी मानव चाहे वह किसी भी जाती, पंथ, रंग, धर्म के हो, वे सभी एक पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर लौटें जहां परम शांति व सुख है न जन्म है, न मृत्यु है।
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड में ऐक रति नहीं भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सीर्जनहार
Jai bandi chhod sant Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho
बंदी छोड सतगुरु देव रामपाल जी भगवान की जय हो
कबीर परमात्मा सतलोक से चलकर आकर अच्छी आत्माओं को मिलते हैं और जिनका प्रमाण अपने सद ग्रंथों में किया हुआ है। ऋग्वेद मण्डल 9 सुक्त 96 मंत्र में लिखा हुआ है कि मनुष्य वस्त्र धारण करता है ऐसे अन्य शरीर धारण करके परमात्मा मानव रूप में पृथ्वी पर आता है और दृढ़ भक्तों को प्राप्त होता है।
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
कबीर परमेश्वर का जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ था, वे एकमात्र सर्वशक्तिमान व अविनाशी परमेश्वर हैं।
सत्य नारायण " कबीर साहेब जी " कि जय हो !🙏🙏🙏🙏👌👌🌹🌹❤️❤️
🌴सर्व खल्विदं पूर्णब्रह्रा कविर्देव🌴
कबीर साहेब का उच्च आध्यात्मिकता का प्रभाव युग युग में सर्व साधारण पर पड़ा। हिंदू मुस्लिम सभी उनके भक्त और शिष्य बने।सभी ने उनके मधुर स्वर व उपदेश का आनंद लिया और उनके बताए रास्ते पर चले।ठीक आज उसी तरह से संत रामपाल जी महाराज मानव कल्याण के लिए अवतरित हुए हैं।
कबीर साहेब जी जब मगहर गए थे, वहाँ एक आमी नदी जो शिवजी के श्राप से सूख गयी थी। उसी समय कबीर साहेब जी ने अपने आशीर्वाद से पानी से पूरी भटकर चलाया। आज भी वह नदी बह रही है।
🪕गुरु के समान कोई तीर्थ नहीं
श्री नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी के पृष्ठ 437 पर कहा है:-
नानक गुरु समानि तीरथु नहीं कोई साचे गुरु गोपाल।
#सच्चा_सतगुरु_कौन
Sant Rampal ji Maharaj is the living embodiment of all the qualities of a Guru. He is the only one who can guide us on the path of true knowledge and salvation.
Sant Rampal Ji Maharaj
भाई कबीर साहेब तो संत रामपाल जी महाराज के भेष में आए हुए हैं पहचान सको तो पहचान लो कहीं देर ना हो जाए❤🙏🙏🙏❤
कबीर परमेश्वर की जय 👪🙏
World Savior Saint Rampal Ji
कबीर जी पूर्ण परमात्मा है,यही पूजा के योग्य है। यही सिरजनहार है,यही हमारे पाप कर्मों का नाश करते हैं। कबीर जी ही हमारे सच्चे जीवनसाथी है।ये हम सबके पिता है।
Sat sahib rampal ji ki or Kabir ki jai ho 💕💗😮😢🙏🙏🙏🙏🥹🙏🙏🙏🙏❤❤❤😢😢😢😢🌹🌹🌹🌼
जो पापियों के खिलाफ साजिश रचने को सजा कर देंगे अपने प्रभु परमेश्वर
हमही अलख अल्लाह है कुतुब गौश और पीर,
गरीबदास खालिक धनी हमारा नाम कबीर
वेदों में वर्णित ज्ञान है 🙏🙏🙏
Kabir is supreme god
सत्य भक्ति करे जो हंसा, तारूँ तास के इकोत्तर बंशा।।
परमात्मा जी ने कहाँ है कि जो साधक शास्त्रोक्त सत्य साधना भक्ति करता है तो में उसकी एक सौ एक (101) पीढ़ी को संसार सागर से पार कर दूंगा यानी पूरे वंश का मोक्ष प्रदान कर दूंगा
क्या आप जानते हैं ?
आज से 509 साल पहले कबीर परमेश्वर ने तथाकथित धर्मगुरुओं के षड्यंत्र को विफल करते हुए, 18 लाख लोगों के भंडारे का आयोजन किया था।
आज उसी उपलक्ष्य में बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में, कई जगह पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा हे।
#GodKabir_Comes_In_All_4Yugas
चारों युगों में अपनी प्यारी आत्माओं को पार करने आते हैं परमेश्वर कबीर जी
परमात्मा कबीर जी सतयुग में सत सुकृत नाम से प्रकट हुए थे। उस समय अपनी एक प्यारी आत्मा सहते जी को अपना शिष्य बनाया और अमृत ज्ञान समझाकर सतलोक का वासी बनाया।
अम्मर नारायण " कबीर साहेब जी " कि जय हो ! 🙏🙏🙏🙏👌👌🌹🌹❤️❤️
गरीब,अनंत कोटि ब्रह्मांड का ,
एक रत्ती नहीं भार, सतगुरु पुरुष कबीर है ,कुल के सिरजनहार ।।
गरीब ,हम सुल्तानी नानक तारे ,दादू को उपदेश दिया ,जाति जुलाहा भेद न पाया, काशी Ptsd कबीर हुआ ।।
कबीर ,और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सौ ज्ञान, जैसे गोला तोप का, करता चले मैदान।। 🙏🙏
इस धरती पर एक संत रामपाल जी महाराज जी एक संत हैं जो सत् ज्ञान दे रहे है और सत् ज्ञान समझो और जीवन का कल्याण कराओ ये समय फिर नहीं मिलेगा फिर तो पछताओगे
World Savior Saint Rampal Ji
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में गीता ज्ञान दाता ने तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए कहा है कि वह संत संसार रूपी वृक्ष के प्रत्येक भाग अर्थात जड़ से लेकर पत्ती तक का विस्तारपूर्वक ज्ञान कराएगा।
शत शत नमन असीमित अथाह प्यार परमेश्वर कबीर गरीब दास धर्मदास नानक रामदेवानन्द सन्त रामपाल महाराज पूर्ण परमेश्वर नमन
Sat guru Rampal ji Maharaj ki Jay Ho
बंदी छोड़ कबीर साहिब की जय
#सच्चा_सतगुरु_कौन
👑Sant Rampal Ji Maharaj
Parmeshwar Kabir ji has Said the Glory of the Guru,There is No 1 Better Than the The Guru tells the Path of Salvation in this Human Life.
सारे खंड और ब्रह्मांड कबीर परमेश्वर की कृपा से हैं
कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
💰एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नहीं बनती।
बन्दी छोड़ सत गुरु रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो बंदी छोड़ कबीर साहब पूर्ण परमात्मा जी की जय हो
❤❤❤🙏🙏🙏🙏 परमपिता परमात्मा पूर्ण ब्रह्म कबीर साहिब की जय 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹☘️🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
कबीर परमात्मा सर्व का पिता है। उसके प्राणियों को मारने वाले से वह कभी खुश नहीं होता।
कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि।
ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
Sat sahib ji
Waheguruji Waheguruji Waheguruji Waheguruji Waheguruji Waheguruji Waheguruji Waheguruji Waheguruji
#कबीरसाहेबजी_का_अद्भुत_ज्ञान
कबीर साहेब जी का ज्ञान सबसे अनमोल है।
क्योंकि सबसे पहले कबीर साहेब जी ने ही बताया कि, स्वर्ग में गए हुए जीव आत्माओं का भी जन्म होता है व मृत्यु होती है, उनका मोक्ष नहीं होता। बल्कि स्वर्ग में गए हुए जीव भी वापस लौटकर 84 लाख योनियों में चक्कर लगाते हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना है।
🎯नशा मुक्त समाज
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझने के बाद उपदेश प्राप्त करते ही हर प्रकार का नशा छूट जाता है।
आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर लाखों अनुयायी नशा छोड़ चुके हैं।
संत मिलन को जाइए तज माया अभिमान जो जो पग आगे धरे कोटन यज्ञ समान
कबीर, सुमिरण से सुख होत है, सुमिरण से दुःख जाए।
कहैं कबीर सुमिरण किए, सांई माहिं समाय।।
पूर्ण परमात्मा की जानकारी तत्वदर्शी संत बता सकते हैं जो स्वंय पूर्ण परमात्मा ही होता है। आज पूरे विश्व में पूर्ण संत संत रामपाल जी महाराज जी हैं जो शास्त्रों के अनुसार भक्ति बताते हैं
अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
⚡️कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
कबीर, हाड़, चाम, लहू ना मेरें, कोई जाने सतनाम उपासी।
तारन तरन उभय पद दाता, मैं हूं कबीर अविनाशी।।
प्रमाण कबीर सागर, अगम निगम बोध पृष्ठ 38,
मेरा नाम कबीरा हूँ जगत गुरू जाहिरा।
तीन लोक में यश है मेरा त्रिकुटी है अस्थाना।
पाँच-तीन हम ही ने किन्हें जातें रचा जिहाना।।
गगन मण्डल में बासा मेरा नौवें कमल प्रमाना।
ब्रह्म बीज हम ही से आया, बनी जो मूर्ति नाना।।
संखो लहर मेहर की उपजें, बाजे अनहद बाजा।
गुप्त भेद वाही को देंगे, शरण हमरी आजा।।
भव बंधन से लेऊँ छुड़ाई, निर्मल करूं शरीरा।
सुर नर मुनि कोई भेद न पावै, पावै संत गंभीरा।। बेद-कतेब में भेद ना पूरा, काल जाल जंजाला।
कह कबीर सुनो गुरू रामानन्द, अमर ज्ञान उजाला।।
अलल पंख अनूराग है सून मंडल रहे थीर दास गरीब उधारिया सद्गुरु मिले कबीर
GodKabir's amazing satsang and miracles
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान जी की 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Anmol satsang ❤
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं
यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब पूर्ण परमात्मा हैं
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब जी भगबान है
❤jy bande chhod ji santgurudeb ji santkabir ji kojyho ji
Sat saheb ji 🙏
जय हो बंदी छोड़ जी की
Danyowad pita prime swor love 😘 you 💕 tu pita nmste prbu ji
सबका मालिक एक कबीर परमेश्वर
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
sat saheb
कबीर, गुरू गोविंद दोनों खड़े, किसके लागूं पाय। बलिहारी गुरू आपणा, गोविन्द दियो बताय।।
बिन गुरू भजन दान बिरथ हैं, ज्यूं लूटा चोर। न मुक्ति न लाभ संसारी, कह समझाऊँ तोर।।
कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो बेद पुरान।।😊
कबीर काथ करो करतार की सुनो कथा करतार आन कथा सुनिये नहीं कह कबीर विचार
Sat guru rampa ji Maharaj ki jay🌹🌹🌹🙏
सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।
Very nice spiritual knowledge 🙏🙏
नौ मन सुत उलझीया ऋषि रहे झक मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे उलझे ना दूजी बार।।
Sat sahib ji 🙏🙏🙏🙏🙏
Anmol Satsang
जय श्री कृष्ण कृपा गुरु गोबिंद नाथ कि जय हो
गरीब, सौ छल छिद्र मैं करूं, अपने जन के काज।
हिरणाकुश ज्यूं मार हूँ, नरसिंघ धरहूँ साज।।
संत गरीबदास जी ने बताया है कि परमेश्वर कबीर जी कहते हैं कि जो मेरी शरण में किसी जन्म में आया है, मुक्त नहीं हो पाया, मैं उसको मुक्त करने के लिए कुछ भी लीला कर देता हूँ। जैसे सतयुग में प्रहलाद भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह रूप धारण करके हिरण्यकशिपु को मारा था।