Veer chandra singh gadwali ka janm 1891 m huwa .2/39 garhwal rifles .pesawar kand 23 April 1930 kisssa khani bazar m nighti janta pr goli chalane se mna kr diya jisse inhe girftar kiya inki pairvi mukundi lal ne ki inhe 11 sal 3 mah 18 din ki saja mili .1941 m riha huwe .1994 m dak ticket
हेनसांग भारत की यात्रा में 630 में आए था। उत्तराखंड की यात्रा में 634 में हरिद्वार में आया था इन्होंने ने हरिद्वार को मो-यो-लो कहा है 1963 में माखन लाल चतुर्वेदी को पदम भूषण दिया था ।
ह्वेनसांग चीनी यात्री (यात्रियों का राजकुमार) ने सन 630 को भारत की यात्रा की। हर्षवर्धन के समय ह्वेनसांग ने सन 634 को उत्तराखंड की हरिद्वार की सर्वप्रथम यात्रा की । उसने हरिद्वार को मो. यो. लो. कहा । जिसका उल्लेख उनकी प्रसिद्ध कृति सी. यू. की. में मिलता है। हरिद्वार का क्षेत्र का विस्तार उन्होंने 20 ली बताया । जो ली चीन की उस समय की मापन की इकाई थी। सन 1963 ईस्वी को माखन लाल चतुर्वेदी जी को पदम भूषण दिया गया इन्हे एक भारतीय आत्म कहते है। माखन लाल चतुर्वेदी एक भारतीय आत्म एक रचना भी है जो विजय दत्त श्रीधर द्वारा माखन लाल चतुर्वेदी के जीवन के ऊपर लिखी गई कृति है ।
Veer chandra singh gadwali ka janm 1891 m huwa .2/39 garhwal rifles .pesawar kand 23 April 1930 kisssa khani bazar m nighti janta pr goli chalane se mna kr diya jisse inhe girftar kiya inki pairvi mukundi lal ne ki inhe 11 sal 3 mah 18 din ki saja mili .1941 m riha huwe .1994 m dak ticket
Bhaut achhi class h❤
🎉🎉🎉🎉
❤❤
Thnq Sir ji 🎉
Tqs sir ji 🎉🎉🎉🎉🙏🙏🙏🙏
Thanks
ह्वेन्न सांग भारत हर्षवर्धन के काल में 629 ई. में आया। और उत्तराखंड 634 लेकिन 636 ई. आयोग के अनुसार उत्तर है।
हेनसांग भारत की यात्रा में 630 में आए था।
उत्तराखंड की यात्रा में 634 में हरिद्वार में आया था इन्होंने ने हरिद्वार को मो-यो-लो कहा है
1963 में माखन लाल चतुर्वेदी को पदम भूषण दिया था ।
Nice class ❤❤ guru'ji
Bahut shandar content
ह्वेनसांग चीनी यात्री (यात्रियों का राजकुमार) ने सन 630 को भारत की यात्रा की। हर्षवर्धन के समय
ह्वेनसांग ने सन 634 को उत्तराखंड की हरिद्वार की सर्वप्रथम यात्रा की ।
उसने हरिद्वार को मो. यो. लो. कहा ।
जिसका उल्लेख उनकी प्रसिद्ध कृति सी. यू. की. में मिलता है।
हरिद्वार का क्षेत्र का विस्तार उन्होंने 20 ली बताया ।
जो ली चीन की उस समय की मापन की इकाई थी।
सन 1963 ईस्वी को माखन लाल चतुर्वेदी जी को पदम भूषण दिया गया
इन्हे एक भारतीय आत्म कहते है।
माखन लाल चतुर्वेदी एक भारतीय आत्म एक रचना भी है जो विजय दत्त श्रीधर द्वारा माखन लाल चतुर्वेदी के जीवन के ऊपर लिखी गई कृति है ।
Bhaut achhi class h sir ise fact koi ni btata ❤❤
हवेंग सांग भारत 629आए और उत्तराखंड 634 में हरिद्वार आए
Itne achee se koi ni samjha skta thnkuh sr ❤
हवेंग सांग भारत हर्षवर्धन के समय आया ( उत्तराखंड में 629 )।
मेरी तिब्बत यात्रा
मेरी लद्दाख यात्रा
ये सब बाकी रह गई sir
1963 makhan lal chturvedi pdn bhusan and rahul sakrtyayayan
Thank u sir 🙏🙌😄❤️
Sir reasoning ki class kon krayega😢
Good morning sir❤🎉
Good morning sir ❤❤
माखन लाल चतुर्वेदी 1963 पदम् भूषण
Good morning sir g
Gd morning sir 🎉🎉🎉
🙏🙏🙏💯
❤❤❤❤❤sir
💙🙏🙏🙏
माखन लाल चतुर्वेदी को 1963 में पदम भूषण दिया गया
🎉🎉🎉🎉