विनीता जी नमस्कार, आपने बहुत अच्छे तरीके से आँसू को समझाया है।आचार्य रामचंद्र शुक्ल के संदर्भ के बाद,आपने कहा है कि प्रेमचंद प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं,मैं समझ गया आपका आशय,प्रसाद जी से रहा है।
जयशंकर का कौन सा बुरा दिन था कौनसी पीड़ा घनीभूत हुई थी।साहित्य में बिरही पुरुष की चर्चा किन किन साहित्यकारों ने की है।कविता की व्याख्या ज्ञान से संभव नहीं हृदय की विशालता और कोमलता उदारता से ही किया जा सकता है ।पुरुष का विरह समझना स्त्री के वश का नहीं इस तरह की व्याख्या से परीक्षा पास की जा सकती है पर जिज्ञासु को संतुष्ट नहीं कर सकती। जैसे तमाम व्याख्याकारों की व्याख्या सुनी पर विजली के फूल क्या है?नील परिधान बीच में ।
😊😊😊
Thanku mam
Dhanyawad mam aap bahut aacha padhati hai
Nice lecture mam...thanks a lot mam
✍️✍️✍️🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
विनीता जी नमस्कार, आपने बहुत अच्छे तरीके से आँसू को समझाया है।आचार्य रामचंद्र शुक्ल के संदर्भ के बाद,आपने कहा है कि प्रेमचंद प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं,मैं समझ गया आपका आशय,प्रसाद जी से रहा है।
the word is mastisq hai mastak outer cover rasad ji ne mastisq ka hi pryog kiya mastak vart,an dustata gau
Thank you Mam 🙏💗💗
Bahutt hi accha cec group🙏🙏
Thank you mam
Thanks
Dhanyawad mam
जयशंकर का कौन सा बुरा दिन था कौनसी पीड़ा घनीभूत हुई थी।साहित्य में बिरही पुरुष की चर्चा किन किन साहित्यकारों ने की है।कविता की व्याख्या ज्ञान से संभव नहीं हृदय की विशालता और कोमलता उदारता से ही किया जा सकता है ।पुरुष का विरह समझना स्त्री के वश का नहीं इस तरह की व्याख्या से परीक्षा पास की जा सकती है पर जिज्ञासु को संतुष्ट नहीं कर सकती।
जैसे तमाम व्याख्याकारों की व्याख्या सुनी पर विजली के फूल क्या है?नील परिधान बीच में ।
Thanks🙏
Tk y mam