चमत्कारी श्री हनुमान मंदिर आरती,जामसावली (सौसर)
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- เผยแพร่เมื่อ 21 ก.พ. 2020
- चमत्कारी हनुमान मंदिर जमसावली आरती सुबह 5 बजे।नाभि से निकलता है जल, यहां निद्रा में भगवान दूर करते हैं भूतों का साया
मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था है कि यहां पूजा-अर्चना करने से भूत प्रेत का साया हटता है। मंदिर में हर दिन सैकड़ों ऐसे लोग भी पहुंचते हैं...
मध्यप्रदेश एक से बढ़कर एक मंदिर हैं। छिंदवाड़ा के सौसर में एक ऐसा ही स्थान (जामसांवली मंदिर) है जो अनोखे रहस्यों और प्रताप के लिए जाना जाता है। मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था है कि यहां पूजा-अर्चना करने से भूत प्रेत का साया हटता है। मंदिर में हर दिन सैकड़ों ऐसे लोग भी पहुंचते हैं जो किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से ग्रस्ति रहते हैं।
-हनुमान जी की मूर्ति यहां निद्रा की अवस्था में हैं।
-किवदंति है कि सालों पहले यहां चोरी करने के लिए कुछ लोग पहुंचे थे। सामग्री बचाने के लिए भगवान लेट गए तब से निद्रा की अवस्था में हैं।
-70 किमी दूर छिंदवाड़ा से दूरी पर पांढुर्ना ब्लॉक की सीमा में स्थित है जामसांवली मंदिर, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
-15 फीट ऊंची रामभक्त हनुमान जी की प्रतिमा के नाभि से लगातार निकलता जल किसी औषधि और चमत्कार से कम नहीं है।
-भगवान की नाभी से निकले जल का प्रसाद जिसने पा लिया उसे कभी त्वचा से संबंधित रोग नहीं होता ऐसा भक्तों का मानना है।
-मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से सबसे अधिक श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं।
-इस मंदिर की स्थापना के बारे में कोई तथ्य या प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं, पर भू और राजस्व अभिलेख के रिकॉर्ड अनुसार यह मंदिर 100 वर्ष पुराना है।
-पौराणिक कथाओ में ऐसा माना जाता है कि रामायण काल में हनुमान जी संजीवनी बूटी लाते समय जामसांवली में इसी पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम करने के लिए रुके थे।
जय श्री राम🙏🙏🙏
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🚩🙏।।महाबीर बजरंगबली की जय हो ।।🙏🚩
Jay sri ram
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