दोनों कलाकार एक से बढ़कर एक है लेकिन इतना बड़ा तर्क वितर्क करना रामलीला के मंच पर अच्छा नहीं लगता है दोनों ही कलाकार विद्वान है और रामायण के ज्ञाता है 🚩🙏🏻
रामलीला एक धर्म मंच है और धर्म मंच से यह कैसा संदेश जा रहा है की दशरथ का अभिनय करने वाले जितेंद्र शुक्ला जी एक ब्राह्मण है और वशिष्ठ का अभिनय करने वाले रामबाबू सिंह क्षत्रिय होंगे या फिर किसी अन्य वर्ण के होंगे अब ब्राह्मण भी क्षत्रिय के चरणों में शीश झुका रहे हैं कितना अच्छा संदेश दे रहे हैं
लीला अति सुन्दर है पर यहां रामलीला मंच पर गुरू शिष्य में तर्क वितर्क शोभा नहीं देता है अगर दशरथ जी इतनें विद्वान थे तो गुरू वशिष्ठ के पास क्यों गये और गुरू वशिष्ठ अपने शिष्य से तर्क संगत वार्ता कर रहे हैं यह भी शोभा नहीं दे रहा हैं यह रामलीला है कोई अदालत या सत्संग मंडल नहीं है।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानि भवति भारत।अभ्युत थानाम धर्मस्य तादात्म श्री जभ्यम
बहुत सुंदर अभिनय दोनों महान विभूतियों के श्री चरणों में कोटी कोटी प्रणाम
Bahut sundar sambad hai
Jay ho
V nice performance
Bahut achcha
दोनों कलाकार एक से बढ़कर एक है लेकिन इतना बड़ा तर्क वितर्क करना रामलीला के मंच पर अच्छा नहीं लगता है
दोनों ही कलाकार विद्वान है और रामायण के ज्ञाता है
🚩🙏🏻
रामलीला एक धर्म मंच है और धर्म मंच से यह कैसा संदेश जा रहा है की दशरथ का अभिनय करने वाले जितेंद्र शुक्ला जी एक ब्राह्मण है और वशिष्ठ का अभिनय करने वाले रामबाबू सिंह क्षत्रिय होंगे या फिर किसी अन्य वर्ण के होंगे अब ब्राह्मण भी क्षत्रिय के चरणों में शीश झुका रहे हैं कितना अच्छा संदेश दे रहे हैं
@@anutripathi6744 कलाकारों की जाति नही होती भाई
Jitendra ji aap apna mobile no bhi share karna
लीला अति सुन्दर है पर यहां रामलीला मंच पर गुरू शिष्य में तर्क वितर्क शोभा नहीं देता है अगर दशरथ जी इतनें विद्वान थे तो गुरू वशिष्ठ के पास क्यों गये और गुरू वशिष्ठ अपने शिष्य से तर्क संगत वार्ता कर रहे हैं यह भी शोभा नहीं दे रहा हैं यह रामलीला है कोई अदालत या सत्संग मंडल नहीं है।
आप लोग अपना ज्ञान बताने के चक्कर रामलीला की मर्यादा को भूल जाते है तुलसीकृत रामायण को ध्यान में रखे