@@Truenewshindi-abc धर्म कहता है सभी से प्रेम करो किसी को भी छोटा मत समझो इस धरती पर सभी जीव बराबर हैं ।इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके वेद आपको कर्मकांड करना सिखाता है , तरह तरह के सपने दिखाता है स्वर्ग के नर्क के , बलि करने के लिए कहता है । सीधे शब्दों में वेद ब्राम्हण लोगों द्वारा जीवन यापन करने का साधन मात्र है । संविधान कहता है सभी को बराबर अधिकार दो , कोई छोटा बड़ा नही है , कोई किसी का अधिकार नहीं छीन सकता , किसी का भी जो जीवन जीने के लिए मूलभूत जरूरतों हैं उन्हें नही छीन सकता । इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके। विज्ञान - पहले ब्राम्हण वेद से जीवन यापन करते थे अब लोग समझदार हो गए थोड़े से अब उन्हें स्वर्ग का सपना बेचना आसान नहीं है । अब ब्राम्हण ने विज्ञान बना दिया , अब विज्ञान वो सारे काम कार्य करता है जो वेद करते हैं देखते जाओ वेद में बलि प्रथा है । विज्ञान से इंडिरेक्टली जानवर मरते हैं । वेद स्वर्ग का सपना बेचते थे ।। विज्ञान खुशी का सपना बेच रहा है । वेद के अनुसार कर्मकांड करने से जानवर कम होते हैं , पेड़ कम होते हैं । विज्ञान के अविष्कार से भी जानवर कम होते हैं , पेड़ भी कम होते हैं । वेद से ब्राम्हण वादी सोच के लोग अपना पेट भरते थे ।। विज्ञान से जो बड़े बड़े कंपनी के मालिक हैं वह अपना पेट भर रहे हैं । वेद से सिर्फ ब्राम्हणों का फायदा होता था । विज्ञान से सिर्फ अमीर लोगों का फायदा हो रहा है । वेद से गरीब व्यक्ति को यह लगता तो था की उसको फायदा मिल रहा है पर नही मिलता था । विज्ञान से गरीब व्यक्ति को लग रहा है की फायदा मिल रहा है पर मिल तो नही रहा । आज हम सभी गरीब लोग इस जाल में दोबारा फंस चुके हैं एक बात को समझने की कोशिश कीजिए हमारी धरती या प्रकृति एकदम परफेक्ट है जीवन जीने के लिए उसमे बदलाव की कोई जरूरत नहीं। जब विज्ञान इस प्रकृति को बदलने की कोशिश करता है तो हवा पनी मिट्टी सब दूषित होता है (आप आज के हालात देख सकते हैं सभ बड़ी कंपनी की वजह से ही बर्बाद हुआ है ) और जब यह सभी चीजे दूषित होती है तो दुनिया भर की बीमारी आती है । प्रकृति में बीमारी होती ही नहीं है । आप ढूढने की कोशिश केरेंगे मिल जायेगा की कितनी बीमारी खराब हवा के कारण होती है ,कितनी खराब पानी की वजस से , कितनी खराब मिट्टी के वजह से और कितनी खराब भोजन की वजह से । वेद सभी जानवरो सहित सभी गरीब या जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं उनका अधिकार छीनकर ब्राम्हणों को फायदा पहुंचाते थे ।। विज्ञान सभी जानवरों के अधिकार छीनकर इंसानों को फायदा पहुंचाते हैं ।। अगर यकीन नही हो तो सोचो और बताने की कोशिश करी कि वेदों से शूद्रों या दलितों को और विज्ञान से जानवरों को क्या लाभ हुआ है ? अंत में मेरे दर्शन का मूल वाक्य धर्म और संविधान दोनो एक ही चीज है। वेद और विज्ञान दोनो एक ही चीज है ।।। धर्म के विनाश के लिए वेद बनाए गए धर्म के विरुद्ध जाकर । संविधान के विनाश के लिए विज्ञान बनाए गए संविधान के विरुद्ध जाकर ।। एक बात और सिर्फ यह याद करने की कोशिश करो की क्या बदला है पहले भी एक बड़े समुदाय का शोषण होता था ।आज भी हो रहा है । पहले भी समाज का बड़ा वर्ग गरीबी और मजबूरी में फसा था । आज भी फसा है । पहले भी समाज एक सोच के पीछे चलता था आज भी चलता है । पहले भी लोग खुद का सोच नही बना पाते थे । आज भी नही बना पा रहे । पहले भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था । आज भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हैं । बदला सिर्फ नाम है जो पहले ब्राम्हण थे अब उद्योगपति हो गए हैं । जो शुद्र और दलित थे अब किसान और मजदूर हो गए हैं । पहले लड़ाई ब्राम्हण बनने की होती थी अब लड़ाई उद्योगपति बनने की होती है । पहले ब्राम्हण दलितों और शूद्रों को आगे बढ़ने से रोकते थे । अब उद्योगपति किसान और मजदूरों को रोक रहे हैं । क्योंकि इसी में उनकी भलाई है हित है ।
@@namangups99 kabhi kbhar examiner online number fill krne me mistake kr deta h. M khud copies check krta hun. Mujhe to aaj tak nhi bola university ne ki kam marks dena
में Rajasthan University of Health Science से बीएससी नर्सिंग कर रहा हु यहाँ हर साल का रिकॉर्ड है यूनिवर्सिटी 50% बच्चो को फैल करती ही है ऐसे बच्चे जो पूरी साल class में topper थे वो फैल हो जाते है यूनिवर्सिटी एग्जाम में ओर revel का फॉर्म main एग्जाम के फॉर्म से भी म्हनफ भरा जाता है राजस्थान की सभी university बच्चो को फैल करती है ताकि revel और supplementary एग्जाम फॉर्म से पैसे कमा सके
सर आपसे विनम्र है कि आप एक वीडियो बनाएं जिससे इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर जाकर के हम अपने नेताओं के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त कर सकते हैं यह आप बताएं 🙏
Rajasthan university world ki sbse ghariya university h Sir mene 2020 mei 12 pass krke rajasthan university mei admission liya or bsc second year mei mughe fail kar diya mera paper bhi bhut acha hua tha lekin fir bhi...sir aap please isko age tak phuchao taki bhut students ka carrier bacha ske 🙏
2017 तक 18 की उम्र में बच्चे एयरपोर्ट्स नेवी में नोकरी लग जाते थे, क्या बात करते हो यार आप, 18+ बच्चा कोलेज स्टुडेंट बन जाता है और वो कोलेज अध्यक्ष का चुनाव लड़ते हैं,
@@vineetpandey8604 धर्म कहता है सभी से प्रेम करो किसी को भी छोटा मत समझो इस धरती पर सभी जीव बराबर हैं ।इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके वेद आपको कर्मकांड करना सिखाता है , तरह तरह के सपने दिखाता है स्वर्ग के नर्क के , बलि करने के लिए कहता है । सीधे शब्दों में वेद ब्राम्हण लोगों द्वारा जीवन यापन करने का साधन मात्र है । संविधान कहता है सभी को बराबर अधिकार दो , कोई छोटा बड़ा नही है , कोई किसी का अधिकार नहीं छीन सकता , किसी का भी जो जीवन जीने के लिए मूलभूत जरूरतों हैं उन्हें नही छीन सकता । इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके। विज्ञान - पहले ब्राम्हण वेद से जीवन यापन करते थे अब लोग समझदार हो गए थोड़े से अब उन्हें स्वर्ग का सपना बेचना आसान नहीं है । अब ब्राम्हण ने विज्ञान बना दिया , अब विज्ञान वो सारे काम कार्य करता है जो वेद करते हैं देखते जाओ वेद में बलि प्रथा है । विज्ञान से इंडिरेक्टली जानवर मरते हैं । वेद स्वर्ग का सपना बेचते थे ।। विज्ञान खुशी का सपना बेच रहा है । वेद के अनुसार कर्मकांड करने से जानवर कम होते हैं , पेड़ कम होते हैं । विज्ञान के अविष्कार से भी जानवर कम होते हैं , पेड़ भी कम होते हैं । वेद से ब्राम्हण वादी सोच के लोग अपना पेट भरते थे ।। विज्ञान से जो बड़े बड़े कंपनी के मालिक हैं वह अपना पेट भर रहे हैं । वेद से सिर्फ ब्राम्हणों का फायदा होता था । विज्ञान से सिर्फ अमीर लोगों का फायदा हो रहा है । वेद से गरीब व्यक्ति को यह लगता तो था की उसको फायदा मिल रहा है पर नही मिलता था । विज्ञान से गरीब व्यक्ति को लग रहा है की फायदा मिल रहा है पर मिल तो नही रहा । आज हम सभी गरीब लोग इस जाल में दोबारा फंस चुके हैं एक बात को समझने की कोशिश कीजिए हमारी धरती या प्रकृति एकदम परफेक्ट है जीवन जीने के लिए उसमे बदलाव की कोई जरूरत नहीं। जब विज्ञान इस प्रकृति को बदलने की कोशिश करता है तो हवा पनी मिट्टी सब दूषित होता है (आप आज के हालात देख सकते हैं सभ बड़ी कंपनी की वजह से ही बर्बाद हुआ है ) और जब यह सभी चीजे दूषित होती है तो दुनिया भर की बीमारी आती है । प्रकृति में बीमारी होती ही नहीं है । आप ढूढने की कोशिश केरेंगे मिल जायेगा की कितनी बीमारी खराब हवा के कारण होती है ,कितनी खराब पानी की वजस से , कितनी खराब मिट्टी के वजह से और कितनी खराब भोजन की वजह से । वेद सभी जानवरो सहित सभी गरीब या जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं उनका अधिकार छीनकर ब्राम्हणों को फायदा पहुंचाते थे ।। विज्ञान सभी जानवरों के अधिकार छीनकर इंसानों को फायदा पहुंचाते हैं ।। अगर यकीन नही हो तो सोचो और बताने की कोशिश करी कि वेदों से शूद्रों या दलितों को और विज्ञान से जानवरों को क्या लाभ हुआ है ? अंत में मेरे दर्शन का मूल वाक्य धर्म और संविधान दोनो एक ही चीज है। वेद और विज्ञान दोनो एक ही चीज है ।।। धर्म के विनाश के लिए वेद बनाए गए धर्म के विरुद्ध जाकर । संविधान के विनाश के लिए विज्ञान बनाए गए संविधान के विरुद्ध जाकर ।। एक बात और सिर्फ यह याद करने की कोशिश करो की क्या बदला है पहले भी एक बड़े समुदाय का शोषण होता था ।आज भी हो रहा है । पहले भी समाज का बड़ा वर्ग गरीबी और मजबूरी में फसा था । आज भी फसा है । पहले भी समाज एक सोच के पीछे चलता था आज भी चलता है । पहले भी लोग खुद का सोच नही बना पाते थे । आज भी नही बना पा रहे । पहले भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था । आज भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हैं । बदला सिर्फ नाम है जो पहले ब्राम्हण थे अब उद्योगपति हो गए हैं । जो शुद्र और दलित थे अब किसान और मजदूर हो गए हैं । पहले लड़ाई ब्राम्हण बनने की होती थी अब लड़ाई उद्योगपति बनने की होती है । पहले ब्राम्हण दलितों और शूद्रों को आगे बढ़ने से रोकते थे । अब उद्योगपति किसान और मजदूरों को रोक रहे हैं । क्योंकि इसी में उनकी भलाई है हित है ।
@MuhammadIrshadAnsari786धर्म कहता है सभी से प्रेम करो किसी को भी छोटा मत समझो इस धरती पर सभी जीव बराबर हैं ।इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके वेद आपको कर्मकांड करना सिखाता है , तरह तरह के सपने दिखाता है स्वर्ग के नर्क के , बलि करने के लिए कहता है । सीधे शब्दों में वेद ब्राम्हण लोगों द्वारा जीवन यापन करने का साधन मात्र है । संविधान कहता है सभी को बराबर अधिकार दो , कोई छोटा बड़ा नही है , कोई किसी का अधिकार नहीं छीन सकता , किसी का भी जो जीवन जीने के लिए मूलभूत जरूरतों हैं उन्हें नही छीन सकता । इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके। विज्ञान - पहले ब्राम्हण वेद से जीवन यापन करते थे अब लोग समझदार हो गए थोड़े से अब उन्हें स्वर्ग का सपना बेचना आसान नहीं है । अब ब्राम्हण ने विज्ञान बना दिया , अब विज्ञान वो सारे काम कार्य करता है जो वेद करते हैं देखते जाओ वेद में बलि प्रथा है । विज्ञान से इंडिरेक्टली जानवर मरते हैं । वेद स्वर्ग का सपना बेचते थे ।। विज्ञान खुशी का सपना बेच रहा है । वेद के अनुसार कर्मकांड करने से जानवर कम होते हैं , पेड़ कम होते हैं । विज्ञान के अविष्कार से भी जानवर कम होते हैं , पेड़ भी कम होते हैं । वेद से ब्राम्हण वादी सोच के लोग अपना पेट भरते थे ।। विज्ञान से जो बड़े बड़े कंपनी के मालिक हैं वह अपना पेट भर रहे हैं । वेद से सिर्फ ब्राम्हणों का फायदा होता था । विज्ञान से सिर्फ अमीर लोगों का फायदा हो रहा है । वेद से गरीब व्यक्ति को यह लगता तो था की उसको फायदा मिल रहा है पर नही मिलता था । विज्ञान से गरीब व्यक्ति को लग रहा है की फायदा मिल रहा है पर मिल तो नही रहा । आज हम सभी गरीब लोग इस जाल में दोबारा फंस चुके हैं एक बात को समझने की कोशिश कीजिए हमारी धरती या प्रकृति एकदम परफेक्ट है जीवन जीने के लिए उसमे बदलाव की कोई जरूरत नहीं। जब विज्ञान इस प्रकृति को बदलने की कोशिश करता है तो हवा पनी मिट्टी सब दूषित होता है (आप आज के हालात देख सकते हैं सभ बड़ी कंपनी की वजह से ही बर्बाद हुआ है ) और जब यह सभी चीजे दूषित होती है तो दुनिया भर की बीमारी आती है । प्रकृति में बीमारी होती ही नहीं है । आप ढूढने की कोशिश केरेंगे मिल जायेगा की कितनी बीमारी खराब हवा के कारण होती है ,कितनी खराब पानी की वजस से , कितनी खराब मिट्टी के वजह से और कितनी खराब भोजन की वजह से । वेद सभी जानवरो सहित सभी गरीब या जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं उनका अधिकार छीनकर ब्राम्हणों को फायदा पहुंचाते थे ।। विज्ञान सभी जानवरों के अधिकार छीनकर इंसानों को फायदा पहुंचाते हैं ।। अगर यकीन नही हो तो सोचो और बताने की कोशिश करी कि वेदों से शूद्रों या दलितों को और विज्ञान से जानवरों को क्या लाभ हुआ है ? अंत में मेरे दर्शन का मूल वाक्य धर्म और संविधान दोनो एक ही चीज है। वेद और विज्ञान दोनो एक ही चीज है ।।। धर्म के विनाश के लिए वेद बनाए गए धर्म के विरुद्ध जाकर । संविधान के विनाश के लिए विज्ञान बनाए गए संविधान के विरुद्ध जाकर ।। एक बात और सिर्फ यह याद करने की कोशिश करो की क्या बदला है पहले भी एक बड़े समुदाय का शोषण होता था ।आज भी हो रहा है । पहले भी समाज का बड़ा वर्ग गरीबी और मजबूरी में फसा था । आज भी फसा है । पहले भी समाज एक सोच के पीछे चलता था आज भी चलता है । पहले भी लोग खुद का सोच नही बना पाते थे । आज भी नही बना पा रहे । पहले भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था । आज भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हैं । बदला सिर्फ नाम है जो पहले ब्राम्हण थे अब उद्योगपति हो गए हैं । जो शुद्र और दलित थे अब किसान और मजदूर हो गए हैं । पहले लड़ाई ब्राम्हण बनने की होती थी अब लड़ाई उद्योगपति बनने की होती है । पहले ब्राम्हण दलितों और शूद्रों को आगे बढ़ने से रोकते थे । अब उद्योगपति किसान और मजदूरों को रोक रहे हैं । क्योंकि इसी में उनकी भलाई है हित है ।
Sir is par ek episode kariye please bahot jyada dhandhli chal rahi hai Universities me fake back lagake karodo ki kamayi chal rahi hai har semester main students ko bahot nuksan ho raha hai hamari kanpur University me toh peak par business chal raha yai kuchh inki pol kholiye tabhi students ka fayda hoga inn coverage se kuchh nhi hone wala
बहुजन समाज ओर मुस्लिम समाज किसी भी पार्टी में ब्राह्मण बनीये राजपुत बैठा हो उन्हें कतई वोट नहीं करे क्यों कि इन प्रजातियों में न्यायिक चरीत्र नहीं होता है
abe tum logo ki khopdi dheeli hai. 😂🤣😝 koi nahi sunta tumhari . bas bhaunkte raho aise hi.😂 Azad samaj party ko aur mayawati ko Kyun nahi vote dilwa diya bahujan samaj aur muslim samaj se ? 😂🤣
She is absolutely right ,many universities take such ways to earn money
Yes
@@Truenewshindi-abc धर्म कहता है सभी से प्रेम करो किसी को भी छोटा मत समझो इस धरती पर सभी जीव बराबर हैं ।इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके
वेद आपको कर्मकांड करना सिखाता है , तरह तरह के सपने दिखाता है स्वर्ग के नर्क के , बलि करने के लिए कहता है ।
सीधे शब्दों में वेद ब्राम्हण लोगों द्वारा जीवन यापन करने का साधन मात्र है ।
संविधान कहता है सभी को बराबर अधिकार दो , कोई छोटा बड़ा नही है , कोई किसी का अधिकार नहीं छीन सकता , किसी का भी जो जीवन जीने के लिए मूलभूत जरूरतों हैं उन्हें नही छीन सकता ।
इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके।
विज्ञान - पहले ब्राम्हण वेद से जीवन यापन करते थे अब लोग समझदार हो गए थोड़े से अब उन्हें स्वर्ग का सपना बेचना आसान नहीं है ।
अब ब्राम्हण ने विज्ञान बना दिया , अब विज्ञान वो सारे काम कार्य करता है जो वेद करते हैं
देखते जाओ
वेद में बलि प्रथा है ।
विज्ञान से इंडिरेक्टली जानवर मरते हैं ।
वेद स्वर्ग का सपना बेचते थे ।।
विज्ञान खुशी का सपना बेच रहा है ।
वेद के अनुसार कर्मकांड करने से जानवर कम होते हैं , पेड़ कम होते हैं ।
विज्ञान के अविष्कार से भी जानवर कम होते हैं , पेड़ भी कम होते हैं ।
वेद से ब्राम्हण वादी सोच के लोग अपना पेट भरते थे ।।
विज्ञान से जो बड़े बड़े कंपनी के मालिक हैं वह अपना पेट भर रहे हैं ।
वेद से सिर्फ ब्राम्हणों का फायदा होता था ।
विज्ञान से सिर्फ अमीर लोगों का फायदा हो रहा है ।
वेद से गरीब व्यक्ति को यह लगता तो था की उसको फायदा मिल रहा है पर नही मिलता था ।
विज्ञान से गरीब व्यक्ति को लग रहा है की फायदा मिल रहा है पर मिल तो नही रहा ।
आज हम सभी गरीब लोग इस जाल में दोबारा फंस चुके हैं
एक बात को समझने की कोशिश कीजिए
हमारी धरती या प्रकृति एकदम परफेक्ट है जीवन जीने के लिए उसमे बदलाव की कोई जरूरत नहीं।
जब विज्ञान इस प्रकृति को बदलने की कोशिश करता है तो हवा पनी मिट्टी सब दूषित होता है
(आप आज के हालात देख सकते हैं सभ बड़ी कंपनी की वजह से ही बर्बाद हुआ है )
और जब यह सभी चीजे दूषित होती है तो दुनिया भर की बीमारी आती है ।
प्रकृति में बीमारी होती ही नहीं है ।
आप ढूढने की कोशिश केरेंगे मिल जायेगा की कितनी बीमारी खराब हवा के कारण होती है ,कितनी खराब पानी की वजस से , कितनी खराब मिट्टी के वजह से और कितनी खराब भोजन की वजह से ।
वेद सभी जानवरो सहित सभी गरीब या जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं उनका अधिकार छीनकर ब्राम्हणों को फायदा पहुंचाते थे ।।
विज्ञान सभी जानवरों के अधिकार छीनकर इंसानों को फायदा पहुंचाते हैं ।।
अगर यकीन नही हो तो सोचो और बताने की कोशिश करी कि
वेदों से शूद्रों या दलितों को और विज्ञान से जानवरों को क्या लाभ हुआ है ?
अंत में मेरे दर्शन का मूल वाक्य
धर्म और संविधान दोनो एक ही चीज है।
वेद और विज्ञान दोनो एक ही चीज है ।।।
धर्म के विनाश के लिए वेद बनाए गए धर्म के विरुद्ध जाकर ।
संविधान के विनाश के लिए विज्ञान बनाए गए संविधान के विरुद्ध जाकर ।।
एक बात और सिर्फ यह याद करने की कोशिश करो की क्या बदला है
पहले भी एक बड़े समुदाय का शोषण होता था ।आज भी हो रहा है ।
पहले भी समाज का बड़ा वर्ग गरीबी और मजबूरी में फसा था ।
आज भी फसा है ।
पहले भी समाज एक सोच के पीछे चलता था
आज भी चलता है ।
पहले भी लोग खुद का सोच नही बना पाते थे ।
आज भी नही बना पा रहे ।
पहले भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था ।
आज भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हैं ।
बदला सिर्फ नाम है
जो पहले ब्राम्हण थे अब उद्योगपति हो गए हैं ।
जो शुद्र और दलित थे अब किसान और मजदूर हो गए हैं ।
पहले लड़ाई ब्राम्हण बनने की होती थी
अब लड़ाई उद्योगपति बनने की होती है ।
पहले ब्राम्हण दलितों और शूद्रों को आगे बढ़ने से रोकते थे ।
अब उद्योगपति किसान और मजदूरों को रोक रहे हैं ।
क्योंकि इसी में उनकी भलाई है हित है ।
कॉपी चेक professors करते हैं और university उनको ये नहीं बोलती की बच्चों को कम marks देने हैं.
@@amitbirman1995 Bolte hai ,so please tell me then in rechecking how they get a increase of 50 marks.
@@namangups99 kabhi kbhar examiner online number fill krne me mistake kr deta h. M khud copies check krta hun. Mujhe to aaj tak nhi bola university ne ki kam marks dena
She is absolutely right
Aese 20 example aur h km se kam
University m phle se ye chlta aa rha h aur ab bhi h
Kitna hi achha papet ho zero marks de dete h
University professors ko kabhi nhi bolti ki km marks do bachon ko
Aur Paper m bahut achha likha ho
Aur number Zero aaye to
में Rajasthan University of Health Science से बीएससी नर्सिंग कर रहा हु यहाँ हर साल का रिकॉर्ड है यूनिवर्सिटी 50% बच्चो को फैल करती ही है ऐसे बच्चे जो पूरी साल class में topper थे वो फैल हो जाते है यूनिवर्सिटी एग्जाम में ओर revel का फॉर्म main एग्जाम के फॉर्म से भी म्हनफ भरा जाता है राजस्थान की सभी university बच्चो को फैल करती है ताकि revel और supplementary एग्जाम फॉर्म से पैसे कमा सके
Madam 100% sahi bol rahi
Simran ne RAJASTHAN UNIVERSITY ki hakikat bata di aaj ye mere sath bhi hua same
aaj bhi chal rha hai ye sb Rajasthan University m 😅😅
Affidavit wali baat bhai ne sahi boli, aur behen ne bhi sahi bola rajasthan mai reveal or supplementary system jayada hai❤
सर आपसे विनम्र है कि आप एक वीडियो बनाएं जिससे इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर जाकर के हम अपने नेताओं के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त कर सकते हैं यह आप बताएं 🙏
इस लड़की को बचपना था 18+ उम्र में भी,
इसका मतलब ये अभी समझदार हुई नहीं है बच्ची है
बढ़िया edit किया 🙏🙏🙏
Rajasthan university world ki sbse ghariya university h
Sir mene 2020 mei 12 pass krke rajasthan university mei admission liya or bsc second year mei mughe fail kar diya mera paper bhi bhut acha hua tha lekin fir bhi...sir aap please isko age tak phuchao taki bhut students ka carrier bacha ske 🙏
78% वाला बीएससी में फेल हो जायें, ऐसा संभव नहीं है मेडम,
धन्यवाद काले जैकेट वाले भैया( good information)
Last person e sahi bola
Bat sahi kaha
Rajasthan भगवान भरोसे है
RTU under colleges me bhi Aisa hi hai. Fraud chal rha hai Education mein.
@@amitbirman1995 lagta hai Bhai ko jyada number de diyen hai
Koi nhi tum apne profession me rho hamare comments par Time waste na karo
Bilkul shi h 18 ki age me koi smj nhi hoti hai vote ki age 21 honi chaiye
2017 तक 18 की उम्र में बच्चे एयरपोर्ट्स नेवी में नोकरी लग जाते थे,
क्या बात करते हो यार आप,
18+ बच्चा कोलेज स्टुडेंट बन जाता है और वो कोलेज अध्यक्ष का चुनाव लड़ते हैं,
2017 ki exam thi
Mere college se 17/80 log hi pass hue the.❤❤❤🎉🎉🎉
Mera bhai physics main fail hua tha 😂...7 no.
Fir art se pass kiya
Jesa Kejriwal Wesa hi SPORTER 😂😂😂😂😂 wah didi wah
Spelling mistake sporter nahi hota ha supporter hota ha bhayia bjp andhbhakt mil gaya
धर्म और संविधान दोनो हमारे सबसे महान और शिक्षित लोगों ने बनाए हैं ।
धर्म को खत्म करने के लिए वेद बनाए गए
और संविधान को खत्म करने के लिए विज्ञान ।।
Aaaye, baingan
Vigyan aur ved ashikshit logo ne banaye??🙄🤨
@@vineetpandey8604 asikshit nahi makkar logon ne jinhe barbadi pasand hai har chij ki
@@vineetpandey8604😂
@@vineetpandey8604 धर्म कहता है सभी से प्रेम करो किसी को भी छोटा मत समझो इस धरती पर सभी जीव बराबर हैं ।इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके
वेद आपको कर्मकांड करना सिखाता है , तरह तरह के सपने दिखाता है स्वर्ग के नर्क के , बलि करने के लिए कहता है ।
सीधे शब्दों में वेद ब्राम्हण लोगों द्वारा जीवन यापन करने का साधन मात्र है ।
संविधान कहता है सभी को बराबर अधिकार दो , कोई छोटा बड़ा नही है , कोई किसी का अधिकार नहीं छीन सकता , किसी का भी जो जीवन जीने के लिए मूलभूत जरूरतों हैं उन्हें नही छीन सकता ।
इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके।
विज्ञान - पहले ब्राम्हण वेद से जीवन यापन करते थे अब लोग समझदार हो गए थोड़े से अब उन्हें स्वर्ग का सपना बेचना आसान नहीं है ।
अब ब्राम्हण ने विज्ञान बना दिया , अब विज्ञान वो सारे काम कार्य करता है जो वेद करते हैं
देखते जाओ
वेद में बलि प्रथा है ।
विज्ञान से इंडिरेक्टली जानवर मरते हैं ।
वेद स्वर्ग का सपना बेचते थे ।।
विज्ञान खुशी का सपना बेच रहा है ।
वेद के अनुसार कर्मकांड करने से जानवर कम होते हैं , पेड़ कम होते हैं ।
विज्ञान के अविष्कार से भी जानवर कम होते हैं , पेड़ भी कम होते हैं ।
वेद से ब्राम्हण वादी सोच के लोग अपना पेट भरते थे ।।
विज्ञान से जो बड़े बड़े कंपनी के मालिक हैं वह अपना पेट भर रहे हैं ।
वेद से सिर्फ ब्राम्हणों का फायदा होता था ।
विज्ञान से सिर्फ अमीर लोगों का फायदा हो रहा है ।
वेद से गरीब व्यक्ति को यह लगता तो था की उसको फायदा मिल रहा है पर नही मिलता था ।
विज्ञान से गरीब व्यक्ति को लग रहा है की फायदा मिल रहा है पर मिल तो नही रहा ।
आज हम सभी गरीब लोग इस जाल में दोबारा फंस चुके हैं
एक बात को समझने की कोशिश कीजिए
हमारी धरती या प्रकृति एकदम परफेक्ट है जीवन जीने के लिए उसमे बदलाव की कोई जरूरत नहीं।
जब विज्ञान इस प्रकृति को बदलने की कोशिश करता है तो हवा पनी मिट्टी सब दूषित होता है
(आप आज के हालात देख सकते हैं सभ बड़ी कंपनी की वजह से ही बर्बाद हुआ है )
और जब यह सभी चीजे दूषित होती है तो दुनिया भर की बीमारी आती है ।
प्रकृति में बीमारी होती ही नहीं है ।
आप ढूढने की कोशिश केरेंगे मिल जायेगा की कितनी बीमारी खराब हवा के कारण होती है ,कितनी खराब पानी की वजस से , कितनी खराब मिट्टी के वजह से और कितनी खराब भोजन की वजह से ।
वेद सभी जानवरो सहित सभी गरीब या जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं उनका अधिकार छीनकर ब्राम्हणों को फायदा पहुंचाते थे ।।
विज्ञान सभी जानवरों के अधिकार छीनकर इंसानों को फायदा पहुंचाते हैं ।।
अगर यकीन नही हो तो सोचो और बताने की कोशिश करी कि
वेदों से शूद्रों या दलितों को और विज्ञान से जानवरों को क्या लाभ हुआ है ?
अंत में मेरे दर्शन का मूल वाक्य
धर्म और संविधान दोनो एक ही चीज है।
वेद और विज्ञान दोनो एक ही चीज है ।।।
धर्म के विनाश के लिए वेद बनाए गए धर्म के विरुद्ध जाकर ।
संविधान के विनाश के लिए विज्ञान बनाए गए संविधान के विरुद्ध जाकर ।।
एक बात और सिर्फ यह याद करने की कोशिश करो की क्या बदला है
पहले भी एक बड़े समुदाय का शोषण होता था ।आज भी हो रहा है ।
पहले भी समाज का बड़ा वर्ग गरीबी और मजबूरी में फसा था ।
आज भी फसा है ।
पहले भी समाज एक सोच के पीछे चलता था
आज भी चलता है ।
पहले भी लोग खुद का सोच नही बना पाते थे ।
आज भी नही बना पा रहे ।
पहले भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था ।
आज भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हैं ।
बदला सिर्फ नाम है
जो पहले ब्राम्हण थे अब उद्योगपति हो गए हैं ।
जो शुद्र और दलित थे अब किसान और मजदूर हो गए हैं ।
पहले लड़ाई ब्राम्हण बनने की होती थी
अब लड़ाई उद्योगपति बनने की होती है ।
पहले ब्राम्हण दलितों और शूद्रों को आगे बढ़ने से रोकते थे ।
अब उद्योगपति किसान और मजदूरों को रोक रहे हैं ।
क्योंकि इसी में उनकी भलाई है हित है ।
@MuhammadIrshadAnsari786धर्म कहता है सभी से प्रेम करो किसी को भी छोटा मत समझो इस धरती पर सभी जीव बराबर हैं ।इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके
वेद आपको कर्मकांड करना सिखाता है , तरह तरह के सपने दिखाता है स्वर्ग के नर्क के , बलि करने के लिए कहता है ।
सीधे शब्दों में वेद ब्राम्हण लोगों द्वारा जीवन यापन करने का साधन मात्र है ।
संविधान कहता है सभी को बराबर अधिकार दो , कोई छोटा बड़ा नही है , कोई किसी का अधिकार नहीं छीन सकता , किसी का भी जो जीवन जीने के लिए मूलभूत जरूरतों हैं उन्हें नही छीन सकता ।
इसलिए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके।
विज्ञान - पहले ब्राम्हण वेद से जीवन यापन करते थे अब लोग समझदार हो गए थोड़े से अब उन्हें स्वर्ग का सपना बेचना आसान नहीं है ।
अब ब्राम्हण ने विज्ञान बना दिया , अब विज्ञान वो सारे काम कार्य करता है जो वेद करते हैं
देखते जाओ
वेद में बलि प्रथा है ।
विज्ञान से इंडिरेक्टली जानवर मरते हैं ।
वेद स्वर्ग का सपना बेचते थे ।।
विज्ञान खुशी का सपना बेच रहा है ।
वेद के अनुसार कर्मकांड करने से जानवर कम होते हैं , पेड़ कम होते हैं ।
विज्ञान के अविष्कार से भी जानवर कम होते हैं , पेड़ भी कम होते हैं ।
वेद से ब्राम्हण वादी सोच के लोग अपना पेट भरते थे ।।
विज्ञान से जो बड़े बड़े कंपनी के मालिक हैं वह अपना पेट भर रहे हैं ।
वेद से सिर्फ ब्राम्हणों का फायदा होता था ।
विज्ञान से सिर्फ अमीर लोगों का फायदा हो रहा है ।
वेद से गरीब व्यक्ति को यह लगता तो था की उसको फायदा मिल रहा है पर नही मिलता था ।
विज्ञान से गरीब व्यक्ति को लग रहा है की फायदा मिल रहा है पर मिल तो नही रहा ।
आज हम सभी गरीब लोग इस जाल में दोबारा फंस चुके हैं
एक बात को समझने की कोशिश कीजिए
हमारी धरती या प्रकृति एकदम परफेक्ट है जीवन जीने के लिए उसमे बदलाव की कोई जरूरत नहीं।
जब विज्ञान इस प्रकृति को बदलने की कोशिश करता है तो हवा पनी मिट्टी सब दूषित होता है
(आप आज के हालात देख सकते हैं सभ बड़ी कंपनी की वजह से ही बर्बाद हुआ है )
और जब यह सभी चीजे दूषित होती है तो दुनिया भर की बीमारी आती है ।
प्रकृति में बीमारी होती ही नहीं है ।
आप ढूढने की कोशिश केरेंगे मिल जायेगा की कितनी बीमारी खराब हवा के कारण होती है ,कितनी खराब पानी की वजस से , कितनी खराब मिट्टी के वजह से और कितनी खराब भोजन की वजह से ।
वेद सभी जानवरो सहित सभी गरीब या जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं उनका अधिकार छीनकर ब्राम्हणों को फायदा पहुंचाते थे ।।
विज्ञान सभी जानवरों के अधिकार छीनकर इंसानों को फायदा पहुंचाते हैं ।।
अगर यकीन नही हो तो सोचो और बताने की कोशिश करी कि
वेदों से शूद्रों या दलितों को और विज्ञान से जानवरों को क्या लाभ हुआ है ?
अंत में मेरे दर्शन का मूल वाक्य
धर्म और संविधान दोनो एक ही चीज है।
वेद और विज्ञान दोनो एक ही चीज है ।।।
धर्म के विनाश के लिए वेद बनाए गए धर्म के विरुद्ध जाकर ।
संविधान के विनाश के लिए विज्ञान बनाए गए संविधान के विरुद्ध जाकर ।।
एक बात और सिर्फ यह याद करने की कोशिश करो की क्या बदला है
पहले भी एक बड़े समुदाय का शोषण होता था ।आज भी हो रहा है ।
पहले भी समाज का बड़ा वर्ग गरीबी और मजबूरी में फसा था ।
आज भी फसा है ।
पहले भी समाज एक सोच के पीछे चलता था
आज भी चलता है ।
पहले भी लोग खुद का सोच नही बना पाते थे ।
आज भी नही बना पा रहे ।
पहले भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था ।
आज भी एक विशेष वर्ग सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हैं ।
बदला सिर्फ नाम है
जो पहले ब्राम्हण थे अब उद्योगपति हो गए हैं ।
जो शुद्र और दलित थे अब किसान और मजदूर हो गए हैं ।
पहले लड़ाई ब्राम्हण बनने की होती थी
अब लड़ाई उद्योगपति बनने की होती है ।
पहले ब्राम्हण दलितों और शूद्रों को आगे बढ़ने से रोकते थे ।
अब उद्योगपति किसान और मजदूरों को रोक रहे हैं ।
क्योंकि इसी में उनकी भलाई है हित है ।
She is right sir mere bhi bsc me fail aaya tha likin reval me mujhe pass kar diya
Ladki bol rhi he koi bhi ho sarkaar par saurabh ko to bjp ki burai gunwani hi he
Aiska page me bhi follow kiya hu 😅
Mere Dost ko bhi bsc 1 st year Pichhle Sal fail Kar Diya
12 th me uski 90 % thi
Machine pe barosa insan pe nahi
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Shi bat h RTU me bhi esa hi hota tha
काम टो कर दिया, मतलब, समथिंग , जिक्र तो कर ही दिया, समझदार आदमी ऐसे ही होता है
अरे बहन जी कॉपी चेक professors करते हैं और university उनको ये नहीं बोलती की बच्चों को कम marks देने हैं.
Instructions kisi tarah jari ho jata hai
MJP ka bhi yhi hal up me bsc walo jamke fail kiya jata hai 😂😂
Bjp & Inc be like:- BAAP RE! YEH TOH DHOTI KHOL RAHI HAI.😂
Insan dokha dega but machine nahi
Neta app se Play Store se hi hata Diya gaya
Machine kharb hote dokha nahi dete
Last me bhai ne bola election commission ke website pe candidate ka qualification dekho krke uss hisab se to modi ko pm nahi hona chahiye 😂
Khabar jehad hoyo 😊😅😂😂🤣😅😆😁😄😃😀🤩😍🥰😇😊😉🙃🙂😛🤭🤗🤑😝😝🤪😜🤯🤠🥳🥸😎🤓😈👿
Paisa daba ke denge 😂sahi hai😅
Sir is par ek episode kariye please bahot jyada dhandhli chal rahi hai Universities me fake back lagake karodo ki kamayi chal rahi hai har semester main students ko bahot nuksan ho raha hai hamari kanpur University me toh peak par business chal raha yai kuchh inki pol kholiye tabhi students ka fayda hoga inn coverage se kuchh nhi hone wala
ये लड़की अब भी जवान नही हुई है कुछ समझ नही आ रही है कया बोलना है
राजस्थान की लड़कियों के बोलने का तरीका ऐसा ही है जय राजस्थान❤
She's right. They deliberately fail the students.
Earn money by revaluation forms.
Akhshey Kumar ko inse milwao zra 😂
Hum bhi bhugt chuke hai 😢😢
Officer are not under government control
2016 or 2017 me bhut jyda hua
BJP हटी नुन्नी कटी
Allah hu akbar...nara e takbir...Ghazwa e hind hokar rahega...Inshallah
@@shristikumari8084 गाजा पट्टी में नारा लगाया होता बेकसूर बच जाते
@@MohanPatil-vb1ch aukat me reh kafir😠
Saare affidavit false hote hein
VTU me bhi hota hai
Ye such h
Mene toh saarthi padho thi 😢 bsc me
सरमा शर्मा में फर्क करो 😬
Or bana lo CORRUPTION FREE NEW INDIA
Yeh desh issi layak hai. . . 😂😂😂😂😂
Sala yahi hota hai...jab sarkar me corporate ghus Jaye to...
Malviya Nagar mai AAP ne election hi nhi lada😐
Artificial intelligence check kare paper insan na kare kuki wo apne dharm caste ke bacho ko pass karte
Yes m bhi BSC me fail ho gaya tha
Yes 2016 me hi tha m bhi
Ha university me पेसे to khate h
Rajesthan University matsya University sb bht peso k liye fail krti h
Kya ho gya lalantop ko. . non sense interview kar rhe ho. .
Sabse acha hao first time nota dbake aao or kya 😂😂😂😂❤
छोरी बेचारी कैमरे पर आने को खाना छोड़ आईं
Wk baatbto hai. Chahe. Age. 25. Ki bhi ho. Nqa samji to hai
😂
Congress is the best
Aooo up mai...kuch bhi likh aoo number hi number upar se exam mai cheating alag se milti 😎...
Ha pata h buri bat h 😂
ye to foddiesimmy h
बहन अपका बचपन खत्म नही हुआ है
Bolna kya chati h ye ladki 😂
Aap ko degi😂😂
Bhai thoda Village me jakar reporting bhi kar lo bjp or congress hi mat Karo or bhi partiyaa h
झूंट बोल रही है।
Aayega to Ghelot hi bas 100 baato ki ek baat
झुठी
बहुजन समाज ओर मुस्लिम समाज
किसी भी पार्टी में ब्राह्मण बनीये राजपुत बैठा हो उन्हें कतई वोट नहीं करे क्यों कि इन प्रजातियों में न्यायिक चरीत्र नहीं होता है
abe tum logo ki khopdi dheeli hai. 😂🤣😝 koi nahi sunta tumhari . bas bhaunkte raho aise hi.😂 Azad samaj party ko aur mayawati ko Kyun nahi vote dilwa diya bahujan samaj aur muslim samaj se ? 😂🤣
😂😂😂
Tera mind bhut divert kiya gya hai
😂😂 रो ले बेटा
@@devendrasingh-lb3ki
सच स्वीकार क्यूं नहीं करते वोटसप युनिवर्सिटी के छात्र
BJP ka ant najdik hai sare desh se sfaya hoga
Ye influencer or padhe likhi ,nice joke 😂😂😂
Iss kanya se mujhe ishq ho gya hai
Average Gen z Nibba Indian Influencer youth