श्राद्ध कर्म पूर्वजों की आत्मिक शांति का मार्ग

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ต.ค. 2024
  • पूर्वजों की आत्मिक शान्ति व उनकी आत्मिक तृप्ति के लिए जो पुत्र अपने प्रिय भोज्य पदार्थ किसी विप्र आदि को श्रद्धापूर्वक भेंट करते है, ब्राह्मण को सेवन कराते है, उसी अनुष्ठान को 'श्राद्ध' कहा जाता है। यही पूर्वजों की तृप्ति की एक मात्र साधना है।

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