बहुत ही अच्छी बातबता रहे हैं आज समाज में काफी पढ़े लिखे हैं लेकिन फिर भी कितने लोग आध्याम से काफी दूरी रखते हैं। कल कारखाने न हो तो कितने लोग और भी बे रोजगार हो जाएगे। जय श्री राम हरहर महादेव की जय सँतोशी माँ की जय।।।।।
Thank you, it is so beautiful. Beautifully made beautifully narrated. You are so lucky to have been born to parents who were able to pass on such profound knowledge to you. I thought l was very lucky l escaped going to convent at very young age,. My family was very much impressed by western methods of education,. 😊1947 upset their plans to upset child girls to Swiss finishing schools. Family observed Hindu rituals, some Aarya Samaj, some guru Nanak ,and Santhana. No conflict , they did protect us from being influenced by foreign religions. Hearing younger generation than myself talk so beautifully Sanskrit makes me feel so happy, very great full to all those who kept our culture alive, .
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." नेपाल, यज्ञ स्थल "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान." मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे , अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है। पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।. मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." नेपाल, यज्ञ स्थल "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान." मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’ मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है. अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है." ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए." वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि." "तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
जब से सनातन को जाना डूबता जा रहा हूं यदि मैं मुस्लिम से हिंदू धर्म में नहीं आता तो सायद दुनिया को जान नहीं पाता जय सनातन आप ज्ञान की परिपूर्ण खजाना है 😪😪😪😪🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ज्ञानवर्धक और सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत साधुवाद। सुधार 🙏 वीडियो में 17:15 मिनट पर बताया गया है कि 'चार महाकाव्यों' द्वारा... यहाँ पर 'चार महावाक्यों' होना चाहिए। कृपया विद्वानों से परामर्श करके सुधार करने का कष्ट करें। प्रेरणादायी प्रस्तुति के लिए पुनः साधुवाद। आदरणीय, श्रद्धेय श्री अनुपम खेर जी को भी धन्यवाद🙏।
धर्म-संस्कृति विश्वास विजय करहि । सनातनधर्म जयतिलक उज्ज्वल भवितव्यहि ।।1।। :::::::::::::::::: आदिमहापुरुष सर्वशास्त्रविशारद अद्वित्य विद्वान आदि शंकराचार्य नमोस्तु ते । सत्य सनातन धर्म संस्थापक शंकराचार्य नमोस्तु ते।।2।। ::::::::::::::::::::::: जय श्री शंकराचार्य स्वामीजी महाराज नमोस्तु ते। जय हिन्द।
यह सँबिधान बनायाजाता इस लिए राजनीतिज्ञोंको कोपरेशानी होती है। महा मना मदन मोहन मालवीय जी ने भगवत्गीता का अनुवाद पद्य मे किया। मन से है ॐ नमन प्रभु को जिससे यह जड़ चेतन बनता। जो परम पुरूष जो आदि बीज सरबो परि जिसकी ईश्वरता।।।।।।
मेरा विश्वास है कि ईश्वर की कृपा से पुनः वैदिक संस्कृति धर्म की स्थापना होगी। जो हिंदू धर्म या वैदिक धर्म जो कुरीतियां आ गई है वे दूर होगी। महर्षि दयानंद ने ऐसा ही प्रयास वैदिक धर्म की स्थापना के लिए किया था। जो स्तुत्य है।
आदि गुरु शंकराचार्य जी की इतनी सुन्दर और इतनी समझ से भरी बातों को सुनकर भी यदि कोई व्यक्ति पशु पक्षियों को मार कर खाने की मनसा प्रकट करता है तो उसे साक्षात राक्षस ही समझना चाहिए। यहां इस चंडाल और आदि गुरु शंकराचार्य जी के बीच की वार्तालाप से भी यहीं बात सामने आती है की धरती पर प्रत्येक जीव जंतु एक ही परमात्मा के अंश हैं और मेरे गुरु आचार्य प्रशांत जी ने भी यहीं समझाया है लेकिन इसे सुनने के बावजूद लोग बड़े चाव से मांस खाते हैं। धिक्कार है वैसे लोगों पर जोर आदि गुरु शंकराचार्य जी की बातों को सुनकर भी हिंसा करते हैं।🙏🌻🙏
God is always good. We are all different part of One. That's mean to say all body is mortal but Atma a part of paramatma is always immortal. Thanks for all . Hare Krishna. Well done. We are all gift of God.
हे परमपिता परमेश्वर भारत वर्ष को इसी लिए भारत माता कहा गया और आज शंकराचार्य जी की बराबरी सिर्फ और सिर्फ हिन्दू धर्म य सत्य सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार करने वाले संत श्री आशारामजी बापू हैं निर्दोष संत को न्याय मिले हे हिन्दुस्तान के नागरिकों बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों जागो आज जो अन्याय बापूजी के साथ हों रहा है ऐसा अंग्रेजो ने भी नहीं किया और भारत वर्ष के लोग एक नहीं हो रहें हैं ये अन्याय प्रकृति माफ़ नहीं करेगी परिवर्तन बदला लेगा लेकिन इसमें हरा सूखा सब कुछ जलेगा हरि ओम 🙏🌹😘🙏
गर्व है मुझे ऐसे सनातन धर्म में में जन्म लेने पर
गर्व है मुझे ऐसी पुण्य भूमि में पैदा होने पर
गर्व है मुझे ऐसे महात्माओ के देश में बड़ा होने पर
😊
छान
च सीवी@@GolakBoro-lm6gn
बहुत ही अच्छी बातबता रहे हैं आज समाज में काफी पढ़े लिखे हैं लेकिन फिर भी कितने लोग आध्याम से काफी दूरी रखते हैं। कल कारखाने न हो तो कितने लोग और भी बे रोजगार हो जाएगे। जय श्री राम हरहर महादेव की जय सँतोशी माँ की जय।।।।।
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।🕉️🌹🥀🌼🪴✍🏽🌻🌸🎸🪐🌷🌺🍊📚📚🎻🌍🌙🌲🥭🥥🪔🔱🍎🚩🎁🔔🙏
Many more religions have been lost in this world,but Hindu religion still thrives and shall remain for ever.
Hindu is not a religion
Very good
@@nivedita8871A
Hindu is not Religion. It is a geographical identity. You can call it as Santana Dharma. Religion and Dharma are not same; in fact they are opposite.
@@Cyclic_Universeb9pnnnnnnnnnn
जो लोग जानते हैं उन्हें कोटि कोटि लोगों तक इस तरह बताना चाहिए
*||ॐ: नमस्ते सदा वत्सले मातृभुमे त्यवा हिन्दुभुमे सुखम वरधि तोहम, महामंगले पुण्यभुमे त्यदर्थे पतत्ये सकायो नमस्ते नमस्ते ॐ:||*
*> वंदे मातरम् साधु साधु
हर हर महादेव जय महाकाल जय श्री राम जय हो जागो सनतनी तेजा जागो सनतनी तेजा जागो सनतनी तेजा जागो सनतनी तेजा नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
ॐशिवोहऽम् 🙏🌸ॐशिवोशक्तिऽहम्🌺🙏 परम आदरणीय, परम पवित्र, शिव स्वरूप आदि शंकराचार्य जी को कोटि कोटि, अनंत कोटि, ब्रह्माण्ड कोटि नमन प्रणाम 🙏🌸💐ॐशिवोहऽम्🙏 🌸
जय गुरुदेव गुरु कृपा ही केवलम् हरि कृपा ही
केवलम्, मन:कृपा ही केवलम्, तत्व कृपा ही केवलम्. जीव जीव में शिव शिव,सत्यम् शिवम्
सुन्दरम् 🙏🧘🏻♀️🔥
🙏🙏
नारी शकती की जयहो
अनुपम जी धन्यवाद 🙏 जय हिंद सनातन धर्म🙏 बहोत सखोल ज्ञान मिला l ये ज्ञान प्रत्येक पिढी तक पहुचना चाहिए l
नमस्कार,
खूपच सुंदर माहिती मिळाली.आदिशंकराचार्य महाराजांन बद्दल.
जय श्री राम 🙏🚩 जय हो 🚩
आदी गुरु पूजनीय शंकराचार्य की जिवनिय औं र धर्म और सनातन धर्म का इतिहास की jankari जन जन तक पहुचाने के आपकी चेष्टा सराहनिय है! आपको मेरी औरसे धन्यवाद.
सबसे श्रेष्ठ हिंदू सनातन धर्म , सबसे श्रेष्ठ ज्ञान .
List hai kya koi? Sabse shresth usse thoda Kam shresth, sabse Kam shresth?
Om namay swey om har har Mahadev ji ki jai
my] yy@@sunitaraina8030
my] yy@@sunitaraina8030
@@sunitaraina8030 true all religions are equal..
Har har Mahadev..
Jai shiv shambho..
Jai Mahakal...
⛳🎪जय सियाराम जी🎪⛳
अद्भुत है सनातन धर्म और इसके मर्म को आत्मसात कराने वाले परम् वंदनीय जगद्गुरु आचार्य आदि शङ्कराचार्य के श्री चरणों में
कोटि कोटि नामन् 🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏
Ò 9 m
Tv .
Dr GT gGhhf @@nepalimusicvideo9906
Bum bum bhole
Thank you, it is so beautiful. Beautifully made beautifully narrated. You are so lucky to have been born to parents who were able to pass on such profound knowledge to you. I thought l was very lucky l escaped going to convent at very young age,. My family was very much impressed by western methods of education,. 😊1947 upset their plans to upset child girls to Swiss finishing schools. Family observed Hindu rituals, some Aarya Samaj, some guru Nanak ,and Santhana. No conflict , they did protect us from being influenced by foreign religions. Hearing younger generation than myself talk so beautifully Sanskrit makes me feel so happy, very great full to all those who kept our culture alive, .
🙏🙏🙏🙏 धन्यबाद और बहुत बहुत आभार
@@VedicSangeet movie name?
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बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
नेपाल, यज्ञ स्थल
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
नमः शिवाय धन्यवाद जय गुरु शंकराचार्य
हरि ओम श्री सद्गुरु भगवान
Bhaj Govindam Bhaj Govindam...Govindam Bhaj Muod mate..HareKrishna,,💐🙏💐💐🙏💐
धन्यः मां भारती यस्य सरस्वती स्वरूपा आसीत्।
धर्म का सार ही है धारण करो जो बात अपने को पसंद ना हो उसे दूसरों के लिए भी व्यवहार में मत लाओ
ब्रम्ह और जीव एक ही है 🙏🙏🙏
jai Shree hari
मूर्खता है आज के परिवेश में जिसके पास धन है वही विद्वान् है। अपितु भारत में विद्वानों को सम्मान दिया जाता।
( व्यर्थ है यह विडिओ आज के प्रवेश में )
Bharat Ek Khoja,the greatest ever seriel produced in Indian history.
परमात्मा ही शुरू हैं और परमात्मा ही अन्तिम है
ईश्वर सत्य है।
Mahadev ❣️
jaysakrashary
Awesome
रोचक और दुर्लभ कथा ! अति प्रिय !!
हर हर महादेव
जगतगुरु की जय हो
Jai Shiv❤Shakti🙏❤️🙏🕉🚩
बहुत ही शानदार
Namah Shivay....jai Shankaracharya
Adi shankaracharya 🚩🚩🚩🚩🚩🙏
मेरे आदर्श रहे है जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जी 🙏👍🔱🌹बहुत उम्दा प्रस्तुति।।
Jai sadgurudev koti koti pranaam
@@mangeshpranjale9480 ,
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
नेपाल, यज्ञ स्थल
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
हमे इतना पता नहीं जानकर बहुत खुशी हुई धन्यवाद देता हूँ
તન્મયઓ ma shiv sankalp mastu zyanam yogam pratishtru adi shankarachary કો કોટી કોટી વંદન
जय जगदगुरु शंकराचार्य जी
Har har mahadev 🙏
જયશ્રી સ્વામિનારાયણ. ૐમનમશિવાય. ૐમશાંતિ ૐમશાંતિ ૐમશાંતિ. જગતગુરૂશંકાશારીજીનેસતસતપ્રણામજયહો. રાજીરહેજો વહેલાઆવજો ભેળારહેજો જયશ્રી સ્વામિનારાયણ
।।ॐ नमः शिवाय।।
Mujhe इस सनातन भूमि पर जन्म लेना पर गर्व है जय श्री राम
हर हिन्दू आदि गुरु शंकराचार्य जी का ऋणी है
अनुपम जी को साधुवाद एक महापुरूष के बारे में प्रस्तुति देते हुए
The great Aadi Shankaracharya was the greatest exponent of Adwait Yoga and mastered supreme Vedic Knowledge at a very young age of three years.
uui
जब से सनातन को जाना डूबता जा रहा हूं यदि मैं मुस्लिम से हिंदू धर्म में नहीं आता तो सायद दुनिया को जान नहीं पाता जय सनातन आप ज्ञान की परिपूर्ण खजाना है 😪😪😪😪🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kya tum Hindu ho??
@@Rohit-ij7mb Yes 2016 में आया हु
बहुत ही अच्छा
Hmm
Aa aà
ईश्वर देवता भगवान में बहुत बङा भेद है सत्य है
ज्ञानवर्धक और सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत साधुवाद।
सुधार 🙏
वीडियो में 17:15 मिनट पर बताया गया है कि 'चार महाकाव्यों' द्वारा...
यहाँ पर 'चार महावाक्यों' होना चाहिए।
कृपया विद्वानों से परामर्श करके सुधार करने का कष्ट करें।
प्रेरणादायी प्रस्तुति के लिए पुनः साधुवाद। आदरणीय, श्रद्धेय श्री अनुपम खेर जी को भी धन्यवाद🙏।
जय हो श्री गुरूदेव श्री की जय हो जय जय सियाराम शरणं ❤❤
Sanatan Dharma ki jai ho 🙏
Jai shankaracharya.... 🙏🙏 Proud to be part of dashnami sampradaya ..Jai Jai Shankar.. Jai sanatan 🙏🙏
Jay Dasnam Giri . Puri
Ban . Bharati. Har Har Mahadev
0😊😮😊
Thank toAll
ज्ञान अनंत है,इसकी कोई सीमा नहीं
धर्म-संस्कृति विश्वास विजय करहि ।
सनातनधर्म जयतिलक उज्ज्वल भवितव्यहि ।।1।।
::::::::::::::::::
आदिमहापुरुष सर्वशास्त्रविशारद अद्वित्य विद्वान आदि शंकराचार्य नमोस्तु ते ।
सत्य सनातन धर्म संस्थापक शंकराचार्य नमोस्तु ते।।2।।
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जय श्री शंकराचार्य स्वामीजी महाराज नमोस्तु ते।
जय हिन्द।
Bahut hi umda..
Sachai se lotpot ..jagad guru ji 🙏❤️
Har har mahadev
I am very glad to watch this vedio. And it helped me to know Adi Shankaracharya.
ऊंजगत रूपाय ब्रह्मानन्द ये आदि शंकराचार्य नमः
hame sanatani hone ka garv hai
हर हर महादेव जय महाकाल जय श्री राम
Jagatguru ki Jay Ho soAham
Good विचार ❤
सनातन धर्म ही शाश्वत सत्य है हर हर महादेव
🪔⛳🌞जय:📿🐚श्री:🚩🏹राम:🌼👣❤️🙏✊जय:🚩⚔️🚩हिंदुत्व:🙏🦁💪👊💪👈
জয় আদিগুরু শংকরাচার্যের জয়
यह सँबिधान बनायाजाता इस लिए राजनीतिज्ञोंको कोपरेशानी होती है। महा मना मदन मोहन मालवीय जी ने भगवत्गीता का अनुवाद पद्य मे किया। मन से है ॐ नमन प्रभु को जिससे यह जड़ चेतन बनता। जो परम पुरूष जो आदि बीज सरबो परि जिसकी ईश्वरता।।।।।।
Bahut hi saralta se samjhaya gaya hai sanatan dharm ke bare main . bahut bahut sadhuwad
जय गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🙏
सर्वं शिवमयं जगत। ओम नमः शिवाय। हर हर महादेव।
मेरा विश्वास है कि ईश्वर की कृपा से पुनः वैदिक संस्कृति धर्म की स्थापना होगी। जो हिंदू धर्म या वैदिक धर्म जो कुरीतियां आ गई है वे दूर होगी। महर्षि दयानंद ने ऐसा ही प्रयास वैदिक धर्म की स्थापना के लिए किया था। जो स्तुत्य है।
हे भगवान् l अदभुत , धन्य है मेरा भारत 🎉🎉🎉🎉🎉
आदि गुरु शंकराचार्य जी की इतनी सुन्दर और इतनी समझ से भरी बातों को सुनकर भी यदि कोई व्यक्ति पशु पक्षियों को मार कर खाने की मनसा प्रकट करता है तो उसे साक्षात राक्षस ही समझना चाहिए। यहां इस चंडाल और आदि गुरु शंकराचार्य जी के बीच की वार्तालाप से भी यहीं बात सामने आती है की धरती पर प्रत्येक जीव जंतु एक ही परमात्मा के अंश हैं और मेरे गुरु आचार्य प्रशांत जी ने भी यहीं समझाया है लेकिन इसे सुनने के बावजूद लोग बड़े चाव से मांस खाते हैं। धिक्कार है वैसे लोगों पर जोर आदि गुरु शंकराचार्य जी की बातों को सुनकर भी हिंसा करते हैं।🙏🌻🙏
जय श्री राम ....🚩👏
आपको सादर नमन जो ये एपिसोड बनाया धन्यवाद जी
अनूप जी आप हिंदू जनजागृति करते हैं इस हमे गर्व है।
God is always good.
We are all different part of One.
That's mean to say all body is mortal
but Atma a part of paramatma is always immortal.
Thanks for all . Hare Krishna.
Well done.
We are all gift of God.
Jai shree Ram
कलयुग में शिव जी का रूप शंकर जी हुए है।🙏
Very nice
Bahut achchi jaankari,om namah Shivaya 🙏🙏🌹🌹
I love 😘😭😭😭😭😭😭😭👣🙏🏻🪔 ओम शांति और समृद्धि और भगवान से प्रार्थना है।।श्री हरि।।।मिल जाओ।।🪔🪔👣😭😘💕❤️🚩🚩
भारतमे 10वी सदी मे शंकराचार्य ने भारत का पूरा इतिहास ही बदल दिया
ह्रीं साम्ब सदाशिवाय नमः
NAMAH SHANKARA
LOVE FROM ODISHA
शंकरं शंकराचार्यं केशवम बादरायणं सूत्र भाष्यै कृतौ वंदे भगवंतौ पुनः पुनः 🙏💐🚩
जगत गुरू आदिशंकराचार्य जी भगवान शंकर के अवतार थे
जय🙏 श्री🌹🌹🌹 राम
अति उत्तम अति महत्वपूर्ण अति सुन्दर मनमोहक प्रस्तुति
Jai Jagat guru
जगत गुरु भगवान शिव शवरूपआ शंकराचार्य भगवान को कोटीस चरण स्पर्श
I proudly to say my mother from Mahishi (sahersa),Mundal Mishra Village
🙏👉🌹हिन्दू संनातन धर्म की जय हो |
👉🌹हिन्दू संनातन धर्म की महानता की वर्णन करने के लिए श्री अनुपंम जी की जय हो |
नमन वंदन प्रणाम आप के द्वारा सनातन धर्म संस्कृति का संकलन बहुत ही सुन्दर सराहनीय प्रयास है जय श्री राम
Aum namo sri adi shankarachariya namaha🙇♀️🙇♀️❤❤❤❣❣❣❣❣❣
हे परमपिता परमेश्वर भारत वर्ष को इसी लिए भारत माता कहा गया और आज शंकराचार्य जी की बराबरी सिर्फ और सिर्फ हिन्दू धर्म य सत्य सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार करने वाले संत श्री आशारामजी बापू हैं निर्दोष संत को न्याय मिले हे हिन्दुस्तान के नागरिकों बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों जागो आज जो अन्याय बापूजी के साथ हों रहा है ऐसा अंग्रेजो ने भी नहीं किया और भारत वर्ष के लोग एक नहीं हो रहें हैं ये अन्याय प्रकृति माफ़ नहीं करेगी परिवर्तन बदला लेगा लेकिन इसमें हरा सूखा सब कुछ जलेगा हरि ओम 🙏🌹😘🙏