सर शब्द का स्वरूप क्या है सर शब्द किसको कहते हैं सर शब्द रहता कहां है सर शब्द बिना आपका भी कल्याण नहीं है आप क्यों भटक रहे हो आपका भी कल्याण का कोई उपाय है नहीं
अप्रिय सजना यह बात उनसे कहो जिसको किसी चीज की जरूरतहो हमारे सदगुरु देवने सर्व ही संपूर्ण वास्तुदी है दी है हमें और किसी की कोई आवश्यकता है नहीं हम स्वयं कल्याण अपने सदगुरुदेव के शब्द के द्वारा देखते हैं यह तो बात उनको कहो जो भूले हैं यहां लटके हैं हम नहीं भूले हैं नहीं भटके हैं सतनाम सत कबीर बंदगी साहिब
सब कहते हैं कि सद्गुरु के चरण जाना चाहिए जाना पड़ेगा तों सद्गुरु कोन है सद्गुरु कहां है, जों कह रहे हैं वो तो सद्गुरु नहीं है क्योंकि सब कथन करने वाले लोग कहते हैं कि सद्गुरु के चरण जाना पड़ेगा तब ज्ञान होगा तो ऐ जो कह रहे हैं ऐ क्या जुठ ढकोचले है जुठ बकवास है क्या, मैंने सुना है सुनते हैं जहां तक सभी बोलने वाले सभी ज्ञानी कहने वाले लोग सभी जगहों पर कहते हैं कि सदगुरु के चरणों मैं जाना चाहिए जाना पड़ेगा तों यहां लोग कयु आया है ऐ बकवास सुनने लोग आते हैं सत्संग मैं लोग क्यों जाते हैं क्योंकि सत्संग करने वाले लोग तो ऐ कह रहे हैं की सदगुरु के चरणों मैं जाना पड़ेगा तब ऐ काम बनेगा सद्गुरु समझाते हैं ज्ञान देते हैं समझ देते हैं परख देता है तो साहेब आपके पास ऐ सब नहीं है तों फ़िर इतना कहेना था की सद्गुरु चरणों मैं आप सब जाईएं तों यहां क्यों जख मारने आये
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संत रामपाल जी महाराज की शरण में आ जाओ और अपना कल्याण करो
सर शब्द का स्वरूप क्या है सर शब्द किसको कहते हैं सर शब्द रहता कहां है सर शब्द बिना आपका भी कल्याण नहीं है आप क्यों भटक रहे हो आपका भी कल्याण का कोई उपाय है नहीं
अप्रिय सजना यह बात उनसे कहो जिसको किसी चीज की जरूरतहो हमारे सदगुरु देवने सर्व ही संपूर्ण वास्तुदी है दी है हमें और किसी की कोई आवश्यकता है नहीं हम स्वयं कल्याण अपने सदगुरुदेव के शब्द के द्वारा देखते हैं यह तो बात उनको कहो जो भूले हैं यहां लटके हैं हम नहीं भूले हैं नहीं भटके हैं सतनाम सत कबीर बंदगी साहिब
आपका ध्यान सत्य है
सब कहते हैं कि सद्गुरु के चरण जाना चाहिए जाना पड़ेगा
तों सद्गुरु कोन है सद्गुरु कहां है,
जों कह रहे हैं वो तो सद्गुरु नहीं है क्योंकि सब कथन करने वाले लोग कहते हैं कि सद्गुरु के चरण जाना पड़ेगा तब ज्ञान होगा तो ऐ जो कह रहे हैं ऐ क्या जुठ ढकोचले है जुठ बकवास है क्या,
मैंने सुना है सुनते हैं जहां तक सभी बोलने वाले सभी ज्ञानी कहने वाले लोग सभी जगहों पर कहते हैं कि सदगुरु के चरणों मैं जाना चाहिए जाना पड़ेगा
तों यहां लोग कयु आया है ऐ बकवास सुनने लोग आते हैं सत्संग मैं लोग क्यों जाते हैं क्योंकि सत्संग करने वाले लोग तो ऐ कह रहे हैं की सदगुरु के चरणों मैं जाना पड़ेगा
तब ऐ काम बनेगा सद्गुरु समझाते हैं ज्ञान देते हैं समझ देते हैं परख देता है तो साहेब आपके पास ऐ सब नहीं है
तों फ़िर इतना कहेना था की सद्गुरु चरणों मैं आप सब जाईएं
तों यहां क्यों जख मारने आये
एक ही सत्य पथ पर चला रहो एक दिन स्वयं आपको आपका निबंधन का दर्शन हो जाएगा