Gulgule aur Suhali bahut pasand hai Pude tave per banae jaate Hain ab hamen aur hamare bacchon ko bahut pasand hamare bacche to school mein jaate waqt manate Hain
पुड़े तो सर तवे पर बनते हैं रोटी से बड़े बनते हैं आज हमने बनाए हैं पुडे़,,,गुलगुले गोल गोल छोटे छोटे होते हैं सरसों के तेल में बनते हैं हमारे हरियाणा में,,,सुहाली मट्ठी की तरह होती है ये सब हम गुड से बनाते हैं 😊😊😊😊पुराने टाइम के आदमी बढे बूढ़े अगर देखा जाए तो आयुर्वेद के हिसाब से ही खाते थे,,,,
धर्मेंद्र भाई सुहाली, पूड़े और चिल्ले बरसात में बनाए जाते हैं तथा इन्हें आम के आचार से खाया जाता है मैं बागपत का रहने वाला और कानपुर में नौकरी करता हूं। बरसात में हफ्ते में एक बार तो खा ही लेता हूं।
Baris ke season me sarson ka tel ka pkwan khane ka ek mahtav ye b h ki barish ke mausam me jahrile keet ptenge kat le to sarson ka tel uska asar nhin hota.sarson ka tel khane se bachav hota h.
सिवाली मुझे भी बहुत पसंद है लेकिन क्याकरूं पत्नी को बनाने नहीं आती और माता जी से अब बनाई नहीं जाती 😅😅😅 हरियाणा में कहावत है शिवाली बर्गे मुंह आले यही सुनकर के सबर कर लेता हूं😅😅😅
कहानी बहुत अच्छी लगी, प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद, धर्मेन्द्र जी कौन हरियाणवी होगा जिसे सुहाली, गुलगुले,पुडे़, सकरपारे आदी अच्छे ना लगते हों और बारिश होते ही घर पर ना बनवाते हों। अर्थात ऐसा चलन अभी जारी है। पुनः अच्छी लोक कथा के लिए साधुवाद
एक गाम मैं दो दुकान पास पास मै थी ।एक सुनार की और एक लोहार की । सुनार की दुकान से आवाज नहीं आती थी, लेकिन लोहार की दुकान से जोर जोर की आवाज आती थी। एक दीन सुनार की दुकान से सोने का टुकड़ा किसी तरह लोहार की दुकान में चला गया। वो बोला भाई कुटता पिटता तो मैं भी हूं लेकिन तुम चिल्लाते (आवाज) बहुत करते हो। लोहा बोल्या भाई तेरी बात सही है। तुझे चोट दुसरो से लगती है और मुझे तो अपने ही चोट मारते हैं। अपनों की चोट मै दर्द घणा होया करै।
धर्मेंद्र जी डॉक्टर दोनों को हाथ जोड़कर नमस्कार, सबसे पहले तो मैं बता दूं आपको कि अब तक गुड़ की सोहली खुद अपने हाथ से बनाकर मैं तीन बार खा चुका हूं घर पर बारिश से पहले भी औरअभी भी, और यह मेरा बहुत ही मन पसंदीदा व्यंजन है गुड़ के बने हुए गुलगुले सुहाली और पुड़े। और एक चीज बता दो यह तो संयोग है आपने सरसों के तेल का जिक्र किया मैं खुद एक सरसों के तेल का व्यवसाय हूं नीमराणा जिला अलवर राजस्थान में मैंने अपना सेटअप लगाया हुआ है। सरसों का तेल बहुत ही अच्छा होता है। इसको आप हर ऋतु में खा सकते हैं। और गुड़ से बनी हुई सभी चीजों का मैं बहुत ज्यादा शौकीन गुड का चूरमा भी खूब अच्छे से खाता हूं।।
Saher ke log nahi jante bahi haryana k gramin area m aam Aadmi gulgule sawali pakodey mater banata h parantu sabayata v parchalan gramin area ka acha yadi rajnetawo v paschatya sahbahato ki Nazar na Lage to
गुलगले और सुहाली अपने यहा खूब बनाते थे सावन के महीने मे और गूगे के त्यौहार पर सियाई सैमी खूब बनती है अब प्रचलन थोड़ा कम हो गया है और भाई लोक कथा ज्ञान वर्धक है❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Dharmender bhai ap y haryanvi sanskarte ko jinda rakhny m ahm roll ada kar rhy ho absolutely a great work Salute h
Very good knowlegeable.
🙏🙏
बहुत लाभप्रद और ज्ञान वर्धक
Salute u both
I like oil food and great experience working hard
❤😅
Political Gyan se bhi kahin jyada A❤ap sanskriti ki bahut seva kar rahe ho.best wishes sir
Bhai kanwari hme pasand han gulgule sawali Lok katha achhi lagi
Hum sab ko pasnd h गुलगुले
😅😅😅😅😂😂😂❤😂❤
आपने कहा गुरू ज्ञान हरता है इसका क्या मतलब है। गुरू तो ज्ञान बढ़ाता है।
गुरु अज्ञान को हर लेता है
Aa gaye dono nagar.
सोहाली को शेखावाटी राजस्थान क्षैत्र में शक्करपारे बोलते हैं। 🎉
the tranquility of the good old haryana leads me to big fear of missing out as being a gen z
Gulgule aur Suhali bahut pasand hai Pude tave per banae jaate Hain ab hamen aur hamare bacchon ko bahut pasand hamare bacche to school mein jaate waqt manate Hain
Suhali Gugale tel me fry krne se kharab nahi hote the isliye door daraj jagh asani se bhej diye jate the
oil contains Sulphur which is helpful to cure skin diseases
बहुत सुन्दर ❤❤
ज्ञान वर्धक।
❤
Great work Bhaiya👍👍
पुड़े तो सर तवे पर बनते हैं रोटी से बड़े बनते हैं आज हमने बनाए हैं पुडे़,,,गुलगुले गोल गोल छोटे छोटे होते हैं सरसों के तेल में बनते हैं हमारे हरियाणा में,,,सुहाली मट्ठी की तरह होती है ये सब हम गुड से बनाते हैं 😊😊😊😊पुराने टाइम के आदमी बढे बूढ़े अगर देखा जाए तो आयुर्वेद के हिसाब से ही खाते थे,,,,
Suhaali...
मैं हर साल बनवा कर खाता हूं
Great information about our senior members of haryana..bhut bhut dhanyawad
Bahut Badiya dono hastiyon ko namaskar.
भगवान विष्णु अवतार भगवान कृष्ण ॐ हरे कृष्ण कृष्ण ॐ भगवान कृष्ण ॐ हरे कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं नमस्कार सर
Sir Puda Aalag Hota H Or Gulgule Alag Hote H Gian Durusat Kari Dr Shahab Puda Bahut Bada Hota H Roti Ki Tarah Testy Bi Hota H
धर्मेंद्र भाई सुहाली, पूड़े और चिल्ले बरसात में बनाए जाते हैं तथा इन्हें आम के आचार से खाया जाता है मैं बागपत का रहने वाला और कानपुर में नौकरी करता हूं। बरसात में हफ्ते में एक बार तो खा ही लेता हूं।
Mithi poori aur poode kehte h west u. P. mein
Aap dono ki jodi salamat rahe. Baat krne ka tarika dono ka ekdam mast lgti hai 👌❤🙏
Bhai acidity ka ilaaj batao chalo story to bahut acchi lagi aapki to sari video hi acchi hai aapki sari video dekhte hain
बहुशोभनम
❤❤❤❤❤
👌❤🙏
Baris ke season me sarson ka tel ka pkwan khane ka ek mahtav ye b h ki barish ke mausam me jahrile keet ptenge kat le to sarson ka tel uska asar nhin hota.sarson ka tel khane se bachav hota h.
It is correct, Dharmender ji. Kai bar aankho dekhi bhi sahi bat nahin hoti hai
सिवाली मुझे भी बहुत पसंद है लेकिन क्याकरूं पत्नी को बनाने नहीं आती और माता जी से अब बनाई नहीं जाती 😅😅😅
हरियाणा में कहावत है शिवाली बर्गे मुंह आले
यही सुनकर के सबर कर लेता हूं😅😅😅
Suhali hi kahte he west up me bhi
Ram Ram Dharmender Bhai ji🎉😊
धर्मेद्र भाई बूढ़े कहा करते सावन सावन तेल खाना चाहिए ।। चौमासा के सीजन में हमारे बूढ़े बुजुर्ग दही लस्सी से परहेज करते थे ।।
दही लस्सी ताजा लेने मैं कोई नुक्सान नहीं होता।
कहानी बहुत अच्छी लगी
Very nice Story ❤❤
Batohi,baat chlne wale ko kahte the.
और धर्मेंद्र जी लोक कथाओं का जो आपका सुनाने का अंदाज है उसका तो कहना ही क्या है, बहुत ही अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां हैं। बहुत बहुत धन्यवाद
कहानी बहुत अच्छी लगी, प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद, धर्मेन्द्र जी कौन हरियाणवी होगा जिसे सुहाली, गुलगुले,पुडे़, सकरपारे आदी अच्छे ना लगते हों और बारिश होते ही घर पर ना बनवाते हों। अर्थात ऐसा चलन अभी जारी है। पुनः अच्छी लोक कथा के लिए साधुवाद
Sir puda alag hota hai
Very good story..
Satish Tyagi ji Tipey1 Sugar ka koi ilaz h kya
Good
Gohana se samajsevi harsh chikara n election ldne ka elan Kiya h sir unse bi ek interview Kiya jaye
very interesting story sir ji
भाई मजा आ गया
काहनी अच्छी थी
अति सुंदर🎉🎉🎉
Namashkar 🙏
भाई बहुत कम पत्रकार है आप जेसे धन्य हो आप
Good Lok Katha ❤
धर्मेंद्र भाई बहुत ही अच्छी लगी आपकी कहानी ।आज कल अच्छी कहानियाँ कौन सुनाता है 🙏
Saraiki mein Doorh ko kheer toh kahte hai,prantu kheer ko doodh nahin balki Kheerni ( खीरनी) kahte hain
Avali aleg hoti h pude aleg hote h tikde aleg hote h hum log ab bi inko bnate h
कल मैंने भी सुहाली खाई बहुत टेस्टी व पोष्टिक लगी।
आज इस के गुण भी सुन लिए । धन्यवाद
बहुत सुंदर भाई धर्मेंद्र ❤
Suhali sir hum up ke Saharanpur me bhi khate h
Suhali और gulgule to बहुत pasand है लेकिन में दिल्ली में रहता हूं यहां एक या 2 bar ही kha pate है.
Beautiful message 👏
Very good pakwan, bilkul
desi
एक गाम मैं दो दुकान पास पास मै थी ।एक सुनार की और एक लोहार की । सुनार की दुकान से आवाज नहीं आती थी, लेकिन लोहार की दुकान से जोर जोर की आवाज आती थी। एक दीन सुनार की दुकान से सोने का टुकड़ा किसी तरह लोहार की दुकान में चला गया। वो बोला भाई कुटता पिटता तो मैं भी हूं लेकिन तुम चिल्लाते (आवाज) बहुत करते हो। लोहा बोल्या भाई तेरी बात सही है। तुझे चोट दुसरो से लगती है और मुझे तो अपने ही चोट मारते हैं।
अपनों की चोट मै दर्द घणा होया करै।
धर्मेंद्र कॉलेज तीस्ता की दोनों को राम राम सॉरी गुलगुले तो आज हमारे घर भी उतरे थे
BAhut Badiya kahani bhai sab😊😊
धर्मेंद्र भाई राम राम आप का से खोज कर लाते है इतनी गहराई की कहानी बहुत अच्छ है
Or sunaao khaani bhai
Very nice poem h sir
Apki katha ka wait rhta hai bde bhai hmko
इसे सावन के महीने में ही बनाते हैं और बहन और बेटी के घर पर पिता या भाई लेकर जाता है इसे दिल्ली और पश्चिम यूपी में इसे सिनदारा कहते हैं
Thanks Dharmender ji for so educational story
Manju ko kothli aagi laage h ji... Bhut badhiya 🙏🙏
भाई जी ये कालिदास की लिखी कहानी है कालिदास के साथ हुआ संवाद है
Bhai Dharmendar mujhe bhi bhut pasand hain lok katha apne achhi sunai thanks
Bahut acche bante Hain gulgule hamare Sher Dil by Aditya Devi Lal ji Chaudhary Devi Lal ji ka dusra roop
बहुत ही बढ़िया व शानदार लगा देखकर व सुनकर 🙏🙏
Dhrameder bhi mere papa 77years vo Sunday ko apke khani ko sunene ke le 10pm tek wait kerte he
V good story thanks
Super Story aweet Gulgule
Dharmender Sir , kahani bahut Achhi lagi . Next Sunday ka intjar karte hai kahani ke liye. Thanks.
धर्मेंद्र जी डॉक्टर दोनों को हाथ जोड़कर नमस्कार, सबसे पहले तो मैं बता दूं आपको कि अब तक गुड़ की सोहली खुद अपने हाथ से बनाकर मैं तीन बार खा चुका हूं घर पर बारिश से पहले भी औरअभी भी, और यह मेरा बहुत ही मन पसंदीदा व्यंजन है गुड़ के बने हुए गुलगुले सुहाली और पुड़े। और एक चीज बता दो यह तो संयोग है आपने सरसों के तेल का जिक्र किया मैं खुद एक सरसों के तेल का व्यवसाय हूं नीमराणा जिला अलवर राजस्थान में मैंने अपना सेटअप लगाया हुआ है। सरसों का तेल बहुत ही अच्छा होता है। इसको आप हर ऋतु में खा सकते हैं। और गुड़ से बनी हुई सभी चीजों का मैं बहुत ज्यादा शौकीन गुड का चूरमा भी खूब अच्छे से खाता हूं।।
Mst
Saher ke log nahi jante bahi haryana k gramin area m aam Aadmi gulgule sawali pakodey mater banata h parantu sabayata v parchalan gramin area ka acha yadi rajnetawo v paschatya sahbahato ki Nazar na Lage to
Dr sahab up se hai tho yah kya job ke liye aye the yah yahi koi business hai 🙏
Gud storry bhi
Kal apne koi vedio nahi dali miss kiya apko
नमस्ते जी
1st time suni bhaishab ji , jari rakhie hafte me 2
गुलगले और सुहाली अपने यहा खूब बनाते थे सावन के महीने मे और गूगे के त्यौहार पर सियाई सैमी खूब बनती है अब प्रचलन थोड़ा कम हो गया है और भाई लोक कथा ज्ञान वर्धक है❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Lajwab or bahut hi gyanvardhk
Gulgule, sakarpare, suhali famous dish of haryana, Great dharmendra bhai
अच्छी लोक कथा है, और गुलगुले हमे बहुत पसंद है
Dharmender Sahab if you join the politics will you be able to raise the issues of the people in a fair way as you are raising now.
Tyagi ji. .tij ka gana Jo vo m batata hu. Julan jangi e ma mere bag ma re ......heri ud.. .............. Kya mahol hota tha bada maja aata tha
आगरा,मथुरा इलाके में गुलगुले को पुए कहते हैं और थोड़ा बड़े होते है