जिनेन्द्र वंदना |New| Dr. Hukamchand Ji Bharill | Dr. Gaurav & Deepshikha Sogani |Jinendra Vandna

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ค. 2017
  • हम आभारी है - Jain Adhyatma Academy Of North America (JAANA) के जिनके सहयोग ये यह जिनेन्द्र वंदना तैयार की गयी है |
    24 परिग्रह से रहित तीथंकर भगवान होते है और एक एक परिग्रह को लेकर एक एक तीथंकर का गुणानुवाद इस जिनेन्द्र वंदना में डॉ हुकमचंद जी भारिल्ल जी द्वारा लिखा गया है और इसका गायन डॉ गौरव सोगानी और दीपसिखा सोगानी द्वारा किया गया है | अगर आप इसकी pdf चाहते है तो नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करें -
    drive.google.com/file/d/0B7fJ...

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