वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के मन का एक मार्मिक गीत| surendra jain kavi

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 ก.พ. 2025
  • वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के मन का एक मार्मिक गीत, उकलाना मंडी हरियाणा कवि सम्मेलन 2018, डॉ0 सुरेन्द्र जैन जी द्वारा रचित काव्यसंग्रह 'आत्ममंथन' (2001) में भी यह गीत संग्रहित है।
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