🧘 We expect a series of discussions on Unbelievable mysterious powerful Spiritual Path , experiences , consciousness and Unexpected physical-mental-spiritual changes in human body by The Evolutionary Energy Kundalini Shakti for Laukik aur Parlaukik Kalyanarth with reference to TH-cam channels - Gurudev Siyag's Siddha Yoga - GSSY Sanatan - The Eternal Towards the Truth 🌞
प्रतिदिन ध्यान साधना में एक चेतना प्राप्त होने के बाद जब सांसें दोनों नासिका से समान रुप से चल रही हों इस दौरान मानसिक रुप से ऊँ नमः शिवाय मंत्र जाप करें इस दौरान पूरी चेतना अपने सहस्त्रार चक्र में फोकस रखें।किसी भी प्रकार के मंत्र का मौखिक जाप ना करें।इससे वाइब्रेशन उग्र हो सकता है।बस सांसों की गहराई के साथ बने रहें।
guru ji meri urja pure din rid ki hadi me our mere sar me gumti hai mughe agya chark me dhup jesi rosani dikhti hai lekin meri urja nhi rukti muladar our sar me hamesha rhti hai pichle do sal se ho rha hai me kya karu pareshan hu🙏🏼🙏🏼🌸🌸
nasika drashti dhyan kese pta kre ki sahi marg par hai aur ise khana khane ke bad kr sakte hai ky ,ese kitni bar khna chahiye or kitne time tak krna chahiye plz bataye
नासिकाग्र दृष्टि ध्यान के दौरान जब सांसें अपने आप धीमी लम्बी और गहरी चल रही हो।आप उस क्षण में एक चेतना की अनुभूति कर रहें हो।पूरी स्थिरता के साथ सबकुछ सहज ही चल रहा हो तो आप बिलकुल सही मार्ग पर हैं। खाना खाने के बाद कभी भी इसका अभ्यास ना करें।हमेशा ध्यान साधना के दौरान सुबह खाली पेट या ब्रह्ममुहूर्त में ही इसका अभ्यास करें। जब आप प्रयत्नपूर्वक इसका अभ्यास कर रहें हैं।जब आपके अंदर आवश्यक चेतना का स्तर नहीं है।तब आप मात्र 30-30 सेकेंड के लिए ही 3 बार इसका अभ्यास करें। जब आवश्यक चेतना का निर्माण होना शुरू होगा।तो एक समय ऐसा भी आएगा यह मुद्रा अपने आप ही आपको लगनी शुरू हो जाएगी।उस समय,समय की सारी सीमाएं अपने आप समाप्त हो जाएंंगीं।आप को बहुत देर तक इस मुद्रा में बने रहेंगें।चेतना अपने चरम सीमा पर होगी।बस धैर्य और अनुसासन बनायें रखें। ऊँ शिवम शिवोहं
Jay maa adishakti 🌹🙏❤️
Om namah shivay 🌹🙏❤️
आदि शक्ति कुंडलिनी माता की जय
SADAR CHARAN SPARSH AADARNIYA GURUDEV, KRIPA BANAYE RAKHIYE PRABHU JI 😍😍🥰🥰😊😊😀😀😂😂❤️❤️🏵️🏵️🌺🌺🌻🌻🌹🌹🙏🙏
जय श्री राम 🌹🌹🌹🙏🙏🙏
Thank you so much
You're most welcome
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Kundalini jagoron ke 3 months bad Keya karna hai.
Please bata dena..bohot problem me hu main...
Please...bata na...
प्रतिदिन ध्यान साधना में एक चेतना प्राप्त होने के बाद जब सांसें दोनों नासिका से समान रुप से चल रही हों इस दौरान मानसिक रुप से ऊँ नमः शिवाय मंत्र जाप करें इस दौरान पूरी चेतना अपने सहस्त्रार चक्र में फोकस रखें।किसी भी प्रकार के मंत्र का मौखिक जाप ना करें।इससे वाइब्रेशन उग्र हो सकता है।बस सांसों की गहराई के साथ बने रहें।
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नासिकाग्र दृष्टि ध्यान के दौरान जब सांसें अपने आप धीमी लम्बी और गहरी चल रही हो।आप उस क्षण में एक चेतना की अनुभूति कर रहें हो।पूरी स्थिरता के साथ सबकुछ सहज ही चल रहा हो तो आप बिलकुल सही मार्ग पर हैं।
खाना खाने के बाद कभी भी इसका अभ्यास ना करें।हमेशा ध्यान साधना के दौरान सुबह खाली पेट या ब्रह्ममुहूर्त में ही इसका अभ्यास करें।
जब आप प्रयत्नपूर्वक इसका अभ्यास कर रहें हैं।जब आपके अंदर आवश्यक चेतना का स्तर नहीं है।तब आप मात्र 30-30 सेकेंड के लिए ही 3 बार इसका अभ्यास करें।
जब आवश्यक चेतना का निर्माण होना शुरू होगा।तो एक समय ऐसा भी आएगा यह मुद्रा अपने आप ही आपको लगनी शुरू हो जाएगी।उस समय,समय की सारी सीमाएं अपने आप समाप्त हो जाएंंगीं।आप को बहुत देर तक इस मुद्रा में बने रहेंगें।चेतना अपने चरम सीमा पर होगी।बस धैर्य और अनुसासन बनायें रखें।
ऊँ शिवम शिवोहं
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