आपकी टिप्पणी व प्रतिक्रिया व्यक्त सुनकर आंखों नंम हो गई सिर श्रद्धा से झुक गया वाह वाह क्या कार्टून प्रकाशित किया देवी स्वरूपा भगवती शक्ति लक्ष्मी नारायणी नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते धन्य है भारत भूमि धरा जहां पर आप जैसे प्रबुद्ध व्यक्ति भाग्यशाली देवी स्वरूपा भगवती शक्ति लक्ष्मी नारायणी देवी को समर्पित भावना से प्रेरित होकर आंखों में झरना झरता उमड़ पड़ा सिर श्रद्धा से आपके सामने झुक गया वाह धन्य है वह माता पिता जो इस घोर कलयुग वर्ष में ऐसा संस्कारवान पौंधा पनपाया है मैं आपके माता-पिता को हदय की गहराई से आभार व सलाम करता हूं
कविराज स्व. श्री अनोप दान विठू द्वारा रचित आवड़ माँ का छंद है यहा कंठ वालो से पहले छंद के रचनाकार का नाम लिखते तो ठिक रहता वैसे रचनाकार का नाम जग जाहिर है आपकी कुण्ठित मानसिकता कवि की पहचान को नहीं मिटा सकता ।
कविराज स्व.श्री अनोपदान जी का नाम वैसे तो किसी परिचय का मोहताज नहीं है फिर भी इस छंद के रचयिता के रूप में लिखते तो ठीक रहता। वैसे इस छंद बोलने वाले बहुत हैं।
आपकी टिप्पणी व प्रतिक्रिया व्यक्त सुनकर आंखों नंम हो गई सिर श्रद्धा से झुक गया वाह वाह क्या कार्टून प्रकाशित किया देवी स्वरूपा भगवती शक्ति लक्ष्मी नारायणी नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते धन्य है भारत भूमि धरा जहां पर आप जैसे प्रबुद्ध व्यक्ति भाग्यशाली देवी स्वरूपा भगवती शक्ति लक्ष्मी नारायणी देवी को समर्पित भावना से प्रेरित होकर आंखों में झरना झरता उमड़ पड़ा सिर श्रद्धा से आपके सामने झुक गया वाह धन्य है वह माता पिता जो इस घोर कलयुग वर्ष में ऐसा संस्कारवान पौंधा पनपाया है मैं आपके माता-पिता को हदय की गहराई से आभार व सलाम करता हूं
धन्यवाद भाई साहब जी
जय मां करणी
Vah vah sa kaviraj ji dhanywad sa
कवीराज को जै माताजीरी बेदू यादव
बहुत सुंदर रचना एवं प्रस्तुतीकरण
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏वाह
Jsi hinglaj ji Devi maa ki sada hi Jai Ho 🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Vah, kaviraj
वाह बाजी सा वाह।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अतिसुन्दर रचना
Thanks
जय मां आवङ
जय मां आवड़
कविराज स्व. श्री अनोप दान विठू द्वारा रचित आवड़ माँ का छंद है यहा कंठ वालो से पहले छंद के रचनाकार का नाम लिखते तो ठिक रहता वैसे रचनाकार का नाम जग जाहिर है आपकी कुण्ठित मानसिकता कवि की पहचान को नहीं मिटा सकता ।
बिलकुल साहब जी माफी चावा अब लिख दिया
हुक्म
कविराज स्व.श्री अनोपदान जी का नाम वैसे तो किसी परिचय का मोहताज नहीं है फिर भी इस छंद के रचयिता के रूप में लिखते तो ठीक रहता। वैसे इस छंद बोलने वाले बहुत हैं।
बिल्कुल हुक्म भूल रह गया है
हुक्म भुल हो गया माफ करना आगे से ऐसि गलती नहीं होगि