धर्म प्रधान देश में देवताओं पर राजनीति मन्दिर पर राजनीति और क्या क्या होगा मस्जिद चर्च गुरुद्वारा में राजनीति क्यों नहीं अगर दूसरे समाज के लोग पुजारी बन जायेंगे तो उस मन्दिर में दूसरे समाज के कितने लोग जाएंगे ऐसे अपशब्दों का प्रयोग करने वाले दारू मदिरा का सेवन करने वाले बिना नहाए पूजा करने वाले पुजारी बन जायेंगे तो उस मन्दिर में कौन भक्त जायगा जिस समाज के लोग दारू मटन का उपयोग देवताओं पर करते हैं वो पुजारी बनेंगे अथवा ए ब्राह्मण विरोधी धर्म विरोधी बदले की राजनीति हो रही हैअथवाआरक्षणसे ध्यान हटाने के लिए जिसके ज़बान मे ही लगाम नहीं वो पुजारी बनेंगे तो ऐसे धर्म व मन्दिर का क्या होगा
Rakhi ji ko kuchh jyada hi dikkat hai😂😂😂😂😂. Besharamo ki tarah bol rahi hain. Inse koi puchho agr dalito ko pujari banane ka adhikar nahi to Brahmino ko dalito se daan lene ka adhikar kaise mil gaya😂😂
गलती हमारी हमारे पूर्वजों ने की अपना पेट काट कर अपने बच्चों को भूखा रख कर भगवान को समर्पित करते हुए मंदिर बनाया और दान में दे दिया किसी और को मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आपने अपने माता पिता को किसी को दान में दिया है अगर नहीं अगर नहीं तो आपके कुल आपके परिवार के माता पिता है आपने उनको कैसे दान में दे दिया अपना मंदिर बनाइये ईश्वर को विराजमान कीजिए और जो आपका सम्मान करें उसे आने दीजिए चाहे वो ब्राह्मण हो या गैर ब्राह्मण कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए लेकिन सेवा स्वयं कीजिए क्योंकि अगर आप किसी को मंदिर दिन में देते हैं तो दान लेने वाला सेवक बनकर आता है और मालिक बन जाता है बाद में आप पानी भी मांगेंगे तो आपको नहीं मिलेगा ऐसे अनेकों उदाहरण है जहां गैर ब्राह्मण का घुसना मना है और रही बात शास्त्र की तो अनेकों संस्थान आज शास्त्र की पढ़ाई करवाते हैं इसलिए इन पूजा के मालिक बन रहे लोगों को सबसे पहले बाहर का रास्ता दिखाओ तब इनकी पीढ़ियों को पता चलेगा
यह सुनकर बड़ा दुख हुआ जो ब्राह्मण लोग कह रहा है केवल ही ब्राह्मण पुजारी बन सकते हैं तो यह गलत बात है जो दलित भाई कह रहा है वह सही बात है कि कोई भी बन सकता है ज्ञान क्रिया करके नहीं और उसका अभ्यास करके पुजारी कोई बन सकता है इससे सनातन आगे बढ़ेगा बिल्कुल सच है लेकिन सनातन को कमजोर करने वाले ब्राह्मण है
ब्राम्हण के बारे में गीता के 18 वे अध्याय के 42 वे श्लोक में बताया है। जो कर्म से शांति, सहिसनु, सुधता, से रहे ज्ञान, वीज्ञान में रत रहे।सभी को सामान दृस्टि से देखे क्योकि सभी मे परमेशवर का वास है। वो ब्राह्मण है
ईस चर्चा से आगे निष्पन्न होगा वैदीक परंपरोवोमें अन्य जातियों कां प्रवेश नही है मंदीरो में पुजा पाठ का सीर्फ अधीकार सीर्फ ब्राम्हणो का अधीकार है तो गैर ब्राम्हण हींदु कैसे होंगे मंदीरो में गैर ब्राम्हणो मंदिरो में दान की हुई करोडी रू दक्षीणा सोना अंलकार चाहीए तो वो गैर ब्राम्हण मंदीरोका पुजारी क्युं नही बन पाता
@@jeetendrakamble1649 ब्राह्मण कौन है उसके लिए शास्त्र का अध्ययन कीजिये समझ आ जायेगा। पहले धर्म सभा होती थी जिससे वास्तविक धर्म की जानकारी लोगो को हो धर्म की चर्चा, खुले मंच में होती थी, कोई बंधन न था। भारत की गुलामी के बाद बहुत कुरूतियो ने जन्म लिया है। लेकिन सामूहिक प्रयास से इसे दूर किया जा रहा है
@@radhyapandey4544 आप मुझे बता सकते है एक ईन्सान दुसरे ईन्सान से कैसे श्रेष्ठ हो सकता है ईस जातीवाद से हजारो लाखोपीडीया बरबाद हो गयी है अगर हींदु धर्म मे जाती जाती मे बट नही जाता तो हींदु धर्म दुनिया का सबसे बडा धर्म होता मै कीसीकी नींदा ना अलोचना करना चाहता हु मान लो आपका जन्म वाल्मीका समाज में होता और आप ईन्सान का गु नीकालने वाले होते तो आप को कैसा लगता ईस देश का दुर्भाग्य है की धर्म के आड में जाती वाद को बढाया ईन्सानीयत को नही ऐसा मुझे मानना है आप मुझे बार बार दलीत कहोगे और बोलेगे तुम्हे मंदीरो मे प्रवेश नही है सीर्फ तुम्हारी दक्षीणा चाहिए तो दक्षीणा में भेद क्युं नही हमारे खुन का रंग लाल है तो हम हींदु धर्म में भगवान के मंदीरोमे जाकर पुजा पाठ क्युं नही कर पाते ए कैसी पंरपरा है ईस भेद भाव से भारत विश्व का महासत्ता कैसा बनेगा
@@jeetendrakamble1649 मैने पहले ही कहाँ की शास्त्र अच्छे गुरु से पढ़िए। सबसे पहले गीता खुद पढ़िए। बिना किसी निष्कर्ष को निकाले।आप पाएंगे कि मंदिर का निर्माण शूद्रों और स्त्रियों के लिए ही हुआ। ईश्वर को पाने के कई माध्यम है उनमें से एक प्रेम है, निश्छल प्रेम से ईश्वर तक पहुच सकते है। मंदिर में वही मार्ग है। यदि प्रेम नही तो मंदिर का भी कोई महत्व नही। जिन्हें प्रेम मार्ग कठिन लगता है वो हठ योग करते है बुद्ध के मार्ग में प्रेम का मार्ग न अपना के हठ योग का मार्ग है ।गीता में कृष्ण भगवान कहते है। कि ईश्वर हर प्राणी के हृदय में निवास करते है। हर प्राणी मतलब हर मनुष्य, जानवर भी कोई भेद नही। जो देश हजार साल से गुलाम हो वहाँ धर्म मे असुधी आना कोई बड़ी बात नही। बच गया यही बड़ी बात है। अफगानिस्तान, ईरान, इराक , पाकिस्तान,के बौद्ध, सनातन, धर्म का क्या हुआ।1947 में भारत आजाद हुआ किसने किया। इसी प्रश्न के उत्तर के निष्कर्ष में पाहुचना मुश्किल है।असहयोग आंदोलन 1942 तो असफल था उसके बाद गांधी जी ने कोई बड़ा आंदोलन किया भी नही।नेहरू कोई आंदोलन करते नही थे। आजाद हिंद फौज कुछ हद तक सफल थी लेकिन वो भी डिस्मेंटल हुई। फिर कोन हिटलर तो नही भारत को आजाद करवाने वाला। जिसने ब्रिटेन की कमर तोड़ दी और आजादी देनी पड़ी। लाल बहादुर शास्त्री को किसने मारा। तो हमारे ऊपर के नेता खुद चाहते है हम लड़े और सही इतिहास न जाने। आप को पता है madhypraesh में गोंडवाना राज्य था गोंड आज st में आते है। जबकि वो राजा थे अवंति बाई, दुर्गावती के बारे में पढ़े। फिर ये अछूत कैसे हो गए। निसाद राज के तो भरत जी ने पैर छुए थे रामायण कहती है वो भी आज st है कैसे। हा आज व्यवहार शास्त्र के अनुसार ब्राह्मण का नही है। हमे फिर से मंदिर का पैसा गुरुकुल में लगाना होगा जहां शास्त्र के साथ कम्प्यूटर आधुनिक शिक्षा हो। अस्पताल हो। आपको पता है भारत के मंदिर का पैसा सरकार के आधीन है सरकार ट्रस्ट बनाती है मंदिर में।
लेकीन पांडेजी आपने तो धर्म का अध्ययन कीया है मेंरा ब्राम्हण जे झगडा नही है अभी गीता के 18 अध्याय से 42वे श्लोक में आप ने जो बता दीया है की ज्ञान वीज्ञान कर्म सहीसुन शुधता हे तो ऊस सब में परमेश्वर का वास है मैं मानता हुॅ लेकीन ईसका अर्थ ए है की सबी ईन्सान एक समान है जब कोई ईन्सान वैदीक पंरपरावोंका अच्छे तरह से पालन करे तो वो ब्राम्हण हो सकता है अच्छा गिता का अर्थ अपने समजाया ईसलीये मै गीता का आदर करता हूँ लेकिन भारत मे सीर्फ मंदीरोमें ब्राह्मण का कब्जा सै ईसका मतलब ए सै कि ब्राम्हण छोडकर मंदिरो मे अन्य जातीका कोई मतलब नही रहा क्योंकि भारत के ब्राह्मणोने गीता और परमेश्वर का गैर मेसेज अन्य जातियों यो दीया अगर भारत में गीता का मतलब अचुक और अच्छी तरह से समजाया होता तो भारत में सभी लोग ब्राह्मण होते और एक ब्राह्मण ही अपने व्यवहारोसे स्वय॔म ज्ञान का पुजारी भगवान का पुजारी ब्राह्मण वो स्वयंम और समाज की रक्षा करता तो वो क्षञीय बन जाता वो स्वयंम व्यवहार करता तो वो वैश्य बन जाता और वो खुद स्वयम का संडास साफ करता तो व क्षुद्र केहलाता लेकिन नीजी स्वार्थ के लीए ईन्सानो ने ईन्सान को हजारो सालोसे गुलाम बना दीया
😂😂😂😂😁🤣🤣 ब्राह्मणों की जमीन खिसक रही है, बहुत खीझ है भाई। "ब्रह्म" जानाति इति ब्रह्मणः। भाई कितने ब्राह्मण ब्रह्म को जानने(साक्षत्कार) में आज सफल हैं। किताबी ज्ञान का अर्थ ये "ब्रह्म" के जानने(साक्षात्कार) से लगा रहे हैं। योग्यता के आधार पर कोई भी पुरोहित बनने का अधिकारी है।
कुछ लोगों को मेहनत करके पेट भरना नही जमता था...वो बहूत बहूत बहूत बहूत बहूत ही आलसी थे....इसलिए उन्होंनेे खुद का पेट आराम से भरने का आसान रास्ता खोज लिया....वो रास्ता था पुजारी बनना.
राखी मैडम ने 13:16 पे बोला की भगवान सिर्फ ब्राह्मण के हाथ से ही खाते है...भगवान चढ़ावा तो सभी जाति का लेते है चाहे वो दलित हो या ओ बी सी राखी जी आप भगवान को खाना खिलाते वक्त ये जरूर पूछना की भगवान आप खाना सिर्फ ब्राह्मण के हाथ का खातो हो और चढ़ावा सभी का लेता हो ऐसा क्यो...क्योंकि वो आप के जेब मे जाता है भगवान के नही उसे नही सबको मना करगो की गैर ब्रह्मण का चढ़ावा नही स्वीकार करते भगवाग...
जब मंदिर में पूजा पाठ करना , मंत्र जाप करना पुण्य का काम है तो गैर ब्राह्मण इससे वंचित क्यों ? बड़े बड़े मंदिरों में , महंगे महंगे मंदिरों में गैर ब्राह्मणों को भी पुजारी बनाया जाना चाहिए ।
गैर ब्राह्मण हिंदू मंदिरों का पुजारी बने तमिलनाडु सरकार ने सही निर्णय लेते हुए सभी जात के हिंदुओं को मंदिर का पुजारी महंत बनाने का काम करके अच्छा किया है आदिवासी और दलित भी हिंदू हैं इसलिए दलितों और आदिवासियों को मंदिरों का पुजारी महंत बनाया जाए सब के पूर्वज हिंदू हैं राष्ट्र के सभी लोग एक समान हिंदू हैं ओम नमः शिवाय
धर्म का अर्थ बात नहीं पा रहे पूजा कैसे करेंगे इसीलिए तो ब्राह्मण ही पूजा करता है आता ना जाता हूं चुनाव चिन्ह छाता डॉक्टरी आती नहीं इंजेक्शन लगाने चलते हैं कि हम डॉक्टर है गजब की बात करते मंदिर की आरती आई नहीं पूजा करने चले
Rshul Gupta bilkul sabhi ko pooja karne ka adhikar hai lekin pujari kewal brahman hi hona chahiye aur ek baat garbh grah me pujari ke alawa kisi ko bhi nahi bheja jana chahiye chahe wah koi bhi ho
isi liye is yug ka naam Kalyug hai is yug mai jab dharm ka naas hoga tab usai ghor kalyug kaha jayega aur ek din yah yug bhi samapt ho jayega Jai Tungeshwar Mahadev Jai chandika Mata
गीता का 18 व अध्याय 41 व श्लोक कहता है प्रकति के गुणों के प्रभाव से प्रभावित होकर मनुष्य स्वभाव से कर्म करता है और उसके कर्म के आधार पर ही मनुष्य ब्राम्हण, छत्रिय, वेश्य, शूद्र होता है। किसी भी व्यक्ति के प्रकृति से 3 स्वभाव होते है सात्विक, राजसी, तामसी।जो सात्विक है वो ब्राह्मण जो राजसी है वो छत्रिय जो तामसी है वो वेश्य और शूद्र । इन तीनो गुणों से ऊपर उठने से ब्रम्ह की प्राप्ति होती है।
Sare brahmn sabdo k tote hote hai. Unke paas sirf suchna hoti hai. Books padhi hui hoti h. Apna anubhav nhi hota. Ye bilkul esa hi h. Ki koi book se padh le sugar mithi hoti. Or koi sugar ko kha kr bole. Ki sugar mithi hoti h.
बूट पालिस करने वाला ब्यक्ति रविदास यदि पुजारी न होता तो बृम्ह ज्ञान न होता,जब ब्रम्ह ज्ञान हो गया तो ब्रम्हण हो गया अब वो पुजारी बन गया।अर्थात पुजारी कोई भी हो सकता है।और पछजा के लिए कोई नियम नहीं होता यह भावनात्मक बिषय है।
जिनको धर्म के बारे मे कुछ भी पता ही नही जिनो ने कभी संस्कृत ब्याकरण शास्त्र पुरान गीता भागवत कभी पङने की कोशिश नहि की ना ब्रहम को जानने की कोशिश की जिस ईश्वर ने तुमहै बनाया उस को तुम मानते ही नहि तो तुम पुजारी कैसे बन सकते हो तुम्हारे अन्दर वो काबिलियत ही नहि
Subhash kumar ji,Brahaman ko bhagao nahi uska kewsl tiraskar karo itna ki wo apney ko Brahaman kahna hi chhor dey,wo khud lajja sey mar jaaeyga.Jay Bhartey Sambidhan.
@@vibhorsrivastava8449 ji,Teacher chuki kewal aur kewal Brahaman hi hotey they aaj sey hazaron saal pahley isi liyey aamlog un teacheron ko Brahaman hi kahtey they.Kaya aapney kisi kayastha ko Hindu Mandiron mey pujari bana hua paaya hai,aakhir koi Kayasth kyun kisi mandir ka pujari nahi ban saka aaj tak jabki Kayasthon sey jayada padha likha koi jaati ka log nahi hai aur na ha bhavishey mey raheyga. Jabab jarur dijiey ga.
Jab tak gayr Brahamno ko mandiron mey puja karwaney ki shiksha deney ki koi School nahi kholey jaatey jis mey sabhi jaation key logon ko school mey shiksha miley.Tabhi sabhi jaation key logon ko mandiron mey pujari banana hi uchit hai
सनातन वैदिक शास्त्र मर्यादा अपौरुषेय कालातीत &देश काल परिस्थिति गुंडागर्दी दादागिरी सत्ता प्रभाव आदि से सर्वथासर्वथा परे है । क्योंकि यह ईश्वरीय विधान है।या कहे की वेद विधान है। डंडे के जोर से सत्य बदला नही जा सकता है । श्री मंगल पांडे जी ने जो रायफल उठाई थी वह सनातन वैदिक शास्त्र मर्यादा के रक्षण के लिए ही उठाई थी। उन महापुरुष ने गोमांस चर्म को मात्र शास्त्र मर्यादा पालन करने के लिए ही छुने से मना कर कर्तव्य पालन किया था और इस तरह के कर्तव्य पालन के लिए सभी सनातन धर्मी सदैव तैयार रहते है। रही बात जाति वर्णा की तो इस विषय मे अनादि सनातन वैदिक शास्त्र मर्यादा ही प्रमाण है। जो जन्मना जाति वर्णा के ईश्वरीय विधान का उद्घोष करती है। हम सभी वैदिक सनातन धर्मी ब्राह्मण ,वनवासि ,आदि अनादि काल से परस्पर स्नेह पुर्वक अग्रज अनुज की भांति(अरे है ही अग्रज अनुज ) रहते आये है और रहेगे । किसी के मानने न मानने से कोई फर्क नही पड़ता डंडे के जोर से सत्य बदला नही जा सकता है ।
वेद विधान वैदिक सभ्यता से पहले सिंधु घाटी सभ्यता थी वैदिक सभ्यता में क्या लिखा है वो तो बता सकते हो पर क्या सिंधु सभ्यता की लिपि पढ़ सकते हो तो नहीं ना ? तो फालतू ग्॥ ना मत गTओं सबसे पुराने सबसे_प्राचीन और सर्वमान्य होने का I
हमारी निवाड़ी शहर में नया जिला निवाड़ी में हनुमान जी मंदिर की पूजा जाति के सेन समाज यानी कि बाल काटने वाली बिरादरी के पुजारी जी पूजा करते हैं और सभी जातियों के लोग उनके पैर भी छू ते हैं
गीता कहती है कि आप प्रकति के प्रभाव के कारण कर्म करने हेतु बाध्य है आप छन भर भी कर्म के बिना नही रह सकते। और आपका कर्म आपको भला निंदनीय लगे और दूसरे का कितना अच्छा लगे पर वो छोड़ने लायक नही है। जैसे महात्मा बुद्ध जन्म से तो छत्रिय थे पर कर्म से ब्राम्हण उन्होंने जातक में खुद कहा है।गीता के अनुसार आप अपने अपने कर्मो को करते हुए उन्हें भगवान को समर्पित करते हुए ही सिद्ध हो सकते है आपको कर्म छोड़ने की जरूरत नही
I request to all my SC ST or OBC brothers and sisters please boycott all the donghi pakhandi manuwadi adamber which are only a dongh and faraway from truth, all the RSS chadi gang and their illiterate atiwadi hindu sanghtan are against we reserved community people so please don't give any Dan daixna in kind or money.
अगर ब्राह्मण के खून की बात है जो राखी जी कह रही थी तो शायद वो मेरे ख्याल से थोड़ा बहुत पढ़ी लिखी होंगे खून के बारे में थोड़ी जानकारी लें ब्राह्मण का कोई विशेष खून नहीं होता और I हमने कई बाहमणों को देखा है घर के मरीज के लिए स्वीपरों का खून हाथ पैर जोड़कर मांगते है तब बो ब्राह्मणी खून कहाँ जाता है ?
किसी योग्य शिवभक्त हिंदू को शंकराचार्य पुजारी बनाओ जातिवाद को नहीं मानो ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्व राष्ट्र संसार में सब के पूर्वज हिंदू हैं क्रिस्चियन मुस्लिम घर वापसी करके शिवभक्त हिंदू बने ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्व राष्ट्र संसार के सभी लोग एक परिवार के एक समान अच्छे शिवभक्त हिंदू है परमात्मा शिव जी की संतान विश्व के सभी लोग एक परिवार के एक समान अच्छे शिवभक्त हिंदू हैं
शिव तो सब कुछ है सब शिव मय है। लेकिन जहाँ तक हिन्दुत्व की बात है तो वैदिक सभ्यता से पहले भी एक सभ्यता थी जो है सिन्धु घाटी सभ्यता जो सबसे प्राचीन है वैदिक सभ्यता से भी प्राचीन और शिव की पूजा के प्रमाण उस सभ्यता में भी मिलते हैं लेकिन वे तो आर्य नहीं थे वे तो आयों के आने से पहले ही भारत में थे, है और रहेंगें । उस सभ्यता की तो लिपि भी नहीं पढ़ी जा सकी तो फिर संसार का पूर्वज हिंदुओं को बताना बड़ा ही हास्यास्पद है 😃😃
Madam आप अगर मेडिसिन पढ़ेंगे तो डॉक्टर बनेंगे, जैसे डॉक्टर का लड़का डॉक्टर नहीं, okil के बेटा okil नहीं. अगर आप ब्राह्मण हैं तो दुशरे धंदे क्यों करते हैं.
दरअसल जातिप्रथा का ही अंत होना चाहीए..हम सब एक है...हम सब इन्सान है...चार वर्ण झुठी बात है...स्कुल लिव्हिंग सर्टीफिकेट पर जाती को नही लिखा जाना है...इससे जाती का अंत हो जाएगा.
Chandra bhan ji such bol rahe iss hinduism majbut hoga aur jo do pandit hai Unhe kuch nahi malum nahi Kisi bhi gandra me aisa nahi Likga ki gair brahmin pujari nahi ho sakata
Yi Rakhi Ji,ek maha jaatiwadi mahila hayn,inkey maansikta ko kisi tarah badla nahi ja sakta.Inhi jaysey logon key chaltey Bahujan log Dharam pariwartan karney ko baadhey hain,fir kyun Hindu Sawarn log dharmantran ka birodh kar raheyn hain?
Main to kehta hoo. Pujari ka kaam sirf brahman ko hi karna chahiye or dusra koi kaam karne ka adhikar nahi hona chahiye. Jaise supreme court ka judge bhi nahi news anchor bhi nahi bisness man bhi nahi na koi adhikari na koi noukri karni chahiye. Sirf pujari ka hi kaam karne ka adhikar hona chahiye. dusra koi kaam karne ka adhikar nahi hona chahiye
सभी शिव भक्त हिंदू पुजारी है ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्व राष्ट्र कोई शिवभक्त हिंदू पुजारी बन सकता है जातिवाद को ना मानो सभी शिव भक्त हिंदू हैं पुजारी किसी को बना दो सभी शिव भक्त हिंदू है जो योग्य हो उसे पुजारी बनाओ ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्वनाथ जय हिंदू विश्व राष्ट्र
Koi v Brahaman pet se hi sab kuchh Sikh kar nahi aata.... O v yahi Aakar sikhata hai..kyuki ek gair Brahaman k likhe kanun se hi Desh chal Raha hai...to mandir ki path kaun badi baat hai
@@Uejiehriyr bahut accha vaise aapko batadu ki pujari ka kaam sirf brahmin hi nahi karte .sabhi cast ke log karte hai.gayatri mandiro me dekhna vaha other cast ke log bhi hote hsi.
Mai Brahman hu, lekin mànta hu ki mandiro me yogya log chahe kisi bhi jati se ho pujari niyukt kiya Jana chahiye.vedo me karm ke aadhar par varn ki bat hai, Jo bhi vyakti mandir ke puja path me jankari le le use niyukat karo. Patna ke hanuman mandir me ek dàlit pujari hai, jat na puchho sadhu ki ye bhi kaha jata hai, aaj bhi dekhe kitne yogya log anya jati se dharmguru hai----- 1) baba ramdeo- yadav 2)dati maharaj- dalit(halaki ye rape case me accused hai) 3) yogi adityanath- rajput(gorakhnath mandir ke pujari) 4) jharkhand ke deori mandir me week me do din adivasi pujari hote hai(dhoni yahi puja karne jate hain, ) 5) Patna ke mahabir mandir --dalit pujari
कोई भी जाति का आदमी पुजारी बन एकता हे
Sir ji thank you
ब्रह्म जानती ब्राह्मण
मां कसम खाओ पंडित जी आपने ब्रह्म को जान लिया है।
धर्म प्रधान देश में देवताओं पर राजनीति मन्दिर पर राजनीति और क्या क्या होगा मस्जिद चर्च गुरुद्वारा में राजनीति क्यों नहीं अगर दूसरे समाज के लोग पुजारी बन जायेंगे तो उस मन्दिर में दूसरे समाज के कितने लोग जाएंगे ऐसे अपशब्दों का प्रयोग करने वाले दारू मदिरा का सेवन करने वाले बिना नहाए पूजा करने वाले पुजारी बन जायेंगे तो उस मन्दिर में कौन भक्त जायगा जिस समाज के लोग दारू मटन का उपयोग देवताओं पर करते हैं वो पुजारी बनेंगे अथवा ए ब्राह्मण विरोधी धर्म विरोधी बदले की राजनीति हो रही हैअथवाआरक्षणसे ध्यान हटाने के लिए जिसके ज़बान मे ही लगाम नहीं वो पुजारी बनेंगे तो ऐसे धर्म व मन्दिर का क्या होगा
डिबेट में सिर्फ ब्राह्मण ही हे क्यूं?OBC SC ST डिबेट में नही है और खुले आम जातिवाद करते हैं
जब सारे हिंदू है तथा सभी सुद्र पैदा होते हैं तो कोई भी हिंदू पूजा पाठ का ज्ञान लेकर पुजारी बन सकता है।
*🇮🇳😔😢पवित्र बाईबल उत्पति **1:26**-27 जाति धर्म परमेश्वर ने बनाये ही नहीं तो इनको आधार मानकर झगड़ा, जुल्म,नफरत कयों❓*
Puja ka adhikar sabhi ko hai. Brahmin ko nhi hona chahiye
जब व्यक्ति डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बन सकता है तो पुजारी क्यों नहीं बन जाते?
Thik Hai man's kha Lena uske bad puja Kar Lena
Pujari sirf Brahmin hi ho .... Dharm ke ander kisi ko dakhal nahi dena chahiye.
(I am a shudra)
Chal be chutiye... Har koi Brahman ban sakta hai...
वाह......वाइ राखी जी.
दूसरे को पुजारी बना देंगे तो ये लूटपाट कैसे करेंगे?
Rakhi ji ko kuchh jyada hi dikkat hai😂😂😂😂😂.
Besharamo ki tarah bol rahi hain. Inse koi puchho agr dalito ko pujari banane ka adhikar nahi to Brahmino ko dalito se daan lene ka adhikar kaise mil gaya😂😂
गलती हमारी हमारे पूर्वजों ने की अपना पेट काट कर अपने बच्चों को भूखा रख कर भगवान को समर्पित करते हुए मंदिर बनाया और दान में दे दिया किसी और को मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आपने अपने माता पिता को किसी को दान में दिया है अगर नहीं अगर नहीं तो आपके कुल आपके परिवार के माता पिता है आपने उनको कैसे दान में दे दिया अपना मंदिर बनाइये ईश्वर को विराजमान कीजिए और जो आपका सम्मान करें उसे आने दीजिए चाहे वो ब्राह्मण हो या गैर ब्राह्मण कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए लेकिन सेवा स्वयं कीजिए क्योंकि अगर आप किसी को मंदिर दिन में देते हैं तो दान लेने वाला सेवक बनकर आता है और मालिक बन जाता है बाद में आप पानी भी मांगेंगे तो आपको नहीं मिलेगा ऐसे अनेकों उदाहरण है जहां गैर ब्राह्मण का घुसना मना है और रही बात शास्त्र की तो अनेकों संस्थान आज शास्त्र की पढ़ाई करवाते हैं इसलिए इन पूजा के मालिक बन रहे लोगों को सबसे पहले बाहर का रास्ता दिखाओ तब इनकी पीढ़ियों को पता चलेगा
Ye sab inka dhandha hai inhe dar hai ki koi Inka business me na aaye nahi to ye sadak par aa jaayenge
Me punjab se brahmn priwar se ho ese ghatia brahmn kvi nhi dekhe jai kbir
Chandrabhan ji great
यह सुनकर बड़ा दुख हुआ जो ब्राह्मण लोग कह रहा है केवल ही ब्राह्मण पुजारी बन सकते हैं तो यह गलत बात है जो दलित भाई कह रहा है वह सही बात है कि कोई भी बन सकता है ज्ञान क्रिया करके नहीं और उसका अभ्यास करके पुजारी कोई बन सकता है इससे सनातन आगे बढ़ेगा बिल्कुल सच है लेकिन सनातन को कमजोर करने वाले ब्राह्मण है
मै वाई राखी से पूछना चाहता हूॅ कि क्या वह मंदिर की पुजारी बन सकती है। क्योंकि कि ब्राह्मण तो स्त्री को सूद्र मानते है।
Ajit Kumar ji,aap key puchhey gayey sawaal ka jabab tow Yi Rakhi ji key pita ji hi sahi sahi dey saktey hain?
ब्राम्हण के बारे में गीता के 18 वे अध्याय के 42 वे श्लोक में बताया है। जो कर्म से शांति, सहिसनु, सुधता, से रहे ज्ञान, वीज्ञान में रत रहे।सभी को सामान दृस्टि से देखे क्योकि सभी मे परमेशवर का वास है। वो ब्राह्मण है
ईस चर्चा से आगे निष्पन्न होगा वैदीक परंपरोवोमें अन्य जातियों कां प्रवेश नही है मंदीरो में पुजा पाठ का सीर्फ अधीकार सीर्फ ब्राम्हणो का अधीकार है तो गैर ब्राम्हण हींदु कैसे होंगे मंदीरो में गैर ब्राम्हणो मंदिरो में दान की हुई करोडी रू दक्षीणा सोना अंलकार चाहीए तो वो गैर ब्राम्हण मंदीरोका पुजारी क्युं नही बन पाता
@@jeetendrakamble1649 ब्राह्मण कौन है उसके लिए शास्त्र का अध्ययन कीजिये समझ आ जायेगा। पहले धर्म सभा होती थी जिससे वास्तविक धर्म की जानकारी लोगो को हो धर्म की चर्चा, खुले मंच में होती थी, कोई बंधन न था। भारत की गुलामी के बाद बहुत कुरूतियो ने जन्म लिया है। लेकिन सामूहिक प्रयास से इसे दूर किया जा रहा है
@@radhyapandey4544 आप मुझे बता सकते है एक ईन्सान दुसरे ईन्सान से कैसे श्रेष्ठ हो सकता है ईस जातीवाद से हजारो लाखोपीडीया बरबाद हो गयी है अगर हींदु धर्म मे जाती जाती मे बट नही जाता तो हींदु धर्म दुनिया का सबसे बडा धर्म होता मै कीसीकी नींदा ना अलोचना करना चाहता हु मान लो आपका जन्म वाल्मीका समाज में होता और आप ईन्सान का गु नीकालने वाले होते तो आप को कैसा लगता ईस देश का दुर्भाग्य है की धर्म के आड में जाती वाद को बढाया ईन्सानीयत को नही ऐसा मुझे मानना है आप मुझे बार बार दलीत कहोगे और बोलेगे तुम्हे मंदीरो मे प्रवेश नही है सीर्फ तुम्हारी दक्षीणा चाहिए तो दक्षीणा में भेद क्युं नही हमारे खुन का रंग लाल है तो हम हींदु धर्म में भगवान के मंदीरोमे जाकर पुजा पाठ क्युं नही कर पाते ए कैसी पंरपरा है ईस भेद भाव से भारत विश्व का महासत्ता कैसा बनेगा
@@jeetendrakamble1649 मैने पहले ही कहाँ की शास्त्र अच्छे गुरु से पढ़िए। सबसे पहले गीता खुद पढ़िए। बिना किसी निष्कर्ष को निकाले।आप पाएंगे कि मंदिर का निर्माण शूद्रों और स्त्रियों के लिए ही हुआ। ईश्वर को पाने के कई माध्यम है उनमें से एक प्रेम है, निश्छल प्रेम से ईश्वर तक पहुच सकते है। मंदिर में वही मार्ग है। यदि प्रेम नही तो मंदिर का भी कोई महत्व नही। जिन्हें प्रेम मार्ग कठिन लगता है वो हठ योग करते है बुद्ध के मार्ग में प्रेम का मार्ग न अपना के हठ योग का मार्ग है ।गीता में कृष्ण भगवान कहते है। कि ईश्वर हर प्राणी के हृदय में निवास करते है। हर प्राणी मतलब हर मनुष्य, जानवर भी कोई भेद नही। जो देश हजार साल से गुलाम हो वहाँ धर्म मे असुधी आना कोई बड़ी बात नही। बच गया यही बड़ी बात है। अफगानिस्तान, ईरान, इराक , पाकिस्तान,के बौद्ध, सनातन, धर्म का क्या हुआ।1947 में भारत आजाद हुआ किसने किया। इसी प्रश्न के उत्तर के निष्कर्ष में पाहुचना मुश्किल है।असहयोग आंदोलन 1942 तो असफल था उसके बाद गांधी जी ने कोई बड़ा आंदोलन किया भी नही।नेहरू कोई आंदोलन करते नही थे। आजाद हिंद फौज कुछ हद तक सफल थी लेकिन वो भी डिस्मेंटल हुई। फिर कोन हिटलर तो नही भारत को आजाद करवाने वाला। जिसने ब्रिटेन की कमर तोड़ दी और आजादी देनी पड़ी। लाल बहादुर शास्त्री को किसने मारा। तो हमारे ऊपर के नेता खुद चाहते है हम लड़े और सही इतिहास न जाने। आप को पता है madhypraesh में गोंडवाना राज्य था गोंड आज st में आते है। जबकि वो राजा थे अवंति बाई, दुर्गावती के बारे में पढ़े। फिर ये अछूत कैसे हो गए। निसाद राज के तो भरत जी ने पैर छुए थे रामायण कहती है वो भी आज st है कैसे। हा आज व्यवहार शास्त्र के अनुसार ब्राह्मण का नही है। हमे फिर से मंदिर का पैसा गुरुकुल में लगाना होगा जहां शास्त्र के साथ कम्प्यूटर आधुनिक शिक्षा हो। अस्पताल हो। आपको पता है भारत के मंदिर का पैसा सरकार के आधीन है सरकार ट्रस्ट बनाती है मंदिर में।
लेकीन पांडेजी आपने तो धर्म का अध्ययन कीया है मेंरा ब्राम्हण जे झगडा नही है अभी गीता के 18 अध्याय से 42वे श्लोक में आप ने जो बता दीया है की ज्ञान वीज्ञान कर्म सहीसुन शुधता हे तो ऊस सब में परमेश्वर का वास है मैं मानता हुॅ लेकीन ईसका अर्थ ए है की सबी ईन्सान एक समान है जब कोई ईन्सान वैदीक पंरपरावोंका अच्छे तरह से पालन करे तो वो ब्राम्हण हो सकता है अच्छा गिता का अर्थ अपने समजाया ईसलीये मै गीता का आदर करता हूँ लेकिन भारत मे सीर्फ मंदीरोमें ब्राह्मण का कब्जा सै ईसका मतलब ए सै कि ब्राम्हण छोडकर मंदिरो मे अन्य जातीका कोई मतलब नही रहा क्योंकि भारत के ब्राह्मणोने गीता और परमेश्वर का गैर मेसेज अन्य जातियों यो दीया अगर भारत में गीता का मतलब अचुक और अच्छी तरह से समजाया होता तो भारत में सभी लोग ब्राह्मण होते और एक ब्राह्मण ही अपने व्यवहारोसे स्वय॔म ज्ञान का पुजारी भगवान का पुजारी ब्राह्मण वो स्वयंम और समाज की रक्षा करता तो वो क्षञीय बन जाता वो स्वयंम व्यवहार करता तो वो वैश्य बन जाता और वो खुद स्वयम का
संडास साफ करता तो व क्षुद्र केहलाता लेकिन नीजी स्वार्थ के लीए ईन्सानो ने ईन्सान को हजारो सालोसे गुलाम बना दीया
😂😂😂😂😁🤣🤣 ब्राह्मणों की जमीन खिसक रही है, बहुत खीझ है भाई।
"ब्रह्म" जानाति इति ब्रह्मणः। भाई कितने ब्राह्मण ब्रह्म को जानने(साक्षत्कार) में आज सफल हैं। किताबी ज्ञान का अर्थ ये "ब्रह्म" के जानने(साक्षात्कार) से लगा रहे हैं। योग्यता के आधार पर कोई भी पुरोहित बनने का अधिकारी है।
कबीर साहेब से बड़े कोई संत उन से बड़ा कोई ज्ञानी नही है
जिसको पुजारी बनना है वो नया मंदिर बना ले फिर उसमे पुजारी बन जाये। किसको दिक्कत है?
किसी भी जाति का व्यक्ति अगर योग्य है तो वो पुजारी बन सकता है जो इस बात को नही मानता तो वो ढोंगी है।
कुछ लोगों को मेहनत करके पेट भरना नही जमता था...वो बहूत बहूत बहूत बहूत बहूत ही आलसी थे....इसलिए उन्होंनेे खुद का पेट आराम से भरने का आसान रास्ता खोज लिया....वो रास्ता था पुजारी बनना.
करेक्ट boss
Accha to jaakar 1 se 2 ghanta mantra padho pata chalega free ka milta hai ki mehnat ka
We r Indians tu to bahut mahenti hai zhandu, tune hi is duniya ki rachna ki hai gandi soch hai teri
Right
Pandito ki asli Roti h puja krna
Gair brahmin pujari hona chahiye bas gayni ho puja vidi janata ho
i supported
वह महिला नही है व ब्राह्मण है...ब्राह्मणी अपनी औकात दिखाता है ...बाकी सारे लोक गव्हर्मेंट ऑफ इंडिया मानते है
राखी मैडम ने 13:16 पे बोला की भगवान सिर्फ ब्राह्मण के हाथ से ही खाते है...भगवान चढ़ावा तो सभी जाति का लेते है चाहे वो दलित हो या ओ बी सी राखी जी आप भगवान को खाना खिलाते वक्त ये जरूर पूछना की भगवान आप खाना सिर्फ ब्राह्मण के हाथ का खातो हो और चढ़ावा सभी का लेता हो ऐसा क्यो...क्योंकि वो आप के जेब मे जाता है भगवान के नही उसे नही
सबको मना करगो की गैर ब्रह्मण का चढ़ावा नही स्वीकार करते भगवाग...
जब मंदिर में पूजा पाठ करना , मंत्र जाप करना पुण्य का काम है तो गैर ब्राह्मण इससे वंचित क्यों ? बड़े बड़े मंदिरों में , महंगे महंगे मंदिरों में गैर ब्राह्मणों को भी पुजारी बनाया जाना चाहिए ।
chandrabhan prashad ko me support krta hu me ek brahman hu me chahta hu jo hamare vedic culture ko achese prachar kre wo he brahman
गैर ब्राह्मण हिंदू मंदिरों का पुजारी बने तमिलनाडु सरकार ने सही निर्णय लेते हुए सभी जात के हिंदुओं को मंदिर का पुजारी महंत बनाने का काम करके अच्छा किया है आदिवासी और दलित भी हिंदू हैं इसलिए दलितों और आदिवासियों को मंदिरों का पुजारी महंत बनाया जाए सब के पूर्वज हिंदू हैं राष्ट्र के सभी लोग एक समान हिंदू हैं ओम नमः शिवाय
होते है पुजारी लेकिन योग्य होना चाहिए
Mam acchi bat bol rahi hai.mandiro ko bhee khilona samja hai.
Rakhi ji ki baat satya hai
जो इंसान को एक बारबार ना माने उसका बहिष्कार कर देना चाहिए.
@rock&rock 1 गूगल टाइप करके देखो गाँधी जी का हत्यारा कौन?
धर्म का अर्थ बात नहीं पा रहे पूजा कैसे करेंगे इसीलिए तो ब्राह्मण ही पूजा करता है आता ना जाता हूं चुनाव चिन्ह छाता डॉक्टरी आती नहीं इंजेक्शन लगाने चलते हैं कि हम डॉक्टर है गजब की बात करते मंदिर की आरती आई नहीं पूजा करने चले
मन्दिर me सभी जाति को पूजा कराने का अधिकार mile
1
""जय भिम नमो बुद्धाय""
Rshul Gupta bilkul sabhi ko pooja karne ka adhikar hai lekin pujari kewal brahman hi hona chahiye aur ek baat garbh grah me pujari ke alawa kisi ko bhi nahi bheja jana chahiye chahe wah koi bhi ho
Shatrughan Goswami sc st hindu nahi hai. Desh me hindu 40% hi hai bas
@@kamartaj3010 tu kaha se hindu huwa fir
जिस मन्दिर मे एक समुदाय का पुजारी हो उस मन्दिर मे हिन्दुओ को नही जाना चाहिए
Sabhi sanatani ko sirf upnishad Geeta ko manna chahiye baki sab doyam darje ka granth ko tyag dena chahiye
चंद्रभान जी एक दम सही बोला है आपने
isi liye is yug ka naam Kalyug hai is yug mai jab dharm ka naas hoga tab usai ghor kalyug kaha jayega aur ek din yah yug bhi samapt ho jayega Jai Tungeshwar Mahadev Jai chandika Mata
यः धारयते सः धर्मः इति. जो धारण करने योग्य है वही धर्म है.पांच नंबर में नौकरी प्राप्त करने वाला यह दलित चिंतक क्या जानेगा कि धर्म क्या होता है.
3 pandit 1 dalit wah kya baat h Sala har jagah jaatiwaad
गीता का 18 व अध्याय 41 व श्लोक कहता है प्रकति के गुणों के प्रभाव से प्रभावित होकर मनुष्य स्वभाव से कर्म करता है और उसके कर्म के आधार पर ही मनुष्य ब्राम्हण, छत्रिय, वेश्य, शूद्र होता है। किसी भी व्यक्ति के प्रकृति से 3 स्वभाव होते है सात्विक, राजसी, तामसी।जो सात्विक है वो ब्राह्मण जो राजसी है वो छत्रिय जो तामसी है वो वेश्य और शूद्र । इन तीनो गुणों से ऊपर उठने से ब्रम्ह की प्राप्ति होती है।
अगर ब्राह्मण ने ब्रम्हा को जान लिया तो बो स्वयं स्वर्ग क्यू नहीं जाता धन्धा क्यू कर रहा है दूसरों को स्वर्ग भेजने का ठेका क्यू लेकर बैठा है
डिबेड मे भी बस एक समुदाय हि क्यु एसटी ओबीसी वर्ग का भी होना चाहिए डिवेड मे
Sare brahmn sabdo k tote hote hai.
Unke paas sirf suchna hoti hai. Books padhi hui hoti h.
Apna anubhav nhi hota.
Ye bilkul esa hi h.
Ki koi book se padh le sugar mithi hoti. Or koi sugar ko kha kr bole. Ki sugar mithi hoti h.
Hona chahiye
Brahmins ku bhagao desh ku bachao,, Finish brahmins ⚔️
ब्राह्मण ही होने चाहिए मंदिर में पुजारी
बूट पालिस करने वाला ब्यक्ति रविदास यदि पुजारी न होता तो बृम्ह ज्ञान न होता,जब ब्रम्ह ज्ञान हो गया तो ब्रम्हण हो गया अब वो पुजारी बन गया।अर्थात पुजारी कोई भी हो सकता है।और पछजा के लिए कोई नियम नहीं होता यह भावनात्मक बिषय है।
मन्दिर मे भी आरक्षण कर दो येभारत है
Bilkul hona he chiye
already hai only person who born with sirname of brahmin will become pujari.....
Arvind Tiwari pehle hi bhik mango ka 100% arakshan h or kitna karoge😂😂😂
Gyaan na ho granth ka
Ahankaar ho shant ka
Yhi ha surname ka kamal
Kick hinduism. It is the only answers by hearing this debate.
पागाल ब्राह्मण औरत ? इतन निच सोच है ब्राह्मण मे, फिर भि गैर ब्राह्मण, चिपक्क के हिन्दु बनरहा है।
Behad dukhad😔😭🥵😢
yhi reason h jiski wajah se hindu dharm aur kmjor hota ja rha h...lack of unity... and this lack of unity becoz of faltu rules and paramparas...
Serf pandit hi banenge mandiron ke pujari ,
ब्रह्म जानाति ब्राह्मण है,जो ब्रह्म को जानते है
bahut sundai rakshiji
भगवान बुद्ध छत्रिय थे उन्हें सूद्र पूजता है
कोई छत्रिय पूजते हुए नही दिखाई देते ।
सती प्रथा को ब्राह्मण बनाया । जिन्दा
औरतो को जला दिया जाता था ।
Why not
जिनको धर्म के बारे मे कुछ भी पता ही नही जिनो ने कभी संस्कृत ब्याकरण शास्त्र पुरान गीता भागवत कभी पङने की कोशिश नहि की ना ब्रहम को जानने की कोशिश की जिस ईश्वर ने तुमहै बनाया उस को तुम मानते ही नहि तो तुम पुजारी कैसे बन सकते हो तुम्हारे अन्दर वो काबिलियत ही नहि
Sare ved Puran me jitna bhi chiz likha hai sab sahi bas yeh chiz milawat ki gayi hai ब्राह्मणों के द्वारा की जो भी ठेका है वो सर्फ ब्राह्मण ही करेगा।
BRAHMAN BHAGAO DESH BCHAO
Acha
Bhai Brahman to balmiki samaj v hai
Bhai Teachers ko pehele brahmans kaha jata tha
Subhash kumar ji,Brahaman ko bhagao nahi uska kewsl tiraskar karo itna ki wo apney ko Brahaman kahna hi chhor dey,wo khud lajja sey mar jaaeyga.Jay Bhartey Sambidhan.
@@vibhorsrivastava8449 ji,Teacher chuki kewal aur kewal Brahaman hi hotey they aaj sey hazaron saal pahley isi liyey aamlog un teacheron ko Brahaman hi kahtey they.Kaya aapney kisi kayastha ko Hindu Mandiron mey pujari bana hua paaya hai,aakhir koi Kayasth kyun kisi mandir ka pujari nahi ban saka aaj tak jabki Kayasthon sey jayada padha likha koi jaati ka log nahi hai aur na ha bhavishey mey raheyga. Jabab jarur dijiey ga.
very good chandra sir ji
Yes absolutely
mandir jana chod do samajh me aa jaega brahman ko itna brahm gyan hai.
Vaise to main khud ko kattar hindu manta tha.magar in brahman logo ki baat ne mujhe khud ke hindu hone pe sochne par majbur kar diya.
Same here
Same here
मथुरा में यादवों को पुजारी बनाया जाए
Jab tak gayr Brahamno ko mandiron mey puja karwaney ki shiksha deney ki koi School nahi kholey jaatey jis mey sabhi jaation key logon ko school mey shiksha miley.Tabhi sabhi jaation key logon ko mandiron mey pujari banana hi uchit hai
मंदिर मे पूजा करने का अधिकार सभी का है जो हिन्दू हैं
सनातन वैदिक शास्त्र मर्यादा अपौरुषेय कालातीत &देश काल परिस्थिति गुंडागर्दी दादागिरी सत्ता प्रभाव आदि से सर्वथासर्वथा परे है ।
क्योंकि यह
ईश्वरीय विधान है।या कहे की वेद विधान है।
डंडे के जोर से सत्य बदला नही जा सकता है ।
श्री मंगल पांडे जी ने जो रायफल उठाई थी वह सनातन वैदिक शास्त्र मर्यादा के रक्षण के लिए ही उठाई थी। उन महापुरुष ने गोमांस चर्म को मात्र शास्त्र मर्यादा पालन करने के लिए ही छुने से मना कर कर्तव्य पालन किया था
और इस तरह के कर्तव्य पालन के लिए सभी सनातन धर्मी सदैव तैयार रहते है।
रही बात जाति वर्णा की
तो इस विषय मे अनादि सनातन वैदिक शास्त्र मर्यादा ही प्रमाण है।
जो जन्मना जाति वर्णा के ईश्वरीय विधान का उद्घोष करती है।
हम सभी वैदिक सनातन धर्मी ब्राह्मण ,वनवासि ,आदि अनादि काल से परस्पर स्नेह पुर्वक अग्रज अनुज की भांति(अरे है ही अग्रज अनुज ) रहते आये है और रहेगे ।
किसी के मानने न मानने से कोई फर्क नही पड़ता डंडे के जोर से सत्य बदला नही जा सकता है ।
वेद विधान वैदिक सभ्यता से पहले सिंधु घाटी सभ्यता थी वैदिक सभ्यता में क्या लिखा है वो तो बता सकते हो पर क्या सिंधु सभ्यता की लिपि पढ़ सकते हो तो नहीं ना ? तो फालतू ग्॥ ना मत गTओं सबसे पुराने सबसे_प्राचीन और सर्वमान्य होने का I
किसी भी जाति में हो सकता नहीं पुजारी का काम सभी नहीं कर सकते हैं
Ye debate dekh kar mujhe ho garbh raha hai ki islam ko manta hu
कोई दुसरा बना तो यह भुखे मर जाएंगे
Live and let live is called religion.
It's not called religion but education 😂
हमारी निवाड़ी शहर में नया जिला निवाड़ी में हनुमान जी मंदिर की पूजा जाति के सेन समाज यानी कि बाल काटने वाली बिरादरी के पुजारी जी पूजा करते हैं और सभी जातियों के लोग उनके पैर भी छू ते हैं
गीता कहती है कि आप प्रकति के प्रभाव के कारण कर्म करने हेतु बाध्य है आप छन भर भी कर्म के बिना नही रह सकते। और आपका कर्म आपको भला निंदनीय लगे और दूसरे का कितना अच्छा लगे पर वो छोड़ने लायक नही है। जैसे महात्मा बुद्ध जन्म से तो छत्रिय थे पर कर्म से ब्राम्हण उन्होंने जातक में खुद कहा है।गीता के अनुसार आप अपने अपने कर्मो को करते हुए उन्हें भगवान को समर्पित करते हुए ही सिद्ध हो सकते है आपको कर्म छोड़ने की जरूरत नही
Yogyata dekhna chahiye
I request to all my SC ST or OBC brothers and sisters please boycott all the donghi pakhandi manuwadi adamber which are only a dongh and faraway from truth, all the RSS chadi gang and their illiterate atiwadi hindu sanghtan are against we reserved community people so please don't give any Dan daixna in kind or money.
अगर ब्राह्मण के खून की बात है जो राखी जी कह रही थी तो शायद वो मेरे ख्याल से थोड़ा बहुत पढ़ी लिखी होंगे खून के बारे में थोड़ी जानकारी लें ब्राह्मण का कोई विशेष खून नहीं होता और I
हमने कई बाहमणों को देखा है घर के मरीज के लिए स्वीपरों का खून हाथ पैर जोड़कर मांगते है तब बो ब्राह्मणी खून कहाँ जाता है ?
मैंने बहुत से ऐसे लोगों को देखा है...जिन्होंने मर जाना स्वीकार किया...लेकिन...दूसरों का खून अपने शरीर पर नहीं चढ़वाया.
शारदा से बड़ा कोई पूजा नहीं है
चडावा उठाना बंद करो ये सब लाईन पर आ जायेगे
Karm ke karan janm hota he.
Bramhan janm karm se Hota he.
Isliye bramhan hi hona chahiye pujari.
Karm pradhan hi ye bat.
किसी योग्य शिवभक्त हिंदू को शंकराचार्य पुजारी बनाओ जातिवाद को नहीं मानो ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्व राष्ट्र संसार में सब के पूर्वज हिंदू हैं क्रिस्चियन मुस्लिम घर वापसी करके शिवभक्त हिंदू बने ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्व राष्ट्र संसार के सभी लोग एक परिवार के एक समान अच्छे शिवभक्त हिंदू है परमात्मा शिव जी की संतान विश्व के सभी लोग एक परिवार के एक समान अच्छे शिवभक्त हिंदू हैं
शिव तो सब कुछ है सब शिव मय है।
लेकिन जहाँ तक हिन्दुत्व की बात है तो वैदिक सभ्यता से पहले भी एक सभ्यता थी जो है सिन्धु घाटी सभ्यता जो सबसे प्राचीन है वैदिक सभ्यता से भी प्राचीन और शिव की पूजा के प्रमाण उस सभ्यता में भी मिलते हैं लेकिन वे तो आर्य नहीं थे वे तो आयों के आने से पहले ही भारत में थे, है और रहेंगें ।
उस सभ्यता की तो लिपि भी नहीं पढ़ी जा सकी तो फिर संसार का पूर्वज हिंदुओं को बताना बड़ा ही हास्यास्पद है 😃😃
सब
Madam आप अगर मेडिसिन पढ़ेंगे तो डॉक्टर बनेंगे, जैसे डॉक्टर का लड़का डॉक्टर नहीं, okil के बेटा okil नहीं.
अगर आप ब्राह्मण हैं तो दुशरे धंदे क्यों करते हैं.
Dekho ek DALIT ko kis trah beizzat kiya gya fir bhi brahman, Rajput and Baniya ....k alaw bhi bhut non other cast BJP/RSS supportor h
इस मामले में बहस करने का मौका चाहिए मुझे ।
इनको सही जवाब नहीं मिल रहा जो धर्म के ठेकेदार हैं
N
दरअसल जातिप्रथा का ही अंत होना चाहीए..हम सब एक है...हम सब इन्सान है...चार वर्ण झुठी बात है...स्कुल लिव्हिंग सर्टीफिकेट पर जाती को नही लिखा जाना है...इससे जाती का अंत हो जाएगा.
Dharm ki koi diffinetion nahi hoti pandito ne sirf dakoshla phelate hai
Mandiron main daan ki vyavastha band kr do to bahut saare Brahmin mandir Jana band kr denge
दूसरा मूर्ख वो है जो किसी हिंदू देवता की पुजा नही कर सकता और अपने आप को हिंदू कहता है.
जानबूझ के ऐसी घटिया डिबेट करवाने का क्या मतलब है
Chandra bhan ji such bol rahe iss hinduism majbut hoga aur jo do pandit hai
Unhe kuch nahi malum nahi
Kisi bhi gandra me aisa nahi
Likga ki gair brahmin pujari nahi ho sakata
Yi Rakhi Ji,ek maha jaatiwadi mahila hayn,inkey maansikta ko kisi tarah badla nahi ja sakta.Inhi jaysey logon key chaltey Bahujan log Dharam pariwartan karney ko baadhey hain,fir kyun Hindu Sawarn log dharmantran ka birodh kar raheyn hain?
Main to kehta hoo. Pujari ka kaam sirf brahman ko hi karna chahiye or dusra koi kaam karne ka adhikar nahi hona chahiye. Jaise supreme court ka judge bhi nahi news anchor bhi nahi bisness man bhi nahi na koi adhikari na koi noukri karni chahiye. Sirf pujari ka hi kaam karne ka adhikar hona chahiye. dusra koi kaam karne ka adhikar nahi hona chahiye
सभी शिव भक्त हिंदू पुजारी है ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्व राष्ट्र कोई शिवभक्त हिंदू पुजारी बन सकता है जातिवाद को ना मानो सभी शिव भक्त हिंदू हैं पुजारी किसी को बना दो सभी शिव भक्त हिंदू है जो योग्य हो उसे पुजारी बनाओ ओम नमः शिवाय जय हिंदू विश्वनाथ जय हिंदू विश्व राष्ट्र
Nhi
Bilkul banawo koi problem nahi bas arakshan khatm kar do ab bahut ho chuka
Koi v Brahaman pet se hi sab kuchh Sikh kar nahi aata.... O v yahi Aakar sikhata hai..kyuki ek gair Brahaman k likhe kanun se hi Desh chal Raha hai...to mandir ki path kaun badi baat hai
Accha ak baat batao kya vo st sc sakahari hoga subah 3 baje nahayega .tab to ban sakta hai
@@Uejiehriyr bahut accha vaise aapko batadu ki pujari ka kaam sirf brahmin hi nahi karte .sabhi cast ke log karte hai.gayatri mandiro me dekhna vaha other cast ke log bhi hote hsi.
Mai Brahman hu, lekin mànta hu ki mandiro me yogya log chahe kisi bhi jati se ho pujari niyukt kiya Jana chahiye.vedo me karm ke aadhar par varn ki bat hai, Jo bhi vyakti mandir ke puja path me jankari le le use niyukat karo. Patna ke hanuman mandir me ek dàlit pujari hai, jat na puchho sadhu ki ye bhi kaha jata hai, aaj bhi dekhe kitne yogya log anya jati se dharmguru hai-----
1) baba ramdeo- yadav
2)dati maharaj- dalit(halaki ye rape case me accused hai)
3) yogi adityanath- rajput(gorakhnath mandir ke pujari)
4) jharkhand ke deori mandir me week me do din adivasi pujari hote hai(dhoni yahi puja karne jate hain, )
5) Patna ke mahabir mandir --dalit pujari