🍁🤔 देवताओं का विज्ञान - ओशो 😳🍁 आत्माओं का लोक कुछ हमसे भिन्न नहीं है। ठीक हमारे निकट और पड़ोस में है। ठीक हम एक ही जगत में अस्तित्ववान हैं। यहां इंच-इंच जगह भी आत्माओं से भरी हुई है। यहां जो हमें खाली जगह दिखाई पड़ती है वह भी भरी हुई है। अगर कोई भी शरीर किसी गहरी रिसेप्टिव हालत में हो, और दो तरह से शरीर--दूसरे लोगों के शरीर--ग्राहक अवस्था में होते हैं। या तो बहुत भयभीत अवस्था में। जितना भयभीत व्यक्ति हो, उसकी खुद की आत्मा उसके शरीर में भीतर सिकुड़ जाती है। सिकुड़ जाती है मतलब शरीर के बहुत हिस्सों को छोड़ देती है खाली। उन खाली जगहों में पास-पड़ोस की कोई भी आत्मा ऐसे बह सकती है जैसे गड्ढे में पानी बह जाता है। तब इसको जो अनुभव होते हैं वे ठीक वैसे ही हो जाते हैं जैसे शरीरधारी आत्मा को होते हैं। या बहुत गहरी प्रार्थना के क्षण में कोई आत्मा प्रवेश कर सकती है। बहुत गहरी प्रार्थना के क्षण में भी आत्मा सिकुड़ जाती है। लेकिन भय की अवस्था में केवल वे ही आत्माएं सरक कर भीतर प्रवेश कर सकती हैं जो दुख-स्वप्न देख रही हैं। जिन्हें हम बुरी आत्माएं कहें, वे प्रवेश कर सकती हैं। क्योंकि भयभीत व्यक्ति बहुत ही कुरूप और गंदी स्थिति में है। उसमें कोई श्रेष्ठ आत्मा प्रवेश नहीं कर सकती। और भयभीत व्यक्ति गड्ढे की भांति है, जिसमें नीचे उतरने वाली आत्माएं ही प्रवेश कर सकती हैं। प्रार्थना से भरा हुआ व्यक्ति शिखर की भांति है, जिसमें सिर्फ ऊपर चढ़ने वाली आत्माएं प्रवेश कर सकती हैं। और प्रार्थना से भरा हुआ व्यक्ति इतनी आंतरिक सुगंध से और सौंदर्य से भर जाता है कि उनका रस तो केवल बहुत श्रेष्ठ आत्माओं को हो सकता है। वे भी निकट में हैं। तो जिसको इन्वोकेशन कहते हैं, #आह्वान कहते हैं, प्रार्थना कहते हैं, उसमें भी प्रवेश होता है, लेकिन श्रेष्ठतम आत्माओं का। उस समय अनुभव ठीक वैसे ही हो जाते हैं जैसे कि शरीर में हुए, इन दोनों अवस्थाओं में। तो जिनको देवताओं का आह्वान कहा जाता रहा है, उसका पूरा #विज्ञान है। वे देवता कहीं आकाश से नहीं आते हैं। जिन्हें #भूतप्रेत कहा जाता रहा, वे भी किन्हीं नरकों से, किन्हीं प्रेत-लोकों से नहीं आते हैं। वे सब मौजूद हैं, यहीं! असल में एक ही स्थान पर मल्टी-डायमेंशनल एक्झिस्टेंस है। - ओशो मैं कहता आंखन देखी प्रवचन - ०४ धर्म की गति और तेज हो! 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
ಬಬ್ಬುಸ್ವಾಮಿ ಧೈವಸ್ಥಾನದ ನೇಮದ ವಾಧ್ಯ ಕೇನರೆಗ್ ಬಾರಿ ಒಂಜಿ ಪೊರ್ಲು 🥰🥰🙏🏾🙏🏾
🙏🙏Swami Guliga 🙏🙏
Who all are here after watching Kantara 🔥🔥
Yaa!
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Beautiful culture ✨️✨️🌸
Engleg kola panda baari ishta
Super 🙏🙏👌
🍁🤔 देवताओं का विज्ञान - ओशो 😳🍁
आत्माओं का लोक कुछ हमसे भिन्न नहीं है। ठीक हमारे निकट और पड़ोस में है। ठीक हम एक ही जगत में अस्तित्ववान हैं। यहां इंच-इंच जगह भी आत्माओं से भरी हुई है। यहां जो हमें खाली जगह दिखाई पड़ती है वह भी भरी हुई है।
अगर कोई भी शरीर किसी गहरी रिसेप्टिव हालत में हो, और दो तरह से शरीर--दूसरे लोगों के शरीर--ग्राहक अवस्था में होते हैं। या तो बहुत भयभीत अवस्था में। जितना भयभीत व्यक्ति हो, उसकी खुद की आत्मा उसके शरीर में भीतर सिकुड़ जाती है। सिकुड़ जाती है मतलब शरीर के बहुत हिस्सों को छोड़ देती है खाली। उन खाली जगहों में पास-पड़ोस की कोई भी आत्मा ऐसे बह सकती है जैसे गड्ढे में पानी बह जाता है। तब इसको जो अनुभव होते हैं वे ठीक वैसे ही हो जाते हैं जैसे शरीरधारी आत्मा को होते हैं। या बहुत गहरी प्रार्थना के क्षण में कोई आत्मा प्रवेश कर सकती है। बहुत गहरी प्रार्थना के क्षण में भी आत्मा सिकुड़ जाती है।
लेकिन भय की अवस्था में केवल वे ही आत्माएं सरक कर भीतर प्रवेश कर सकती हैं जो दुख-स्वप्न देख रही हैं। जिन्हें हम बुरी आत्माएं कहें, वे प्रवेश कर सकती हैं। क्योंकि भयभीत व्यक्ति बहुत ही कुरूप और गंदी स्थिति में है। उसमें कोई श्रेष्ठ आत्मा प्रवेश नहीं कर सकती। और भयभीत व्यक्ति गड्ढे की भांति है, जिसमें नीचे उतरने वाली आत्माएं ही प्रवेश कर सकती हैं।
प्रार्थना से भरा हुआ व्यक्ति शिखर की भांति है, जिसमें सिर्फ ऊपर चढ़ने वाली आत्माएं प्रवेश कर सकती हैं। और प्रार्थना से भरा हुआ व्यक्ति इतनी आंतरिक सुगंध से और सौंदर्य से भर जाता है कि उनका रस तो केवल बहुत श्रेष्ठ आत्माओं को हो सकता है। वे भी निकट में हैं। तो जिसको इन्वोकेशन कहते हैं, #आह्वान कहते हैं, प्रार्थना कहते हैं, उसमें भी प्रवेश होता है, लेकिन श्रेष्ठतम आत्माओं का। उस समय अनुभव ठीक वैसे ही हो जाते हैं जैसे कि शरीर में हुए, इन दोनों अवस्थाओं में।
तो जिनको देवताओं का आह्वान कहा जाता रहा है, उसका पूरा #विज्ञान है। वे देवता कहीं आकाश से नहीं आते हैं। जिन्हें #भूतप्रेत कहा जाता रहा, वे भी किन्हीं नरकों से, किन्हीं प्रेत-लोकों से नहीं आते हैं। वे सब मौजूद हैं, यहीं! असल में एक ही स्थान पर मल्टी-डायमेंशनल एक्झिस्टेंस है।
- ओशो
मैं कहता आंखन देखी
प्रवचन - ०४
धर्म की गति और तेज हो!
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Kola is supar
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Panjurli 👌🏻👌🏻👌🏻
Super 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌺🌺🌺🏵️
Hai.koal.supar❤❤❤❤
Hai.lm.swaith
suparr.bro
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Rahu guligana kola unda aulu
Ha undu anda recording strictly prohibited!
Itte yer kattunj rahu gu e varsha bka poyina varsha
@@akshay6820 Poi varsha Sanjeever, E varsha Raju Bantwal
@@RANJITHKR aar video malpare budpujer.video malth nda camera podi podi aavu.
Rahu guliga daiva mule marak podu maya athina jaga🙏
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Smamepanjurli.guligajja.kapuli.swam
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🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💜💜💜💜💜❤️❤️🥰🥰
Hi
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🙏🏻
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Yer katdani
Prasanna bokka Vijay
Pudar
❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤ sopar
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mast.shoku.undu.bro
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