पांडव नृत्य डाली मेला 2024 ग्राम जसकोट @pahadi virendra rawat

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  • เผยแพร่เมื่อ 24 ก.ย. 2024
  • पांडव नृत्य डाली मेला 2024ग्राम जसकोट अल्मोड़ा
    उत्तराखण्ड क्या होती है डाली मेला
    डाली मेला का मीन प्रोसेस होता है कृष्ण देवता का होना
    जरूरी होता है और जो हमारे उत्तराखण्ड का एक पेड़
    होता है जिस को हमारी पहाड़ी भासा मैं पया बोला जाता है
    एक तरीके से जामुन भी बोल सकते है तो उस पेड़ को
    श्री कृष्ण देवता के द्वारा उस पेड़ की टहनियों को तोड़ा जाता
    है सभी पांडव देवता साथ मैं होते है और हनुमान जी के द्वारा
    खेतों मैं जाकर फल खीरा मक्का इत्यादि लाया जाता है और
    उतने के बाद देव खली मैं सभी का दही घी के सात स्वागत
    किया जाता है सुरु हो जाता है पांडव नृत्य यही है हमारे देव
    भूमि की परंपराएं यह हर किसे के घर मैं देवताओं का स्थान
    होता है और सभी लोग इन को अच्छे से पूजते है और मानते
    है इसे लिए हमारे उत्तराखण्ड को देव भूमि कहा जाता है
    #jai devbhumi uttrakhand#
    #pahadi virendra rawat

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