*मैं हूँ उस नगरी का भूप* मैं हूँ उस नगरी का भूप, जहाँ नहीं होती छाया धूप || टेर || तारामण्डल की न ही गति है, जहाँ न पहुँचे सूर । जगमग ज्योति सदा जगती है, दीसे यह जग कूप ||१|| मैं हूं… मैं नहीं श्याम गौर वर्णा हूँ, मैं न सुरूप कुरूप । नाहीं लम्बा-बौना भी मैं हूँ, मेरा अविचल रूप ||२|| मैं हूं… अस्थि मांस मज्जा नहीं मेरे, मैं नहिं धातु रूप । हाथ पैर शिर आदि अंग में, मेरा नहीं स्वरूप ||३|| मैं हूं… दृश्य जगत पुद्गल की माया, मेरा चेतन रूप । पूरण गलन स्वभाव धरे तन, मेरा अव्यय रूप ||४|| मैं हूं… श्रद्धा नगरी वास हमारा, चिन्मय कोष अनूप । निराबाध सुख में झूलूँ मैं, सत् चित् आनन्द रूप ||५|| मैं हूं… शक्ति का भण्डार भरा है, अमल अचल मम रूप । मेरी शक्ति के सम्मुख नहिं, देख सके अरि भूप ||६|| मैं हूं… मैं न किसी से दबने वाला, रोग न मेरा रूप । 'गजेन्द्र' निज पद को पहिचाने, सो भूपों का भूप ||७|| मैं हूं…
@@Jainaagam-1008 जय जिनेंद्र सा 🙏 हमारी टीम से संपर्क करने के लिए आप हमारे इंस्टाग्राम हैंडल पर DM करें: instagram.com/thavvathhuimangalam?igsh=MWZkam5uNmFhaTljYg== धन्यवाद!
@@samyakjain4044 bhaya लेकिन वर्तमान में सभी आचार्य श्री के नाम के आगे 1008 ही लगता है क्योंकि अभी तीर्थंकर तो विराजमान नहीं है तो आचार्य ही सबसे बड़ा होता है। 🙏
Your voice is absolutely incredible!! I'm so excited to hear your songs on Spotify-please upload them soon!
*मैं हूं उस नगरी का भूप*
एक अद्भुत गायन जो अंतरात्मा को छू जाए।
आपका बहुत बहुत आभार पुराने भजनों को सुंदर राग में पुनर्जीवन के लिए।
बहुत सुंदर रचना और अद्भुत प्रस्तुति
गुरु कृपा आप पर सदैव बनी रहे
Sidho k anupam adbhut avichal roop se madhur sangitmay parichay karwane k liye rachiyata avam thav thui mangalam team ko aneko anek sadhuwaad🙏
हमेशा की तरह सुमधुर गायन शैली। बहुत ही सुंदर भजन ।गुरुवर की कृपा बनी रहे।
Jay ho
Peaceful voice. 👌🙏 awesome
Wonderful!!
Bhajan ke svar aur apki voice amazing,,mind blowing
Mere pass shbd nhi tareef me
अद्भुद 🙏🌿
Adbhut
Sundar❤
Wow 😍The voice and the video is so soothing 👏
👌👌👌
Bahut sunder.prastuti
👏👏
Jordar
200 war sun liya bahut hi jordar
Amazing 😍
Why don't you guys post all of your songs on Spotify? Please do it.
So Good 😊
Jai jinendra ji 🙏 ple i request aap apni voice main "शान्ति पाठ" bhi upload kijiye ji शांतिनाथ मुख शशिउन्हारी ये वाला.....!
Om Arham Om Shanti Sardarshahr Chennai
👍👍👍👍👌👌👌👏👏
🙏🙏
महामहिम आचार्य हस्ती की कृति
Is this written by an Acharya MS? So beautiful ! Love the words. Soothing in trying times
It is written by acharya shri hastimalji m s
bahut sundar
hindi ka lyrics bhi daal diya karo sath mai
*मैं हूँ उस नगरी का भूप*
मैं हूँ उस नगरी का भूप, जहाँ नहीं होती छाया धूप || टेर ||
तारामण्डल की न ही गति है, जहाँ न पहुँचे सूर ।
जगमग ज्योति सदा जगती है, दीसे यह जग कूप ||१|| मैं हूं…
मैं नहीं श्याम गौर वर्णा हूँ, मैं न सुरूप कुरूप ।
नाहीं लम्बा-बौना भी मैं हूँ, मेरा अविचल रूप ||२|| मैं हूं…
अस्थि मांस मज्जा नहीं मेरे, मैं नहिं धातु रूप ।
हाथ पैर शिर आदि अंग में, मेरा नहीं स्वरूप ||३|| मैं हूं…
दृश्य जगत पुद्गल की माया, मेरा चेतन रूप ।
पूरण गलन स्वभाव धरे तन, मेरा अव्यय रूप ||४|| मैं हूं…
श्रद्धा नगरी वास हमारा, चिन्मय कोष अनूप ।
निराबाध सुख में झूलूँ मैं, सत् चित् आनन्द रूप ||५|| मैं हूं…
शक्ति का भण्डार भरा है, अमल अचल मम रूप ।
मेरी शक्ति के सम्मुख नहिं, देख सके अरि भूप ||६|| मैं हूं…
मैं न किसी से दबने वाला, रोग न मेरा रूप ।
'गजेन्द्र' निज पद को पहिचाने, सो भूपों का भूप ||७|| मैं हूं…
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धन्यवाद!
क्या आप मेरा भजन भी आपके इस चैनल पर रिलीज कर सकते हो
आचार्य श्री रामलाल जी म.सा. का भजन है
ये भजन आचार्य प्रवर 1008 श्री हस्तीमल जी म. सा. द्वारा रचित है।
आपका आभार 🙏
1008 ? Aayein bhaiya 1008 gun bhagwan ke hote hai
@@samyakjain4044 लेकिन आचार्य श्री के नाम के आगे क्या लगता है फिर
@@akhillunawat2962 bhaiya archarya shri ke naam ke aage 108 hi lagta hai 1008 nahi chaiye woh kitna bhi bada shaadu ho
@@samyakjain4044 bhaya लेकिन वर्तमान में सभी आचार्य श्री के नाम के आगे 1008 ही लगता है क्योंकि अभी तीर्थंकर तो विराजमान नहीं है तो आचार्य ही सबसे बड़ा होता है। 🙏
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