पहिले के ज़माने मै जब यज्ञ हुआ करते थे तब उस यज्ञ के दौरान पशु की बलि चढ़ाई जाती थी। पहिले के जमाने मै, पशु की बलि इस लिए दी जाती थी ताकि उस पशु का उद्धार हो सके और उस पशु की आत्म को मनुष्य योनि मिल सके और वो भगवान् की भक्ति कर सके। इस लिए पहिले के ज़माने मै पशु की बलि चढ़ाई जाती थी। लेकिन आज के ज़माने मै लोग सिर्फ भगवान् को खूश करने के लिए और अपने स्वार्थ के लिए जानवरो की बलि चढ़ते है जो की बहुत गलत है। Plz stop this 🙏
पहिले के ज़माने मै जब यज्ञ हुआ करते थे तब उस यज्ञ के दौरान पशु की बलि चढ़ाई जाती थी।
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