अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥ मैं निर्विकल्प हूं, निराकार हूं मैं चैतन्य के रूप में सब जगह व्याप्त हूं, सभी इन्द्रियों में हूं, न मुझे किसी चीज में आसक्ति है, न ही मैं उससे मुक्त हूं, मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं। सत्यम शिवम सुंदरम
अज्ञान है किसे ये पता करो तो पाओगे की ये अहंकार से उपजा है, अहंकार मतलब खुद से बाकी को प्रथक मानने का भाव, जब बर्फ पानी को खुद से अलग समझेगा तो उसकी तरलता से ईर्ष्या करेगा.... यहाँ से पैदा हुई ईर्ष्या 😊😊❤🙏
Jaise aapne kaha k tum kisi ka gala katoge toh tumhara katega aur har cheez mein chetna hai. Agar har cheez mein chetna hai to jo hum vegetables khate hein vo bhi to unki hatya hi karte hain to unka bhi karam hamein bhogna padega?
नहीं दो बातें होती हैं बाध्यता और चुनाव पौधों को खाना हमारी बाध्यता है जीवित रहने के लिये और मांस खाना हमारा चुनाव, हम मांस के बिना जीवित रह सकते हैं 😊🙏
JABB HUMAREY SHREER KO MRITYU KEY BAAD JALAA DIYA JATA HAI TO RAAKH MEIN BHI WAHEE TATWA HOTEY HAIN JO EK JEEWIT SHREER MEIN HOTEY HAIN.. RAAKH KAA WAJAN EK NAEY PAIDA HUEY BACHEY JAISA HOTA HAI .. MEREY BHAAEE KI KUCH ROZ PEHLEY MRITYU HUI HAI LEKIN ROZ ACHANAQ MUJHEY KUCH AEISEE BAATEIN SUNNEY KO MILTI HAIN KI MEIN ROTEY ROTEY CHUP HO JAATI HOON.. # Dr.Kanchans desk
अहम् के केंद्र से किया गया कोई भी कार्य पाप ही है चाहे जन्म दो या मृत्यु और आत्मा के केंद्र से किया गया हर कार्य पुण्य है चाहे खून ही कर दो जैसे राम नें रावण का किया था 😊🙏
यदि सब कुछ चैतन्य ही है तो क्या चैतन्य ही चैतन्य के साथ दुर्व्यवहार (हत्या, लूटपाट, चोरीआदि) कर रहा है। यदि ऐसा है तो क्या चैतन्य पाप एवं अधर्म भी करता है। यदि वही सब करता है तो वही भोक्ता भी है। फिर उसे जो उपदेश दे रहा है वह वह भी चैतन्य होकर ही चैतन्य को उपदेश दे रहा है वह अपने उस रूप को अज्ञानी मानकर उपदेश देता चला जा रहा है। जब *सर्वं खल्विदं ब्रह्म* है तो कैसा ज्ञानी? कौन अज्ञानी? कैसा उपदेश? और किसको उपदेश? या कि सब कुछ दुकानदारी और दुनियादारी स्पष्ट करें।
अगर आपको लगता है तो आप दुकानदारी कह सकते हैं। जगत मिथ्या है लेकिन क्या जीव यह जानता है? जीव तो स्वयं को कुछ और ही माने बैठा है और उसके कारण दुखी है, परेशान है। तो अब क्या उसे रोने दिया जाए। क्या वो जानता है कि वह कौन है? तो जब तक उसे अपने स्वरूप का बोध नहीं होता है तब तक उसे आवश्यकता है उपदेश की, ज्ञान की। कोई जगत को मिथ्या कहे लेकिन अपने सुख दुःख को बड़ा महत्व दे, तो यह गलत हो जाएगा न। तो जब तक उसे सबकुछ मिथ्या ही नहीं दिखे तब तक उसे उपदेश चाहिए। हाँ, अगर ऐसी दूकानदारी काम करती है तो मैं जरूर करूँगा 🙏
Sat sat Naman Gurudev ke charanon mein
कण कण में नारायण, वासुदेव सर्व मिति
लय और विलय सृष्टि के अंदर निरंतर होते रहता इसे कोई रोक नहीं सकता है जो रोकने का प्रयास किया ओ रुक गया
इतना सहज और सरल तरीकेसे अद्वैत समझते है आप, आपको कोटि कोटि नमन🙏
प्रणाम प्रभु जी जिस चीज की तलाश थी वह स्पष्ट नजर आ रहा है बहुत बहुत धन्यवाद नमन प्रणाम. ❤
बहुत बहुत अच्छा बहुत ही बढ़िया स्पष्ट किया है कोई प्रश्न नहीं उठता आप ने बहुत ही बढ़िया स्पष्ट किया है 🙌❤️🙏❤️🙏नमन साष्टांग नमन
धन्यवाद,कितनी सरलता से समज मिली है आज .आपका बहुत बहुत,धन्यवाद ..❤🙏
अपने एक दम सही कहा
बहुत बहुत आभार 🧘♂️🧘♂️
प्रणाम 🙏🙏 समझाने वाले महात्मा जी को बहुत ही अच्छी जानकारी है। समझाने का बहुत ही वढ़िया तरीका।
नमस्कार, बहुत बहुत नमस्कार 🙏🙏
Loving Gratitude ❣️🙏❣️🙏 for this beautiful explaination
❤️🙏
बहुत सरल और सहज व्यक्त करते है आप - अनन्त धन्यवाद...! प्रणाम 🙏🏻🌹
गुरू देव प्रणाम 🙏🙏अति सुन्दर ,बहुत बहुत धन्यवाद्,
Om shiv
Aap ne bhut hi suksham gyan diya aap ke guru dev Or aap ko naman 💐 jai shri sita ram sabhi ko🙏💐
अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥
मैं निर्विकल्प हूं, निराकार हूं
मैं चैतन्य के रूप में सब जगह व्याप्त हूं, सभी इन्द्रियों में हूं,
न मुझे किसी चीज में आसक्ति है, न ही मैं उससे मुक्त हूं,
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
सत्यम शिवम सुंदरम
satty yahi hai ji , sansar Chetan hai ji Jay shri ram ji
खुप सुंदर💗💗🙏🙏
Great defination of prabhu
बहुत ही सुन्दर 🙏❣️🙏❣️
Radhe radhe 🤍🤍🙏🙏
Deep gratitude for wonderful explanation of consciousness ❤❤
Namah Shivay
Nice Shiv
Dhanyawad guru Ji
अति. सुंदर
Jai Sri Jagadguruji Maharaj ji Pranam 🙏🙏
Om namo narayana 🙏
बहुत ही अच्छा
Easy explanation of existence
बहुत ही सुंदर
parnam sir gg❤
Jai shree krishna
Excellent 👌👌👌
Very well explained
नारायण यानि जो हमेशा हे और सब में है
अहम् ब्रह्ममास्मी
Jai shree krishna🙏🙏🙏❤️❤️
Machine example good one
Thank you so much every episode ❤
🥺🥺😇😇😇😇🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 thankyou sooooo much sir
Great work guru dhanyvad 🙏🙏🙏🙏🙏
❤ Thank you so much 🙏❤ Yahi asali Gyan hai
All,is,truth,,jai,gurdevji
Great
🙏🙏🙏🙏 very good & Thanks
Bahut sundar
फिर विभिन्न प्रकार के भाव ,विभिन्न प्रकार के दुःख कहां से आजाते हैं, यहअग्यान कहां से आजाता है ,जब मैं शिवोहं हूँ तो द्वैत के भाव क्यों है।
Yeh sab Maan ke bhav hai
अज्ञान है किसे ये पता करो तो पाओगे की ये अहंकार से उपजा है, अहंकार मतलब खुद से बाकी को प्रथक मानने का भाव, जब बर्फ पानी को खुद से अलग समझेगा तो उसकी तरलता से ईर्ष्या करेगा.... यहाँ से पैदा हुई ईर्ष्या 😊😊❤🙏
Behtreen ❤
Satya bachan
Vah bhgvan
Aho aho bhav🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
Beautiful explanation
अहोभाव🙏🙏
Very nice video
तत् त्वम् असि पर विवेचन
AAP ne jo kaha vo ultimate hai is sab ko jaan kar hamara bolna kya mayna rakhta hai
Matter is the primary reality.
🙏🏻🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Namaskar sir 🙏🙏.. jiwatun jiw utppan hoto nirman hoto.. thik aahe. Pn sharirala wyadhimule Jo tras hoto dukha hote te kunala hote.?
यही आत्मज्ञान है, जो कबीर को, बुद्ध को प्राप्त हुआ था। इसकी अनुभूति गुरु कृपा से भी बहुत शिष्यों को प्राप्त हुई है।
It's masterpiece ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
❤️ ❤❤❤❤❤
🙏
गुरुजी अभी तक मेरा एक भ्रम दूर नहीं हो रहा है फिर यह जड़ और चैतन्य दो प्रकार क्यों दिए गए सभी को चैतन्य कहना चाहिए था ? मेरे भ्रम का निवारण करें
बताते रहे लेकिन पूर्ण रूप से सत्य कहां है क्योंकि इस ज्ञान को मां के गर्भ से आने वाला कोई भी नहीं बता सकता केवल इसे अवतार ही सिद्ध कर सकता है
Jaise aapne kaha k tum kisi ka gala katoge toh tumhara katega aur har cheez mein chetna hai.
Agar har cheez mein chetna hai to jo hum vegetables khate hein vo bhi to unki hatya hi karte hain to unka bhi karam hamein bhogna padega?
नहीं दो बातें होती हैं बाध्यता और चुनाव पौधों को खाना हमारी बाध्यता है जीवित रहने के लिये और मांस खाना हमारा चुनाव, हम मांस के बिना जीवित रह सकते हैं 😊🙏
Nice ❤
Thankuu
Sir ye to samajh aaya ki murda mein bhi chetna hai , lekin us murda mein se chetna bhi to bahar nikli , tabhi usko murda bola , sir isko samajha do
🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹😭😭😭😭😭
Hi is sansar mein koi apna nahin kar padhani nahin Ho bahut Raat mein surya grahan I love me
🙏🙏🙏🙏
बहुत अच्छा पर क्या प्लास्टिक में चेतन है। प्लास्टिक तो गलता नहीं
JABB HUMAREY SHREER KO MRITYU KEY BAAD JALAA DIYA JATA HAI TO RAAKH MEIN BHI WAHEE TATWA HOTEY HAIN JO EK JEEWIT SHREER MEIN HOTEY HAIN.. RAAKH KAA WAJAN EK NAEY PAIDA HUEY BACHEY JAISA HOTA HAI ..
MEREY BHAAEE KI KUCH ROZ PEHLEY MRITYU HUI HAI LEKIN ROZ ACHANAQ MUJHEY KUCH AEISEE BAATEIN SUNNEY KO MILTI HAIN KI MEIN ROTEY ROTEY CHUP HO JAATI HOON..
# Dr.Kanchans desk
GOOD🙏🙏🙏🙏
क्या किसी का खून कर दे तो पाप नहीं लगेगा क्यूंकि वो मरा नहीं है सिर्फ परिवर्तन हुआ है 😂😅😅😅
अहम् के केंद्र से किया गया कोई भी कार्य पाप ही है चाहे जन्म दो या मृत्यु और आत्मा के केंद्र से किया गया हर कार्य पुण्य है चाहे खून ही कर दो जैसे राम नें रावण का किया था 😊🙏
Brahgyan
Kya aapne atma ya Parmatma ko jaan liya. Agar Jaan liya to kya aap Sako bata sakte ho.
अभी क्या बताया जा रहा था... 😊?
🙏💐
Chetan is the biproduct of matter.
❤❤❤
Aabhar
Chiti aur hm ek kaise hai spast karo
Atma sabse sukshm hoti hai jo har jagah maujud hai insan ho ya chiti sabki atma ek hi akar ki hoti hai bilkul parmanu jaisi
💯✨️💯✨️💯
❤❤❤❤❤❤❤
Aur atma kya hai aur bhoot pret kya hain
Video देखो, डाले हैं
Ok
🎉
Ye prarthana h
🙏🙏🙏🙏👍
Na mrutyu na jañamar paribartan ,rmji
यदि सब कुछ चैतन्य ही है तो क्या चैतन्य ही चैतन्य के साथ दुर्व्यवहार (हत्या, लूटपाट, चोरीआदि) कर रहा है।
यदि ऐसा है तो क्या चैतन्य पाप एवं अधर्म भी करता है। यदि वही सब करता है तो वही भोक्ता भी है। फिर उसे जो उपदेश दे रहा है वह वह भी चैतन्य होकर ही चैतन्य को उपदेश दे रहा है वह अपने उस रूप को अज्ञानी मानकर उपदेश देता चला जा रहा है। जब *सर्वं खल्विदं ब्रह्म* है तो कैसा ज्ञानी? कौन अज्ञानी? कैसा उपदेश? और किसको उपदेश? या कि सब कुछ दुकानदारी और दुनियादारी स्पष्ट करें।
अगर आपको लगता है तो आप दुकानदारी कह सकते हैं।
जगत मिथ्या है लेकिन क्या जीव यह जानता है? जीव तो स्वयं को कुछ और ही माने बैठा है और उसके कारण दुखी है, परेशान है। तो अब क्या उसे रोने दिया जाए। क्या वो जानता है कि वह कौन है?
तो जब तक उसे अपने स्वरूप का बोध नहीं होता है तब तक उसे आवश्यकता है उपदेश की, ज्ञान की। कोई जगत को मिथ्या कहे लेकिन अपने सुख दुःख को बड़ा महत्व दे, तो यह गलत हो जाएगा न। तो जब तक उसे सबकुछ मिथ्या ही नहीं दिखे तब तक उसे उपदेश चाहिए।
हाँ, अगर ऐसी दूकानदारी काम करती है तो मैं जरूर करूँगा 🙏
चेतना के केंद्र में बैठा है अहम् वही सब का कर्ता है अभी प्रश्न भी उसी नें किया है उसको मिटाना ही अध्यात्म और इस विडिओ का लक्ष्य है 😊🙏
Hi I love me I love myself
एक सवाल है भाई ,,,,,, अगर शरीर का कुछ खोता है नहीं,,,, तो ऐसा क्या हो जाता है कि इसे फिजिकली और मानसिक रूप से दर्द होना बन्द हो जाता है जवाब जरूर देना
MRITYU SHREER KI HOTI HAI PARANTU KARAMANUSAAR AATMA KO SUKH DUKH HOTEY HAIN..
# Dr.Kanchans desk
DARD SHREER KO NAHIN AATMA KO HOTA HAI BAITARNI PAAR KARTEY SAMAEY SOOKHMA SHREER KO VIBHINN KASHT HOTEY HAIN..
KRIPYA GARUD PURAAN KAA ADHYAN KAREIN..
# Dr.Kanchans desk
आत्मा को कोई सुख दुःख नहीं होता ये सब अहम् के केंद्र में होता है
@@RohitSingh-ll3mi bhai aatma jaisa kuch nhi hota
😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
I jit
Iska mtlb jnm mrityu kuch hai hi nhi toh ....phir toh mukt hi hain
Switch off karna Alag hai .
Jo cease ho gayi us Engine se Car Chala payega.? Nahin
Jara dimag chalao.
Uski Lila apar koi please na par jitana samjho utna uljhoo
Iska mtlb ...kisi ko bhi hum marte hain toh ...hum apne aapko hi mar rhe hote hain...
Bilkul
Kyo ki aap bhagwan ka ek hissa ho
Jaise baki bhi hai