सटीक विश्लेषण है,यदि इसी तरह विश्लेषण करते रहे तो वंचित,शोषित,सदियों से दमनीय समाज को आगे लाने में आपकी वैचारिक सकारात्मक मानसिकता को हमेशा याद किया जायेगा श्रीमान
राम विलास पासवान ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया बल्कि उनके शोषण में मस्त योगदान को याद किया जायेगा| यह बहुत ही अवसरवादी नेता के रुप में जाना जायेगा| सम्पूर्ण दलितों को छोड़िये इसने तो अपने समुदाय के लोगों के लिये भी कुछ नहीं किया|
आपका विश्लेषण सही है।आजकल के तथाकथित दलितों के नेता ( मायावती , कठेरिया , अठावले , अम्बेडकर, माझी ) जैसे और भी कई , बाबा साहब डॉ आंबेडकर जी के नाम पर दलितों का वोट लेते हैं फिर बीजेपी के साथ मिल कर उन्हीं दलितों से दूर हो जाते हैं। इसलिए दलितों को चाहिये कि वे फिर वापस कांग्रेस के साथ जुड़े ।
श्रद्धांजलि देना हमारी संस्कृति है हर उस व्यक्ति को जो अब नहीं मिल सकता है उसकी तारीफ ही की जाती है परन्तु रामबिलास पासवान सरीखे लोग आदरणीय नहीं हो सकते। जयभीम।
कहना नहीं चाहिए पर बहुत अवसरवादी नेता थे पासवान सिर्फ अपने स्वार्थ की राजनीति की ना दलित ना किसी कमजोर के लिए कभी खड़े हुए आपने बहुत अच्छी टिप्पणी की 👍 God bless
He was anti dalit. He never raise his voice on the issues of anti Dalit policy of the government . All the anti reservation policy of the government is passed with the help of SC leaders like Ramvilas Paswan, Ramdas Atawale and so many others. So learn from the past and never vote Chirag Paswan to power at any cost. LJP is fighting the election by own but when time arrive he will also support BJP for any personal benefit.
कुलीन वर्ग दलित चेहरा बनकर अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन में उन्हों ने एक अवसर वाद राजनीति के पैरोकार बने रहे दलितों का उत्थान तो बात दूर दलितों के उत्थान में बाधक भी बने रहे
एकदम सच कहा आपने कि सत्ता के लाभ में हिस्सेदार बन जाना ही सफलता नहीं है...मायावती जी ने CM के रूप में दलित-पिछड़ों के सामाजिक उत्थान का बहुत काम किया है...रामविलास जी दलितों के सर्वमान्य नेता नहीं थे, समाजवाद तो कब का पीछे छूट गया था...🙏
बहुत ही सटीक विश्लेषण। लेकिन लगता है पासवान जी को अन्य उभरे हुए दलित महानायकों की तरह साजिस के तहत निपटवाया गया लगता है। क्योंकि डर तो हमेशा इनसे मनुवादियों को लगता ही था ना जाने ये कब दलितों के लिए उठ खडे हो जायें।
अगर सिद्धांत के आधार पर एवं सामाजिक न्याय के आधार पर आकलन किया जाए तो स्वर्गीय पासवान जी की उपलब्धि नगण्य कही जा सकती है.निजी लाभ के लिए सिद्धान्तों की बलि चढ़ा दी.दलितों एवं पिछड़ों के संविधान प्रदत्त अधिकारों को कुचला जाता रहा फिर भी वे मुकदर्शक बने रहे.अपने आपको सत्ता के लालच में मनुवादी ताकतों के सामने समर्पण कर दिया था.कुल मिलाकर अपने समाज के प्रति उपलब्धि कम रही है.धन्यवाद.
एक दम सही आकलन ।इनका दलितों के जीवन मेँ कोई योगदान नहीं रहा । इनका एक मात्र लक्ष्य अपनी कुर्सी पर पकड़ बनाए रखना रहा है ।दलित, वँचित ,गरीब कितने भी सताऐ और रौँदे गये होँ इन्होंने कुर्सी गवाँने के डर से कभी अपना मुंह नहीं खोला ।ये केवल अपने लिए जीते थे बस ।
You are being too correct politically. This guy, the paltu kumar , Mulaayam, Maya etc have only served the self. Enjoyed power at the cost of minimum ethics and amassed wealth.
रामविलास पासवान जी ने समाज के लिये कुछ नही किया इसिलिए आज दलित शोषित समाज ऐसा महसूस नही कर रहा है कि उनके हमारे बीच नही रहने से समाज को कोई क्षति हुई हैं, बहरहाल विनम्र श्रद्धान्जली
He had changed his policy ideology after 2014. He had not done anythings for dalit. He kept remain silent when dalil were suppressed. He cheated on dalil.
सत्ता का लोभी, मतलब पासवान. बस और कुछ नहीं. दलित राजनिति का उपयोग अपने हितों को साधने के लिए किया...
ईन जैसे लोगो से तो अच्छा है, दलित बिना नेता के ही अपना संर्घष करते रहे,
मुकेश जी शत प्रतिशत सही बात है सही अर्थ में राम विलास जी ने दलितों का उपयोग किया, दलितों के लिए कुछ नहीं किया ।
Dalitun ka apmaan kiya
He use hi people (called selfish)
जमातियों के लिये भी कुछ नहीं किया ।
He did nothing for dalits only for himself
V
इसने सिर्फ अपने बेटे ब भाई को सांसद बनवाने के लिये किया है
पासवान सत्ता का लोभी था मनुवादी व्यवस्था का एजेंट था
I agree with you sir
Ha sala
Me to RIP kbhi na bolu
Absolutely right.
सटीक विश्लेषण है,यदि इसी तरह विश्लेषण करते रहे तो वंचित,शोषित,सदियों से दमनीय समाज को आगे लाने में आपकी वैचारिक सकारात्मक मानसिकता को हमेशा याद किया जायेगा श्रीमान
पिछले 70 सालों में दलितों का बहुत उद्धार हो चुका होता यदि इस तरह के नेता सही मायने में दलितों के उत्थान के बारे में सोचे होते|
राम विलास पासवान ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया बल्कि उनके शोषण में मस्त योगदान को याद किया जायेगा| यह बहुत ही अवसरवादी नेता के रुप में जाना जायेगा| सम्पूर्ण दलितों को छोड़िये इसने तो अपने समुदाय के लोगों के लिये भी कुछ नहीं किया|
Last mey MODI ki god mey baith gaya.
क्या किया ।बीजेपी से दोस्ती किया ।और क्या किया ।मंत्री पद लिया
Sir आपकी सारी बातें सच है ।
बढ़िया विवेचना की है पत्रकार महोदय ने। आपको साधुवाद।।।।।
Mukesh Kumar bahut अच्छे. Smart journalisam.
सत्ता में बने रहने के लिए पासवान जी अंग्रेजो को भी अपना समर्थन दे देते भी तो बीजेपी क्या चीज है
Appreciate your bold comments
Shabash
Thanks sir Mmkeshji aap ko haridya se dhanyawad
एक स्वार्थी नेता की मौत, दलित समुदाय आज भी वहीं खड़ा है जहां 1947 से पहले था।
आपका विश्लेषण सही है।आजकल के तथाकथित दलितों के नेता ( मायावती , कठेरिया , अठावले , अम्बेडकर, माझी ) जैसे और भी कई , बाबा साहब डॉ आंबेडकर जी के नाम पर दलितों का वोट लेते हैं फिर बीजेपी के साथ मिल कर उन्हीं दलितों से दूर हो जाते हैं। इसलिए दलितों को चाहिये कि वे फिर वापस कांग्रेस के साथ जुड़े ।
भडवे गलत बयान. इसमे आंबेडकर का नाम क्यू ले रहे हो. प्रकाश आंबेड्करका नाम ये बिकाऊ सत्ताबाजके साथ मत घसिटो ..
जयभीम
..
सत्ता के लिए अपने उसूलों से समझौता करने के लिए उन्हें याद किया जाएगा
महाराष्ट्र मे भी रामदास आठवले जैसा समाजका दुश्मन हैं
Excellent & very true editorial.
Salute to you open views.
Paswan was fooling Dalit. He was big crook
Excellent journalist Satya is stya
CM LJP chirag paswan
बहुत बढ़िया और शरीफ़ इंसान थे पासवान जी
Paswan Kuchh nhi kiya apni jati k liye. Jo kuch kiya apne liye aur sirf apne bete k liye.
He was an opportunist of first degree, hanging with power was his ultimate goal.
Bilkul sahi vislesan hai aap ka
Good samachar, Very very markebal bat ki aapne.............. Thanks
Bilkul dhoka diya
Thanks for fine analysis.
Bilkul sahi khaa
True tribute. Paswan was an opportunist. At least one less from Indian politics.
आप अच्छे पत्रकार हो
सता और कुर्सी के लिए बने ही थे। पासवान ।
आपकी बातचीत का विश्लेषण बिलकुल सटीक है
बिल्कुल सही कहा कि रामविलास पासवानजी ने दलितों के सहारे अवसरवाद की राजनीति की । बाबा साहेब का नाम भी ख़ूब भुनाया ।
Bewakuf banaya hai
Bilkul sahi kaha sir.
Mukesh Ji...Namshkar...Aadaab.....very nice analyses. Thanks for justified Analysis. Bahut khoob.
राजनीति मे आरक्षण खत्म होना चाहिए क्यूँ कि ये नेता चुनकर तो आरक्षित सीट से जाते हैं लेकिन पद पाते ही ST/SC/OBC के लिए कुछ नही करते
नेता जो करते हैं अपने लिये करते हैं
Galt baat hai sawarn neta apni jaati ke liye sabkuchh kartahai obc aur dalit kewal apne liye karte hai soch kar dekhlo
100% Right Sir. Remaining will be same too.
bura lag sakta hai.... but hamesa satta ka bhukh raha na ki logo ke bhook mitane ka kam kiya.... ramvils mayawati ye sab sirf inka vote becha hai
100% Correct done nothing for poor dalits always watched his own interest.
श्रद्धांजलि देना हमारी संस्कृति है हर उस व्यक्ति को जो अब नहीं मिल सकता है उसकी तारीफ ही की जाती है परन्तु रामबिलास पासवान सरीखे लोग आदरणीय नहीं हो सकते। जयभीम।
Sari jindgi unhone chamsagiri ke alawa kush nahi kiya
Great analysis. Mukesh kumar the great.
भारत का बहुजन समाज ऐसे गद्दार को कभी माफ नही करेगा ।
कहना नहीं चाहिए पर बहुत अवसरवादी नेता थे पासवान सिर्फ अपने स्वार्थ की राजनीति की ना दलित ना किसी कमजोर के लिए कभी खड़े हुए आपने बहुत अच्छी टिप्पणी की 👍
God bless
He was anti dalit. He never raise his voice on the issues of anti Dalit policy of the government . All the anti reservation policy of the government is passed with the help of SC leaders like Ramvilas Paswan, Ramdas Atawale and so many others. So learn from the past and never vote Chirag Paswan to power at any cost. LJP is fighting the election by own but when time arrive he will also support BJP for any personal benefit.
कभी भी दलित कार्य नहीं किया ,और दलित पार्टी बनाकर ,,उनसे चन्दा लेकर अपने कुर्ते पजामे बनवाऐ नेता गिरी की
Excellent Very Well Analysed. Thanks very much for calling a "Spade a Spade". Please keep up your Good Work of spreading Light..
लौटा डूब गया
सत्ता लोभी से अधिक कोई पहचान नहीं दिखाई पडती। हालाँकि, लगभग सभी नेताओँ का यही चरित्र है।
dogla tha paswaan
सत्य पत्रकारिता
समाजवादी आंदोलन से निकले सभी नेताओं की कहानी एक जेसी है
Sirf BJP chaukidaari
Ram vilas paswan will be remembered for implementation of Mandal commission report and reservation to obc category.
No
राम बिलास पासबान दलित बोट लेकर दलित पार्टीया साथ रहे।इसलिए दलित बिरोधी रहे या थे
जयभिम जयसंबिधान
बहुत ही वस्तुनिष्ठ विश्लेषण
You have very good knowledge, I salute you the way you people are explaining ..
कुलीन वर्ग दलित चेहरा बनकर अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन में उन्हों ने एक अवसर वाद राजनीति के पैरोकार बने रहे दलितों का उत्थान तो बात दूर दलितों के उत्थान में बाधक भी बने रहे
Paswan was an opportunist and a blot on the Dalits.
शायद कुछ नहीं किया, मैं बिहार के लिए नहीं जानता, लेकिन ऊर्वरीत भारत के लिए कुछ किया है ऐसा मूझे नहीं लगता, कोई सिद्धांत या आदर्श नहीं है
एकदम सच कहा आपने कि सत्ता के लाभ में हिस्सेदार बन जाना ही सफलता नहीं है...मायावती जी ने CM के रूप में दलित-पिछड़ों के सामाजिक उत्थान का बहुत काम किया है...रामविलास जी दलितों के सर्वमान्य नेता नहीं थे, समाजवाद तो कब का पीछे छूट गया था...🙏
बाई भी कुछ कम नहीं।
इतिहास उसका बिकाऊ था,
भविष्य वह बेच चुकी है।
बहुत ही सटीक विश्लेषण।
लेकिन लगता है पासवान जी को अन्य उभरे हुए दलित महानायकों की तरह साजिस के तहत निपटवाया गया लगता है। क्योंकि डर तो हमेशा इनसे मनुवादियों को लगता ही था ना जाने ये कब दलितों के लिए उठ खडे हो जायें।
Paswan satta ka Lalchi tha.
अगर सिद्धांत के आधार पर एवं सामाजिक न्याय के आधार पर आकलन किया जाए तो स्वर्गीय पासवान जी की उपलब्धि नगण्य कही जा सकती है.निजी लाभ के लिए सिद्धान्तों की बलि चढ़ा दी.दलितों एवं पिछड़ों के संविधान प्रदत्त अधिकारों को कुचला जाता रहा फिर भी वे मुकदर्शक बने रहे.अपने आपको सत्ता के लालच में मनुवादी ताकतों के सामने समर्पण कर दिया था.कुल मिलाकर अपने समाज के प्रति उपलब्धि कम रही है.धन्यवाद.
Sir Mr rambilas divorced his paswan wife and married an uppercaste; chirag is son from second wife; this is his achievement
Sir Ramvilas ji ne sirf daliton ka istemal kar paisa aur shohrat hasil kiya hai, zero yogdan
Yes He was a traitor
Dalito chutiya kaata sirf r. V. passwaan NE...
That is good one idiot's is gone now more remain
Ram Vilas Paswan satta ka pujari tha🙏🏼
एक दम सही आकलन ।इनका दलितों के जीवन मेँ कोई योगदान नहीं रहा । इनका एक मात्र लक्ष्य अपनी कुर्सी पर पकड़ बनाए रखना रहा है ।दलित, वँचित ,गरीब कितने भी सताऐ और रौँदे गये होँ इन्होंने कुर्सी गवाँने के डर से कभी अपना मुंह नहीं खोला ।ये केवल अपने लिए जीते थे बस ।
एकदम सही विश्लेषण
राम विलास पासवान दलित नेता कतई नहीं थे ।
Ramvilas Paswan apni parivaar ke liye sabkuch kiya. Magar apni samaj ko dokha diya.
Bilkul sahi baat kahi hai Aapne
When you are with anti-dalit party, how can it possible to help dalits? Nice analysis.
Fight for power not right
Good report
Sahi baat...
well done 👍
mukesh babu you are an honest journalist
You are being too correct politically. This guy, the paltu kumar , Mulaayam, Maya etc have only served the self. Enjoyed power at the cost of minimum ethics and amassed wealth.
आपने सच्चाई बताया. आभार.
रामविलास पासवान जी ने समाज के लिये कुछ नही किया इसिलिए आज दलित शोषित समाज ऐसा महसूस नही कर रहा है कि उनके हमारे बीच नही रहने से समाज को कोई क्षति हुई हैं, बहरहाल विनम्र श्रद्धान्जली
सत्ता की मलाई खाया चाहे कोई भी मौसम रहा हो।
apne jo bola ek dum Sahi bola..🙏
Definitely sir
एक्दम सही.
You are absolutely right Sir
Very right informations
Ek dum sahi
Ramvilas paswan had never tried to egitate for sc&st as well as backward classes. Only, he used dalit his selfishness at all.
You are right sir
Kuchh nahi
He had changed his policy ideology after 2014. He had not done anythings for dalit. He kept remain silent when dalil were suppressed. He cheated on dalil.