पंडित जी जैसा कि आपने बताया घर में किसी की मौत हो जाए तो नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए लेकिन पंडित जी मेरा आपसे एक छोटा सा सवाल है कि अगर इस दौरान हमारे जूते चप्पल खो जाएं या टूट जाए तो ऐसे में हम नए जूते चप्पल खरीद सकते हैं या नहीं क्या ऐसा करना सही होता है या गलत प्लीज पंडित जी बताइएगा जरूर आपकी बड़ी मेहरबानी होगी मैं आपके जवाब का इंतजार करूंगा?
भैया यदि आपको दाह संस्कार की इतनी जानकारी है तो कृपया करके आप यह बता सकते हैं कि यदि किसी वृद्ध सुहागन की मृत्यु होती है उनकी तेरहवीं करते हैं या बारहवां🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Guru ji mere mitra ke pita ji mrityu ho gyi .mai uske ghar hai samachar puchhne gya aur uske bhai ke nirantar aagrah par kha liya . Aaj maine apni ma ka ekadsi vrat ka udyapan bhi kraya hai to isse koi dosh lgega kya aur iska niwaran kaise hoga.
Agni Dene k baad koi admi jinki mrityu hui h unke ghar ruk gaya or tisra hone k phele hi chala gaya tb kya hota h or koi dosh lagta bhi h toh usko thik kaise kare
मृत्यु को दुखदाई मान लिया गया है। मरणोपरांत किया जाने वाला सारा कार्य क्रम व्यर्थ है। इसका कहीं कोई औचित्य नहीं है। मृत्यु की भयावहता को इस प्रकार चित्रित किया गया है कि,भय के कारण लोग, कुछ से कुछ करते हैं।
सुंदर व सही जानकारी धन्यवाद आपका
जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद भाई 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सुन्दर परंतु सही जानकारी दी आपने धन्यवाद आपका
OM SHANTI OM SHANTI
पंडित जी जैसा कि आपने बताया घर में किसी की मौत हो जाए तो नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए लेकिन पंडित जी मेरा आपसे एक छोटा सा सवाल है कि अगर इस दौरान हमारे जूते चप्पल खो जाएं या टूट जाए तो ऐसे में हम नए जूते चप्पल खरीद सकते हैं या नहीं क्या ऐसा करना सही होता है या गलत प्लीज पंडित जी बताइएगा जरूर आपकी बड़ी मेहरबानी होगी मैं आपके जवाब का इंतजार करूंगा?
Good
भैया यदि आपको दाह संस्कार की इतनी जानकारी है तो कृपया करके आप यह बता सकते हैं कि यदि किसी वृद्ध सुहागन की मृत्यु होती है उनकी तेरहवीं करते हैं या बारहवां🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Tehrbi
Guru ji mere mitra ke pita ji mrityu ho gyi .mai uske ghar hai samachar puchhne gya aur uske bhai ke nirantar aagrah par kha liya . Aaj maine apni ma ka ekadsi vrat ka udyapan bhi kraya hai to isse koi dosh lgega kya aur iska niwaran kaise hoga.
I lost my mother this week and this video helped me a lot😢
Agni Dene k baad koi admi jinki mrityu hui h unke ghar ruk gaya or tisra hone k phele hi chala gaya tb kya hota h or koi dosh lagta bhi h toh usko thik kaise kare
Baise to आ जाना चाहिए अपने घर। लेकिन किसी कारणवश रुक गया है तो कोई दोष नहीं लगेगा
@futurezone390 dhanyawad guruji
क्षमा चाहता हूं. परंतु सवा महिना 45 दिनोंका नहीं होता है
फिर कितने दिन का होता है
37@@PanditanandMishra-ug6ik
@@PanditanandMishra-ug6ik45 din ka to dedh mahine hota hai sawa mahina 30 + 7 ¼ = 37¼ din ka hota hai
मृत्यु को दुखदाई मान लिया गया है। मरणोपरांत किया जाने वाला सारा कार्य क्रम व्यर्थ है। इसका कहीं कोई औचित्य नहीं है। मृत्यु की भयावहता को इस प्रकार चित्रित किया गया है कि,भय के कारण लोग, कुछ से कुछ करते हैं।