'ड़' का भौंडापन, सरकारी नौकरी की सनक और लैटरीन के अर्थ अनेक: Teen Taal, Ep 68 | Aajtak Radio
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- เผยแพร่เมื่อ 14 ม.ค. 2025
- तीन ताल के 68वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-'ड़' क्यों रहा हमेशा अछूता. किसने इसे बचाया. ताऊ को किन अक्षरों से चिढ़ और ताऊ की 'ड़' केंद्रित कविता.
-बाबा कौन सी सीरीज देख रो रहे हैं इन दिनों. सरदार का कम एपिसोड वाले सीरीज से प्रेम की वजह और ताऊ की ओर से कुछ फिल्मों के सुझाव.
-सरकारी नौकरी की मार्केट वैल्यू. सरकारी और प्राइवेट नौकरी में कौन सी बेहतर. सरकारी नौकरियों की विडम्बना क्या. ताऊ ने क्यों रोजगार और नौकरी को अलग बताया?
-एफडी और सरकारी नौकरी का रिश्ता. ताऊ ने सरकारी नौकरी क्यों नहीं की? बाबा ने शोषण और हरामखोरी का फ़र्क़ समझाया. क्या सरकारी नौकरी वाले प्रेम नहीं करते?
-बिज़ार ख़बर में फ्लश की तेज आवाज़ को मानवाधिकार उल्लंघन बताने वाली इटली की एक कोर्ट और उस पर बतकही.
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-बाथरूम की फ्लश और पड़ोसी में ज्यादा बड़ी समस्या कौन? पैखाना और पाकिस्तान का फ़र्क़. हिंदुस्तान में कमोड सिस्टम कैसे हुआ फेल. ताऊ क्यों ओबामा से हाथ मिलाते तो कतराते?
-और तीन तालियों की चिट्ठी और प्रतिक्रियाओं के बहाने हिंदी दर्शकों का 'द्रविड़' प्रेम. रुख़सार पर तिल का असल मतलब.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी
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सरकारी नौकरी को समाज ने अधिक महत्व दिया है
ड़ींग ड़ांग ड़ींग...
बाबा को वापस लाईये भाई...
लल्लन टॉप के इन्टरव्यू दुनिया के सबसे बोरिंग होते है ।
मैं भी सरकारी बैंकर हूं और ऊंचे पद पर हूं
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