kahan aa ke rukne the raaste kahan mod tha use bhool ja - Sung by Ghulam Ali

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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ต.ค. 2024
  • Written by Amzad Islam Amzad
    कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा
    वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा
    वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं
    दिल-ए-बे-ख़बर मिरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा
    मैं तो गुम था तेरे ही ध्यान में तिरी आस तेरे गुमान में
    सबा कह गई मिरे कान में मिरे साथ आ उसे भूल जा
    किसी आँख में नहीं अश्क-ए-ग़म तिरे बअ'द कुछ भी नहीं है कम
    तुझे ज़िंदगी ने भुला दिया तू भी मुस्कुरा उसे भूल जा
    कहीं चाक-ए-जाँ का रफ़ू नहीं किसी आस्तीं पे लहू नहीं
    कि शहीद-ए-राह-ए-मलाल का नहीं ख़ूँ-बहा उसे भूल जा
    क्यूँ अटा हुआ है ग़ुबार में ग़म-ए-ज़िंदगी के फ़िशार में
    वो जो दर्द था तिरे बख़्त में सो वो हो गया उसे भूल जा
    तुझे चाँद बन के मिला था जो तिरे साहिलों पे खिला था जो
    वो था एक दरिया विसाल का सो उतर गया उसे भूल जा

ความคิดเห็น • 6

  • @jayamansinghani3118
    @jayamansinghani3118 ปีที่แล้ว +2

    वाह!!! दिल को छूनेवाली एक खूबसूरत गजल । जो मिला है उसे याद कर ।जो ना मिला उसे भूल जा। आपकी सभी guzals अमर है।🙏🌹🌹🌹🙏

  • @SkMahabubAlam-j1o
    @SkMahabubAlam-j1o 25 วันที่ผ่านมา

    Allah has sent a Farista in this world to satisfy our souls

  • @narendralodhia
    @narendralodhia 10 หลายเดือนก่อน +1

    Gulamali ji. Supremacy at his best.

  • @sggarg
    @sggarg 4 ปีที่แล้ว +1

    lajawab

  • @keshavtiwari2306
    @keshavtiwari2306 2 ปีที่แล้ว +1

    Shukriya!

  • @iftekharsahil1301
    @iftekharsahil1301 ปีที่แล้ว +1

    Waaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhh ustaaaaaaaaad waaaaaaaaaaaaahhhhh
    ((Iftekharsahilusa))