Jai Mata Di || Mohan Nagar Mandir ||

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ก.พ. 2025
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    आज हम बात करेंगे एक ऐसे मंदिर की जिसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना पुराना इतिहास गाजियाबाद के मेरठ से अलग होकर एक अलग जिला बनने का है. ये है मोहन नगर मंदिर ( Mohan Nagar Mandir )
    आज हम बात करेंगे एक ऐसे मंदिर की जिसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना पुराना इतिहास गाजियाबाद के मेरठ से अलग होकर एक अलग जिला बनने का है. ये है मोहन नगर मंदिर ( Mohan Nagar Mandir )
    भारत मंदिरों का देश है. हर कदम पर आपको प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व वाले मंदिर दिखाई देते हैं. इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे एक ऐसे मंदिर की जिसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना पुराना इतिहास गाजियाबाद के मेरठ से अलग होकर एक अलग जिला बनने का है. ये है मोहन नगर मंदिर (Mohan Nagar Mandir). मोहन नगर चौक से कुछ ही मीटर की दूरी पर दाहिनी ओर है बेहद पुरानी मोहन मेकिन (Mohan Meakin) और बाईं ओर है ये भव्य मंदिर.
    गाजियाबाद का मोहन नगर मंदिर 1978 (Mohan Nagar Mandir build in 1978) में बनाया गया था. इसके दो वर्ष पहले ही, 14 नवंबर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी (Then Chief Minister of Uttar Pradesh Narayan Dutt Tiwari) ने इसे मेरठ से अलग करके एक अलग जिला बनाया था. अगर ये कहा जाए कि मोहन नगर मंदिर (Mohan Nagar Mandir) गाजियाबाद की पहचान है, तो गलत नहीं होगा.
    मोहन नगर मंदिर की लोकेशन क्या है || Mohan Nagar Mandir Location
    आप जब जीटी रोड पर दिल्ली से आगे बढ़ते हैं, तो इसी मार्ग पर मोहन नगर चौराहे (Mohan Nagar Chauraha) से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है मोहन नगर मंदिर. इस मंदिर की लोकेशन ऐसी है कि दिल्ली और एनसीआर के किसी भी कोने से इस मंदिर पहुंचा जा सकता है.
    किस देवी देवता पर आधारित है मोहन नगर मंदिर || Mohan Nagar Mandir Kis Bhagwan par hai
    मोहन नगर मंदिर (Mohan Nagar Mandir) में मुख्य परिसर के नीचे देवी दुर्गा, देवी काली और देवी सरस्वती की अद्भुत प्रतिमा सुशोभित है. इसी परिसर में आपको पीतल से बनाई गई विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां दिखाई देती हैं. बाहर की ओर हनुमान जी और भैरो बाबा की दुर्लभ मूर्तियां हैं. इसी परिसर के बाहर दो सिंह दरवाजे के दोनो ओर हैं. अब इन्हें शीशे के फ्रेम में ढक दिया गया है.
    Mohan Nagar Mandir के गार्डन में आपको भगवान गणेश की मूर्ति भी दिखाई देती है. यहीं एक पर्वतनुमा मंदिर है. यह मंदिर खुले प्रांगण में है. यहां आपको गंगा मां और शिवलिंग दिखाई देता है. श्रद्धालु यहां सोमवार को और सावन के महीने में जल चढ़ाने आते हैं. ऐसे में अगर ये कहा जाए कि गाजियाबाद का मोहन नगर मंदिर किसी एक देवी देवता पर न होकर समस्त देवी देवताओं पर केंद्रित है, तो गलत नहीं होगा.
    मोहन नगर मंदिर में कौन कौन से त्योहार मनाए जाते हैं || Mohan Nagar Mandir Festivals
    गाजियाबाद के मोहन नगर मंदिर में जनमाष्टमी, नवरात्रि आदि उत्सव मनाए जाते हैं. हालांकि आप यहां आम दिनों में भी आकर खुद को तरोताजा कर सकते हैं. खूबसूरत पार्क के बीच में बना मंदिर का प्रांगण आपको पूजा के साथ साथ ध्यान लगाने का अवसर देता है. बाहर पार्क आपको परिवार और दोस्तों के साथ कुछ पल सुकून से बिताने का अवसर देता है.
    मोहन नगर मंदिर में क्या न करें || Do’s and Don’t at Mohan Nagar Mandir
    मोहन नगर मंदिर में पूर्व में विवाह से पूर्व लड़का और लड़की का परिचय कराने की परंपरा चल निकली थी. इसे अब पूर्णत: बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही, स्कूली ड्रेस में मंदिर में आने की मनाही है. स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई करने वाले या अविवाहित लड़के और लड़कियां यहां पार्क में नहीं बैठ सकते हैं.

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