कलियुग केवल नाम अधारा , सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा! श्रीरामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कलियुग में मानव कल्याण हेतु उत्तम मार्गदर्शन किया है। विडम्बना यह है हम अन्तरमुखी से अधिक बहिर्मुखी होते जा रहे हैं। संत कबीरदास जी ने भी लिखा " मोको कहां ढूंढे रे बन्दे मैं तो तेरे पास में " । ईश्वर को हम खोज लें हमारी क्षमता नहीं, हम मन वचन और कर्म से वो श्रेष्ठता प्राप्त करने का प्रयास करें कि करुणानिधान स्वयं हमारे उपर कृपादृष्टि करें। जय श्री सीताराम 🚩🙏
Har har Mahadev bahut acchi baat hai sar
सही बात जय शिवशम्भू
कलियुग केवल नाम अधारा , सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा! श्रीरामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कलियुग में मानव कल्याण हेतु उत्तम मार्गदर्शन किया है। विडम्बना यह है हम अन्तरमुखी से अधिक बहिर्मुखी होते जा रहे हैं। संत कबीरदास जी ने भी लिखा " मोको कहां ढूंढे रे बन्दे मैं तो तेरे पास में " । ईश्वर को हम खोज लें हमारी क्षमता नहीं, हम मन वचन और कर्म से वो श्रेष्ठता प्राप्त करने का प्रयास करें कि करुणानिधान स्वयं हमारे उपर कृपादृष्टि करें। जय श्री सीताराम 🚩🙏
ज्ञानवर्धक है
Sahi kah rhe ho sir ji
भईया प्रणाम, जय माई कि हर हर महादेव
Hasdeo jangal kyo kat raha h iske liye aap kya kar rahe h