Bijli Mahadev का चमत्कार ॥ Pahadi लोगों की ईमानदारी ॥ VISHAL BAGGA ॥ Full story in description 

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 เม.ย. 2023
  • #bijlimahadev #travel #vlog #viral #vishalbagga
    इस सफ़र की कहानी :
    मैं और मेरा दोस्त 17 मार्च को 2 दिन घूमने के लिए निकले, 17 मार्च को सुबह 11बजे घर से निकले हम बिजली महादेव के लिए, और वहाँ पर हम पहुँचे शाम 5बजे, बारिश लगी हुई थी और हमने पैदल चलना शुरू कर दिया, और 6:30 बजे हम ऊपर पहुँच गए, अच्छे से महादेव के दर्शन किए, और 7 बजे हम नीचे की ओर चल पड़े, 8 बजे तक हम नीचे अपनी गाड़ी के पास पहुँच गए, और उसके बाद सीधा हम कसोल के लिए निकल पड़े, और वहाँ पर हम रात को 11बजे पहुँच गए, कमरे के लिए हमने एक दोस्त को बोलकर रखा था, तो वहाँ जाकर हम सो गए।
    18 मार्च सुबह उठे और अचानक से मेरी नज़र मेरे हाथ पर गई, और मैं हैरान परेशान हो गया, क्यों की मेरी अंगूठी मेरे हाथ में नहीं थी, और उसकी क़ीमत थी 40,000 रुपये, फिर मैंने और मेरे दोस्त ने पूरा कमरा छान लिया, पर हमे अंगूठी नहीं मिली, फिर मैंने सोचा की शायद गाड़ी में गिर गई होगी, गाड़ी भी पूरी देख ली, पर अंगूठी नहीं मिली फिर मैं उदास हो गया ओर मैंने उम्मीद छोड़ दी, 18 मार्च बाले दिन हम ज़बरदस्ती घूमे।
    और 19 मार्च सुबह 6बजे कसोल से घर के लिए रवाना हो गए, घर आकर जब मैंने अपने घर बालों को अंगूठी खो जाने के बारे में बताया , तो घर बाले भी काफी परेशान हुए, फिर मेरे भाई ने मेरा फ़ोन लिया और पूरे वीडियोस देखने लगे, फिर उनको दिखा की बिजली महादेव रास्ते में मैं जब जा रहा था, और जहां मेरा पाओं फिसला था, उस वीडियो में मेरे हाथ में अंगूठी थी, और उसके आगे वाली वीडियो में अंगूठी नहीं थी, फिर भाई ने वोला की अंगूठी तेरी वहीं पर गिरी है। क्या बोलता है चलें ढूँढने? फिर मेरा मन नहीं मान रहा था, की इतना सफ़र फिर से कैसे होगा, और मैंने उस बात को वहीं पर रोक दिया, क्योंकी 20 मार्च को मैंने मम्मी पापा और नेहा के साथ कहीं जाना था, तो 20 मार्च को मैं उनके साथ जाकर आया, ओर शाम को भाई ने फिर से बोला की कल चलते हैं, तब भी मैंने उनको बोला की मैं पिछले 4 दिन से गाड़ी चला रहा हूँ, तो हालत ख़राब है, बाक़ी सुबह देखेंगे ।
    21 मार्च सुबह मैं अपनी दुकान पर आ गया, और मेरी दुकान पर मेरी मासी का बेटा आया, और उसने पूछा की घूम आये, तो मैंने गंदी सी शकल बनाकर बोला की हाँ घूम तो आया पर नुकसान हो गया, मेरी अंगूठी वहाँ गुम हो गई, तो उसने भी बोला की चलो चलते हैं ढूंढने,और मैं कभी गया भी नहीं हूँ वहाँ पर, जब उसने भी ऐसा बोला, तो मुझे लगा की सभी बोल रहे हैं, तो जाना चाहिए, फिर क्या हम
    दोपहर 1 बजे घर से निकल पड़े अंगूठी ढूँढने, शाम 5:30 बजे हम वहाँ पहुँच गये और अंगूठी ढूँढने लगे, अंगूठी ढूंढते ढूंढते 30 मिनट निकल गए, फिर मेरे भाई ने बोला कि जहां तेरा पाओं स्लिप हुआ था, उसके बाद तूने क्या किया था, मैंने बोला कि यह जो आगे आपको दुकान दिख रही है, मैंने यहां पर अपने हाथ धोए थे, और फोन साफ किया था, तो भाई ने बोला कि चलो दुकान के पास चलते हैं, और दुकान वाले को पूछते हैं, जब हम दुकान के पास पहुंचे तो दुकान बंद थी, और दुकान उस दिन भी बंद थी, तो भाई ने बोला कि किसी से नंबर लेते हैं इनका, फिर वहां पर उनके साथ जो दुकान थी, उनसे हमने नंबर लिया, और उनको फोन किया, मैंने बोला कि मैं शुक्रवार शाम को आया था, और मेरी अंगूठी गिर गई थी, आप शनिवार सुबह दुकान पर आए होंगे, तो कहीं आपको अंगूठी मिली तो नहीं, तो उन भाई ने बोला जी हां मुझे मिली थी, पर मैंने झाड़ू मार कर उसको साइड में रख दिया था, इतना सुनकर मेरे होश उड़ गए, फिर मैंने उनको बोला कि मैं आपको फोटो भेजता हूं, क्या ऐसी अंगूठी थी? तो उन भाई ने फोटो देखा और बोला जी हां यही थी, मैंने वहीं पर रखी थी 3 दिन हो गए हैं, देख लो वहां पर है या नहीं, और आप मेरा इंतजार करो मैं भी आ रहा हूं, फिर हम दुकान की पिछली साइड अंगूठी ढूंढने लगे, ढूंढते ढूंढते 15:20 मिनट और हो गए, फिर मेरी एकदम से नजर अंगूठी पर पड़ गई और मैं ख़ुशी से पागल हो गया, और तब तक वह भाई भी वहां पहुंच गए, मैंने उनको धन्यवाद बोला और अपनी खुशी से 1000 रुपये उनको इनाम दिया,वो ले नहीं रहे थी पर मैंने उनको जबरदस्ती दे दिये, उन भाई की आंखों में अंशु आ गए और मेरी में भी, तो भाई ने बहुत बड़ी बात बोली कि इस दुनिया से क्या ले जाएंगे, यही जाएगा साथ में ईमानदारी। फिर हमने उनको जय बिजली महादेव बोला, और वहां से दर्शन करने के लिए चले गए ।
    तो यहां से पता चलता है, कि हक हलाल की कमाई कभी जाती नहीं, और ईमानदारी ही हमारे साथ जाएगी 😊🫶🏻🙏
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