कोई भी ब्यक्ति जो रागद्वेश रहित होजाता है उसे ईश्वर की श्रेणी मे पूजित खरसकते हैँ। ऐसे ही लोग जो ईश्वर तुल्य होगये थे उन्ही लोगोने इन महान वेदों और उपनिशदो की रचना की है। हरसाधारण व्यक्ति इसकेलायक नहीहै भलेही वह बड़ी बडी डिग्रियो.से सुशोभित हो।
कुछ विद्वान अ + क् निमीले पुरस्य हितम् आत्मा और शरीर के मिलने से आवास रुपी शरीर का हित अर्थात लाभ होता है। आत्म देव परमात्मा यज्ञ का ऋत्विज अर्थात यज्ञ का फल प्राप्त करने वाला है। यज्ञ में आहुतियां देने वाले रत्न धारण करने वाले हैं। धन्यवाद
ईश्वर ही ईश्वर की आराधना के लिएकह रहा है यह ईश्वर का संदेश नहीं हो सकता पूरे विश्व में एक सूर्य है एक चंद्रमा है तो विश्व में एक ही पुस्तकहोना थी स्वामी जी कोसादर नमन यह बात स्पष्टकीजिए
Pahle Vedas ko Shruti kaha gaya hai. Kyon ki inka prachar maukhik roop se hota tha.Oraly transmitted. Bad me likhit sankalan hua Vedbyas aur unke shishyon ne 4 Vedon ka sankalan kiya.Aisi manyata hai...
वह मंत्र आप को मालूम है ? " "मंत्र परम लघु जासु वश,विधि हरि हर सब सुर।महा मंत्र गज राज के,वश करि राखेऊँ सर्ब।। आप अभी ब्रह्भ ज्ञान से लाखों कोश दूर हैं।समय के तत्व दर्शी महा पुरूषों से आत्म ज्ञान व ब्रह्भ ज्ञान दीक्षा ले कर अनमोल जीवन को सार्थक बनाएँ।
आचार्य जी बहुत बहुत धन्यवाद, यह मंत्र यज्ञ करते हुए तो बहुत बार पड़ा परंतु आज इसका उच्चारण और अर्थ आज समझ आया है।
जय सनातन धर्म की जय हमारे सत्य वेदों की जय हमारे गुरुदेव जी की जो इस समय सुंदर ज्ञान दे रहे हैं
आचार्य आपको प्रणाम ❤❤❤
आचार्य श्री आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ओ३म् 🙏🏻🙏🏻नमस्ते जी.. हमें लोकेन्द्र आचार्य जी से सांख्य दर्शन सिखने मिला .. हमे आपकाी यह कक्षा बहुत अच्छी लगी..बहुत धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है।
Jai Yogeshwar, Gurudev ji ❤
हिन्दुओ का वेद ही मूल धर्म शास्त्र है।वेदो को कोटि कोटि प्रणाम। ।
सादर प्रणाम गुरुदेव ❤🎉
ॐ अग्नि ऐड़े ॐ
Grishma,Barsa,Sarat, Hemant, Sit,Basant
Bahut sundar व्याख्यान , bhut__ bhut dhanyawad achriy ji.
आचार्य जी को सादर प्रणाम
🕉 परमेश्वराय नम:
Pandurang shastri athvale ne bahut achha varnan kiya hai
Jay Yogeswar 🙏🏽
ओ३म् ईश्वर का प्रमुख नाम है। ईश्वर अनादि,अनन्त ,अजर ,अभय नित्य व पवित्र हैं।
बहुत सरल और सारगर्भित प्रवचन। आपका वंदन और नमन 🎉
सादर नमस्ते जी 🔥☀️💥🚩🙏🏼🌺🙏🏻
Prabhu, aap ko shat -2 Naman !!!!
आचार्य जी को नमन
आपका विवेचन बहुतही अच्छा है l
OAM. Acharyajee Namaste bahutbahut dhanyabad Aapku
Bhagvan aap
ko shat shat naman
Gurudev, Rigveda ka keval naam hi suna tha. Pratham shloka sunke, padh ke,bol ke atyant aanand hua.Aap ko anant Namaskar 🌹.
Sadar.naman aacharya ji
आनन्द स्वरूप ईश्वर की उपासना करने वाले उपासक आनन्द की प्राप्ति करते हैं।
❤❤❤❤❤. Pahli bar mujhe
Gyan Mila. 62 yrs ke baad. Acharya ji apka sat sat naman.
प्रणाम आचार्य जी,
आपका बहुत बहुत धन्यवाद्
ओऐ
बहुत सुंदर व्याख्या आचार्य जी
आचार्य जी सादर नमन भगवान के श्री मुख से निशृत प्रथम मंत्र आपकी बयाख्या की प्रसंशा
Thanks aacharyaji,shamajanekatareeka
हे चेतन देवता उपरोक्त संदर्भ में जिस अग्नि को नमन किया गया है, वो चेतन ( परमात्मा और आत्मा) का बल है।
ओम सादर नमस्ते आचार्य जी🙏🙏
Sadar naman.
Excellent prayer in Hrugved.
आचार्य जी सादर नमन ! आपने बहुत अच्छे से समझा दिया ।
बहुत अच्छा, साधुवाद।
Aacharya ji ko sadar pranam
❤ Namo Nama ❤.
Jay Ho.
Sadare namaste achary jl
Aapne bhut sunder tareeke se samjhya h
ओम, सादर प्रणाम आचार्य जी।
नमस्तेजी,
स्वामीजी आपने अत्यंत गहन विषयको बहुत ही सरल शब्दोंमें परिभाषित किया .बहुत बहुत धन्यवाद.
डाॅ.शारदा देवदत्त तुंगार
अदभुद वेदमन्त्र व्याख्या ❤
सादर प्रणाम बहुत सुन्दर व्याख्या
🙏🙏
ओ३म सादर नमस्ते आचार्य जी ।
Ved,eshwar,ka, sandesh hai
सादर नमस्ते अचार्य जी,ईश्वर आपको 100 वर्षों तक की स्वस्थ आयु प्रदान करे❤
ॐ नमस्ते जी
Naman 21:42
मुझे कंठस्थ है गुरु जी 🙏🙏🙏 ये शांतिकरण का भी पहला मंत्र है
अति सार्थक व्याख्या करते हुए विषय को समझाया गया है।सादर नमन आचार्य जी।
Hari om
Sharad rutu
कोई भी ब्यक्ति जो रागद्वेश रहित होजाता है उसे ईश्वर की श्रेणी मे पूजित खरसकते हैँ। ऐसे ही लोग जो ईश्वर तुल्य होगये थे उन्ही लोगोने इन महान वेदों और उपनिशदो की रचना की है। हरसाधारण व्यक्ति इसकेलायक नहीहै भलेही वह बड़ी बडी डिग्रियो.से सुशोभित हो।
Namasteji... very beautiful message
सादर नमन
जिसको पसंद है वो सुनते हैं
Omji
आचार्य जी को सदर प्रणाम यह कक्षा बहुत अच्छी लगी
कोटि कोटि धन्यवाद 💐💐🙏
सब ज्ञानियों के अलग अलग अर्थ है आम आदमी ना समझ सकता है ना किसी को समझा सकता है
A word is not complete in itself, hence such problems arise.
अग्नि न हो तो भोजन का पचना असंभव है। क्षुधा रुपी अग्नि को शांत करने के लिए उदर में अन्न रूपी समिधा चाहिए।जिसे पचाने के लिए पुनः अग्नि चाहिए।
Acharya ji namste
शरद ऋतु
Aum namaste ji
शरद
🙏🙏🎉
Om namaste ji
Anek prakar ke sampradayhoneselogbhramithai 19:15
यह मंत्र अच्छी तरह से स्मृति है
नमस्ते आचार्य जी 🙏
जो परमेश्वरत्व प्राप्त कर लेते हैं उन्हीं महापुरुषों के मुख से वेद वाक्य निश्रृत हुआ है। अतः वेद वाक्य ब्रह्म वाक्य ही समझना चाहिए।
नमस्ते जी
कुछ विद्वान अ + क् निमीले पुरस्य हितम् आत्मा और शरीर के मिलने से आवास रुपी शरीर का हित अर्थात लाभ होता है। आत्म देव परमात्मा यज्ञ का ऋत्विज अर्थात यज्ञ का फल प्राप्त करने वाला है। यज्ञ में आहुतियां देने वाले रत्न धारण करने वाले हैं। धन्यवाद
हेमंत ऋतु
शरद ऋतु।
Sadarnaman
Sharad
आचार्य जी नमस्ते जी,
मुझे यह मंत्र याद है।
सब शब्दों का खेल शब्दों की अपनी अपनी व्याख्यान
ओइम नमस्ते जी
Sadar Namaste achriy ji🎉🎉
वेद ईश्वर की वाणी है वेद ईश्वर कृत है
Request you to continue with the second and more verses.
Acharya ji, Pranam, kripya description me, mantra ka poorna arth ko likdijiyega sanshipt room me. Dhanyavad.
Sundr
Negative thinking comes from Negative minds
Ishwar manushya ki param chetna ka swaroop hai jo usko tab prapt hota hai jab wah sakshat shivatv ko prapt ho jata hai.rag dwesh se pare.
ईश्वर ही ईश्वर की आराधना के लिएकह रहा है यह ईश्वर का संदेश नहीं हो सकता पूरे विश्व में एक सूर्य है एक चंद्रमा है तो विश्व में एक ही पुस्तकहोना थी स्वामी जी कोसादर नमन यह बात स्पष्टकीजिए
@@rameshjain4606 सादर नमस्ते जी, कृपया इस विषय के लिए हमारे मोबाईल नंबर 8469567330 पर संपर्क कीजिएगा। धन्यवाद।
याद है
Vedas are apaurushey.....
Bharat me rahakar Sara pruthibi ka bat kahana kisko pasand hai?
परमेश्वर और ईश्वर में क्या अंतर है? किसी सज्जन विद्वान के पास में उत्तर हो तो बताना।
Vinay.kumar.singh..Apene.Gyan.Ko.Pragat.Ker.Achha.Kiya..lakine.Yah.Gyan.Adhura.Hai..Permta.Bhi.Apana.Kam.Aatma.Ke.Dwara.Byakta.Jerte.Hai..Jinhone.Mantra.Drasta.Kahlaye.Naki.Likhanebala..Jara.Apene.Ko.Samadhi.Tak.Pahunchao.Fir.Ved.Vakya.Samaj.Aayega.
ओम जी स्वामी जी और आप से कैसे मिलना हो
@@hariomrajput1007 सादर नमस्ते जी, इस विषय के लिए आप कृपया मोबाइल नंबर 8469567330 पर संपर्क कीजिएगा। धन्यवाद।
ईश्वर के नाम पुराणों में ही लिखे हैं 50000 नाम ईश्वर के हो सकते हैं असल बात तो यह है कि ईश्वर का कोई नाम ही नहीं होता है जैसी भाषा वैसा नाम
Paramaatma ko moorthy roop se bajate ho to bajut naam bhi bole jayenge. Kyonki SAGUN roop keval naam se hi praarambh hoga. Naam anant honge. (endless)
Pahle Vedas ko Shruti kaha gaya hai. Kyon ki inka prachar maukhik roop se hota tha.Oraly transmitted. Bad me likhit sankalan hua Vedbyas aur unke shishyon ne 4 Vedon ka sankalan kiya.Aisi manyata hai...
Guru ji om tat sat ka arth kya hai
@@RajShingh-su2cj सादर नमस्ते जी, इस विषय के लिए आप कृपया मोबाइल नंबर 8469567330 पर संपर्क कीजिएगा। धन्यवाद।
Aryasamaji chandan tilak kyun nahi lagate?
ओ३म् उच्चारण में गहरा श्वास जरुरी है क्या ...
वह मंत्र आप को मालूम है ? "
"मंत्र परम लघु जासु वश,विधि हरि हर सब सुर।महा मंत्र गज राज के,वश करि राखेऊँ सर्ब।।
आप अभी ब्रह्भ ज्ञान से लाखों कोश दूर हैं।समय के तत्व दर्शी महा पुरूषों से आत्म ज्ञान व ब्रह्भ ज्ञान दीक्षा ले कर अनमोल जीवन को सार्थक बनाएँ।