जानिए आदिवासी क्यों मनाते हैं सरहुल पर्व I Trible festival I Sarhul Parab
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- เผยแพร่เมื่อ 15 ต.ค. 2024
- सरहुल पर्व झारखंड में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आदिवासी शुरू से ही प्रकृति के उपासक माने जाते हैं. सरहुल पर्व के दिन आदिवासी प्रकृति की पूजा करते हैं. धर्म गुरू डॉ प्रवीण उरांव बताते हैं कि सरहुल पर्व का आदिवासियों के लिए बहुत महत्व है. सरहुल में हर कोई यही कामना करता है कि फसल अच्छी हो, तभी मानव जाती अच्छे से खा पायेगा.
सरहुल सिर्फ अच्छी फसल के लिए नहीं बल्कि मौसम की भविष्यवाणी के लिए भी जाना जाता है. इसी पर्व से आदिवासी यह पहले ही जान लेते हैं कि इस वर्ष कैसी बारिश होगी. आदिवासियों के नए साल की शुरूआत भी इसी पर्व के बाद होती है. डॉ प्रवीण उरांव बताते हैं कि पतझर के बाद ही नए पत्ते लगते हैं. इसलिए इसे हम नए साल के तौर पर भी मनाते हैं. झारखंड में सरहुल शोभायात्रा की शुरूआत 1967 में की गई.
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Very good 👍👍
Happy 😊 sarhul.
Achi jankari diye hai Aap ❤❤🇦🇹⚛️
Happy sarhul to my brother and sister
Happy sarhul sabhi ko 🇦🇹🇦🇹 Johar🙏🙏🙏🙏🙏
हैप्पी सरहुल
यह पानी का भविष्यवाणी हम लोग भी मानते हैं budha dev दूल्हा देव जय आदिवासी जय गोंडवाना
Happy sahrul 🙏🙏🙏🙏
उरांव जनजाति का विशेष पर्व सरहुल🙏🏼 जय सरना देवी
बहुत अच्छी बात कही आपने आदिवासियों का सरहुल पर्व बहुत बड़ा खराब है
Happy sarhul puja
Johar
Jay sarana.
Super
Happy sarul parab.. 🙏🌿🌲🌲🍀🥀🌳🌳🌵🌵🌱🌴🌴🌴🍀🍀🍀..
Oraon, Munda sawtal khadiya lohara Gond Majhi Kisan Odia... Etadea.. all Bharat all adivasi mante Hain....
👌👌👍
डॉक्टर साहब सरहुल की उत्पत्ती कैसी हुई, पूर्वज क्यों मानाने, किसकी पूजा होनी चाहिए, सखुवा या पीपल, किस प्रकार मनाना है, पूरी बातें बताईं।
But Sundar ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jay Srna ma
❤❤🎉🎉🎉
🇵🇪🇵🇪🇵🇪
Aky daw Katha heka
2
Bes kattha bachkay ba.
kundan
Very nice 👍👍👍👍
Johar