आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00042 ✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ ✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
अपने डर के सामने, क्रोध के सामने, लालच के सामने जो डट के अंगद की तरह पांव गढ़ा के खड़ा होना सीख जाता है वही भावनाओं की सुनामी का मुख मोड़ देता है तथा जब भावनाएं नहीं रहती तो उसे ही सच्चा प्रेम अनुभव होता है
खुद को तोड़ना माने अपनी भावनाओं के विरुद्ध जाने का संकल्प भावनाएं छोटी-मोटी लहरों की तरह नहीं आती बहुत सुनामी की तरह आती है। उसके सामने खड़ा होना मुश्किल हो जाता है चाहे क्रोध का हो आकर्षण का हो, मोह हो ममता हो ईर्ष्या हो, वासना हो भय हो, जब यह सब आता है तो हम बिल्कुल कुंद पड़ जाते हैं।
जब भावना नहीं होती है तो फिर प्रेम प्रकट होता है । जब तक भावना है तब तक प्रेम के लिए कोई स्थान नहीं । ✅💯 ~ श्री आचार्य प्रशांत जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🌹
मैं तीन साल से आचार्य जी को सुन रही हु लेकिन मेरे अंदर बहुत सुधार नही हुआ में हमेसा पुरानी गलतियां करती रहती हु लेकिन मुझे पता है ये गलती भी मेरी ही है में धीरज से साथ आपको तब तक सुनती रहूंगी जब तक मैं सुधर नही जाती क्युकी मेरे अंदर का जानवर बहुत बड़ा हो गया है उसे ख़त्म करने की लिए ये समय बहुत कम है
Satya ki or ek kadm hi bdao or usper chelte jao bo hi nice hai mere liye life ka ek hi satya hai sir ke aane se mene ye marg chun liya hai jo hoga dekha jayega ❤❤❤ v thanks lovely sir ji
Aachya jee pranam kaya aapke rup mein share krishna jee aa gaya hai AAP itna harek bat ka itna acha salusan kha se late ho i love you my big brother lov you so match
कई बार भावनाएं ऐसे अंधकार में धकेल देती है जहां जाते हुए हम अंदर से एक हल्की आवाज़ जो सच की होती है उसे बुरी तरह दबा देती है उसके दबते ही हम और जानवर बन जाते है
Bahut dhanyavad sir, hamare ghar main bhi aisa hi ho raha hai mere pati sirf bhawok hain aur unko es par bahut ghamand hai . Aur esi bhawokta ke vajah se mere ghar main hamesa jhagra aur kalah hote rahta hai.
Bs is time mujhe mahino se regular ni hu. Satra me Baar baar kosish pe so jati thi fir subah atmagalani me jiti thi. Baar baar aisa hone pr lga ki kuch fyada ni ho rha satra se.. To ab n satra le rhi thi.. Na hi atmaavlokhan kr rhi thi.. Jo pehle se bhi badhtar jeene lgi. 9 bhje so ti to 6 bhje uth ti. Atmagalani me beete jeete aadat ho gyi. Ar prayas bhi bnd kr diya. Sb faltu lgne lga N ghr ka n ghat ke Bht helpful h ye vdo Sahab ke darbar me, kami kahu ki nahi
Aapne bilkul shi kha bhut kuch krna chahti h pr jb krne ki bari aati h to kuch nhi kr pati or samj nhi aata h ea kyu hota h hr bar aaj muje jbab mil gya dhanyawad guru ji❤❤❤
आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00042
✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ
✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी
✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क
✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
अपने डर के सामने, क्रोध के सामने, लालच के सामने जो डट के अंगद की तरह पांव गढ़ा के खड़ा होना सीख जाता है वही भावनाओं की सुनामी का मुख मोड़ देता है तथा जब भावनाएं नहीं रहती तो उसे ही सच्चा प्रेम अनुभव होता है
Thanks ❤
Tq❤
दर्द सहते हुए, कुछ ना कहते हुए, आंसू बहते हुए भी वही करना जो आत्मिक तौर पर सही हो-🌟श्री आचार्य प्रशांत जी
श्रम करना है जी तोड़ श्रम करना है भरपूर श्रम करना है लेकिन बाहर की तरफ नहीं भीतर की तरफ🌟श्री आचार्य प्रशांत जी
खुद को तोड़ना मतलब अपने भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प 🌟श्री आचार्य प्रशांत जी
ईमानदार वही है जो करता सही है ना कि वह जो लग रहा सही है! 🌟श्री आचार्य प्रशांत जी
ईमानदार वो है जो वो करता है जो सही है , वो नहीं जो लग रहा है सही है । 💯✅ ~ श्री आचार्य प्रशांत जी 🙏🙏🌹
करें वही जो सही है ,न कि जो सही लगता है
सही लगने में सही होने में फर्क है
~आचार्य जी
साहब के दरबार में,
कमी काहू की नाहि।
बंदा मौज न पावसी,
चूक चाकरी माहि।।
~कबीर साहब
Nice
कुछ श्रम नहीं करना है बाहर की दिशा में सारा श्रम करना है अंदर की ओर❤❤❤
ज्यादा तर लोग भावना को ही प्रेम समझ बैठते है 💯✅
यह तन विष की बेलरी गुरु अम्रत की खान,
शीश दिया और गुरु मिले तो भी सस्ता जान ।।
सन्त कबीर साहब ।।🙏🙏
खुद को तोड़ना माने अपनी भावनाओं के विरुद्ध जाने का संकल्प भावनाएं छोटी-मोटी लहरों की तरह नहीं आती बहुत सुनामी की तरह आती है।
उसके सामने खड़ा होना मुश्किल हो जाता है
चाहे क्रोध का हो आकर्षण का हो, मोह हो ममता हो ईर्ष्या हो, वासना हो भय हो, जब यह सब आता है तो हम बिल्कुल कुंद पड़ जाते हैं।
खुद को तोड़ना माने अपने भावनाओं के विरोध जाने का संकल्प ✅💯 ~ श्री आचार्य प्रशांत जी 🙏🙏🌹
जो सही है वो करना है ,चाहे उसके लिए खुद को तोडना पडे,
भावनाओं पर नहीं चलना है, जीवन में प्रेम लाना है ।
जब भावना नहीं होती है तो फिर प्रेम प्रकट होता है । जब तक भावना है तब तक प्रेम के लिए कोई स्थान नहीं । ✅💯 ~ श्री आचार्य प्रशांत जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🌹
मैं तीन साल से आचार्य जी को सुन रही हु लेकिन मेरे अंदर बहुत सुधार नही हुआ में हमेसा पुरानी गलतियां करती रहती हु लेकिन मुझे पता है ये गलती भी मेरी ही है में धीरज से साथ आपको तब तक सुनती रहूंगी जब तक मैं सुधर नही जाती क्युकी मेरे अंदर का जानवर बहुत बड़ा हो गया है उसे ख़त्म करने की लिए ये समय बहुत कम है
😊😊ईमानदार वो है जो वो करता है जो सही है, वो नहीं जो लग रहा सही है।😊😊😊
भीतर:- #वासना...
बाहर:- #पैसा...
दोनों का संतुलन करना है...🌷
Satya ki or ek kadm hi bdao or usper chelte jao bo hi nice hai mere liye life ka ek hi satya hai sir ke aane se mene ye marg chun liya hai jo hoga dekha jayega ❤❤❤ v thanks lovely sir ji
इमानदार वो है जो वो कर रहा है जो सही है वो नहीं जो लग रहा है
सत्य के प्रति अविरोध माने, स्वयं के प्रति विरोध।
life changing videos, thankyou Acharya ji
भावना जहरीली है। वो अवचेतन के गहरे तहखानों से आती है- आचार्य प्रशांत
जब भावना नहीं होती तो फिर प्रेम प्रकट होता है।
जब तक भावना है तब तक प्रेम के लिए कोई स्थान नहीं है।🌼🌺🙇
जब भावना नहीं होती तब प्रेम प्रकट होता है
जो अपनी भावना के चलाए चले उससे बहुत बचना, और वो तुम ही हो तो खुद से भी बहुत बचना
दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार नहीं हूं, बाज़ार से गुज़रा हूं, ख़रीददार नहीं हूं।
~ अकबर इलाहाबादी
आचार्य प्रशांत❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Between understanding and feeling. I will choose understanding. 🌺🌺🌼
Aachya jee pranam kaya aapke rup mein share krishna jee aa gaya hai AAP itna harek bat ka itna acha salusan kha se late ho i love you my big brother lov you so match
Thank you so much sir🙏🙏bohut gyan mili🙏
Love you so much acharya ji ❤❤
Bahut bahut dhanyvaad mere guru ji ❤❤❤❤
🙏 आचार्य श्री 🙏
धन्यवाद आचार्य जी ❤
कई बार भावनाएं ऐसे अंधकार में धकेल देती है जहां जाते हुए हम अंदर से एक हल्की आवाज़ जो सच की होती है उसे बुरी तरह दबा देती है उसके दबते ही हम और जानवर बन जाते है
Pranam acharya ji ❤
प्रणाम आचार्य जी
Bahut dhanyavad sir, hamare ghar main bhi aisa hi ho raha hai mere pati sirf bhawok hain aur unko es par bahut ghamand hai . Aur esi bhawokta ke vajah se mere ghar main hamesa jhagra aur kalah hote rahta hai.
आचार्य प्रशांत ❤🙏
Parnam Acharya ji ❤❤❤
Jai jgnnath Jai jgnnath
🙏🏻🤎प्रणाम आचार्य जी।
Acharya ji❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
गुरुजी प्रणाम
Aaj shamajh me aya me to bhawanao me jiya ja rha tha par aaj shamjh aaya
Nice
Subah ki boost mil gayi 🙏
Bs is time mujhe mahino se regular ni hu. Satra me
Baar baar kosish pe so jati thi fir subah atmagalani me jiti thi.
Baar baar aisa hone pr lga ki kuch fyada ni ho rha satra se.. To ab n satra le rhi thi.. Na hi atmaavlokhan kr rhi thi..
Jo pehle se bhi badhtar jeene lgi. 9 bhje so ti to 6 bhje uth ti.
Atmagalani me beete jeete aadat ho gyi.
Ar prayas bhi bnd kr diya. Sb faltu lgne lga
N ghr ka n ghat ke
Bht helpful h ye vdo
Sahab ke darbar me, kami kahu ki nahi
Koti koti pranam hai aise mahapurush ko 🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
Prnam aachary ji
Mann ke itne ghare raaz.....❤❤❤😮😮😮
Super....
🛐🛐🛐🛐
जय हिंद
Zabardast
Khuad ko harana matab safalata
Sandeep Maheshwari ke saath podcast plz sir❤❤❤❤
Patience is real Player...🙏🙏
💯❤❤❤
राम राम राम जी
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jaisa karoge vaisa bharoge 😮
Apka bahut bahut dhanyawad.. Acharya ji.. 🙏🙏🙏🙏😊
प्रेम माने मुझे मुक्ति प्यारी है
Pranam Achyra
Thanku sir
3.51 Feelings ko todo
🌞
Right
Aapne bilkul shi kha bhut kuch krna chahti h pr jb krne ki bari aati h to kuch nhi kr pati or samj nhi aata h ea kyu hota h hr bar aaj muje jbab mil gya dhanyawad guru ji❤❤❤
21:30
Sir aapki books jaipur ma kha milthi ha
अपनी भावना को तोड़ना सीखो।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
प्रणाम आचार्य जी!
Sadar Pranam acharaya ji
प्रणाम।
❤🙏
❤❤
🙏🙏🙏🙏🙏✌️✌️✌️✌️✌️🫡🫡🫡🫡🫡
❤❤🙏🙏
🙏
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🙏🙏🙏🙏👍👍
🙏🙏🙏✨🌼🪷
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