प्राचार्य साहब को बारंबार प्रणाम। आज इस देश को ऐसे ही कर्मचारियों की जरूरत है। कलेक्टर साहब को तो खुश होना चाहिए कि उनके जिले में एक ऐसा ईमानदार टीचर भी है ।जो बच्चो के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है।एक बार पुनः आपको और आपके पेरेंट्स प्रणाम।
प्राचार्य जी सिर्फ पानी मांगा है। कलेक्टर महोदय पानी की व्यवस्था करने की बजाय प्राचार्य जी को धमकाने का काम कर रहे हैं। हम प्राचार्य जी के समर्थन में हैं। ऐसे निडर, ईमानदार प्राचार्य को शत शत नमन।
इसमें प्राचार्य की कोई ग़लती नही है क्योंकि प्राचार्य ने स्कूल के बच्चों के लिए पानी मांगा था। अपने परिवार के लिए नहीं। इस गलती पर कलेक्टर दोषी है और कलेक्टर पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
हमें प्रिंसिपल महोदय का साथ देना चाहिए,, जो की विद्यार्थियों के हित की बात है,, ईमानदारी से काम करने वाले को ऐसे ही परेशान किया जाता हैं, जो सरासर ग़लत है,, मैं प्रिंसिपल सर के समर्थन हूं
प्राचार्य ने आईना दिखा दिया।देश के सभी शिक्षक धन, मन धन से आपके साथ है। जहां आवश्यकता हो कुर्बानी देंगे।धन्य है आपके माता-पिता जिन्होंने ने ऐसे संस्कार दिए। कलेक्टर कौनसी खेत की मूली है। कलेक्टर अपनी मां के पेट से बनकर नहीं आया। उसको उसके गुरुओं ने बनाया। धिक्कार ऐसे नकारा, डरपोक, कायर, खटारा नामर्द को।
प्राचार्य जी सत्य मेव जयते की ओर अग्रसर है। बहुत बहुत आभार। धन्यवाद आपने गुरु होने का ओर पद का सम्मान रख लिया परिणाम चाहे जो हो लेकिन जिस दिन गुरु सुधार करने का प्रण ले लिया करते हैं उस ईश्वर कृपा उन्ही पर करते हैं।
शिक्षा विभाग में अधिकांश अधिकारी जुगाड से पद प्राप्त करते हैं, कुछ पद तो विशुद्ध कमाई वाले होते हैं इसलिए सच्चाई का साथ नहीं देते है ये साहब सच में दिलेर है सारे शिक्षक समाज को इनके साथ खड़ा होना चाहिए।
प्राचार्य महोदय आपके साहस और कर्तव्य पर हमेंगर्व है आप की लड़ाई प्रेरणा स्रोत है हर ईमानदार भारतीय के लिए जो अच्छी शिक्षा की लड़ाई लड़ रहा है। जो वास्तव में भारत निर्माण करना चाहता है।
@@h.c4960साधारण शिक्षक देश को आई .ए. एस आई पी एस, देता है जन्म से इंसान विद्वान नही होता बिना स्कूल भेजे कलेक्टर बना दो सब समझ आ जायेगा कोन साधारण है कोन नही है
कलेक्टर पद मिल ये होस नहीं की ये कलेक्टर एक शिक्षक की बदोलत ही है। प्राचार्य अपने लिए पानी नहीं मांग रहे हैं बच्चों के लिए कर रहें हैं कमीनेपन की राजनीति की हद होती है। सलाम है प्राचार्य जी को सच में यह देश का दुर्भाग्य ही है कि ओहदा मिलने पर राजनेताओं की कठपुतली बन गए। मिडिया अगर ईमानदार है तो प्राचार्य का साथ दे।
आदरणीय प्रचारमहोदय को राजेंद्र सिंहसोलंकी का दंडवत प्रणाम पहुंचे। आपकी एक खबर सुनकर मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं बहुत खुश हूं। आप नियम न्याय से जो लड़ाई लाड रहे हैं इसके लिए बहुत बहुत बधाई। एक बात मेरे विशेष जहांन में आई है कि यहां के सरपंच ,विधायक ,माननीय कलेक्टर तक आपने स्कूल बच्चों के लिए सिर्फ पीने का पानी की मांग की है जो जनहित अति जरूरी आवश्यक है । मुझे तो लगता है ऐसे हर प्राचार्य को अपने अपने कार्य क्षेत्र में स्कूली व्यवस्था के लिए पत्र लिखना भी चाहिए। यह एक न्याय की लड़ाई है। और अधिकार भी। जय हिंद जय भारत।
इससे अधिक कर्मठ ,क्रियाशील तथा ईमानदार अध्यापक आजकल कहाँ मिलता है! गाँव के सरपंच को हाथ जोड़कर क्षमा याचना करते हुए कलेक्टर को भी समझाना चाहिये कि एक अध्यापक अपने विद्यालय के लिये जल की व्यवस्था करवाना चाहता है और यह व्यवस्था करवाना चाहिये। अध्यापक के विरुद्ध न जाकर उसके कार्य में सहयोग करना चाहिये। पानी उसे विद्यालय के बच्चों के लिए चाहिये न कि स्वयं के लिए। कलेक्टर साहब को अच्छी सोच बनाकर इस आचार्य का साथ देना चाहिए।
रविंद्र जैन जी सत्य का साथ दीजिए प्राचार्य जी को डरने कासांस ना करें आपको न्याय के लिए लड़ना चाहिए ऐसे प्राचार्य महोदय का पूर्ण रूप से समर्थनकरना चाहिए जय भीम नमो बुद्धाय ❤🙏
अगर आज एक शिक्षक हार जाता है तो जो बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं , उनके ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा। उनका तो कानून और सरकार से विश्वास ही उठ जायेगा। क्या वो बड़े होकर एक अच्छा इंसान बन पाएंगे। इसलिए सभी को मिलकर प्राचार्य का साथ देना चाहिए। कलेक्टर और शासन को मिलकर प्राचार्य से माफ़ी मांगनी चाहिए इससे अलावा और कोई समाधान हो ही नहीं सकता। अगर प्राचार्य के खिलाफ कोई भी कार्यवाही होती है तो एक व्यापक जन आंदोलन की जरुरत है।
शाबाश प्राचार्य महोदय, मेरी उम्मीद है कि कलेक्टर अवश्य ही लालू ब्रांड का होगा मैं भाजपा समर्थक रहा हूं। मोदी जी का भाषण सुनता रहा हूं अब समझ में आ रहा है कि उक्त विधायक जैसे घटिया कीड़े भी भाजपा में खूब फल फूल रहे हैं महाशय यदि आप सच्चाई से डटे रहे तो कलक्टर के गले में जूतों का हार डाल सकते हैं धन्यवाद
माननीय मुख्यमंत्री जी से विनम्र अनुरोध है कि अदम्य साहस रखने वाले और बच्चों के लिए पानी जैसी मूलभूत चीज की माँग रखने वाले प्राचार्य व उनके किसी भी रिश्तेदार को कोई नुकसान न हो तथा पानी की उपलब्धता में बाधक बनने वाले हर शख्स के खिलाफ कार्यवाही हो
प्रचार्य जी को सलाम, धिक्कार है इसे डीएम को जिसे अपने अधिकार का भी पता नहीं, हर जगह जातिगत भेदभाव स्वर्ण अधिकारी कर रहे हैं लेकिन जातिगत जन गरना करने से डर रहे हैं क्यों😢😢😢😢
जनता चमड़ी उधेड़ देगी अगर इन जैसे शिक्षक के साथ कुछ गलत हुआ तो समय रहते विधायक सरपंच भी संभल जाए वरना अगले बार न विधायक बनेंगे ना सरपंच ,नाम बदल के pm श्री कर देने से कुछ नही होता हैंड पम्प लगाने की हैसियत नही है उल्टा जो सही कर रहे उनको प्रताड़ित किया जा रहा है आप निर्भीक रहे निडर रहे जनता को अच्छे से पता है किसको कैसे ठीक करना है।
कलेक्टर ने प्राचार्य को प्रताड़ित करने के लिए अधिकार न होते हुए अटैचमेंट आदेश जारी किया यह यह कलेक्टर की दुर्भावना पूर्ण वैधानिक कार्यवाही है शिक्षा जगत प्राचार्य के साथ है मैं कलेक्टर की कार्यवाही का विरोध दर्ज करता हूं विनम्र हर्ष पाठक सागर मध्य प्रदेश
कमोबेश यही स्थिति छत्तीसगढ़ में भी है यहां अनेकों जूनियर व्याख्याता को अपने सीनियर प्रिंसिपल्स के ऊपर डी ई ओ बनाकर व्यवस्था बिगाड़ दिया गया है । यहां तक बीईओ और ए बीईओ तक अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों का निरीक्षण कर लेते हैं । ज्यादातर जिला कलेक्टर शिक्षा विभाग के सेटअप को नहीं समझ पा रहे हैं...
गुरु जी के हौसले को सलाम। इनकी जमीर जिंदा है। जिलाधीश महोदय आईएएस हैं, जो कि एक बहुत सभ्यता और संस्कृति की पढ़ाई है इसे प्रेस्टीज प्वाइंट बनाया जाना, जिलाधीश महोदय को शोभा नहीं देता। बच्चों केलिए पेयजल की मांग उनका पवित्र उद्देश्य है। राजनीति नहीं। इसमें सरपंच और विधायक की राजनीति प्रतीत होती है।
शिक्षक राष्ट्र निर्माण का कार्य करता है जैसा राष्ट्र निर्माता होगा वैसा राष्ट्र बनेगा l हमारी भारती संस्कृति मे शिक्षक (गुरु) का दर्जा भगवान से भी उपर है l
बहुत ही हिम्मत वाले इंसान को दिल से धन्यवाद करता हूँ मालवीय साहब को सैल्यूट करता हूँ ,बच्चों के लिए पानी की मांग की है इस पर कलेक्टर साहब को इस पर ध्यान देने आवश्यकता है ना कि अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं
पत्रकार महोदय, सादर वन्दे! आप जैसे निर्भीक एवं निष्पक्ष पत्रकार ही इस देश को बचा सकते हैं। यह केवल के.सी. मालवीय जी का मामला नहीं है ऐसे अनेकों मामले शिक्षा विभाग में पड़े। ऐसे प्राचार्य महोदय को दाद देता हूं। आप अपना हौसला बनाए रखें। क्योंकि सत्यमेव जयते।
It's an excellent learning massage to everyone.Every body do and think positively. No one be harm. सही और अच्छे अध्यापक है। किसी का बुरा नहीं चाहते हैं। इन्हे और इनके परिवार को किसी प्रकार का नुक़सान नहीं पहुंचाना चाहिए। अध्यापक का कर्तव्य ऐसा ही बेबाक बोलना और राय होती है तथा अन्ततः वे अपने बच्चों के आगे या छात्रों के आगे अच्छे IAS हो या डॉक्टर हो नतमस्तक भी हो सकते हैं।
सरकार ने आदेश दिया था रविवार को गुरु पूर्णिमा मनाने को , गुरु का सम्मान करने को और सभी गुरूजियों ने छुट्टी के दिन सरकार के आदेश का अक्षरशः पालन किया। ये सम्मान दिया जाता है गुरूजियों को। शायद सरकार और प्रशासन ये भूल गया है। कि आज जो जहां है वह सब गुरूओं की देन है। प्राचार्य जी ने सच कहा है कि हम चंद्र गुप्त पैदा करना भी जानते हैं।
प्राचार्य महोदय बिलकुल सही है, गलत है तो इस देश की प्रशासनिक व्यवस्था जिसे निहायत ही बदलनी चाहिए । विद्यालय में बच्चों के लिए यदि पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती तो शासन प्रशासन के लिए बेहद शर्मनाक है ।
प्राचार्य मालवीय जी के बेबाक विचारों से हम सहमत हैं-- ऐसे जांबाज प्राचार्य जी को हमारा समर्थन एव क्रांतिकारी नीला सलाम -- जय भीम -- जय भारत। -- इंकलाब ज़िंदाबाद। ----- रामचंद्र सालवी ---- प्रदेश अध्यक्ष --- डॉ अंबेडकरवादी जनक्रांति मंच ---- राजस्थान प्रदेश
प्राचार्य जी आपको सैल्यूट है।अगर आप जैसा सराहनीय कार्य कोई सवर्ण प्राचार्य कर रहा होता तो उसे इसी वर्ष द्रोणाचार्य अवार्ड मिल गया होता। इस देश की यही नियति है।आप घबरायें नहीं।आपके साथ इस देश की गैरतमंद जनता खड़ी है।आप यह भी जान लीजिए कि आपके साथ ये जो हो रहा है न, वो सिर्फ इसलिए कि आप दलित हैं और एक दलित इतना प्रतिभावान और निर्भय कैसे हो सकता है।
जहां तक मेरा मानना है इस नाकारा सिस्टम से लड़ने का एक ही रास्ता है की प्रिंसिपल साहब अगला चुनाव लड़े और विधायक बने और यही कलेक्टर आकर सिर झुकाए। ताकि कलेक्टर को भी समझ में आ जाएगा कि उसकी औकात क्या है।
शिक्षा विभाग में किसी अन्य विभाग या व्यक्तियों की शिक्षकों के ऊपर दबाव नहीं होना चाहिए। शिक्षक के द्वारा ही अधिकारी कर्मचारी एवं अच्छे व्यक्ति बनाये जाते हैं।
प्राचार्य साहब को बारंबार प्रणाम। आज इस देश को ऐसे ही कर्मचारियों की जरूरत है। कलेक्टर साहब को तो खुश होना चाहिए कि उनके जिले में एक ऐसा ईमानदार टीचर भी है ।जो बच्चो के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है।एक बार पुनः आपको और आपके पेरेंट्स प्रणाम।
Right
ऐसे गुरु जनों को में प्राणम करता हूं, जो हक कि लड़ाई लड़ रहे हे।
शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वही दहाड़ेगा प्राचार्य जी को प्रणाम 🙏🙏🙏
प्राचार्य जी सिर्फ पानी मांगा है। कलेक्टर महोदय पानी की व्यवस्था करने की बजाय प्राचार्य जी को धमकाने का काम कर रहे हैं।
हम प्राचार्य जी के समर्थन में हैं। ऐसे निडर, ईमानदार प्राचार्य को शत शत नमन।
😊😊
इसमें प्राचार्य की कोई ग़लती नही है क्योंकि प्राचार्य ने स्कूल के बच्चों के लिए पानी मांगा था। अपने परिवार के लिए नहीं। इस गलती पर कलेक्टर दोषी है और कलेक्टर पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
इससे तो अंग्रेज सासन ही अच्छा था
La la
हमें प्रिंसिपल महोदय का साथ देना चाहिए,, जो की विद्यार्थियों के हित की बात है,, ईमानदारी से काम करने वाले को ऐसे ही परेशान किया जाता हैं, जो सरासर ग़लत है,, मैं प्रिंसिपल सर के समर्थन हूं
प्राचार्य ने आईना दिखा दिया।देश के सभी शिक्षक धन, मन धन से आपके साथ है। जहां आवश्यकता हो कुर्बानी देंगे।धन्य है आपके माता-पिता जिन्होंने ने ऐसे संस्कार दिए। कलेक्टर कौनसी खेत की मूली है। कलेक्टर अपनी मां के पेट से बनकर नहीं आया। उसको उसके गुरुओं ने बनाया। धिक्कार ऐसे नकारा, डरपोक, कायर, खटारा नामर्द को।
शाबाश प्रिंसिपल! निश्चित ही आपने डाक्टर आंबेडकर को पढ़ा है।
आपको दिल से सैल्यूट।
कलेक्टर साहब आपको बनाने वाला भी एक अध्यापक ही है । प्राचार्य जी को दिल से सलाम, प्राचार्य जी जीत सत्य की ही होगी 🎉🎉
ऐसे प्राचार्य का सार्वजनिक रूप से अभिनंदन होना चाहिए।
प्राचार्य जी सत्य मेव जयते की ओर अग्रसर है। बहुत बहुत आभार। धन्यवाद आपने गुरु होने का ओर पद का सम्मान रख लिया परिणाम चाहे जो हो लेकिन जिस दिन गुरु सुधार करने का प्रण ले लिया करते हैं उस ईश्वर कृपा उन्ही पर करते हैं।
ऐसे शिक्षक को नमन है। सचमुच आधुनिक चाणक्य है । जनता को इनको पूर्ण समर्थन मिलना चाहिए।
शिक्षा विभाग में अधिकांश अधिकारी जुगाड से पद प्राप्त करते हैं, कुछ पद तो विशुद्ध कमाई वाले होते हैं इसलिए सच्चाई का साथ नहीं देते है ये साहब सच में दिलेर है सारे शिक्षक समाज को इनके साथ खड़ा होना चाहिए।
प्राचार्य जी ने बहुत अच्छा काम किया है।
प्राचार्य महोदय आपके साहस और कर्तव्य पर हमेंगर्व है आप की लड़ाई प्रेरणा स्रोत है हर ईमानदार भारतीय के लिए जो अच्छी शिक्षा की लड़ाई लड़ रहा है। जो वास्तव में भारत निर्माण करना चाहता है।
इस देश को बचाने के लिए ऐसे ही शिक्षक और शिक्षा की जरूरत है,गर्व है इस प्राचार्या पर।
बहुत बहुत अभिनंदन ऐसे गुरुजनों को जो गलत लोगो का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
शिक्षक कभी साधारण नहीं होता,, प्रलय और निर्माण उसके गोद में पलते हैं।।
Great 🎉
ये सिर्फ कहने की बात है। आजकल के शिक्षक साधारण ही है।
@@h.c4960साधारण शिक्षक देश को आई .ए. एस आई पी एस, देता है जन्म से इंसान विद्वान नही होता बिना स्कूल भेजे कलेक्टर बना दो सब समझ आ जायेगा कोन साधारण है कोन नही है
Cc y ch rf cc fyc vi cc g CT dr s DD box s@@omprakashtrivedi9555
बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है आपने धन्यवाद।
ये है, ईमानदार , निडर, निर्भीक शिक्षक, आपको प्रणाम अपनी इस आदत को बनाएं रखिए, ,,,,,,,
प्राचार्य की हिम्मत कि दाद देने चाहिए
सही कहा प्राचार्य ने
एक शिक्षक कलेक्टर बना सकता है
एक कलेक्टर शिक्षक नहीं बना सकता है
विधायक जी ने स्कूल में हैंडपंप स्वीकृत किया और सरपंच जी ने उनके घर लगवा लिया वह स्कूल में ही लग जाता तो पानी पीने की समस्या खत्म हो जाती
विकसित भारत की अगर ये तस्वीर है तो हम लोगो को ऐसा विकसित नहीं चाहिए।।
सादर प्रणाम करता हूं ऐसे प्राचार्य को।।।👏👏
कलेक्टर पद मिल ये होस नहीं की ये कलेक्टर एक शिक्षक की बदोलत ही है। प्राचार्य अपने लिए पानी नहीं मांग रहे हैं बच्चों के लिए कर रहें हैं कमीनेपन की राजनीति की हद होती है। सलाम है प्राचार्य जी को सच में यह देश का दुर्भाग्य ही है कि ओहदा मिलने पर राजनेताओं की कठपुतली बन गए। मिडिया अगर ईमानदार है तो प्राचार्य का साथ दे।
प्राचार्य महोदय आप बहुत साहसी हैं लेकिन बाबासाहेब आंबेडकर को याद करना चाहिए जिनकी बदौलत आज हम और आप ये सब कर पा रहे हैं।
इस देश को - 1000 ऐसे प्राचार्यों की जरूरत है।
प्राचार्य को प्रणाम
आदरणीय प्रचारमहोदय को राजेंद्र सिंहसोलंकी का दंडवत प्रणाम पहुंचे। आपकी एक खबर सुनकर मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं बहुत खुश हूं।
आप नियम न्याय से जो लड़ाई लाड रहे हैं इसके लिए बहुत बहुत बधाई। एक बात मेरे विशेष जहांन में आई है कि यहां के सरपंच ,विधायक ,माननीय कलेक्टर तक आपने स्कूल बच्चों के लिए सिर्फ पीने का पानी की मांग की है जो जनहित अति जरूरी आवश्यक है ।
मुझे तो लगता है ऐसे हर प्राचार्य को अपने अपने कार्य क्षेत्र में स्कूली व्यवस्था के लिए पत्र लिखना भी चाहिए। यह एक न्याय की लड़ाई है। और अधिकार भी। जय हिंद जय भारत।
इससे अधिक कर्मठ ,क्रियाशील तथा ईमानदार अध्यापक आजकल कहाँ मिलता है! गाँव के सरपंच को हाथ जोड़कर क्षमा याचना करते हुए कलेक्टर को भी समझाना चाहिये कि एक अध्यापक अपने विद्यालय के लिये जल की व्यवस्था करवाना चाहता है और यह व्यवस्था करवाना चाहिये।
अध्यापक के विरुद्ध न जाकर उसके कार्य में सहयोग करना चाहिये।
पानी उसे विद्यालय के बच्चों के लिए चाहिये न कि स्वयं के लिए।
कलेक्टर साहब को अच्छी सोच बनाकर इस आचार्य का साथ देना चाहिए।
कलेक्टर अयोग्य है,पानी पीने की व्यवस्था करने के बजाय प्राचार्य पर कार्यवाही कर रहा है ,ओछी मानसिकता स्वयमेव प्रदर्शित हो रही है।
Malviya ji principal sir ko salute i support him
रविंद्र जैन जी सत्य का साथ दीजिए प्राचार्य जी को डरने कासांस ना करें आपको न्याय के लिए लड़ना चाहिए ऐसे प्राचार्य महोदय का पूर्ण रूप से समर्थनकरना चाहिए जय भीम नमो बुद्धाय ❤🙏
आदरणीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है विधार्थियों के पक्ष में निष्पक्ष कार्यवाही करें
अगर आज एक शिक्षक हार जाता है तो जो बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं , उनके ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा। उनका तो कानून और सरकार से विश्वास ही उठ जायेगा। क्या वो बड़े होकर एक अच्छा इंसान बन पाएंगे। इसलिए सभी को मिलकर प्राचार्य का साथ देना चाहिए। कलेक्टर और शासन को मिलकर प्राचार्य से माफ़ी मांगनी चाहिए इससे अलावा और कोई समाधान हो ही नहीं सकता। अगर प्राचार्य के खिलाफ कोई भी कार्यवाही होती है तो एक व्यापक जन आंदोलन की जरुरत है।
प्रिंसिपल सर धन्यवाद के पात्र है उनके साहस को सलाम करता हूं
शाबाश प्राचार्य महोदय, मेरी उम्मीद है कि कलेक्टर अवश्य ही लालू ब्रांड का होगा मैं भाजपा समर्थक रहा हूं। मोदी जी का भाषण सुनता रहा हूं अब समझ में आ रहा है कि उक्त विधायक जैसे घटिया कीड़े भी भाजपा में खूब फल फूल रहे हैं महाशय यदि आप सच्चाई से डटे रहे तो कलक्टर के गले में जूतों का हार डाल सकते हैं
धन्यवाद
कलेक्टर बदले की कार्यवाही करने के बजाय ।यदि पीने के पानी की ब्यवस्था करा देते तो बेहतर होता ।
साहस को सलाम । शिक्षक ही कलेक्टर और बुद्धि जीवी पैदा करते हैं
शिक्षक को प्रणाम करते हैं इमानदार रहे।
बहुत उत्तम विचार प्रिंसिपल महोदय जी की ❤
माननीय मुख्यमंत्री जी से विनम्र अनुरोध है कि अदम्य साहस रखने वाले और बच्चों के लिए पानी जैसी मूलभूत चीज की माँग रखने वाले प्राचार्य व उनके किसी भी रिश्तेदार को कोई नुकसान न हो तथा पानी की उपलब्धता में बाधक बनने वाले हर शख्स के खिलाफ कार्यवाही हो
ऐसे प्राचार्य सभी स्कूलों में होना चाहिए
शिक्षा विभाग को बचाने और सम्मान के लिए इसे शानदार प्राचार्यो की जरूरत हे।
बहुत ही सुन्दर और सराहनीय कदम। आपके साहस और आत्मविश्वास से समाज को सीखना चाहिए। इसके लिए पूरा सिस्टम दोषी करार दिया जाना चाहिए।
Very good प्रिंसिपल sir
सच के लिए आवाज उठाने के लिए
शिक्षक के लिए उनके विद्यार्थी ही सबकुछ है उनके लिए कुछ भी करना ही चाहिए प्राचार्य महोदय जी को शत शत नमन 🙏🙏💐💐
प्रचार्य जी को सलाम, धिक्कार है इसे डीएम को जिसे अपने अधिकार का भी पता नहीं, हर जगह जातिगत भेदभाव स्वर्ण अधिकारी कर रहे हैं लेकिन जातिगत जन गरना करने से डर रहे हैं क्यों😢😢😢😢
जनता चमड़ी उधेड़ देगी अगर इन जैसे शिक्षक के साथ कुछ गलत हुआ तो समय रहते विधायक सरपंच भी संभल जाए वरना अगले बार न विधायक बनेंगे ना सरपंच ,नाम बदल के pm श्री कर देने से कुछ नही होता हैंड पम्प लगाने की हैसियत नही है उल्टा जो सही कर रहे उनको प्रताड़ित किया जा रहा है आप निर्भीक रहे निडर रहे जनता को अच्छे से पता है किसको कैसे ठीक करना है।
बिना सोचे गुरुजी को डराना कलेक्टर अभृद्र व्यवहार है
कलेक्टर नेताओ की दलाली कर रहे है
इन्ही दलाली के कारण देश बर्बाद है।
Right 👍
💯 truth
कितने कर्मचारी अधिकारी ऐसे होंगे जो अपने अधिकारों के लिए इतने जागरूक जन
वेरी वेरी गुड कानून जिंदा है आज भी और इस न्याय के ऊपर देश टिका हुआ है
कलेक्टर ने प्राचार्य को प्रताड़ित करने के लिए अधिकार न होते हुए अटैचमेंट आदेश जारी किया यह यह कलेक्टर की दुर्भावना पूर्ण वैधानिक कार्यवाही है शिक्षा जगत प्राचार्य के साथ है मैं कलेक्टर की कार्यवाही का विरोध दर्ज करता हूं विनम्र हर्ष पाठक सागर मध्य प्रदेश
कमोबेश यही स्थिति छत्तीसगढ़ में भी है यहां अनेकों जूनियर व्याख्याता को अपने सीनियर प्रिंसिपल्स के ऊपर डी ई ओ बनाकर व्यवस्था बिगाड़ दिया गया है । यहां तक बीईओ और ए बीईओ तक अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों का निरीक्षण कर लेते हैं । ज्यादातर जिला कलेक्टर शिक्षा विभाग के सेटअप को नहीं समझ पा रहे हैं...
भाजपा का चाल और चरित्र यही है बच्चों के लिए पानी मांगना क्या ग़लत है
गुरु जी के हौसले को सलाम। इनकी जमीर जिंदा है। जिलाधीश महोदय आईएएस हैं, जो कि एक बहुत सभ्यता और संस्कृति की पढ़ाई है इसे प्रेस्टीज प्वाइंट बनाया जाना, जिलाधीश महोदय को शोभा नहीं देता। बच्चों केलिए पेयजल की मांग उनका पवित्र उद्देश्य है। राजनीति नहीं। इसमें सरपंच और विधायक की राजनीति प्रतीत होती है।
Salam hai aise parchray.ko
Thank you Jain Saheb for raising a fundamental issue in MP schools and grassroots problems of our school going children
Keep it up 👍
शिक्षक राष्ट्र निर्माण का कार्य करता है जैसा राष्ट्र निर्माता होगा वैसा राष्ट्र बनेगा l हमारी भारती संस्कृति मे शिक्षक (गुरु) का दर्जा भगवान से भी उपर है l
अधिकार मांगना गलत नहीं है
प्राचार्य महोदय को नमन
बहुत ही हिम्मत वाले इंसान को दिल से धन्यवाद करता हूँ मालवीय साहब को सैल्यूट करता हूँ ,बच्चों के लिए पानी की मांग की है इस पर कलेक्टर साहब को इस पर ध्यान देने आवश्यकता है ना कि अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं
सलाम है आचार्य जी 🙏 आपको
धन्यवाद प्राचार्य महोदय को।DM के लिये संदेश।शिक्षक कभी सामान्य नही होता है।निर्माण और प्रलय दोनों उसकी गोद मे खेलते हैं।
पीएम श्री स्कूल में भी पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। गजब का विकास है।
शिक्षक का साहस प्रशंसनीय है
अति उत्तम
प्रचार्य जी सही है गलत नही है
आदर्श शिक्षक है बच्चों के प्रति समर्पित है नमन है उन्हें
पत्रकार महोदय,
सादर वन्दे!
आप जैसे निर्भीक एवं निष्पक्ष पत्रकार ही इस देश को बचा सकते हैं।
यह केवल के.सी. मालवीय जी का मामला नहीं है ऐसे अनेकों मामले शिक्षा विभाग में पड़े।
ऐसे प्राचार्य महोदय को दाद देता हूं।
आप अपना हौसला बनाए रखें।
क्योंकि सत्यमेव जयते।
सच्चाई की बात पर सहमत हैं
ऐसे शिक्षक की जरूरत है भारत देश को। जो विद्यालय और बच्चों के लिए विकास के लिए सच्चाई के साथ लड़ रहे है। विजय होगी सर जी। धीरज रखिए गुरुदेव जी।❤❤❤❤❤❤
शत शत नमन प्राचार्य महोदय को मैं आपके साथ हूं।
केवल और केवल शिक्षक ही सबसे बड़ा पद होता है, जिसके द्वारा इंसान को शिक्षा प्राप्त होती है l
प्राचार्य जी बिलकुल सही है
कलेक्टर बदले की भावना से कार्यवाही कर रहे हैं
प्राचार्य गलत नहीं है क्योंकि पानी की मांग करना गलत है क्या।
It's an excellent learning massage to everyone.Every body do and think positively. No one be harm.
सही और अच्छे अध्यापक है। किसी का बुरा नहीं चाहते हैं। इन्हे और इनके परिवार को किसी प्रकार का नुक़सान नहीं पहुंचाना चाहिए। अध्यापक का कर्तव्य ऐसा ही बेबाक बोलना और राय होती है तथा अन्ततः वे अपने बच्चों के आगे या छात्रों के आगे अच्छे IAS हो या डॉक्टर हो नतमस्तक भी हो सकते हैं।
सरकार ने आदेश दिया था रविवार को गुरु पूर्णिमा मनाने को , गुरु का सम्मान करने को और सभी गुरूजियों ने छुट्टी के दिन सरकार के आदेश का अक्षरशः पालन किया। ये सम्मान दिया जाता है गुरूजियों को।
शायद सरकार और प्रशासन ये भूल गया है। कि आज जो जहां है वह सब गुरूओं की देन है। प्राचार्य जी ने सच कहा है कि हम चंद्र गुप्त पैदा करना भी जानते हैं।
सत्यमेव जयते ❤❤❤❤
सत्य और इमानदारी की ताक़त को सुना था, पर आज देख भी लिया। हमें आप से ही प्रेरणा लेनी चाहिए प्रिंसिपल साहब। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
पानी ही तो मांगा था प्राचार्य महोदय को दिल की गहराइयों से प्रणाम करता हूं
प्राचार्य महोदय को मेरा समर्थन एक आम नागरिक होने के नाते❤❤
जय भीम 🙏 principal साहब को बारम्बार बारम्बार धन्यवाद साहब 👌👍
शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह उतना ही दहाड़ेगा, प्राचार जी ने बाबा साहब को पढ़ा है । धन्यवाद प्राचार्य जी।🙏🙏🙏🙏✍️✍️✍️💐🌺🌺🥀🌹🌷💘
प्राचार्य महोदय बिलकुल सही है, गलत है तो इस देश की प्रशासनिक व्यवस्था जिसे निहायत ही बदलनी चाहिए । विद्यालय में बच्चों के लिए यदि पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती तो शासन प्रशासन के लिए बेहद शर्मनाक है ।
देश स्वतंत्र है
गलत के खिलाफ हर भारतीय को आवाज़ बुलंद करना चाहिए
ऐसे गुरु जी प्रणाम जो अपने स्कूल के बच्चों को अपने बच्चे समझ कर उनके लिए लड़ाई कर रहे हैं और अपने स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं ❤
ऐसे प्राचार्य को शत् शत् नमन ।
सरपंच जी ने स्कूल का स्वीकृत हैंडपंप उनके घर पर क्यों लगवाया वह स्कूल में ही लग जाता तो शायद आज यह पीने के पानी की सब समस्या ही नहीं रहती
बहुत बढ़िया मालवीय जी आप की एक एक बात सच हैं
प्राचार्य मालवीय जी के बेबाक विचारों से हम सहमत हैं-- ऐसे जांबाज प्राचार्य जी को हमारा समर्थन एव क्रांतिकारी नीला सलाम -- जय भीम -- जय भारत। -- इंकलाब ज़िंदाबाद। ----- रामचंद्र सालवी ---- प्रदेश अध्यक्ष --- डॉ अंबेडकरवादी जनक्रांति मंच ---- राजस्थान प्रदेश
बहुत ही अच्छा है सभी शिक्षकों को आप पर गर्व है
बहुत बढ़िया किया प्राचार्य महोदय ने
प्राचार्य साहब को सैल्यूट 🙏🏻🙏🏻
इन प्राचार्य साहब का में दिल से सपोर्ट करता हु मेरी भावना इनके साथ है ❤
प्राचार्य जी बहुत बहुत धन्यवाद
प्राचार्य जी आपको सैल्यूट है।अगर आप जैसा सराहनीय कार्य कोई सवर्ण प्राचार्य कर रहा होता तो उसे इसी वर्ष द्रोणाचार्य अवार्ड मिल गया होता। इस देश की यही नियति है।आप घबरायें नहीं।आपके साथ इस देश की गैरतमंद जनता खड़ी है।आप यह भी जान लीजिए कि आपके साथ ये जो हो रहा है न, वो सिर्फ इसलिए कि आप दलित हैं और एक दलित इतना प्रतिभावान और निर्भय कैसे हो सकता है।
सच की बात।
आपके उज्जवल भविष्य की मंगलमय कामना करता हूं।
जहां तक मेरा मानना है इस नाकारा सिस्टम से लड़ने का एक ही रास्ता है की प्रिंसिपल साहब अगला चुनाव लड़े और विधायक बने और यही कलेक्टर आकर सिर झुकाए। ताकि कलेक्टर को भी समझ में आ जाएगा कि उसकी औकात क्या है।
शासन ने विद्यालय की मांग अविलंब पूर्ण करना चाहिए।एवम प्राचार्य को सम्मानित करना चाहिए।
Grand Salute to the Principal & Teaching Faculty members.
ऐसे प्राचार्य जी से मेरा सादर नमन, आपके सतत् प्रयास परिश्रम को सर्वदा सतत् शतम् सलाम।
संभागीय आयुक्त महोदय को मानवता के मद्देनजर कार्यवाही करनी चाहिए न कि राजनीतिक खयाल से।
अस्ति कश्चित वाग् विशेषः प्रार्चाय महोदयः
Principal ji ko salute 🙏🏻
निडर, ईमानदार और छात्र हितेषी प्रिंसिपल का सादर वंदन...... MP मैं आराजगता का वातावरण बन रहा है
शिक्षा विभाग में किसी अन्य विभाग या व्यक्तियों की शिक्षकों के ऊपर दबाव नहीं होना चाहिए। शिक्षक के द्वारा ही अधिकारी कर्मचारी एवं अच्छे व्यक्ति बनाये जाते हैं।
मालवीय जी सज्जन एवम एक अच्छे शिक्षक प्रतीत हो रहे है। कलेक्टर साहब एवम प्रशासन को इगो नही बनाने में बड़प्पन होगा।
पत्रकार जी आप भी ज्यादा आगे निकल गए प्राचार्य जी एक दम सही बोल रहे हैँ