सावन और बरसात 🥰
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- เผยแพร่เมื่อ 29 ส.ค. 2024
- सावन आया, मस्ती छाई,
धरती माँ की खुशबू आई।
बूंदें गिरे, टिप-टिप करतीं,
हरियाली में खुशियाँ भरतीं।
मेंढ़क बोले टर-टर-टर,
पेड़ पे बैठे पंछी झूमकर।
नाचे मोर पंख फैलाकर,
बादल गाएँ गाना गाकर।
नदी-झरने भरें उमंग से,
कूदें बच्चे हर्षित संग से।
छम-छम बारिश में नहाएँ,
मस्ती में गीत गुनगुनाएँ।
आओ मिलकर सब नाचें,
सावन की इस बरसात में।
धूप छुपी और बादल छाए,
खुशियों के रंग बिखर जाए।