तुम अपना कहती थी I Tum Apna Kehti Thi I Dr Kumar Vishwas
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- เผยแพร่เมื่อ 19 ส.ค. 2020
- “तुम अपना कहती थी”....पता नहीं स्वयं चुने इस नियोजित जीवन के हल्दी सने इकरँग आँचल और खुद लादी रूढ़ियों के पल्लू में बंधी नियमित ज़िम्मेदारी की मर्यादा भरी चाबियों की बेस्वाद रुनझुन में तुम्हें वो सरग़ोश आवाज़ें याद हों ना याद हों पर मेरी बीतती उम्र को, मेरे पड़ाव भाँप रहे कदमों और मेरी दुनिया छान रही धूसर आँखों को आजतक वो सारे मंजर मुँहजबानी याद हैं😞!
प्यार में अहंकार का आकार बढ़ा लेने वाले पत्थरों को छोड़कर हर सरला-तरला नदी बूँद-बूँद आँसू छलका कर आगे निकल ही जाती है ! पर वही नदी अपने आकार को उसके प्रति समर्पण वाले गाल के मनहर गड्ढों जैसे वर्तुलों में घिस घिसकर समाप्त करने वाले रेत के कण से लिपट लिपट जाती है ! तुमने तो न वक़्त के रेत की फिसलन समझी न हर हर भँवर के ख़िलाफ़ कण-कण जूझते अपने इस उजाड़ बचे द्वीप का अकेलापन ! ख़ैर...”तुम अपना कहती थीं”.....तुम्हें याद हों न याद हो 💔
#DrKumarVishwas
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उस मोहतरमा को कोटि कोटि धन्यवाद जो आपको कवि बना गई
हर गीत को पढ़ते समय आप हसने का अभिनय करते रहते है
लेकिन ये गीत आपको यह अभिनय करने नहीं देता
हार गया तन मन पुकार के तुम्हें... कितने एकाकी है प्यार कर तुम्हें।👍👍
जितनी दफा सुनती हूँ तो लगता है कि काश कोई इतनी शिद्दत से हमें भी चाहता....😍 कुमार विश्वास का जवाब नहीं..👏👏
साजन की अंजुरी पर अंजुरी कांपी होगी, सच में ऐसा ही होता है जब मन में किसी की छवि हो और हाथ किसी और के हाथ में।।। ❤️ touching poem
जितनी दफा ये गीत सुनती हूँ एक अजीब सी टीस महसूस करती हूँ ये गीत हर उस दिल की पीड़ा है जिसने मोहब्बत की पीड़ा महसूस किया होगा , बहुत अच्छा कुमार सर ! 🙏🙏
जिस तरह नहीं जीना था,
उस तरह भी जी रहीं हूं मैं,
हाँ अपने आंशुओ को पी रही हूं मैं।।
सर आपके वाक्यों को सुनने के बाद एक अलग ही नशे का अनुभव होता है.... बहुत बेहतरीन....🙂
ये गीत मैं पिछले 9 सालो से ढूंढ रहा था आपके लफ्जो में पर मिली नहीं। तब कभी सुनी थी audio आपकी पर गुम हो गई थी वक्त के साथ।अंततः आज मिली। आभार !
ये अलग कुमार हैं ।
सब ने तालियां बजाईं लेकिन कुछ ने तो ये महसूस किया ही होगा ! ये किसी कवि ने नहीं किसी टूटे दिल ने पाठ किया है ।
आपके चेहरे पर वो दर्द अभी भी दिख रहा है ,
महसूस होता है कि मोहब्बत कितनी सच्ची होगी।।।।।
सावन की रातों में...साजन की बाहों में...तन तो सोता होगा..पर मन जगता होगा
अद्भुत कुमार साहब🙏🙏🙏
इन पंक्तियों को खूब बार-बार सुना और जब भी सुनते हैं दिल को जाकर लगती है
सच में आप अद्भुत हैं
जब यह कविता हमने सुनी थी तो हमें लगा था कि ये मेरे लिए ही लिखी गई है
नमन है सर आपको...
हजारो महफिले हैं और लाखों मेले हैं,लेकिन जहाँ तुम नही वहाँ हम बिलकुल अकेले हैं।
लोग कहते हैं,जो दर्द देता है, वही दवा देता है,पता नहीं,फ़िज़ूल की बातों को,कौन हवा देता है ♥♥
गज़ब
U r right
जितनी दफा सुनती हूं हर बार वहीं दर्द महसूस करती हूं❤️
कुमार सर आपकी तारीफ़ में कहने के लिए शब्द भी बहुत कम और छोटे लगते है🙏
मेरी जेब मे ...
जरा सा छेद क्या हुआ ,
सिक्के से ज्यादा....तो ,
रिश्ते गिर गए...❤️❤️।
एक बात तो समझ गई मैं , बिना प्यार के, बिना आशिक बने कोई शायर नहीं हो सकता 👏👏👏👏👏😔😔
सावन की रातो में साजन की बाहों में
तन तो सोता होगा पर मन जगता होगा
सर ऐसा लग रहा है किसी ने अपना दिल निकाल के रख दिया हो सामने
रात की इस नीरवता में यह गीत सुना, आंखें अनवरत बह रही हैं, संपूर्ण देह थरथरा उठी है।
कुमार बेटा तुम्हें कोटि कोटि आशीर्वाद।
बहुत ही सुंदर गीत। यह तीस वही समझ पाएगा, जिसने सच्चा प्रेम किया है। ❤️❤️❤️
इस फेस्टिवल में मै भी था सर, आपको मै लाइव सुन सका ये मेरा भाग्य है और उस रात को मै ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकता। Your the great sir.
पहली मोहब्बत का असर कभी खत्म नही होता । इसका जीता जागता उदाहरण कुमार भईया का अभी तक इस गीत को इतनी मोहब्बत के साथ गुन्गुनाना है।
जब भी मैं इसे सुनता हूं । आंखों से आंसू निकल आते हैं 😭😭😭 ❤️ love you kumar sir .... Not everyone can understand the pain of love .. yaad aa jate hain vo din 😭..... I will always miss her .... 🥰🥰
It is truth that true love never defeat the family choice ....
मैं आपके युग में जन्मा यह मेरा सौभाग्य है क्योंकि हमने बाबा निराला और बाबा वैद्यनाथ मिश्रा (नागार्जुन) को नहीं देखा हमने आपको देखा 🙏🙏🙏 अहाहा,
आप पर ऐसे ही माँ वीणापाणि का आशीर्वाद सदैव बना रहे 🙏🙏🙏
प्यार के एक बहुत बड़े कवि के दौर में जन्म लेने का अवसर प्राप्त हुआ मुझे। इस बात से काफी खुश हूं, कि डॉक्टर कुमार विश्वास के दौर में मैं पैदा हुआ। ज़िंदाबाद साहब❤️❤️
एक चेहरा था दो आँखें थी
हम भूल पुरानी कर बैठे
#Kumarvishwas sir❤
कुमार विश्वास जी की सबसे बेह्तरीन रचना है ये , क्यूँकि ये दिमाग़ से नहीं दिल से निकली है ।
भावना जी को कोटि कोटि धन्यवाद
जिसने हमें कुमार विश्वास जी दिया
मांग की सिन्दूर रेखा और ये गीत दोनो ही गीत बेहद मर्मिक हैं
आप बहुत ही अच्छे और शालीन कवि हो मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं
आप बेमिसाल हो
धन्यवाद सर जितना सुना जाए आपको कम है। मन ही नहीं भरता है।
साजन की अंजुरी पर अंजुरी कांपी होगी, मेरी सुधियो ने रास्ता तो रोका होगा... रूह को छू देने वाली ये पंक्ति बिना दर्द के लिखा ही नहीं जा सकता।।
धन्यवाद उन मोहतरमा का भी जिनके वियोग के कारण कुछ बेहतरीन गीत हम सुन पाए
अगर युवा पीढ़ी को साहित्य की ओर आकर्षित किया है तो एक ही नाम #dr kumar vishvas 🙏🙏
प्रेम को भाषा मे उकेरनी की अद्भूत क्षमता को सलाम। असल को असल रूप मे व्यक्त करना सच्चा प्रेमी ही कर सकता है। बहुत बहुत शुभकामना।
वाह कुमार साहब... आपकी तारीफ के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैँ....
मैं कितना भी निराशा में रहता हूं, परंतु आपको सुनने के बाद मेरे अंदर नया उत्साह भर जाता है।
आप हजारों दिलों के राजा हैं कुमार विश्वास जी आप इसी तरह गाते रहिए।
भइया जी मां सरस्वती जी का हाथ आप पे है बहुत नसीब वाले है हम लोग जो आप जैसे महान कवि को सुनने का भाग्य मिला ❤️❤️❤️❤️❤️
कुमार साहब की एक बात बहुत निराली है ....दर्द तड़प और पीड़ा को पूरे आंनद से जीना और उसका प्रयोग सृजन में करना ....कमाल है...
मुझे नाही लागत आप को छोड कर कोई दुसरा ऐसी कविता लिख सकता है.
वो दर्द आज भी आप के चेहरे पर साफ दिख रहा था |
सावन की रातों में साजन की बाहों में
तन तो सोता होगा मन जलता होगा।
सर रूह कांप गई सुनकर🥺
कुछ अपना सा लगा ,और आंखो से आशू ना रुके फिर। दर्द तो अलग हो सकते है मगर उस दर्द को महसूस वहीं कर सकता जो इन विषम परिस्थितियों से गुजरा हो।
इस गीत के शब्दों में श्री डॉ कुमार विश्वास जी की वाणी अलग ही भारीपन सुनाई देता है बारंबार नमन है आपको ।🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️
Jisne kabhi Prem nahi kiya hoga ,unko is dard ka kya pata
रोए मन चौसर पर हारकर तुम्हें...❤️
साजन की अंजुरी पर अंजुरी कांपी होगी.. दिल जीत लिया सर 🙏🙏
बहुत पसंद है सर ये गीत आपका अक्सर गुनगुनाती हूं ❤️❤️
शायद आज सारी रात यही सुनना है, कानों को कुछ और पसंद ही नहीं आ रहा है।🖤🖤🖤
Puraani yadein taaza ho gayi Kumar ji
Really heart touching.
प्रेम और वियोग पर सुनी ये सर्वश्रेष्ठ कविता हैं। आपको नमन है विश्वास जी
शानदार पँक्तियाँ गुरू जी ,
विरह में भी कितना प्रेम है !
अद्भुत !
This lines are very beautiful and emotional.....❤❤❤❤❤❤🌹
"कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है।
मैं तुझसे दूर कैसा हूं तू मुझसे दूर कैसी है,
यह तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।"
आपको सुन कर अलग ही महसूस होता है, आप दूसरो से अलग है, आपकी ये पंक्तियाँ दिल को छू गयी।
बहुत धन्यवाद चित्रकूट एक्सप्रेस का जिसमें आपने इतनी सुंदर कविता लिखी ❤️🙏
Very nice सर👌👌👌♥️♥️♥️
काफी दिनों से वेट कर रही थी
आपको आने वाला कल याद रखेगा डॉ साहब
माँ भारती के सपूत 🙏
हिंदी के अद्वितीय कवि 🙏
सादर प्रणाम🙏
न जाने कितने धडकते दिलों को ये गीत दिया है सर आपने। बहुत आभार सर। 🙏
वाह वाह क्या बात है। तुमने प्यार को बड़ी गहराई से अभिव्यक्ति देकर वृद्धों से लेकर जवानों तक उस तड़प को जागृत कर दिया ।🙌🙌🙌🙌🙌🙌
साजन की अंजुरी पर अंजुरी काँपी होगी
भावनाओं की अभिव्यक्ति के ये शब्द अद्भुत हैं, वास्तव में!!
अद्भुद भैया@kumar_vishwas
हिंदुस्तान मे जब भी मोहब्बत पर लिखने वालो का जिक्र होगा आप शीर्ष पर होंगे भैया❣️🙏
विश्वास कीजिए कुमार साहब जितनी बार आपको सुनती हूँ लगता है पहली बार सुन रही हूं , ये कविता तो रुला देती है । ये सच है जैसा आज आपको सुना पहले कभी नही सुना और आज आपको सुना नही उस दर्द को आपके चेहरे देखा भी
बहुत खुशकिस्मत हूं कि आज मैं उसी चित्रकूट एक्सप्रेस मैं टीटी का कार्य करता हूं
मै "शब्द-शब्द" लिखता हूँ तुम "छन्द-छन्द" बन जाती हो,
नैनो से मधुर "निमन्त्रण" पर तुम मन्द-मन्द "मुस्कुराती" हो!
Indias most loved poet 😍
बहुत खूब कविवर ।
आपने उन मनमोहक स्मृतियों को जो शब्दो मे उकेरा है हृदय के तारो को झंकृत कर देने वाला है।।
इस कविता को सुनने के बाद मुझे एहसास हुआ, कि ये वाला कुमार विश्वास एकदम अलग है।जो इनके कवि होने की वास्तविक भाग को दर्शाता है।
इतनी शोहरतों के बाबजूद ये अब भी अकेले कमरे में बैठकर अपनी बिछड़ी महबूबा के याद में रोते होंगे कभी कभी।😭🙏🙏🙏
आप 50 साल के हो चुके है लेकिन आपने आज 20 साल के लड़के का दर्द बांया किया है
जाने अनजाने में सब बातें, गजलों में कह जाते हो,
चले जाते हो होकर आंखों से ओझल, फिर भी कही थोड़ी सी यादों में रह जाते हो।
श्रीमान जी आपकी कविता कविता नही इंसान को कुछ करने या की दिशा देती है किंतु आप कभी भी भी रायपुर छतीसगढ़ ये कविता कहेंगे या सुना भी देंगे तो मै तेह दिल से स्वागत करता हु
I can feel the pain in your words sir ❤️
इतनी अंतरात्मा से कहते हुए पहली बार देखा ह् आपको।
हर पंक्ति में एह्शास् और बयार गज़ब् की है।
नमन करता हूंँ आपकी अंतरात्मा को।
अद्भुत कुमार भैया ❤........ कितने एकाकी है प्यार कर तुम्हें....
कितना अदबुध्ध और पवित्र प्रेम है आपका शाश्वत जो आज तक आपकी आवाज मैं कविता मैं जीता है और आप निसंकोच बिना नाम लिए अपने भाव आज तक प्रकट कर देते हैं
सादर
सादर
सुनयना श्रीवास्तव
सावन की रातों में, साजन की बाहों में
तन तो सोता होगा पर मन जगता होगा❤️
दीवारें देख कर फिर से,
तेरी तस्वीर निहारा करते हैं।
कैसे बताएं हम तुझको,
तेरे बिन ये दिन कैसे गुजारा करते हैं।।
#Kumarvishwas sir 😍🙏🙏
Great.. I am a Bengali boy from Assam. Your voice compelled me to fall in love with Hindi poem. You are the legend Sir Jee❤❤
आपकी कविता जब भी सुनती हूं बिना किसी निजी अनुभव के रो देती हूं। ऐसा जीवंत वर्णन । अविश्वनीय है गुरूजी आप।।
ये सुनकर कुछ पुरानी यादों ने फिर से सताया है। जो भुला दिया था वो फिर से याद आया है।
हर नौजवां का दर्द है ये गीत , अदभुत कवि हो आप सर
किसी के दिल की बातों को शब्दों में उतार दे।
सच मे वही तो कवि है।
आपकी कविता दिल छू लेता है कुमार भैया । आप सचमुच दिल जीत लेते हो
आपको सुन के अच्छा लगता है । टेंशन कम करता है आपके गीत । पढ़ाई में मन लग पाता है आपको सुन के ।।
Thanks Aapko 💞💖
उलझनें भी उसे देंखे तो सुलझ जाती है
यारो वो शख्स निगाहों से गिराह खोलता है
-चौहान साहब
अब तो इसी गीत के सहारे कटनी है आगे की जिन्दगी।
रूह काँप उठी सर
आप शब्दों के जादूगर हैं
अक्सर उनसे मोहब्बत कमाल की होती है जिनका मिलना मुक्कदर में नही होता है😢
हिन्दी भाषा में अपने स्वर से ताजगी ला देने वाले कुमार विश्वास सर का बहुत-बहुत आभार ।💖💖
पुनः निःशब्द कर गए सर ❤❤❤🔥🔥
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां जिन्हें सुनकर हर शख्स अपना समझता होगा, और आंखें भी नम ज़रूर होती होंगी ❤❤ ऐसे ही आशीर्वाद बनाए रखियेगा।🙏
That anjuri line i got goose bumps and tears in my eyes who else got❤️❤️
पहली बार गंभीर दर्द झलका है सर
मन भीग गया 🙏🙏
इनकी बातों को सुनकर उदास हो जाता हूं यार।एक एक बात दिल में लग जाती है।
आपने पीढ़ियों को प्यार करना सिखाया
प्यार में त्याग करना सिखाया,प्रणाम है गुरु जी आपको
कविवर सच में दिल को छू गया ।
महसूस किया कि कितना दर्द होता है,
मेरे जीवन की सबसे जीवंत कविता।🙏🙏🙏
Mai jab bhi sunti hu apki ye kavita Nishabd kar deti hai sir. Sabse sundar rachna hai ye apki. Sayad isliye qki virah k waqt ki hai. 🙏
एक बार सुनने के बाद 100 बार सुन चुका हूं
पूरा गीत सुनते हुवे दृश्य सामने दिखता है
1 बार आपके चरणों को छूना चाहता हु सर्
आज़ फ़िर वही गीलापन महसूस क़र आँसू बहा रहा हूँ आप क़ा चेहरा बता है आज़ भी सब दुनिया एक़ तरफ़ और वो एक़ तरफ़..
ये गीत सुनकर हमेशा गला भर जाता है
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
आखों में आंसू आ गए सुनकर इतना अच्छा लिखा है 👌👌
Kitne akaki hai pyaar Kar tumhe😍awesome, heart touching ❤️🥰
Sabse sundar prastuti hai sir ye aapki...❤
Guru ji bss kya bolu
Aaj ke Kabir Ho guru ji...
मेरे हर रोज भगवान से प्राथना करता हूँ
कि गुरु जी आपको मेरी भी उम्र लग जाये।।।
ऐसे ही चमकते रहो।।।।
प्रणाम गुरु जी 🙏🙏🙏🙏