संत गरीबदास जी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम बैतूल की Ground Report | SA NEWS
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- เผยแพร่เมื่อ 3 ต.ค. 2024
- संत गरीबदास जी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम बैतूल की Ground Report | SA NEWS
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Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj ki Jay
जय हो बंदी छोड़ जी की
कोटि कोटि दंडवत प्रणाम परमपिता परमात्मा 🙏
Satya Vachan 🙏🔥🙏🙏🔥🙏🙏🔥🙏🙏
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj Ji Ki Jai Ho. Sat Saheb Ji 🙏
दहेज मुक्त हो भारत अपना सत् साहेब 🙏
सत साहेब बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज गुरु जी के चरणों में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम!
Bandi Chhod Sant Gribdas Ji Maharaj Ji Ki Jai Ho. Sat Saheb Ji 🙏
बंदी छोड़ सदगुरु रामपाल जी महाराज का अद्भुत ज्ञान है
🙏🙏🙏
*⚜️बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय⚜️*
Param Pavan Satya Gyan He 🙏 Satgurudev Bhagavan Ji Ki Jay Ho 🙏🌹🙇
परम पिता परमेश्वर सदगुरु श्री रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम सत साहेब जी 🙏🙏🙏
Bandi chhod sat guru rampal ji maharaj ji ke charno me koti koti dandvat parnam
Sat Saheb ji
कलयुग में सतयुग संत रामपाल जी महाराज लायेंगे
Satsaheb ji vedo m parman h kabir saheb bagwan h 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🤗🤗
Very nice satsang
Satguru dev ki jay ho
वर्तमान में धरती पर पुर्ण संत और पुर्ण भगवान बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान जी है
संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण संत है।
सत् साहेब जी
कबीर सागर, अध्याय ‘‘अमर मूल’’ पृष्ठ 196 पर कबीर साहेब जी ने कहा है:-
नाम भेद जो जान ही, सोई वंश हमार।
नातर दुनियाँ बहुत ही, बूड़ मुआ संसार।।
संत गरीबदास जी के बोध दिवस पर 10 सतलोक आश्रमों में 2, 3 व 4 मार्च को संत रामपाल जी के सानिध्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन, जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा l
हिंदू, मुस्लिम, सिख ,इसाई ,धर्म नहीं कोई न्यारा ll
Kabir Is Supreme God 🙏🌹🙇
Nice program.
Amazing 🤩
कबीर, साधु दर्शन राम के, मुख पर बसे सुहाग।
दर्श उन्हीं को होते हैं, जिनके पूर्ण भाग।।
Superb
Very nice
कबीर, यह मन मलीन हैं, धोये ना छूटे रंग I
कै छूटे हरि भक्ति से, कै साधु सत्संग llकबीर राज तजना सहज है सहज त्रिया का नेहा मान बड़ाई ईर्ष्या दुर्लभ तजना ए सत् साहेब जी
Nice interview and nice Bodh diwash path prakash about moksh.
🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️
Very Nice news
🙏🙏 Jay ho bandi chodki 🙏🙏
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है।
मुल्ला से पण्डित भये, पण्डित से भले मुल्ला।
गरीबदास तज बैर भाव, कीजे सुल्लमसुल्ल।।
कौम छतीसं है जगदीशं, ब्रह्मबीज एक बाडी।
जो हिन्दवानी सो मुसलमानी, पहरे एकै साड़ी।।
जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं ये कबीर सर्जन हार अधिक जानकारी के लिए सन्त रामपाल जी महाराज जी के यूट्यूब चैनल पर विजिट करें।।
मुल्ला से पण्डित भये, पण्डित से भले मुल्ला।
गरीबदास तज बैर भाव, कीजे सुल्लमसुल्ल।।
कौम छतीसं है जगदीशं, ब्रह्मबीज एक बाडी।
जो हिन्दवानी सो मुसलमानी, पहरे एकै साड़ी।।
इस तरह की अमर वाणीयों के माध्यम से समाज से धार्मिक भेदभाव मिटाने वाले महान संत गरीब दास जी महाराज का 4 मार्च को बोध दिवस है। इसी उपलक्ष्य में 10 सतलोक आश्रमों में 2, 3 व 4 मार्च को रखे गए तीन दिवसीय विशाल भंडारे में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
Nice h
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
तत्वदर्शी संत के सत्संग से पता चलता है कि परमात्मा को bl है। यजुर्वेद अध्याय 5 मन्त्र 32 में प्रमाण है कि कबीर परमात्मा पाप के विनाशक हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गयी सतभक्ति नियम में रह कर करने से बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो सकती है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
संत गरीबदास जी महाराज
छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है।
बारहवें पंथ गरीबदास जी वाले पंथ में आगे चल के हम कबीर जी स्वयं ही आएंगे तथा सब 12 पंथ को मिटाकर एक ही पंथ चलाएंगे। गरीब दास जी महाराज ने "असुर निकंदन रमैनी" में लिखा है, "सतगुरु दिल्ली मंडल आयसी, सूती धरनी सूम जगायसी"
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह पूर्ण सतगुरु हैं जो सतभक्ति मार्ग बताने के लिए आए हुए हैं।
💠ॠगवेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मण्डल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार
परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
कलयुग के 5505 वर्ष बीतने के पश्चात् सभी स्त्री-पुरूष कपट व व्यर्थ की चतुराई त्यागकर कबीर जी की शरण ग्रहण करेंगे। सभी धर्म पुनः एक हो जाएंगे। कबीर जी के अध्यात्म ज्ञान की चर्चा घर-घर में होगी, सभी शांतिपूर्वक जीवन जीएंगे, तब सभी के सांसारिक कष्ट समाप्त हो जाएंगे, उस समय कबीर जी के 13वें पंथ का प्रवर्तक सबको समान दृष्टि से देखेगा अर्थात् ऊँच-नीच में भेदभाव नहीं करेगा। वह समर्थ सत्य कबीर ही होगा।
राम नाम कड़वा लागे मीठे लागे दाम दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम।।
कबीर,अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार। उदय अस्त का राज मिले, तो भी बिन नाम बेगार।।ऋग्वेद में सृष्टि रचना का प्रमाण
ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 90 मंत्र 2
पूर्ण पुरुष कविर्देव सबसे बड़ा है,
अर्थात सर्वशक्तिमान है तथा सर्व ब्रह्मण्ड उसी के अंश मात्र पर ठहरे हुए हैं।
Kabir is God
Sadguru Jo chahe so karahi
Choud kot yam dut darahi
UT bhoot yam tras nibare chitra gupt ki kagaj fare
কবীর বাণী অধ্যায়ের 136 পৃষ্ঠার শেষ পংক্তি থেকে 12-তম পন্থের বর্ণনা শুরু হয়।
সংবত সত্রহ সো পচত্তর হোয়। তা দিন প্রেম প্রকট জগ সোঈ।।
বিক্রমী সংবত 1774-এ গরীব দাস জীর জন্ম হয়েছিল।
এখানে ভুল করে 1775 লেখা হয়েছে আবার 137-এ বাণী লেখা আছে:-
বারহবে পন্থ প্রকট হোয় বাণী। শব্দ হমারে কা নির্ণয় ঠানী।।
গরীব দাস জী মহারাজের 12-তম পন্থেই সন্ত রামপাল জী মহারাজ এসেছেন, যিনি বাস্তবিক সন্ত নাম দেওয়ার অধিকারী। বাকি সকলে নকল গুরু।
कबीर वाणी अध्याय के पृष्ठ 136 पर अंतिम पंक्ति से 12 वें पंथ का वर्णन प्रारंभ होता है।
संवत् सत्रह तो पचत्तर होई, ता दिन प्रेम प्रकट जग सोई।
विक्रमी संवत 1774 में संत गरीबदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर गलती से 1775 लिखा गया है। फिर पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है-
बारहवें पंथ प्रगट होय बानी, शब्द हमारे का निर्णय ठानी॥
गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
कम्बल जला फकीर का
वो हंसे ताली मार
चलो ये भी उतर गया
कंधों पर से भार l
संत रामपाल जी महाराज जी ने पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति बताई है जिसको करने से लाखो लोग सुखी जीवन जी रहे है।
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Very nice
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