@@AshwaniKumar-kr4qo कितने न्यायमूर्ती को आप जानते हैं? वकीलोसे सारे मिले हुए होते हैं. न्यायपालिका सबसे भ्रष्ट व्यवस्था हैं, छु्पे रहते हैं अपने आधिकारोंके पीछे. पुलिस, तथा आयएएस अधिकारी भी डरते हैं.
मोदीजी की मजबूत इच्छाशक्ति और उच्चस्तरीय आत्मविश्वास ही मोदीजी को कठिन से कठिन निर्णय लेने में सहायता करते है और ये गुण भीतर के आध्यात्म से ही विकसित होते हैं!!🙏🚩
साख तो खो चुका है SC l अब तो ये डर लगने लगा है कि SC का राजनितिक इस्तेमाल कहीं देश में आग लगाने का कारण ना बन जाय l पीएम संसद में बोल चुके हैं कि देश के न्यायालयों में क्या क्या और कैसे कैसे काम हो रहे हैं l न्यायपालिका स्वतंत्रता के नाम पर स्वछंद हो चुकी है l इसे कन्ट्रोल करने के लिए SC को घेरकर बैठ जाना चाहिए l देखते हैं कि दूत भेजते हैं या सरकार को आदेश देते हैं l
Judges के लिए code of conduct जरूर होना चाहिए। सरकारी अधिकारियों के प्रति उनका प्रेम भाव स्पष्ट दिखता है। अधिकारियों को अदालत मे अपमानित किया जाता रहा है।
आज पहली बार आप कोसुनते मुझे एक अच्छे विचारक जो देश को उचित दिशानिर्देशन देनेका प्रयास सामर्थ्य रखते हुए विश्लेषक हैं!दर्शन हुए. आज सुप्रीम कोर्ट को सरकार के उचित निर्देश जिनके अनुपालन सुनिश्चित होना राष्ट्र निर्माण मे सहायक सिद्ध होगा!बहुत ही महत्वपूर्ण है !सुनकर प्रसन्नता हुई!
आपका विश्लेषण सार्थक और सटीक लगा। धन्यवाद। सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है। न्यायपालिका को सुझाए गए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए अन्यथा उनकी साख और गिरती जायेगी।
इंग्रजी शासकोने भारतमें स्वतंत्रता आंदोलन निपटनेके हेतूसे शिक्षानितीमें प्रमाणपत्र अर्थात डिग्री व्यवस्था आवश्यक किया, स्वतंत्रता के पश्चात इसी व्यवस्थाको नेहरूने न्यायपालिका और नोकरशाही हे हाथ मिलाकर भारतवर्षकी पहचान मिटानेकी कोशिष करके उसे INDIA बनानेका पाप किया.आज उनके परपौतेकी I.N.D.I.A संकल्पना उसिका नतिजा है.सावधान रहिये मेरे भारतवासियों.
Absolutely NOT. This is gross interference, meddling in judiciary by this REGIME. This is Democracy. Mother India's Democracy and Independence of judiciary is in Danger.
😂😂😂 जिस देश में आतंकवादियों के लिए रात को कोर्ट खुलवा जाए और आम आदमी को न्याय ना मिले उस देश का दुर्भाग्य है 70 साल के पुराने कानून पता नहीं अंग्रेजों के चल रहे हैं अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए बनाए थे😂😂😂😂😂😂😂😂❤❤❤❤
Judiciary was hampered by Congr. They threatened judiciary by bringing impeasement Numerious lawers of congr had influence over judiciary. They defenfed terrorists, urban nexals or traitors. Court verdict in favour of criminals in previous rule. Now Modi govt ventures reformation in divorce fields. Genuine decision So most genuine steps of Modi govt to avert untoward situation. 6:26
आपने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है । अच्छा होता सरकार इन दिशानिर्देशों के साथ साथ माननीय न्यायाधीशों के लिए नियुक्ति के समय अपनी संपत्ति की घोषणा करने का सुझाव भी दे देती ।
जिस तरह का निरंकुश, अहंकारी और पक्षपाती रवैया हमारे न्यायाधीशों ने अपना लिया था, उसके बाद यह तो होना ही था। अब, ज़रूरी है कि "कॉलेजियम व्यवस्था" भी जितनी जल्द से जल्द हो सके ख़त्म हो जानी चाहिए।
सबसे अच्छा है अनुशासन न्यायिक व्यवस्था में अंदर से आता, सरकार ने उन्हें शालीनता से संकेत कर दिया है कि आत्मानुशासन सबके लिए अपरिहार्य है। आपका विश्लेषण विवेचनापूर्ण एवम् ज्ञानवर्धक होता है, बहुत-बहुत धन्यवाद🙏
सरदाना जी🙏💐. प्रकृति के नियमानुसार बंधन मुक्त जीवन जीना, सबकी अभिलाषा होती है और जब भय न हो तो प्राणी स्वछंदचारी होना पसन्द करते हैं. दुर्भाग्य से हमारी न्याय व्यवस्था में भय या जबाबदेही ज़ीरो है. Code of conduct के दायरे में उन सब को लाना चाहिए जो consolidated fund of इंडिया से वेतन पाते हैं. सरकार ने बिल्ली के गले में घंटी बांधने का जो प्रयास किया है उसकी सराहना जितनी भी की जाए कम है.
सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि ऐसे कदम तुरंत उठाये जिनसे आम लोगों का न्यायपालिका में विश्वास बढ़े। लोग इस विश्वास के साथ न्यायालय में आयें कि उन्हें तुरंत न्याय मिलेगा और न्याय पाने के संघर्ष में वह आर्थिक रुप से बरबाद नहीं हो जायेंगे।
आपका खास अभिनंदन! आप जो भी विषय प्रस्तुत करतो हो, लाजवाब रहता है! Code of Conduct सब के लिये रहना चाहिए, राजकीय नेता, मिनिस्टर Executives या न्याय पालिका कोर्टस MP मिनिस्टर खुदके salary पेन्शन बाकी perks खुद निर्णय लेटे है! तिन्ही के लिये Accountability नाही है! सिर्फ लोग ५ साल के बाद लोक प्रतिनिधी बदल सकते हैं Executives न्यायाधीश तो कोण बदलेगा? आप का पुन्हा एकदा अभिनंदन
आजकल cji को स्वघोषित भगवान या कहें की खुद को भारत भाग्य विधाता होने की गलतफहमी हो गई है। अब इनके कोलेजियम सिस्टम को खत्म करने की जरूरत है। ये कोई मंगल ग्रह से नहीं आए हैं, जब प्रधान मंत्री rti के दायरे में आते हैं तो ये जज क्यों नही rti ke दायरे में आते हैं। इनके भी दिए गए निर्णयों की समीक्षा होनी चाहिए साथ ही इनकी जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
@@RR-ly6yb भाई साहब प्रधान मंत्री बनने के लिए भी बहुमत चाहिए, लेकिन cji के लिए कौन का चुनाव लडना होता है या इतने बड़े जिम्मेदार पद की कौन सी प्रतियोगी परीक्षा होती होती है। बस टीम मेरे बेटे को cji बनाओ, मैं तुम्हारे बेटे को। क्या इनकी किसी फैसले पर इनकी कोई जवाबदेही होती है क्या।
अगर साहसिक फैसले में सक्षम होते तो खुद की पेंशन नहीं लेते उसको देते जो 35, 40 साल सुबह से शाम तक कभी कभी 24 घंटे सेवा देता है उसके बुढ़ापे के बारे में सोचते,, अच्छा होता ये अपनी ओर अपने लोगों की पेंशन और अन्य सुविधा छोड़ कर कुछ भला औरों का करते,,9 साल हो गए हैं मंदिर मस्जिद के अलावा और पेट्रोल गैस के दाम बढ़ाने के alave कोई एक काम जनहित में किया हो तो बताएं,,
सरदान जी!बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आपने अपने श्रोताओ के विचार जानना चाहा है!बहुसंख्य विचार आप के कथन मे सहमत हुए उनमें एक मैं भी हूँ! आगे आप को सुनने का निश्चय कर निष्पक्ष निर्भीक भेदभाव विहीन मुक्त विचारोंका स्वागत करूं गा!
भारत सरकार ने सही क़दम उठाया काफ़ी हिचक के बाद। क्योंकि इधर के सालों में देश में भृष्टाचार तो कम हुआ लेकिन न्यायपालिका फिर भी सरकार के काम दखलंदाज़ी करती दिखाई देती है। न्यायपालिका अपने आधीन पेंडिंग 5 करोड़ मुकदमे निपटाने में समय और दिमाग लगाए।
जजों पर code of conduct न्याय हित और देश हित में अब बहुत जरूरी हो गया है आपका आकलन बिलकुल सही समय पर आया है साधुवाद जयहिंद i
भारत के जज खुद को भगवान समझते हैं। जबकि वो जनता के नौकर है। क्योंकि उन्हें जो वेतन मिल रहा है वो जनता के टैक्स के पैसे से मिल रहा है।
ऐसी हिम्मत वही हस्ती कर सकती जिसका दामन भ्रष्टाचार में लिप्त न हो।और उसे इस देश मिट्टी से प्रेम व लगाव हो।जय भारत।जय हिन्द ।
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@@AshwaniKumar-kr4qo कितने न्यायमूर्ती को आप जानते हैं? वकीलोसे सारे मिले हुए होते हैं. न्यायपालिका सबसे भ्रष्ट व्यवस्था हैं, छु्पे रहते हैं अपने आधिकारोंके पीछे. पुलिस, तथा आयएएस अधिकारी भी डरते हैं.
👍👍👍
भ्रष्ट, दुष्ट जजों की हत्या ही समाधान है। आगे बढ़ो।😮😅
सरकार को जजों के कार्य-जिम्मेदारी भी तय कर देनी चाहिए।
जजों के बहुत से निर्णय संदेहास्पद, विवादास्पद, एवं हास्यास्पद ही रहे हैं।
बहुत सही काम किया है।न्यायपालिका न्याय देने में देरी करती है ,इसके लिए इनके ऊपर भी कार्यवाही हो
बसुत सही विष्लेशण किया है हम आपसे पूरी तरह सहमत है । कोर्ट आफ कन्डेक्ट भी जजो पर लागू होता है ।
मोदीजी की मजबूत इच्छाशक्ति और उच्चस्तरीय आत्मविश्वास ही मोदीजी को कठिन से कठिन निर्णय लेने में सहायता करते है और ये गुण भीतर के आध्यात्म से ही विकसित होते हैं!!🙏🚩
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Kendra sarkar jo bhi karate hai n Desh hit ke liye bahut jaruri hai kyonki garibi ko nyay jaldi nahi milati hai sirf tarikh milati hai
@@hareshprasadsharma2621 Accha, kendra sarkaar pichle 10 saal se soyi thi kya, pehle ki bhi soyi hi thi, lekin ye bhi wahi hai
👍
CODE OF CONDUCT SHOULD BE APPLIED TO THE JUDGES.
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Bilkul code of conduct judges pe honahi chahiye. Kunki ye log ab sarkar ke faisale me bhi apni personal attitude la rahe hai.
Yas
For each and every one
Code of conducted must be applied to the judges
सही निर्णय सरकार का धन्यवाद जो इस ओर ध्यान दिया।
Very well explained 👍🏻👌सभी के लिए कोड ऑफ़ कंडक्ट होना ही चाहिए
बहुत सटीक विश्लेषण होता है आपका. बेलगाम हुए कालेजियमजीवीयों पर लगाम लगाना ही होगा ताकि साख बची रहे.
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@@vijaysardanainsights 🙏
साख तो खो चुका है SC l अब तो ये डर लगने लगा है कि SC का राजनितिक इस्तेमाल कहीं देश में आग लगाने का कारण ना बन जाय l पीएम संसद में बोल चुके हैं कि देश के न्यायालयों में क्या क्या और कैसे कैसे काम हो रहे हैं l न्यायपालिका स्वतंत्रता के नाम पर स्वछंद हो चुकी है l इसे कन्ट्रोल करने के लिए SC को घेरकर बैठ जाना चाहिए l देखते हैं कि दूत भेजते हैं या सरकार को आदेश देते हैं l
Welcome initiative. Must be followed by the judiciary.
Modi....takt....sbko...gulam...karna...chahta
सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया है। न्यायपालिका में पूरी पारदर्शिता अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
न्यायिक सुधार की देश को बहुत ही जरूरी है।समय की यही मांग है।अनावश्यक हस्तक्षेप को रोकना न्यायहित में सही है।
बहुत जरूरी है निर्देश जारी किए जाना।
गम्भीर परंतु अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा पर चर्चा है।
धन्यवाद।
सरकार ने सही काम किया है।
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सहमत
Agree 💯
RK it is absolutely wrong
Judges के लिए code of conduct जरूर होना चाहिए। सरकारी अधिकारियों के प्रति उनका प्रेम भाव स्पष्ट दिखता है। अधिकारियों को अदालत मे अपमानित किया जाता रहा है।
मोदी सरकारने दुख्ते रग पर हाथ रखा है ।
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वर्तमान cji के खिलाफ तुरंत विजिलेंस जांच होनी चाहिए
आज पहली बार आप कोसुनते मुझे एक अच्छे विचारक जो देश को उचित दिशानिर्देशन देनेका प्रयास सामर्थ्य रखते हुए विश्लेषक हैं!दर्शन हुए.
आज सुप्रीम कोर्ट को सरकार के उचित निर्देश जिनके अनुपालन सुनिश्चित होना राष्ट्र निर्माण मे सहायक सिद्ध होगा!बहुत ही महत्वपूर्ण है !सुनकर प्रसन्नता हुई!
बहुत सराहनीय कदम। न्यायालय को अपनी सीमा में रहना चाहिए। उनका दायित्व कानूनी रूप से क्या ग़लत क्या सही है तक सीमित रहना चाहिए।
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कोड ऑफ कंडक्ट सबके लिए होनी चाहिए,चाहे वो जज हों या कोई अन्य पदाधिकारी।
मोदी में मजबूत इच्छाशक्ति, दृढ़निश्चय और सच्चाई पर चलने वाले हैं जिसके कारण गजब की कॉन्फिडेंस है।
जज महोदय के ऊपर बिल्कुल ही कोर्ट आफ कंडक्ट होना चाहिए
देश व देश की जनता सर्वतोपरी होती है। देश का अनुभव की जजोंसे कभी कभी योग्य न्याय नहीं मिलता है।
We are very unhappy with our judiciary at all levels....very inefficient, arrogant, illiterate and insensitive to people n most importantly biased...
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What about the whole system sir please
This government is first timer, which is trying to makeover or repair The rotten system
Certainly giving only tareekh, frustration, agony & pain to common man. Hopeless & useless. Established only to extract money.
Sir I am totally agreed to you.
सभी पर एक ही नियम लागू होने चाहिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
रात १२ बजे तीस्ता और याकुब के लिये जैसै कोर्ट के दरवाजे खोलते हो वैसे सभी के लिये खुलने चाहिए
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Aam janta ke liye nahi khulega kyo ki aam janta ke pass itna Paisa hi nahi hota hai
आपकी राय से सहमत है 🙏👌👌👌👌👌👌👌👌
VIJAY SARDANA SIR KO koti koti 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
न्यायपालिका की लगाम भारत के राष्ट्रपति के पास होनी चाहिए। अभी भारत की न्यायपालिका बेलगाम है और निजी विचारधारा से प्रेरित है
आचार संहिता सबके लिए होनी चाहिए, चाहे वो राजनीति में हो, चाहे न्यायपालिका हो या आम जनता. आपके मत से पुर्णतः: सहमत. 🙏🌹
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मनमानी तो साहब किसी को नहीं करना चाहिए आप बडे है और आप का कहना सही है सरकार ने सही काम किया है जय हो मोदी जी जय हिंद जय भारत 👍👍
Lower court judge Haridwar ke acharan heen aur high court Nainital ke judge sub vivek Heen hai
कोर्ट किसी भी अपराधियों को जमानत देता है और उसके अगले अपराध की ज़िम्मेदारी कोर्ट को लेना चाहिए
प्रदीप जी, सरकार के जजों के लिए नये सुझाव को बहुत ही ढंग से आम श्रोताओं को समझाया,
आपका विश्लेषण सार्थक और सटीक लगा। धन्यवाद।
सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है। न्यायपालिका को सुझाए गए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए अन्यथा उनकी साख और गिरती जायेगी।
डिग्री होना, और काबिलियत या प्रतिभा दोनों अलग अलग है, डिग्री से नैतिकता और प्रशासनिक क्षमता नहीं आती, प्रतिभा अलग है, आपका विश्लेषण काफी सटीक है
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स्वयंभू, कोलेजियम से नियुक्त मीलार्ड तालिबान आतंकियों की तरह कार्य करना छोड़ देंगे, इसकी संभावना कम है
इंग्रजी शासकोने भारतमें स्वतंत्रता आंदोलन निपटनेके हेतूसे शिक्षानितीमें प्रमाणपत्र अर्थात डिग्री व्यवस्था आवश्यक किया, स्वतंत्रता के पश्चात इसी व्यवस्थाको नेहरूने न्यायपालिका और नोकरशाही हे हाथ मिलाकर भारतवर्षकी पहचान मिटानेकी कोशिष करके उसे INDIA बनानेका पाप किया.आज उनके परपौतेकी I.N.D.I.A संकल्पना उसिका नतिजा है.सावधान रहिये मेरे भारतवासियों.
Education is must
Very good step of Government Of India.
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सरकार ने बहुत जी सही किया जजो की कार्य शैली न्याय देना है सही समय में देना है यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए
बहुत अच्छा फैसला सर । आपका बहुत बहुत धन्यवाद। इसकी सही मायने में इसकी जरूरत थी।
Right step, Judiciary must be accountable and reasonable! Major reforms are required.
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Why not politicians don't do the same
Court ko aapne adhikaar chetar ka bhi gyan hona chahiye, inki property bhi countable honi chahiye
किरण रिजू लॉ मिनिस्टर उनके गलती के वजह से जूनियर जज को सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया इसीलिए किरण रिजु को हटाया गया था
Absolutely NOT. This is gross interference, meddling in judiciary by this REGIME. This is Democracy. Mother India's Democracy and Independence of judiciary is in Danger.
😂😂😂 जिस देश में आतंकवादियों के लिए रात को कोर्ट खुलवा जाए और आम आदमी को न्याय ना मिले उस देश का दुर्भाग्य है 70 साल के पुराने कानून पता नहीं अंग्रेजों के चल रहे हैं अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए बनाए थे😂😂😂😂😂😂😂😂❤❤❤❤
Hindustan desh me nirdosh hindu sant jail me aur dusare dharm khuni balatkari sade aam ghmte hai vaha kya kahenge sirf siye hindu aur aarajak kanun
Judiciary was hampered by Congr.
They threatened judiciary by bringing impeasement
Numerious lawers of congr had influence over judiciary. They defenfed terrorists, urban nexals or traitors.
Court verdict in favour of criminals in previous rule.
Now Modi govt ventures reformation in divorce fields. Genuine decision
So most genuine steps of Modi govt to avert untoward situation.
6:26
धन्यवाद
लगता है कि मोदी सरकार ने न्यायपालिका में सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दिया है,,, न्यापालिका भी जनता के प्रति जवाबदेह होना ही पड़ेगा
बिलकुल जवाबदेह होना चाहिए इसीलिये कोर्ट सरकार की कारगुजारियों पर नजर रखता है जिस दिन कोर्ट अपना दायरा सीमित कर लेगा उसी समय लोकतंत्र मर जाएगा।
मोदी जी बिलकुल सही कर रहे है कोर्ट अपनी मनमानी करती उन्हें भी जवाब देह होना चाहिए
सरकार द्वारा सही कदम उठाया गया है और आप ने सही विश्लेषण किया है।
जजों को समझना चाहिए वो देश के नौकर है
आपने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है । अच्छा होता सरकार इन दिशानिर्देशों के साथ साथ माननीय न्यायाधीशों के लिए नियुक्ति के समय अपनी संपत्ति की घोषणा करने का सुझाव भी दे देती ।
Great going by Government,
Hat's off to you sir for giving us great analysis
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जजों के लिए भी कोड आप कन्डक्ट जरूरी है।और जिन पाइंटों पर सरकार ने सुझाव भेजें हैं,वह आवश्यक है कोर्ट की छबि सुधारने के लिए।
निश्चित रूप से जजों को कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करना चाहिए। जज भी सरकार के अधीन हैं।
सही समय पर लिया गया सरकार का उचित निर्णय तथा सटीक विश्लेषण🙏
जिस तरह का निरंकुश, अहंकारी और पक्षपाती रवैया हमारे न्यायाधीशों ने अपना लिया था, उसके बाद यह तो होना ही था।
अब, ज़रूरी है कि "कॉलेजियम व्यवस्था" भी जितनी जल्द से जल्द हो सके ख़त्म हो जानी चाहिए।
न्याय पालिका अपने सुधार के लिए कोई काम नहीं करती । समय के अनुसार सख्त सुधार की जरूरत है। न्याय पालिका की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
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Very good decisions by भारत सरकार
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सरकार की ओर से उठाया गया उचित निर्णय । इससे कोर्ट की साखभी बचेगी तथा सरकार भी बिना व्यवधान के उचित कार्य कर सकेगी।
स्वतंत्र भारत का कानून जरूरी है। जनता के लिए कानून होना चाहिए। जनता परेशान है चक्कर पर चक्कर खत्म हो। भाई पत्रकार को धन्यवाद।
लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार आवाज मजबूत होनी चाहिए .
होना चाहिए और भी, जांच कमेटी के दायरे में आना चाहिए। छुटियां, तनख्वाह, भत्ते। ये भी कानूनी दायरे होने चाहिए।
सबसे अच्छा है अनुशासन न्यायिक व्यवस्था
में अंदर से आता, सरकार ने उन्हें शालीनता से संकेत कर दिया है कि आत्मानुशासन सबके लिए अपरिहार्य है। आपका विश्लेषण विवेचनापूर्ण एवम् ज्ञानवर्धक होता है, बहुत-बहुत धन्यवाद🙏
न्यायिक व्यवस्था में तत्काल सुधार और सहारा परिवार को न्याय दिलाए।
यह बहुत अच्छा सुझाव है, व्यवहारिक, लॉजिकल है इससे काम आसान होगा
सुप्रीम कोर्ट का एक एक जज कितना जजमेंट दिया इसका हिसाब CJI को देना चाहिये।
सरदाना जी आपका विश्लेषण बहुत अच्छा लगा।
एक विश्वसनीय सरकार को जजों के द्वारा लगाम लगाने की कोशिशें की जा रही थी।
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🇮🇳🌹 77वें स्वतन्त्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें !
आदरणीय भाई साहब विजय सरदाना जी आपके विचार तथा विश्लेषण बहुत बढ़िया है।
जय हिन्द भारत माता की जय
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सभी न्यायाधीश उनका खुद का और पुरे परिवार कें संपत्ति विवरण हर वर्ष प्रकाशित करें।
सरदाना जी🙏💐. प्रकृति के नियमानुसार बंधन मुक्त जीवन जीना, सबकी अभिलाषा होती है और जब भय न हो तो प्राणी स्वछंदचारी होना पसन्द करते हैं. दुर्भाग्य से हमारी न्याय व्यवस्था में भय या जबाबदेही ज़ीरो है. Code of conduct के दायरे में उन सब को लाना चाहिए जो consolidated fund of इंडिया से वेतन पाते हैं.
सरकार ने बिल्ली के गले में घंटी बांधने का जो प्रयास किया है उसकी सराहना जितनी भी की जाए कम है.
सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि ऐसे कदम तुरंत उठाये जिनसे आम लोगों का न्यायपालिका में विश्वास बढ़े। लोग इस विश्वास के साथ न्यायालय में आयें कि उन्हें तुरंत न्याय मिलेगा और न्याय पाने के संघर्ष में वह आर्थिक रुप से बरबाद नहीं हो जायेंगे।
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Thankstogiveoprtyulityourgrupsojyadacontecetoyougibeandguvgulbecausethayaregiveintresimyjob
बहुत ही सराहनीय विश्लेषण किया है आपने 🙏
सरकार ने जो सुझाव दिए हैं, बहुत ही जरूरी हैं। जरूरत पड़े तो कानून बनाया जाए।
चंद्र चूड़ को कंट्रोल करना अब जरूरी हो गया है
Right sir
Right move by Govt. ..... Judges should follow the SOP
बिल्कुल, जजों को कोड ओफ कन्डक्ट का पालन करना चाहिए ।
सरकार की सानदार और जानदार सोच और प्लानिंग को Salute और धन्यवाद।
न्यायालय को अपने कार्यों को कुशलता
से कार्य करने ध्यान और सुधार करने पर जोर दे
Code of conduct न्यायपालिका के लिए भी होना ही चाहिए।
आप का विष्लेषण वहुत वढिया और 100 % सही होता है ।जय श्री राम
जजो की सम्पतियों का भी जाँच होनी चाहिये।
SC has taken it for granted that they are the supreme authority of our country and they can decide anything. Down with present SC dispensation.
Yes, code of conduct is necessary so that their decisions are not arbitrary.
न्यायपालिका कार्यपालिका दोनों मनमानी आचरण करते हैं, लगाम जरूरी है |
I follow the Government suggestion and judges should follow it.
आपका खास अभिनंदन! आप जो भी विषय प्रस्तुत करतो हो, लाजवाब रहता है!
Code of Conduct सब के लिये रहना चाहिए, राजकीय नेता, मिनिस्टर Executives या न्याय पालिका कोर्टस
MP मिनिस्टर खुदके salary पेन्शन बाकी perks खुद निर्णय लेटे है!
तिन्ही के लिये Accountability नाही है! सिर्फ लोग ५ साल के बाद लोक प्रतिनिधी बदल सकते हैं Executives न्यायाधीश तो कोण बदलेगा?
आप का पुन्हा एकदा अभिनंदन
सरकार का यह कदम सराहनीय है कोर्ट को भी अपने आप को भगवान नहीं समझना चाहिए जय हिंद वंदे मातरम
Code of conduct in Judiciary is absolutely necessary this will be a positive step in the direction of promoting natural justice.
आजकल cji को स्वघोषित भगवान या कहें की खुद को भारत भाग्य विधाता होने की गलतफहमी हो गई है। अब इनके कोलेजियम सिस्टम को खत्म करने की जरूरत है। ये कोई मंगल ग्रह से नहीं आए हैं, जब प्रधान मंत्री rti के दायरे में आते हैं तो ये जज क्यों नही rti ke दायरे में आते हैं। इनके भी दिए गए निर्णयों की समीक्षा होनी चाहिए साथ ही इनकी जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
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Jai Hind sir,congratulations, politicians par bhi same ho
Bap judge,beta judge inke exam ias ki tarah hone chahiye
Cji Sahab Pradhan Mantri Ban sakte hain lekin Pradhanmantri cje Nahin Ban Sakte isiliye jaj Sahab RTI ke dayere mein nahin Aate samjhe.
@@RR-ly6yb भाई साहब प्रधान मंत्री बनने के लिए भी बहुमत चाहिए, लेकिन cji के लिए कौन का चुनाव लडना होता है या इतने बड़े जिम्मेदार पद की कौन सी प्रतियोगी परीक्षा होती होती है। बस टीम मेरे बेटे को cji बनाओ, मैं तुम्हारे बेटे को। क्या इनकी किसी फैसले पर इनकी कोई जवाबदेही होती है क्या।
बिलकुल सही आदेश दिए हैं, भारत सरकार ने ।
जज भी मनुष्य ही होता है, भगवान नही ।
Thsnx . Very eye opening video. I follow u regularly & get updated myself.
न्यायपालिका को भी मर्यादा मे रहना चाहिए
Always all the pillars of democracy should have CODE OF CONDUCT. As a citizen I strongly support this .❤
मोदीजी साहसिक फैसले इसलिए ले पाते हैं कि ये 140 करोड़ जनता को अपना परिवार मानते हैं, साथ ही एक बेदाग ईमानदार व्यक्ति हैं, जो सांसारिक लोभ से परे हैं।
अगर साहसिक फैसले में सक्षम होते तो खुद की पेंशन नहीं लेते उसको देते जो 35, 40 साल सुबह से शाम तक कभी कभी 24 घंटे सेवा देता है उसके बुढ़ापे के बारे में सोचते,, अच्छा होता ये अपनी ओर अपने लोगों की पेंशन और अन्य सुविधा छोड़ कर कुछ भला औरों का करते,,9 साल हो गए हैं मंदिर मस्जिद के अलावा और पेट्रोल गैस के दाम बढ़ाने के alave कोई एक काम जनहित में किया हो तो बताएं,,
विजय जी सही जानकारी दी है, ऐसा लगता है न्यायपालिका में कुछ सुधार होगा, होना भी चाहिए था। आपने विष्लेषण सटीक किया है ।
सरकार को अपने सांसदों के आचरणों के लिए भी SOP जारी करनी चाहिए, संविधान के अनुकूल लोगों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।
सरकार का सही फ़ैसला है जजों की मनमानी नहीं होनी चाहिए
A commendable decision of the government. Judiciary if executes can't do justice with the subject.
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very nicely explained. very important reforms suggested by Modi government.
बहुत ही अच्छा विषय
नमन
इस तरह से अंधेरे में एक दीप जलाने का काम मोदी सरकार ने किया जो काफी सराहनीय है साथ ही आप भी सराहनीय है जो बिस्तार पूर्वक समाज समझा देते है धन्यवाद🙏
ऊंट की नाक में नकेल जरूरी है लोकतंत्र में सब की जवाबदेही जरूरी है क्योंकि वह भी जिम्मेदार नागरिक है !
ईमानदारी और चरित्र का योग्यता से कोई सीधा संबंध नहीं होता
सरदान जी!बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आपने अपने श्रोताओ के विचार जानना चाहा है!बहुसंख्य विचार आप के कथन मे सहमत हुए उनमें एक मैं भी हूँ! आगे आप को सुनने का निश्चय कर निष्पक्ष निर्भीक भेदभाव विहीन मुक्त विचारोंका स्वागत करूं गा!
भारत सरकार ने सही क़दम उठाया काफ़ी हिचक के बाद।
क्योंकि इधर के सालों में देश में भृष्टाचार तो कम हुआ लेकिन न्यायपालिका फिर भी सरकार के काम दखलंदाज़ी करती दिखाई देती है।
न्यायपालिका अपने आधीन पेंडिंग 5 करोड़ मुकदमे निपटाने में समय और दिमाग लगाए।
बेहद सधे कदमों से मोदीजी माननीय न्यायाधीशों को ज़मीन पर उतार रहे हैं