प्रणाम गुरूजी ! आपके वीडियो को देखकर हैरानी होती है | इतने ग्रंथों का अध्ययन करने के लिए तपस्या करनी पड़ती है | हर विषय पर आप इतने शास्त्रों से प्रमाण देते हैं कि कोई भी सरप्राइज़्ड रह जाए ! कोटि कोटि प्रणाम 🙏
सनातन धर्म, हिन्दू धर्म, वैदिक धर्म, ब्राह्मण धर्म, कौन सा धर्म है आपका वर्तमान में ये बताने कि कृपा करें और मैंने महाभारत देखी थी उसमें कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि धर्म व्यक्तिगत होता है
धन्यवाद आर्यश्रेष्ठ ! आपके प्रश्न का पहला हिस्सा गंभीर है | इसका सम्बन्ध भीमराव आंबेडकर जी के उस पहले पहेली से है कि आखिर यह है क्या | आपकी सेवा में हम इस प्रश्न के लिए विस्तृत वीडियो लेकर जल्द ही उपस्थित होंगे | संक्षेप में ये सब एक ही छाते के नीचे आते हैं - सनातन धर्म | कुछ बातें अपरिवर्तनशील होती हैं और कुछ बातें समय के साथ बदलती हैं | उदाहरणस्वरूप परमात्मा है या नहीं यह अपरिवर्तनशील है | एक से अधिक विवाह करना चाहिए या नहीं यह परिवर्तनशील है | महाभारत में श्रीकृष्ण का धर्म को 'व्यक्तिगत' कहना यह दर्शाता है कि परिवर्तनशील धर्म की व्याख्या समय, परिस्थिति और भूमिका के आधार पर हो सकती है, लेकिन उसका मूल सनातन ही है। उदाहरण के लिए, अर्जुन का धर्म उस समय युद्ध करना था क्योंकि यह उनके कर्तव्य का हिस्सा था। लेकिन धर्म का यह व्यक्तिगत रूप भी 'सनातन धर्म' के व्यापक सिद्धांतों से अलग नहीं है।
प्रणाम गुरूजी ! आपके वीडियो को देखकर हैरानी होती है | इतने ग्रंथों का अध्ययन करने के लिए तपस्या करनी पड़ती है | हर विषय पर आप इतने शास्त्रों से प्रमाण देते हैं कि कोई भी सरप्राइज़्ड रह जाए ! कोटि कोटि प्रणाम 🙏
प्रणाम विशाल जी 🙏 जी बस जीवन भर का अध्ययन और शोध है । ऐसे ही कतिपय अन्य विषय हम लेकर आते रहेंगे । आपके सहयोग के लिए धन्यवाद 🙏
Buddhists accept the Chinese thrash or not? Why the neo-buddhists not go to China and teach the enlightenment of shoonyam there today?
Such people who disintegrate the society aren't welcome anywhere in the world!
सनातन धर्म, हिन्दू धर्म, वैदिक धर्म, ब्राह्मण धर्म, कौन सा धर्म है आपका वर्तमान में ये बताने कि कृपा करें और मैंने महाभारत देखी थी उसमें कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि धर्म व्यक्तिगत होता है
धन्यवाद आर्यश्रेष्ठ ! आपके प्रश्न का पहला हिस्सा गंभीर है | इसका सम्बन्ध भीमराव आंबेडकर जी के उस पहले पहेली से है कि आखिर यह है क्या | आपकी सेवा में हम इस प्रश्न के लिए विस्तृत वीडियो लेकर जल्द ही उपस्थित होंगे | संक्षेप में ये सब एक ही छाते के नीचे आते हैं - सनातन धर्म |
कुछ बातें अपरिवर्तनशील होती हैं और कुछ बातें समय के साथ बदलती हैं | उदाहरणस्वरूप परमात्मा है या नहीं यह अपरिवर्तनशील है | एक से अधिक विवाह करना चाहिए या नहीं यह परिवर्तनशील है | महाभारत में श्रीकृष्ण का धर्म को 'व्यक्तिगत' कहना यह दर्शाता है कि परिवर्तनशील धर्म की व्याख्या समय, परिस्थिति और भूमिका के आधार पर हो सकती है, लेकिन उसका मूल सनातन ही है। उदाहरण के लिए, अर्जुन का धर्म उस समय युद्ध करना था क्योंकि यह उनके कर्तव्य का हिस्सा था। लेकिन धर्म का यह व्यक्तिगत रूप भी 'सनातन धर्म' के व्यापक सिद्धांतों से अलग नहीं है।