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  • เผยแพร่เมื่อ 16 ต.ค. 2024
  • #video केदारनाथ धाम की पूरी कहानी #video kedarnath dham ki Puri kahani #kedarnathtemple #vlog
    पांडवों से जुड़ी है केदारनाथ की मान्यता
    महाभारत के समय यानी द्वापर युग में केदार क्षेत्र में शिव जी ने पांडवों को बेल रूप में दर्शन दिए थे। वर्तमान मंदिर का निर्माण आदि गुरु शंकराचार्य ने 8वीं-9वीं सदी में करवाया था। ये मंदिर उत्तराखंड के चार धामों में से एक है। मंदिर समुद्र तल से करीब 3,583 मीटर की ऊंचाई पर है।
    कथा इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना का इतिहास संक्षेप में यह है कि हिमालय के केदार शृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया।
    क्या मैं केदारनाथ मंदिर की यात्रा के दौरान मूर्ति को छू सकता हूँ? हाँ, आगंतुक दोपहर 3:00 बजे से पहले मूर्ति को छू सकते हैं और घी से अभिषेक कर सकते हैं। शाम 5:00 बजे के बाद, मूर्ति को छूने की अनुमति नहीं है, लेकिन दूर से दर्शन की अनुमति है।
    शाम तक केदारनाथ पहुंचे दर्शन करे और रात में केदारनाथ में रुकें। यदि चाहे तो सुबह फिर से दर्शन करे और फिर वापस गौरीकुंड आ जाये और फिर गौरीकुंड से गुप्तकाशी आकर रात में रुकें। यदि आप पहले दिन श्रीनगर या रुदप्रयाग में रुकते हैं तो अगले दिन आप सारा सामान साथ में ले जाये और गौरीकुंड तक पहुचे और रात में गौरीकुंड में ठहरें।
    यह भगवान शिव के पवित्र स्वरूप बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिव स्वयं केदारनाथ में निवास करते हैं। माना जाता है कि यह दिव्य उपस्थिति साधकों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा में सहायता करती है, तथा उन्हें आत्मज्ञान और मोक्ष का मार्ग प्रदान करती है।
    प्रतीक मिश्र पुरी बताते हैं कि भगवान केदारनाथ के दर्शन करने मात्र से ही सभी धामों की यात्रा का पुण्य प्राप्त हो जाता है. तो वहीं भगवान बद्रीनाथ धाम की यात्रा कर दर्शन करने मात्र से भी सभी धामों का पुण्य मिल जाता है.
    इस यात्रा में आपको कम से कम 4-5 दिन का समय लग सकता है. यहां जाने के लिये गौरीकुंड तक आप रेल या सड़क मार्ग से जा सकते हैं, लेकिन इसके बाद केदारनाथ तक सड़क मार्ग की सुविधा नहीं है. यह कुल 18 किलोमीटर का रास्ता है जिसमें आपको ट्रेक करते हुए 18 घंटे लग सकते हैं

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