आदिवासी गरासिया जनजाति में दूल्हा तोरण आने पर सम्पूर्ण कार्यक्रम इस प्रकार होता है।

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 3 ต.ค. 2021
  • जनजाति राजस्थान की प्रमुख जनजाति है। मीना , भील के बाद तीसरी सबसे बड़ीगरासिया जनजाति है इस जनजाति के लोग मुख्य रूप से पहाड़ी इलाको मे रहते है। अंग्रेजो ने इनको गवास् शब्द से पुकारा जिसका अर्थ होता है Survent अर्थात् नौकर । अंग्रेजो के जमाने मे इस जनजाति के लोग अथिकतर् नौकरी करते थे।
    इस जनजाति के लोग मुख्य सिरोही जिले के aburoad तथा पिंडवाडा, पाली जिले की बाली और उदयपुर जिले के कोटड़ा तथा गोगुंदा मे निवास करती हैं।
    इस जनजाति मे कुछ गोत्र होती हैं जैसे- खराडी, ताईवर्, परमार, गमार, सिसोदिया, चौहान, रायद्रा, बुम्बड़िया, वोया, पिचरा, आदि।
    इस जनजाति को ग्रासिया भी कहते है। इस जनजाति का मुख्य क्षेत्र दक्षिणी राजस्थान में है । इनका सर्वाधिक जमाव उदयपुर मे 56.63% है। इनकी संख्या समग्र आदिवासी संख्या का 6,70% है।
    राजस्थान में गरासिया एक बदला लेने वाले व्यक्ति के लिए संज्ञा दी जाती है भाई बंधुओं से संबंधित ठीक न होने पर गरासिया कहते हैं
    गाँव के मुखिया को पटेल कहा जाता है। अनाज के भंडारण के लिए कोठियों का निर्माण किया जाता है, जिसे “सोहरी” कहते हैं।
    गरासिया जनजाति में पितृसत्तात्मक परिवार का प्रचलन है। पिता ही परिवार का मुखिया तथा परिवार के भरण पोषण के लिए उत्तरदाई होता है।
    वर पक्ष द्वारा कन्या के पिता को वधू मूल्य चुकाना पड़ता है। जिसे “दापा” कहा जाता है। यह लोग अत्यंत अंधविश्वासी होते हैं।
    गरासिया जनजाति का भोजन
    भीलों की तरह मक्का बाजरा व मलीचा आदि है इसके अतिरिक्त मांसाहारी होने से शिकार से मांस जंगली फल भी भोजन का मुख्य अंग है यह भी गौ मांस नहीं खाते हैं सूअर खरगोश हिरण का मांस बङी रूचि से खाते हैं
    गरासिया जनजाति का सामाजिक संगठन
    अंधविश्वास ने तो गरासिया में भी घर कर रखा है यह भी जादू मंत्र टोना डायन भूत प्रेतों में विश्वास करते हैं यह इन्हें खुश करने के लिए बलि चढ़ाते हैं।
    गरासिया में मृतक को जलाया जाता है और 12 दिन भोज किया जाता है परिवार में सबसे बड़ा या वृद्ध व्यक्ति ही सर्वे सर्वा होता है इसके अतिरिक्त घर में 1-2 पीतल के बर्तन गुदड़े, कुल्हाड़ी , तीर और खेती के औजार होते हैं
    गरासिया जनजाति के प्रमुख नृत्य
    गौर नृत्य गणगौर के अवसर पर गरासिया स्त्री पुरुषों द्वारा किया जाने वाला अनुष्ठान करते है इसमें गौरजा वाद्य यंत्र प्रयोग में लिया जाता है जो बेहद आकर्षक होता है
    वालर नृत्य स्त्री पुरुषों द्वारा किया जाने वाला वालर गरासियो का प्रसिद्ध नृत्य है यह नृत्य धीमी गति का है तथा इसमें किसी वाद्य का प्रयोग नहीं होता है गीत किले के साथ पद संचालित होते हैं यह नृत्य अर्धवृत्त में होता है बाहर के अर्धवृत्त में पुरुष व अंदर के अर्धवृत्त में महिलाएं रहती है इस नृत्य का प्रारंभ एक पुरुष हाथ में छाता या तलवार लेकर करता है गर्वा नृत्य गरासिया का सबसे मोहक नृत्य गर्वा है इसमें केवल स्त्रियां भाग लेती है
    कूद नृत्य गरासिया स्त्री व पुरुषों द्वारा सम्मिलित रूप से बिना वाद्ययंत्र के पंक्तिबद्ध होकर किया जाने वाला नृत्य जिस में नृत्य करते समय अर्धवृत्त बनाते हैं तथा लय के लिए तालियों का इस्तेमाल किया जाता है
    जवारा नृत्य होली दहन के पूर्व उसके चारों और घेरा बनाकर ढोल के गहरे घोष के साथ गरासिया स्त्री पुरुषों द्वारा किया जाने वाला सामूहिक नृत्य जिसमें स्त्रियां हाथ में जवारा की बालियां लिए नृत्य करती है
    लूर नृत्य गरासिया महिलाओं द्वारा वर पक्ष द्वारा वधू पक्ष से रिश्ते की मांग के समय किया जाने वाला नृत्य है मोरिया नृत्य विवाह के अवसर पर गणपति स्थापना के पश्चात रात्रि को गरासिया पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
    मादल नृत्य यह मांगलिक अवसरों पर गरासिया महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है इस पर गुजराती गरबे का प्रभाव है जिसमें थाली व बांसुरी का प्रयोग होता है रायण नृत्य मांगलिक अवसरों पर गरासिया पुरूषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है
    गरासिया जनजाति का आर्थिक तंत्र
    यद्यपि गरासिया लोग वनों में रहते हैं वन ही उनके जीवन का मुख्य आधार है फिर भी 85% गरासिया कृषि कार्य में लगे हुए हैं या मक्का पैदा करते हैं कभी-कभी पानी मिलने पर गेहूं जो भी पैदा कर लेते हैं गरासिया के यहां एक ही फसल होती है वर्ष के अन्य भागों में लकड़ी काटना ,मजदूरी करना ,ढोर चराना, शिकार आदि कार्य करते हैं भीलों की तुलना में गरासिया अधिक संपन्न होते हैं
    सेवा में,
    श्रीमान गरासिया जनजाति समाज
    सिरोही , पाली, उदयपुर (राजस्थान)
    बनासकांठा,सांबरकाठा(गुजरात)
    विषय- गरासिया समाज सुधार हेतु।
    सविनय निवेदन है कि हम सब शिक्षित जागरूक यूवा अपने समाज को आगे बढ़ाना चाहते है। इसलिए हमारे सभी भाई-बंधुओं से निवेदन है अपने समाज की बेटियों की photo facbook, what's app , intagraam पर ना डाले, क्योकि आगे लोग इनका इस्तेमाल करते है, इससे हमारे समाज का नाम खराब होता है,
    अत: आप भाई-बंधु इस प्रकार की गलती ना करे
    मुझे आशा है आप इस प्रकार की गलती नहीं नही करेगे तथा दुसरो को भी इसके लिये बाधित करेगे।
    पत्र आगे भेजने का कस्ट करे।
    आपका आज्ञाकारी
    गरासिया जनजाति समाज

    MUKESH KHARADI
    धन्यवाद।
    कानूनी चेतावनी (Warning⚠) -

    Copyright नियम के अन्तर्गत आप इस video को download कर upload करते है तो आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
  • เพลง

ความคิดเห็น • 9