गरीबदास जी के ग्रंथ "सदग्रन्थ साहिब" की वाणियाँ इसलिए बदल नहीं सकते | Sant Rampal Ji Satsang
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- เผยแพร่เมื่อ 20 พ.ค. 2021
- गरीबदास जी के ग्रंथ "सदग्रन्थ साहिब" की वाणियाँ इसलिए बदल नहीं सकते | Sant Rampal Ji Satsang | Satlok Ashram
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मन तू चल रे सुख के सागर । जहां शब्द सिंधु रत्नागर । असंखो लहर महेर कि उपज । कहर नही वहां कोई ।दास गरीब अचल अविनाशी । सुख का सागर सोई ।
जय हो सच्चे सन्त जी की ।।
गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि हे अर्जुन तू सर्व भाव से उस परमेश्वर की शरण में जा, उस परमात्मा की कृपा से ही परम शांति को प्राप्त होगा तथा शाश्वत् स्थान अर्थात् सनातन परम धाम अर्थात् कभी न नष्ट होने वाले सतलोक को प्राप्त होगा।
Real spiritual knowledge
माता पिता मिल जायेगें, लाख चौरासी में!
सतगुरु सेवा और बन्दगी, ये फिर मिलेगी ना!!
Truth knowledge 🙏
Great spiritual leader
कबीर, लूट सको तो लूटियो, राम नाम की लूट।
फिर पीछे पछताओगे, प्राण जाएंगे छूट।।
हमें यह मनुष्य जीवन भक्ति धन को बढ़ाने के लिए मिला है। यदि हमने इसे यूं ही बर्बाद कर दिया तो हम जीवन छूटने के बाद पछताने के सिवाय कुछ प्राप्त नहीं कर पाएंगे।पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब की सतभक्ति करके ही हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं।
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho
बहुत बहुत अच्छा सत्संग है।
🌿🌹।।सत साहेब जी।।🌹🌿
True knowledge ✔️✔️
जय हो कबीर अविनाशी जी की ।।
Satguru dev ji ki jay 🙏
Kabir Saheb is Supreme God 🙏
अमर करु सतलोक पठाऊ , ताते बंदिछोर कहाऊ ।
अजर अमर स्थिर ठामम , बंदीछोर हमारा नामम ।।
सत्य ज्ञान
Purn Sant Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Bhagavan Ji Ki Jay Ho 🙏🌹
God is in human form
So God created man in his own image, in the image of God he created him; male and female he created them.
-Holy Bibe Genesis 1:27
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मंड का एक रति नहीं भार। सतगुरू पुरूष कबीर हैं कुल के सृजनहार।।
Great Gyan
SRI Bandi chod Sri Satguru Ram Pal Ji ki jai ho.Great Guru ji.🙏🙏🙏🙏🙏
Jagatguru Tatvdarshi Sant Rampal ji Maharaj ki Jay 🙏
आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए
प्रतिदिन अवश्य देखें संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन
सुभारती टीवी रात 08 से 09 बजे
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Sat saheb ji
गरीब, सतगुरू मानुष करि जानते, ते नर कहिए अंध।
होंय दुखी संसार में, आगे काल के फंद।।
ऐसा सतगुरु हम मिल्या, भौ सागर के बीच।
खेवट सबकुं खेवता, क्या उत्तम क्या नीच।।
𝓑𝓪𝓷𝓭𝓲𝓬𝓱𝓸𝓭 𝓼𝓪𝓷𝓽 𝓻𝓪𝓶𝓹𝓪𝓵𝓳𝓲 𝓶𝓪𝓱𝓪𝓻𝓪𝓳 𝓴𝓲 𝓳𝓪𝔂
amazing
nice knowledge
Jai ho bandi shor ki
Sat Saheb Malik🙏🙏🙏
Sant Nish kalika bhagvan bhananjay baba jay ho
सत् सत् नमन साहिब जी
Kabir Is Supreme God 🙏
Sat guru dev ji ki jai ho
Param Pavan Satya Gyan He 🙏🙏
Saint Rampal Ji Maharaj ji Geeta ke anusar Gyan batate Hain
Wow
Sat Saheb Ji 🙏🌹
Garib dash ji mharaj kì jay ho
सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
- ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
सत साहेब
Baakhabar Sant Rampal Ji
बाख़बर संत की महिमा सभी धर्मग्रन्थों में लिखी है।
पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र बाईबल, पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब, पवित्र वेद व पवित्र गीता जी इत्यादि सभी धर्म ग्रन्थों में वर्तमान में आने वाले बाख़बर संत की महिमा लिखी है।
वह बाख़बर कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज जी हैं।
जय हो बंदी छोड़ की🙏🙏
Anmol satsang
Sahi kaha ji
सतगुरु देव की जय
अनमोल वाणी ।।
Sat saheb jo
तत्व ज्ञान ।।
Anmol gayan
अनमोल ज्ञान
जैसे माता गर्भ को राखे यत्न बनाय
ठेस लगे तो छीन होवे तेरी ऐसे भक्ती जाय
Sat Saheb Ji 🙏
sat saheb
🙏
गरीब मदिरा पीवे कङवा पानी सतर जन्म स्वान के जानी हुक्का हरदम पीवते लाल मिलावे धूर इसमें संशय है नही जन्म पाछले सूर
अनमोल अमृत ज्ञान
Guruji
सोलह शंख पर हमरा तकिया (स्थान-लोक),
हम गगन मंडल के जिन्दा।
हुकम हिसाबी हम चल आए,
काटन जम का फंदा।।
*➡️ भावार्थ :- संत गरीबदास जी ने बताया है कि सतलोक यहाँ पृथ्वी से 16 शंख कोस (48 शंख कि.मी.) दूर है। वहाँ से परमेश्वर की आज्ञा से चलकर आया हूँ। भक्ति का सत्य ज्ञान तथा सच्चे नाम जाप से काल द्वारा रचा जन्म-मरण का फंदा काटने आया हूँ।*
पृथ्वी लोक एक कैद खाना है। जहाँ पर 21 ब्रह्मांड का स्वामी ज्योति निरंजन काल/ब्रह्म आत्माओं को दुःखी करने के लिए 84 लाख योनियों में उत्पन्न करता है।
जबकि सतलोक परमेश्वर कविर्देव (कबीर साहेब) का लोक है जो अजर अमर अविनाशी लोक है। जहाँ 84 लाख योनियों का कष्ट नहीं है।
गरीब
काशी ढूंढी मथुरा ढूंढ़या , ढूंढ़या देश, विदेश ।
!
मीरा को गुरु रविदास मिले , सतनाम दरवेश !!
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Kabir is god
सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान ❤️
पूर्ण ब्रह्म सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
True spiritual knowledge
Sadguru dev ki jai ho 🙏🙏
जल में बसे कमोदनी, चंदा बसे आकाश ।
जो है जा को भावना सो ताहि के पास ।
भावार्थ: कमल जल में खिलता है और चन्द्रमा आकाश में रहता है। लेकिन चन्द्रमा का प्रतिबिम्ब जब जल में चमकता है तो कबीर दास जी कहते हैं कि कमल और चन्द्रमा में इतनी दूरी होने के बावजूद भी दोनों कितने पास है। जल में चन्द्रमा का प्रतिबिम्ब ऐसा लगता है जैसे चन्द्रमा खुद कमल के पास आ गया हो। वैसे ही जब कोई इंसान ईश्वर से प्रेम करता है वो ईश्वर स्वयं चलकर उसके पास आते हैं।
Abe saale Rampalji jab garibdaas ke Granth ko koy Badal Nahi Sakta hai to tune apane aap ko 13 VA panth batake garibdaas se beimaani ki isliye tu Jail me Gaya hai
🙏🙏