महाराजा मान सिंह संवत 1860 में जोधपुर के शासक बने।शासक बनने से पूर्व वे 10 वर्ष तक जालोर के किले में महाराजा भीम सिंह की सेना से संघर्ष करते रहे।राय कंवर भटियाणी व बदनकंवर चावङी से म.मानसिंह का विवाह जोधपुर का शासक बनने से पूर्व ही हो गया था।
@@user-bu2mw5lm5v जशौल साहब ने चारणों की गरीमा में इतना लिखा है की उन्को मैं देवतुल्य संज्ञा देकर वंदन करता हूं पर एक जगह लगा की वो शब्द गल्ती से उच्चारण हुआ होगा
मुगल कालीन राजाओं मे बहुत कुछ बदलाव आ गया था, सही मायने में शुद्ध वैदिक परम्परा राजाओं मे नहीं रह पाई थी। राजा जिसके रूप में स्वयं भगवान होते हैं। गीता में कहते हैं, कि हे अर्जुन मनुष्यों में मैं राजा हूं। बीज रूप में आज भी विद्यमान हैं, बीज की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं। वर्तमान में जगन्नाथ पुरी पीठ के शंकराचार्य जी श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ही एकमात्र सनातन के शिखर हैं, साक्षात भगवान शंकर ही है।
🪴🚩जय श्री कृष्णा🚩🪴
❤❤❤
Bhatti geo from sardaar Asif hayyat khan bhatti Punjab pakistan pindi bhattian hafizabad
Bhatti raajpoot zindabad
महाराजा मान सिंह संवत 1860 में जोधपुर के शासक बने।शासक बनने से पूर्व वे 10 वर्ष तक जालोर के किले में महाराजा भीम सिंह की सेना से संघर्ष करते रहे।राय कंवर भटियाणी व बदनकंवर चावङी से म.मानसिंह का विवाह जोधपुर का शासक बनने से पूर्व ही हो गया था।
जी हुकुम
Bhatti sardaar hen
शानदार प्रस्तुति. भेर नटे तो आभो फटे 🙏🙏👌👌
Geo bhatti rajpoot geo from sardaar Asif hayyat khan bhatti Punjab pakistan pindi bhattian hafizabad
बहुत बहुत शुक्रिया भाटी साहब
आज मैं आनंदित हूं कि सीमापार भी कोई है जो हमें सुनता है।
पुन:आभार जनाब🙏🙏
साहित्य आलोक
I am sardar Asif hayyat khan bhatti Punjab pakistan pindi bhattian hafizabad
वाह वाह गुरु जी क्या कहना
वा सा अति उत्तम हुकुम
आभार हुकुम 🙏
वाह कविराजजी जबरो कह्यो।
धन्यवाद मोहन जी😊
चोखौ बोलिया कविराज
धन्यवाद सा
Bahut khoob
धन्यवाद हुकुम 🙏
घणो रंग भाटी भैरजी ने 🙏🙏🙏
Bahut shandaar
👌👌
🙏🙏
अच्छा वक्तव्य।
Thanks for support 🙏
क्यां दुख पावे भाई दूहो ईयां बोलीजे बावला परेशान मत हुय।
आपरो विश्लेषण सर आंखों माथै है हुकुम
पर मां करणी री मेहर है चारणी साहित्य काफी गहराई सुं जाणुं हूं
Nice dear
😊🙏
Dingal rasawal ki copy right he 😊
Very nice 🙏🙏🙏👍👍👍
डींगल रसावल री होड मती करो सा,,,
थां किताब पडन बोलो इंया लागे मांने,,,
जब कोई कहानी बोली जाती है तो स्क्रिप्टेड ही बोली जाती है
बोली सुध करो
जहाँ पर अशुद्धि लगती हैं वो शब्द बताने का कष्ट करें ताकि उच्चारण सुधार करने का प्रयास कर सकें
पढ पढ मत बोलो हुक्म
कोशिश करेंगे
चारण शब्द गलत जगह इस्तेमाल कर रहे हो चारण कहीं भी मांगते नजर इतिहास में नहीं आते
सही बात है हुकुम पर आ बात वरिष्ठ साहित्यकार नाहरसिंहजी जसोल री पोथी सुं सादर उद्धृत है🙏
@@user-bu2mw5lm5v
जशौल साहब ने चारणों की गरीमा में इतना लिखा है की उन्को मैं देवतुल्य संज्ञा देकर वंदन करता हूं पर एक जगह लगा की वो शब्द गल्ती से उच्चारण हुआ होगा
@@noukariwalekarnimataoffici42 जी कितने मिनट पर है आप बताना एक बार मैं पोथी से मिलान कर लूंगा
मुगल कालीन राजाओं मे बहुत कुछ बदलाव आ गया था, सही मायने में शुद्ध वैदिक परम्परा राजाओं मे नहीं रह पाई थी। राजा जिसके रूप में स्वयं भगवान होते हैं। गीता में कहते हैं, कि हे अर्जुन मनुष्यों में मैं राजा हूं। बीज रूप में आज भी विद्यमान हैं, बीज की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं। वर्तमान में जगन्नाथ पुरी पीठ के शंकराचार्य जी श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ही एकमात्र सनातन के शिखर हैं, साक्षात भगवान शंकर ही है।