वाह् वाह् खावड साहेब!!मेघाणी की संक्षिप्त डोक्युमेंट्रि बहुत सुंदर बनाई गई है।मेघाणी जी बहुत साहित्यकी रचना कि है मगर उनकेे दिलों दिमाग में आर्य विचारधारा ओत-प्रोत थी वो उनके साहित्य को तात्विक द्रष्टिसे पढ़ने से प्रकाशित होती है सौराष्ट्र ना खंडेरोंमां परिक्रमा आदि पुस्तकों में जहां-जहां लोककथाओं में चमत्कार के नाम पर कथा बनाइ गई है उसमें संक्षिप्त से मेघाणी जी ने टिप्पणी दे कर सही बात अवगत कराने का प्रयास किया है ये सभी आर्य समाज की देन है आपने झंंडा़धारी नाम से ऋषिवर देव दयानंद सरस्वती जी की अति संक्षिप्त जीवनी लिखि है वो आर्य समाज अर्थात् वैदिक विचारधारा का दिग्दर्शन कराते है।।।। नमस्तेजी धन्यवाद।
वाह् वाह् खावड साहेब!!मेघाणी की संक्षिप्त डोक्युमेंट्रि बहुत सुंदर बनाई गई है।मेघाणी जी बहुत साहित्यकी रचना कि है मगर उनकेे दिलों दिमाग में आर्य विचारधारा ओत-प्रोत थी वो उनके साहित्य को तात्विक द्रष्टिसे पढ़ने से प्रकाशित होती है सौराष्ट्र ना खंडेरोंमां परिक्रमा आदि पुस्तकों में जहां-जहां लोककथाओं में चमत्कार के नाम पर कथा बनाइ गई है उसमें संक्षिप्त से मेघाणी जी ने टिप्पणी दे कर सही बात अवगत कराने का प्रयास किया है ये सभी आर्य समाज की देन है आपने झंंडा़धारी नाम से ऋषिवर देव दयानंद सरस्वती जी की अति संक्षिप्त जीवनी लिखि है वो आर्य समाज अर्थात् वैदिक विचारधारा का दिग्दर्शन कराते है।।।। नमस्तेजी धन्यवाद।
नमस्ते
👌👌👌👌
Nice